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लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

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By Mayapuri Desk
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लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

खूबसूरत

अदाकारा

कीर्ति

कुल्हारी

अपनी

नवीनतम

वेब

सीरीज

क्रिमिनल

जस्टिस

-

बिहाइंड

क्लोस्ड

डोर्स

तथा

कई

अन्य

फिल्मों

,

वेब

सीरीज

के

साथ

जल्द

ही

रही

है

,

पेश

है

मायापुरी

के

साथ

उनकी

एक्सक्लुसिव

मुलाकात

शिवांक

अरोड़ा

लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

कोरोना काल में आज जिस तरह से जिंदगी बदल गई है, काम का तरीका बदल गया है, यानी सब कुछ वर्चुअल होता जा रहा है, इसे आप किस नजर से देखतीं हैं?

हां

जिंदगी

बदल

तो

गई

है

,

सबके

लिए

मास्क

,

सैनिटाइजर

,

सोशल

डिस्टेंसिंग

रखना

यह

सब

अब

आम

होता

जा

रहा

है

,

हम

लोग

धीरे

-

धीरे

इन

सब

से

यूज्ड

टू

होते

जा

रहे

हैं

ज्यादातर

काम

वर्चुअल

होने

लगे

हैं

,

अब

क्या

कर

सकते

हैं

,

वी

कांट

फाइट

अपना

ध्यान

रखना

पड़ता

है

,

जितना

हो

सके

अपने

को

बचाना

है।

हम

सबको

सेफ्टी

रखना

ही

चाहिए

,

सोशल

डिस्टेंसिंग

बहुत

जरूरी

जब

तक

कि

इसका

कोई

इलाज

नहीं

जाता

!

लॉकडाउन का दौर बहुत से लोगों के लिए बहुत ही डिफिकल्ट रहा होगा लेकिन कुछ लोगों ने इस अवसर को काफी यूटिलाइज किया, आपने लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या किया?

मैंने

लॉकडाउन

के

दौरान

बहुत

कुछ

किया

,

अपने

आप

को

काफी

सारा

वक्त

दिया

,

बहुत

कुछ

जानने

समझने

का

मुझे

अवसर

मिला

,

खूब

वर्कआउट

किया

,

अपने

आप

को

सिर्फ

फिजिकली

ही

नहीं

मेंटली

भी

हेल्थी

रखा

,

जो

सबके

लिए

बहुत

जरूरी

है

,

मैंने

बहुत

सारी

किताबें

पढ़ी

,

ढेर

सारी

स्पिरिचुअल

किताबें

भी

पढ़ी।

बहुत

सारे

नए

काम

भी

किए

,

तरह

-

तरह

का

खाना

बनाया

,

वैसे

मुझे

खाना

पकाना

आता

है

,

लेकिन

लॉकडाउन

के

दौरान

नए

नए

तरह

के

डिशेज

बनाकर

मैंने

खिलाया।

मैंने

कई

स्क्रिप्ट

पढ़ी

,

अपने

कई

प्रोमो

शॉट्स

की

शूटिंग

की।

प्रोमो

शूटिंग

के

कई

सारे

कास्ट

को

अपने

इंस्टाग्राम

पर

इंटरव्यू

किया

और

अपने

फैन्स

और

फॉलोवर्स

के

साथ

इंस्टाग्राम

पर

काफी

इंटरैक्ट

किया।

वाकई

मैंने

लॉक

डाउन

को

अच्छी

तरह

यूटिलाइज

किया

!

लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

आपने अब तक कई तरह के किरदार निभाए हैं जो लोगों को बहुत पसंद आया, अब आपकी जल्द रिलीज होने वाली थ्रिलर सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स’ आने वाली है, उसमें आप अपने कैरेक्टर के बारे में कुछ बताइए?

हां

मैंने

क्रिमिनल

जस्टिस

में

एक

बहुत

ही

रोमांचकारी

भूमिका

निभाई

है

,

मैं

अनुराधा

चंद्रा

की

भूमिका

में

हूं

जिसकी

शादी

एक

बड़े

घराने

में

,

एक

अच्छे

,

बड़े

लॉयर

से

हो

जाती

है

,

उसे

सब

कुछ

हासिल

है।

इस

जोड़ी

को

देखकर

लोगों

को

लगता

है

इससे

परफेक्ट

जोड़ी

और

कोई

हो

ही

नहीं

सकती

है

,

सब

कुछ

ठीक

-

ठाक

प्रतीत

होता

है

,

लेकिन

अचानक

एक

दिन

अनुराधा

अपने

पति

को

चाकू

मारकर

मर्डर

कर

देती

है।

उसके

बाद

शुरू

होता

है

जांच

पड़ताल

,

कोर्ट

केस

का

लंबा

दौर।

लेकिन

अनुराधा

कुछ

भी

नहीं

बोलती

,

वो

जैसे

इस

दुनिया

में

सभी

के

प्रति

विश्वास

खो

चुकी

है

,

उसका

वकील

माधव

मिश्रा

(

पंकज

त्रिपाठी

)

उससे

सच्चाई

जानने

के

लिए

हर

मुमकिन

कोशिश

करता

है

ताकि

वह

कुछ

बोले

तो

वह

असल

सच्चाई

के

जरिए

अनुराधा

को

बचा

सके

लेकिन

अनुराधा

होंठ

सिले

रहती

है।

इसमें

मेरी

भूमिका

और

पंकज

की

तथा

बाकी

सब

किरदारों

का

ताना

-

बाना

कुछ

इस

तरह

बुना

है

,

कि

अंत

तक

मालूम

ही

नहीं

पड़ता

कि

क्या

हुआ

था

,

आखिर

अनुराधा

ने

अपने

पति

को

क्यों

मारा

?

इससे

यह

सीख

मिलती

है

कि

जैसे

सब

कुछ

दिखता

है

वैसे

होता

नहीं

है

,

तो

इस

तरह

ये

एक

बहुत

दिलचस्प

,

थ्रिल्लिंग

एक्सपीरियंस

देने

वाली

कहानी

है

जो

हमारे

रोज

की

जिंदगी

के

करीब

होते

हुए

भी

आपने

कभी

नहीं

देखा

होगा।

‘क्रिमिनल जस्टिस’ के ट्रेलर को भी इस तरह बनाया गया है कि किसी को पता नही चल पाता है कि कहानी का रहस्य क्या है, अनुराधा की खामोशी को दिखाकर क्या जान-बूझकर ट्रेलर में कुछ भी रिवील नहीं किया गया?

हाँ

,

ये

तो

जाहिर

सी

बात

है

कि

,

ये

एक

सस्पेंस

थ्रिलर

है

और

इसके

ट्रेलर

में

राज

कैसे

पर्दाफाश

किया

जा

सकता

है

,

वरना

फिल्म

देखने

का

क्या

मजा

रह

जायेगा।

अनुराधा

के

साथ

ऐसा

कुछ

होता

है

कि

वो

पत्थर

बन

जाती

है

,

वो

कुछ

बोल

ही

नहीं

पाती

,

जिंदगी

से

हार

चुकी

है

वो

,

सारी

आशाएँ

खो

चुकी

है।

उसकी

खामोशी

अपने

आप

में

एक

राज

है

जो

कहानी

के

अंत

में

उजागर

होता

है

,

जो

वाकई

चैंकाने

वाला

होता

है।

आपने ‘फिल्म पिंक’ में भी कोर्टरूम सीन्स किए हैं, तो क्या उस फिल्म का अनुभव आपके इस फिल्म में काम आया?

नहीं

,

ऐसा

कुछ

अनुभव

नहीं

मिला

था

उस

फिल्म

से

सिर्फ

कोर्टरूम

और

कटघरे

में

खड़े

होने

के

अलावा

कुछ

और

एक

जैसा

नही

था।

इस

फिल्म

क्रिमिनल

जस्टिस

बिहाइंड

क्लोज्ड

डोर्स

में

मेरे

दृश्य

बहुत

पाॅवरफुल

है

और

इसमें

मुझे

अपने

कैरेक्टर

को

और

भी

बहुत

सशक्त

तरीके

से

प्रस्तुत

करने

का

पूरा

मौका

मिला

और

मैंने

इसे

एक

चैलेंज

के

रूप

में

लेकर

बहुत

ही

शक्तिशाली

और

स्ट्रांग

तरीके

से

प्ले

किया।

लेकिन

अब

मैंने

डिसाइड

किया

है

कि

मैं

तीन

बार

कोर्टरूम

वाले

कैरेक्टर

निभा

चुकी

हूं

,

अब

आगे

कोशिश

करूँगी

कि

कोर्ट

के

कटघरे

में

खड़ी

ना

होऊँ

!

लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

पंकज त्रिपाठी जी के साथ काम करते हुए आपका अनुभव कैसा रहा?

पहली

बार

मैं

उनके

साथ

मिली

और

काम

किया

,

वे

बहुत

ही

अच्छे

इंसान

हैं

,

बहुत

सिम्पल

और

डाउन

टू

अर्थ

,

उनकी

सोच

भी

बेहद

सिंपल

है।

वे

किसी

भी

चीज

को

कॉम्प्लिकेटेड

नहीं

करते

,

पर्दे

के

आगे

ना

पर्दे

के

पीछे

,

उनके

साथ

काम

करने

में

कभी

कोई

परेशानी

नहीं

हुई

जितने

अच्छे

एक्टर

हैं

उतने

ही

अच्छे

इंसान

हैं

,

सच

कहूं

तो

अच्छा

एक्टर

से

अच्छा

इंसान

मिलना

ज्यादा

मुश्किल

है

!

आपके फैन्स बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं, आपके अपकमिंग सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स’, और आपकी आने वाली फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ के लिए, वो कब बनेगी और रिलीज होगी?

कोरोना

काल

ने

सब

कुछ

गड़बड़

कर

दिया

, ‘

फोर

मोर

शॉट्स

के

अगले

सीजन

के

बारे

में

बहुत

पहले

से

ही

सोचा

जा

रहा

था

,

अगर

अचानक

कोरोना

पेंडमिक

ना

आया

होता

तो

कब

का

ये

नया

सीजन

शुरू

हो

चुका

होता

,

अब

देखतें

हैं

कब

शुरू

होता

है

,

कोरोना

के

चलते

पहले

की

तरह

झटपट

शूटिंग

शुरू

नहीं

किया

जा

सकता

है

,

सारे

प्रिकोशन्स

,

गाइडलाइंस

फॉलो

करते

हुए

अब

सारी

तैयारी

की

जाती

है

जिसके

लिए

समय

लगता

है

,

शायद

अगले

साल

सीजन

थ्री

शुरू

करेंगे

,

बहुत

चैलेंजिंग

वक्त

है

,

लेकिन

काम

शुरू

हो

रहा

है।

जहां

तक

गर्ल

ऑन

ट्रेन

की

बात

है

तो

वो

रेडी

है

,

लास्ट

ईयर

ही

रेडी

हो

चुकी

थी

,

कई

और

फिल्में

है

,

जिसमें

एक

कॉमेडी

फिल्म

भी

है

और

एक

थ्रिलर

फिल्म

भी

है

!

‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ में आपकी क्या भूमिका है?

उस

फिल्म

में

मैं

एक

ब्रिटिश

पुलिस

ऑफिसर

की

भूमिका

निभा

रही

हूं

,

एक

ऐसी

पुलिस

आॅफिसर

जो

अपने

काम

को

बहुत

अच्छी

तरह

निभाती

है

,

उसे

अपने

इन्वेस्टिगेशन

में

परफेक्शन

की

आदत

होती

है।

यह

फिल्म

भी

एक

सस्पेंस

थ्रिलर

है

!

आपने अब तक काफी स्ट्रॉन्ग और अलग-अलग किरदार निभाएं हैं, तो आप जब कोई फिल्म या सीरीज चुनती है तो किस बिना पर चुनती हैं?

सबसे

पहले

तो

मैं

देखती

हूं

कि

कहीं

यह

किरदार

मेरे

पिछले

किरदारों

की

तरह

एक

जैसा

तो

नहीं

है

,

मैं

हर

फिल्म

और

सीरीज

में

अलग

-

अलग

रोल

निभाना

पसंद

करती

हूं

,

इसलिए

मेरी

यही

कोशिश

रहती

है

कि

अलग

-

अलग

किरदार

चुनूु

उसके

बाद

मैं

देखती

हूं

की

कहानी

कितनी

स्ट्रांग

है

,

स्क्रिप्ट

कितनी

टाइटली

और

अच्छी

तरह

लिखी

गई

है

,

कंटेंट

में

कितना

दम

है

,

फिर

देखती

हूं

कि

मेरी

भूमिका

कितनी

सशक्त

है

और

कहानी

के

साथ

मेरी

भूमिका

का

कितना

और

क्या

तालमेल

है

यह

भी

देखती

हूँ

कि

कहानी

में

मेरे

किरदार

की

कितनी

जरूरत

है।

ऑफकोर्स

फिर

मैं

देखती

हूं

कि

डाइरेक्टर

,

प्रोड्यूसर

कौन

है।

बस

यही

सब

देख

कर

तय

करती

हूं

कि

मुझे

रोल

करना

है

या

नहीं।

लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

आज आप एक बेहतरीन कलाकार और स्टार के रूप में पहँचानी जाती हैं लेकिन यहां तक पहुंचने की जर्नी के बारे में आप कुछ बताइए?

जेनुइन

तरीके

से

मिलने

वाली

पहचान

और

सफलता

आसानी

से

नहीं

मिलती

,

उसके

पीछे

अथक

प्रयास

और

मेहनत

लगती

है

,

बहुत

सारे

उतार

चढ़ावों

से

गुजरना

पड़ता

है

,

मुझे

भी

गुजरना

पड़ा।

मेरे

करियर

के

इस

जर्नी

में

हर

तरह

का

अनुभव

शामिल

है

,

जिस

तरह

से

खाने

की

थाली

में

हर

तरह

के

स्वाद

,

रंग

,

खुशबू

और

फ्लेवर

होने

से

खाने

का

मजा

जाता

है

उसी

तरह

से

जीवन

और

कर्म

की

जर्नी

में

हर

तरह

का

अनुभव

जरूरी

होता

है।

मुझे

भी

उन्ही

एहसासों

से

गुजरना

पड़ा

,

कई

बार

जर्नी

मुश्किलों

से

भरी

हुई

लगी

,

कई

बार

हताश

भी

हुई

,

लगा

,

ये

मैं

यहां

आकर

क्या

कर

रहीं

हूँ

,

इससे

अच्छा

मैं

कुछ

और

कर

लेती

,

ऐसा

सभी

के

साथ

होता

है।

लेकिन

फिर

मैंने

अपने

को

संभाला

,

उस

दौर

को

मैंने

अपने

को

तराशने

में

लगा

दिया।

कई

वर्क

शॉप्स

ज्वॉइन

किए

,

बहुत

सारे

थिएटर्स

किए

,

देखे

,

बहुत

कुछ

सीखा

और

उसी

मेहनत

का

नतीजा

मुझे

आज

मिल

रहा

है।

आज

मैं

जहाँ

पहुँची

हूँ

,

जो

हासिल

कर

रही

हूँ

वो

उन्ही

दिनों

की

प्रेरणा

है।

मुझे

खुशी

है

,

संतोष

है

कि

जो

मैंने

चाहा

वो

किया

और

पाया।

आप रंगमंच की कलाकार रह चुकी हैं, थिएटर का स्वाद चख चुकी हैं तो क्या आज आप थिएटर को मिस करती हैं?

हाँ

,

थिएटर

को

जरूर

मिस

करती

हूँ

,

फिल्म

पिंक

से

पहले

तक

मैंने

थिएटर

किए

,

वाकई

थिएटर

का

जो

मजा

और

जो

नशा

होता

है

वो

एकदम

अलग

होता

है

तीन

महीने

रिहर्सल

करना

,

फिर

रूबरू

सैकड़ों

दर्शकों

के

सामने

अभिनय

करना

,

उनका

रिएक्शन

आमने

सामने

उसी

वक्त

पा

जाना

,

ये

सब

एक

आनंद

दायक

अलग

सा

एहसास

है।

लेकिन

थिएटर

करने

के

लिए

काफी

समय

की

जरूरत

होती

है

,

जो

इस

वक्त

मेरे

पास

नहीं

है

लेकिन

हाँ

अगर

कभी

कोई

बहुत

मजेदार

,

बेहतरीन

प्ले

मिला

तो

मैं

जरूर

करूँगी

लॉकडाउन के बाद ओटीटी प्लेटफॉम्र्स का बोल-बाला काफी बढ़ गया है, आप तो खैर पहले से ही ओटीटी इंडस्ट्री में काम करती रहीं हैं लेकिन अब बहुत से फिल्म कलाकार ओटीटी में काम करने लगें हैं, इस बारे में आप क्या कहती हैं?

हाँ

,

ओटीटी

प्लेटफॉर्म

काफी

समय

से

है

,

और

इसके

बारे

में

खासकर

नौजवानों

को

पहले

से

ही

पता

था

,

लेकिन

लॉकडाउन

के

बाद

,

क्या

बच्चे

,

क्या

बुजुर्ग

सबको

ओटीटी

के

बारे

में

मालूम

पड़ा

,

मेरे

पापा

भी

ओटीटी

पर

शोज

और

फिल्में

देखने

लगे।

जब

बाहर

की

दुनिया

में

सब

बंद

हो

गया

और

लोग

घर

में

बंद

हो

गए

तब

जाकर

ओटीटी

प्लेटफॉर्म

की

तरफ

सबने

दिलचस्पी

ली

,

और

देखते

देखते

ओटीटी

को

एक्सप्लोरर

करने

का

एक

सिलसिला

चल

पड़ा

,

एक

रेवउलूशन

सा

गया

इसे

लेकर।

सब

इसे

डिस्कवर

करने

में

जुट

गए

,

सबने

देखा

कि

छोटे

से

मोबाइल

,

लैपटॉप

या

कम्प्यूटर

में

,

घर

पर

आराम

से

बैठकर

उन्हें

मनोरंजन

का

भरपूर

आनंद

मिल

रहा

है

,

कितने

सारे

ऑप्शन्स

मिल

रहे

है।

तब

जाकर

ओटीटी

फ्लरिश

हो

रहा

है

और

ये

बहुत

अच्छी

बात

है

,

ओटीटी

इंडस्ट्री

और

फ्लरिश

करे

,

ज्यादा

से

ज्यादा

मनोरंजन

इस

प्लेटफॉर्म

पर

हासिल

हो

यही

मैं

भी

चाहती

हूँ।

लोकप्रिय, युवा और हसीन एक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी से एक्सक्लूसिव मुलाकात

ओटीटी के अलावा आज के वक्त में सोशल मीडिया की उपस्थिति भी बहुत बढ़ गई है, इसमें हर वक्त लोग लगे रहतें हैं और अपना वेलिडेशन की तलाश में रहते हैं, ट्रोलिंग का भी सिलसिला जारी है, इस बारे में आप क्या कहतें हैं?

हाँ

,

ये

सही

बात

है

कि

आज

सोशल

मीडिया

का

वर्चस्व

बहुत

बढ़

गया

है

,

सोशल

मीडिया

एक

जरिया

बन

गया

है

अपने

को

एक्सप्रेस

करने

का

लेकिन

लोग

इसे

मिसयूज

भी

करते

हैं

,

ये

एक

टेक्नोलॉजी

है

जिसे

आप

अच्छे

के

लिए

भी

यूज

कर

सकतें

हैं

और

बुरे

के

लिए

भी।

लोग

तो

लोग

हैं

,

अच्छे

लोग

अच्छे

कामों

के

लिए

सोशल

मीडिया

को

यूज

करते

हैं

और

बुरे

लोग

बुरे

कामों

के

लिए।

कई

लोग

बस

ट्रोलिंग

करने

और

दूसरों

को

नीचा

दिखाने

के

लिए

सोशल

मीडिया

का

इस्तमाल

करतें

हैं

जो

बहुत

गलत

हैं

और

जहां

तक

वेलिडेशन

की

बात

है

तो

हाँ।

आज

लोगों

को

हर

बात

पर

वेलिडेशन

की

लत

लग

गयी

है

,

एक

पोस्ट

डालते

ही

बस

लाइक्स

और

हिट्स

और

व्यूज

गिनने

लगते

हैं

और

उसी

पर

जिंदगी

जीने

लगते

हैं।

यही

उसकी

दुनिया

बन

जाती

है

,

ये

बहुत

खतरनाक

है।

खासकर

यूथ

इन

चक्करों

में

अपना

पूरा

वक्त

बर्बाद

करते

हैं।

अपना

वेलिडेशन

वे

बाहर

ढूंढ़ने

लगते

हैं।

मेरा

उनसे

कहना

है

कि

सोशल

मीडिया

को

अच्छे

कामों

के

लिए

,

अपनी

तरक्की

के

लिए

इस्तेमाल

करो

,

इसे

एन्जॉय

करो

,

एक्सप्लोर

करो

लेकिन

बहुत

केयरफुल

रहो

,

इसमें

फँसना

नहीं

है

,

डोंट

गेट

ट्रेप्ड।

आपके अन्य आने वाले प्रोजेक्ट्स?

क्रिमिनल

जस्टिस

के

बाद

, ‘

गर्ल

ऑन

ट्रेन

’ ‘

शादिस्तान

’,

दो

शॉर्ट

फिल्में

चारु

’,

और

एक

और

इसके

अलावा

कई

प्रोजेक्ट्स

है

जो

नववर्ष

के

मध्य

शुरू

होने

वाले

है

!

मायापुरी पत्रिका के बारे में आप क्या जानती हैं?

मायापुरी

का

नाम

ही

मायानगरी

से

जुड़ी

होने

से

पता

चल

जाता

है

कि

यह

पत्रिका

बॉलीवुड

के

लिए

कितनी

महत्वपूर्ण

है।

मुझे

इसका

नाम

ही

बेहद

पसंद

है

, (

ज्ञात

हो

कि

यह

नाम

मायापुरी

के

संस्थापक

और

पूर्व

सम्पादक

स्व

.

श्री

पी

बजाज

जी

ने

रखा

था

)

यह

मैगजीन

बॉलीवुड

के

ताजातरीन

और

जेनुइन

खबरों

की

वजह

से

फिल्म

आकाश

की

बुलंदी

पर

कायम

है।

मुझे

इस

पत्रिका

के

बारे

में

बहुत

लोगों

ने

बताया

है

,

यह

सबसे

पुरानी

और

सबसे

लोकप्रिय

एकमात्र

हिंदी

फिल्म

पत्रिका

है

और

मुझे

आज

इसके

लिए

इंटरव्यू

करते

हुए

बहुत

खुशी

हो

रही

है

!

मायापुरी के लाखों पाठकों को आप क्या मैसेज देना चाहेंगी?

मायापुरी

के

लाखों

,

दुनिया

भर

के

पाठकों

को

मैं

कहना

चाहूँगी

कि

सुरक्षित

रहें

,

ध्यान

से

रहें

,

अपना

और

अपने

परिवार

का

ख्याल

रखें।

आज

हम

सब

एक

चैलेंजिंग

दौर

से

गुजर

रहें

हैं

,

हिम्मत

बनाए

रखें

,

कोरोना

काल

से

घबराना

या

डरना

नहीं

है

,

पर

कौशियस

रहना

है

,

ये

दौर

भी

गुजर

जाएगा।

बस

ये

साल

खत्म

होने

वाला

है

,

नया

साल

,

नई

उम्मीदों

और

उमंगों

के

साथ

आने

वाला

है।

आप

सबके

लिए

अच्छे

स्वास्थ्य

की

कामना

करते

हुए

मैं

नव

वर्ष

की

बधाई

अभी

से

देती

हूँ।

अनुः

-

सुलेना

मजुमदार

अरोरा