मिसेज भूषण कुमार यानि अभिनेत्री, प्रोड्यूसर तथा निर्देशिका दिव्या खोसला कुमार इन दिनों शॉर्ट फिल्म ‘बुलबुल’ में अभिनय करती नजर आ रही हैं। कॅरियर की शुरूआती फिल्म ‘अब तम्हारे हवाले वतन साथियो’ के बाद ही दिव्या ने टी सीरीज के सर्वेसर्वा भूषण कुमार से शादी कर अभिनय को अलविदा कह दिया था। उसके बाद उसने बतौर निर्देशिका दो फिल्मों का निर्देशन किया तथा एक फिल्म प्रोड्यूस की इसके अलावा दिव्या ने कुछ म्यूजिक वीडियो भी डायरेक्ट किये। वो कहते हैं न किसी भी कलाकार के भीतर का एक्टर कभी नहीं मरता। लिहाजा एक अरसे बाद एक बच्चे की मां दिव्या खोसला आखिर एक बार फिर अभिनय करती नजर आ रही है, बेशक वो शॉर्ट फिल्म में क्यों न हो।
शादी के बाद दिव्या ने अभिनय को तिलाजंली दे दी थी, बाद में उसने अपने पति भूषण से क्रियेटिवली कुछ करने की इजाजत मांगी जो उसे सहर्ष मिल गई और उसने बतौर डायरेक्शन अपनी शुरूआत म्यूजिक वीडियो से की। उसका पहला म्यूजिक वी़डियो फाल्गुनी पाठक के गीत ‘अय्यो रामा हाथ से’ पर आधारित था। उसके अगले म्यूजिक वीडियो थे ‘ज़िद न करो ये दिल का मामला है’ तथा कभी ‘यादों में आओ’ । दिव्या ने बाद में दो फिल्मों यारियां तथा 'सनम रे' का निर्देशन किया तथा रॉय नामक एक फिल्म प्रोड्यूस की।
कहानी पसंद आई तो बना दी शॉर्ट फिल्म
दिव्या ने अपने करियर के शुरूआती दिनों में निर्देशक स्व. कुंदन शाह के साथ एक विज्ञापन फिल्म की थी। पिछले दिनों उनका जब कुदंन जी से मिलना हुआ तो उन्होंने उसे एक कहानी सुनाई। दिव्या को वो कहानी इतनी पसंद आई कि उसने उसे शॉर्ट फिल्म के तौर पर बनाने का निश्चय किया तथा 'बुलबुल' नामक इस शॉर्ट फिल्म में उसने एक्टिंग करने का इरादा भूषण कुमार से डिस्कस किया तो उन्होंने भी खुशी खुशी इजाजत दे दी। दिव्या ने फिल्म के डायरेक्शन का जिम्मा अपने एसोसियेट आशीष पांडा को दिया।
'बुलबुल' के किरदार में दिव्या बहुत खूबसूरत लगी
कहानी के अनुसार बुलबुल यानि दिव्या खोसला एक चंचल स्वभाव की ऐसी लड़की है जो शिव पंडित को बहुत प्यार करती है जबकि शिव पंडित एली अबराम को प्यार करता है और वे जल्दी ही शादी करने वाले हैं। बुलबुल उनके प्यार में रूकावट बन उनकी शादी रोकने के ढेरों उपाय करती है, लेकिन एक दिन उसे जब एहसास होता है कि वो जबरदस्ती शिव के पीछे पड़ी हुई है जबकि वो एली से प्यार करता है तो वो उन दोनों के रास्ते से हट जाती है। दिव्या बुलबुल की भूमिका को एक कुशल और परिपक्व अभिनेत्री की तरह निभाती नजर आई। उसे अभिनय करते देख एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि वो एक अरसे अभिनय कर रही है। सबसे बड़ी बात कि 'बुलबुल' के किरदार में दिव्या बहुत खूबसूरत लगी है।
बकौल दिव्या, ये शॉर्ट फिल्म स्व. कुदंन शाह की कहानी पर आधारित है जिसकी अवधी चौबीस मिनट है। मैं जब शिमला में फिल्म की शूटिंग कर रही थी, उसी दौरान कुदंन जी के निधन की खबर आई। मैं कुदंन जी को सालों से जानती हूं उनके साथ मैनें एक विज्ञापन फिल्म भी की है। इस फिल्म के डायरेक्टर आशीष पांडा कुंदन जी के एडी रहे चुके हैं। कुंदन जी द्धारा लिखी ये उनकी आखिरी कहानी है। मैं इस फिल्म के जरिये उन्हें भावभानी श्रद्धांजलि देने जा रही हूं। फिल्म यूट्यूब पर रिलीज की जा चुकी है और उसका रिस्पांस उम्मीद से बढ़कर मिल रहा है।
रेखा जी हमेशा से मेरी फेवरेट एक्ट्रेस रही हैं
दिव्या अपनी पंसदीदा अभिनेत्री रेखा को बताते हुये कहती है कि वे हमेशा मेरी फैवरेट एक्ट्रेस रही हैं। मेरी हमेशा उनके साथ काम करने की इच्छा रही है, लेकिन मुझे अभी तक ऐसी कोई स्क्रिप्ट ही नहीं मिल पा रही है जिसमें मैं उन्हें साइन कर फिल्म बनाऊं। पिछले दिनों वे मुझे एक पार्टी में मिली तो उन्होंने बताया कि उन्होंने मेरा एक म्यूजिक वीडियो देखा जो उन्हें बहुत पंसद आया। इसके अलावा उन्होंने मेरी फिल्म यारियां भी देखी। मौजूदा शॉर्ट फिल्म के लिये मैंने उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने फिल्म देखने के बाद मेरे अभिनय की तारीफ की।
दिव्या का एक बेटा है जो अभी छह साल का है। बेटे और अपने काम को मैनेज करने के बारे में उसका कहना है कि मैने कभी अपने बेटे की देखभाल को लेकर कोई समझौता नहीं किया। मेरी हमेशा यही कोशिश रही कि मैं उसे पूरा वक्त दे सकूं। मेरा मानना है कि डायरेक्शन का काम बहुत डिमांडिंग होता है फिर भी मुझे अपने बेटे को लेकर कोई समझौता मंजूर नहीं। दरअसल उसकी यही उम्र है जब मैं उसके दिमाग में अच्छी बातें, अच्छे संस्कार डाल सकती हूं और मैं वही सब कर रही हूं।