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INTERVIEW: मैं वही फिल्में करूंगा जो मैं अपने माता-पिता के साथ बैठकर देख सकूं - उपेन पटेल

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By Mayapuri Desk
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INTERVIEW: मैं वही फिल्में करूंगा जो मैं अपने माता-पिता के साथ बैठकर देख सकूं - उपेन पटेल

लिपिका वर्मा

अभिनेता उपेन  पटेल ने 2006 में  फिल्म ‘36 चाईना टाउन’ से बॉलीवुड इंडस्ट्री  में  कदम रखा था। इसके बाद ‘नमस्ते लंदन’ में भी वो नजर आये, इस फिल्म में लंदन में रहने वाले एक पाकिस्तानी बन्दे का किरदार बखूबी निभाया भी था इन्होंने। शाकालाका बूम बूम -निर्देशकः सुनील दर्शन के साथ काम किया और अब अगली फिल्म भी सुनील दर्शन के साथ ही की है उपेन ने ‘एक हसीना थी एक दिवाना  था’ गई है। इस फिल्म को लेकर भी  वो बहुत उत्साहित है।  बिग बॉस में इस सीजन काफी छाये  हुए थे। तमिल फिल्म भी निर्देशक शंकर के साथ कर उपेन ने यह तो तय कर ही लिया है कि वह फिल्मों में काम करने हेतु बहुत उत्साहित रहते हैं।

उपेन ने लिपिका वर्मा के ढेर सारे सवालों के सटीक जवाब भी दिये  -

आज आप अपने आप को एक सेलिब्रिटी तो मानते ही होंगे ?

मैं बहुत बड़ा सेलेब्रिटी तो नहीं हूं लेकिन मुझे इतना मालूम है कि जब आप एक्टर बन जाते हैं तो आपकी  पर्सनल लाइफ पब्लिक लाइफ बन जाती है लेकिन फिर भी मुझे हमेशा लगा कि मैं एक अच्छा इंसान बन सकूं। जीवन में किसी के काम आ सकूँ यह मेरी दिल्ली ख्वाईश है।

करिश्मा तन्ना और आपके रिश्ते हो एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ा आप ने। क्या कहना है आपको ?

जी हाँ आप ठीक सोच रहे हैं -मैंने और करिश्मा तन्ना ने अपने रिश्ते को खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ दिया और खत्म भी बेहद अच्छे तरीके से किया, जो आमतौर पर नहीं होता है। मेरी मां ने भी मुझे हमेशा सिखाया कि सबसे हमें तहजीब और  तमीज से पेश आना चाहिए। उन्होंने यह भी सिखाया है मुझे कि मेहनत कर अपना करियर भी बेहतरीन ढंग से बनाऊं। इसके लिए उनका हमेशा से ही मुझे साथ भी मिला है। साथ ही मेरी माँ ने अपने काम की इज्जत भी करने की शिक्षा दी है मुझे। , यह सलाह भी हमेशा से ही दी है उन्होंने कि  अपनी जिंदगी में जो लोग हैं उनकी भी इज्जत करनी चाहिए।  किसी के लिए भी गलत बात मत करो, किसी का भी अपमान मत करो।publive-image

उपेन को इरोटिका प्रेम काव्य , फिल्म्स भी मिली है लेकिन ऐसी फिल्में करने से मना  क्यों कर दिया ?

आगे बताते हैं कि “मुझे कई बार इरोटिका भी करने को मिलती है लेकिन मैं नहीं करता। शायद आप सोचेंगे कि मैं युनाइटेड किंगडम से हूं तो मेरे लिए ये सब बातें बहुत आम हो जाती होंगी. लेकिन सच तो ये है कि हम लोग ज्यादा अपनी जड़ों के करीब आ जाते हैं।  यहां तो फिर भी महिलाएं शर्ट या पैंट पहन लेती हैं।  मेरी मां तो हमेशा सलवार सूट में ही रही हैं।  मैंने सोच कर रखा है कि मैं वही फिल्में करूंगा जो मैं अपनी मां और अपनी दादी के साथ बैठ कर देख सकूं।  जब वो मुझे देखें तो वो खुश हों और कहें कि- मेरा बेटा बहुत अच्छी फिल्में कर रहा है।  जब फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ में एक सीन में मुझे मेरे पिता थप्पड़ मारते हैं, तो वो मेरी मां को इतना बुरा लगा कि उन्होंने आज तक मेरी फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ नहीं देखी है।”

आपके परिवार के बारे में कुछ बताइये आपकी माताजी हाउस वाइफ ही रही या काम काजी महिला रही है ?

मेरे मां -बाप जब  अफ्रीका से इंग्लैंड आए थे तब मां ने  एक पेट्रोल स्टेशन पर अटेंडेंट का काम भी किया था। और फिर मेरे पिताजी  उसी पेट्रोल पंप में मैनेजर थे।  दोनों ने बहुत सारा काम किया है और फिर बड़ी मेहनत से मुझे पढ़ाया-लिखाया भी।  उन्हें लगता था कि मेहनत करके बच्चों को जब अच्छी परवरिश मिलती है तो वो अच्छा काम करके इज्जत कमा सकते हैं।publive-image

आप यूके के वासी  हैं वहीं ब्रैंड इंडिया के बारे में क्या कहना चाहेंगे आप?

इंग्लैंड में प्रधानमंत्री मोदी जी ने ब्रैंड इंडिया को बनाया है।  वहां सभी लोग जानते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री कौन हैं।  मोदीजी ने बहुत काम किया है। हमारे देश में जो इज्जत मोदी जी को दी जाती है वो बहुत ज्यादा है। यहां मैंने कई लोगों को कहते सुना कि अगर मोदी भारत में नहीं है तो वो क्या काम कर रहे हैं। लेकिन वो अगर देश के बाहर हैं तो शायद वो देश के  लिए टेक्नोलॉजी ले कर आ रहे हैं या बिजनेस की बात कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने क्या एनआरआइज के लिए भी बहुत काम किया है?

हां मोदीजी ने अनआर आइज के लिए भी बहुत काम किया है। एनआर आय के पास पैसा बहुत होता  क्योंकि लोग डॉलर पाउंड्स में कमा रहे हैं।  मोदीजी ने उन्हें अपने पैसे देश के दूसरी जगहों पर इन्वेस्ट करने के लिए बताया है।  अगर पैसे आएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दिया जाएगा और शहर का पूरा विकास होगा।publive-image

आपकी पढ़ाई ब्रिटेन की है तो आपने वहां भारत के बारे में क्या पढ़ा?

मैं ब्रिटेन में महात्मा गांधी के बारे में पढ़ चुका हूं। हमने पढ़ा कि कैसे उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चल कर भारत देश को आजाद कराया है। हमें ब्रिटेन में पढ़ाया  गया कि- कैसे उनका नाम महात्मा पड़ा। और वो कितने महान शख्स थे।

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