Advertisment

मेरे लिए देश लोगों से मिलकर बनता है-रोहण शाह

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
मेरे लिए देश लोगों से मिलकर बनता है-रोहण शाह

छह वर्ष की उम्र से एड फिल्में व फीचर फिल्मो में बाल कलाकार के रूप में अभिनय करते आ रहे अट्ठाइस वर्षीय रोहण शाह को लोग सीरियल “इतना करो ना प्यार” से पहचानते हैं। वह फिल्म “हैक्ड” में भी अभिनय कर चुके हैं। वह कवि व कहानीकार हैं। लघु फिल्में निर्देषित कर चुके हैं।

जब उनसे स्वतंत्रता दिवस और देश को लेकर चर्चा होती है,तो वह कहते हैं- “मेरे लिए देश लोगो से मिलकर बनता है। मेरे लिए धर्म, जाति, भाषा , पुरूष या नारी कुछ भी मायने नहीं रखता। मेरे लिए लोगों से अर्थ इंसान से है,फिर चाहे वह स्त्री या पुरूष हो, किसी भी जाति धर्म या भाषा का हो। जब यही सारे इंसान एक साथ एक दूसरे के लिए खड़े हों,तो वह मेरा देश बन जाता है। जिस तरह के हालात अभी हो रहे हैं, उसके लिए मैं किसी पर भी आरोप नहीं लगा रहा,पर मुझे यह परिस्थितियां, हालात पसंद नहीं हैं।इन दिनों जो हालात हो गए हैं कि हिंसा बढ़ रही है। हम इंसान ही एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। मैं इसकी खिलाफत करता हूँ। मैं इंसानियत की बात करता हूँ। जब इंसान एक दूसरे के खिलाफ इंसान खड़ा नजर आता है, तो मैं अंदर से आहत होता हॅूं। फिर चाहे वह जेएनयू हो, अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी हो, उत्तर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, वह हो। मैं आहत हुआ। पर मैं चाहकर भी वहां नहीं जा पाया, तब मैंने इंस्टाग्राम पर ब्लाग/पोस्ट लिखा। मुझे लगा कि हम सभी को कुछ करना पड़ेगा। मैं यह नहीं कहता कि यह गलत है और वह सही है।मैं यह नही कहता कि हमला करो। मैं सिर्फ यह कह रहा हॅूं कि यह सब नहीं होना चाहिए। उसे लिए जो भी हो सकता है,वह करना चाहूंगा।”

मेरे लिए देश लोगों से मिलकर बनता है-रोहण शाह

रोहण शाह आगे कहते हैं- “मुझे लग रहा है कि कुछ मतलबी लोग इसका फायदा उठाना चाहते हैं। अब वह कौन हैं, मैं नहीं जानता। पर एक इंसान को दूसरे इंसान के खिलाफ खड़ा कर फायदा उठाना बहुत ही नीचकर्म है। हम सब चाहते हैं कि हर इंसान के बीच प्यार बढे़, सब एक साथ आएं। पर लोग इसके खिलाफ काम कर रहे हैं, तो फिर चाहे जितनी सशक्त आइडियोलाजी हो,वह गलत है। चाहे जितना आपको उस आइडियोलाजी में यकीन हो,पर वह दुःखद है। मुझे नहीं पता कि मैं क्या कर सकता हूं,पर मैं दुःखी हूं। किसी की भी सोच एक दिन में नहीं बदल सकती। धीरे धीरे लोगों की सोच बदलनी पड़ेगी।”

आप लोगो की सोच बदलने के लिए क्या करना चाहेंगे?

इस पर वह कहते हैं- “मेरी कविताएं। मेरी कविताएं इंसानियत और प्यार के बारे में बातें करती हैं।”

Advertisment
Latest Stories