2001 में सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म का जो क्रेज आज भी दर्शकों पर हैं, और अब जब ग़दर 2 आई और लोगो से उनको उतना हीं प्यार मिला है. फिल्म के जी सिनेमा वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर पर आये फिल्म के सितारे उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर, और मनीष वाधवा.
उत्कर्ष शर्मा ने सेलिब्रेशन की शुरुआत फिल्म के वर्ल्ड फेमस डायलॉग “हिंदुस्तान जिंदाबाद था, हिंदुस्तान जिंदाबाद हैं हिंदुस्तान जिंदाबाद रहेगा” से की. उन्होंने दर्शकों का आभार भी व्यक्त किया जिन्होंने थिएटर में फिल्म को इतना प्यार दिया.
सिमरत कौर ने दर्शकों से पूछा “कैसे हैं आप लोग” इस पर दर्शकों ने पुरे उत्साह के साथ उनको जवाब दिया. आगे सिमरन कहती हैं, “जैसे आपलोगों ने थिएटर में ग़दर मचाया अब टीवी की बारी है, अब बस यहाँ भी ग़दर मचाना है. फिल्म 4 नवम्बर 8 बजे जी सिनेमा पर आ रही है.”
मनीष वाधवा ने फिल्म ग़दर में उनके सबसे मशहुर हुए डायलॉग को जनता के लिए दोहराया, “मेरी जमीन, मेरे पाकिस्तान में खड़े होकर, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाओगे. बहुत जुल्म कर लिए तुमने हिंदुस्तान में हमारे मुसलमान भाइयों पर” मनीष कहते हैं, “लेकिन तो दिल मेरा यही कहेगा कि, हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है, और जिंदाबाद रहेगा.”
अब जब बात फिल्मों के डायलॉग के हो हीं रही है तो उत्कर्ष ने भी अपना एक फेमस हुआ डायलॉग दर्शकों के लिए पेश कर दिया, “वो क्या है ना, मेरे पापे ने इनके इतने चिथड़े उड़ायें उड़ा दिए, इतने चिथड़े उड़ायें उड़ा दिए, इतने चिथड़े उड़ायें उड़ा दिए, कि पाकिस्तान जेनरल भी हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा रहा है.”
फिल्म में इस्तेमाल हुए टैंक को लेकर जब पूछा गया तब उत्कर्ष कहते है, “हमने इस टैंक में दो महीने गुज़ारे हैं, और सिमरत ने टैंक के अन्दर भी कुछ समय बिताया है. 50 डिग्री के तापमान में हमने अहमदनगर में शूटिंग की थी. मेरे और सनी सर की तो आधी बातचीत हीं इसपर होती थी. हम सबने बहुत मेहनत की है ग़दर को ग़दर बनाने में और बाकी तो हिंदुस्तान की जनता ने ग़दर को जिंदाबाद कर दिया.”
सिमरत कौर ने अपनी फिल्म में हीं इतना प्यार मिलने पर कहा कि, “लोग मुझे सिमरत के नाम से जानते हीं नहीं हैं, लोग मुझे मुस्कान के नाम से जानते हैं, और मुझे नही लगता इससे बड़ा सक्सेस किसी भी एक्टर के लिए हो सकता है कि लोग उसको उसके किरदार के नाम से जानते हैं. मेरे मन में जवानों के लिए इज्ज़त और भी बढ़ गयी है, इस फिल्म को करने के बाद, जिस तरीके से टैंक में इतनी छोटी सी जगह में वो रहते हैं, इतना कुछ सहते हैं, वो काबिल-ए-तारीफ है.”
मनीष ने लोगो से दरख्वास्त की है कि जिन लोगो ने भी ये फिल्म अभी तक नही देखी है वो 4 नवम्बर रात 8 बजे जी सिनेमा पर जरुर देखें.
मनीष ने फिल्म के एक सीन के बारे में जिसमे उत्कर्ष को उन्हें पानी में डालना था, वो बताते हैं कि उन्हें उस सीन को फिल्माने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय दिया गया था, और उत्कर्ष को पानी में अपनी साँस रोकनी थी, उन्होंने उत्कर्ष की तारीफ भी जिन्होंने सीन को इतने बखूबी से किया.
उत्कर्ष कहते हैं, “मनीष जी बड़े भले आदमी हैं, हम साथ में हीं डिनर किया करते थे, पर जब आप एक बार हिंदुस्तान की वर्दी पहन लेते हो और सामने आपके दूसरी तरफ का आदमी खड़ा हो तब हिंदुस्तान पाकिस्तान हो हीं जाता है.”
फिल्म ग़दर में मुस्कान का किरदार निभा रहीं सिमरत की शायरियाँ काफी मशहुर हैं, तो दर्शकों के लिए उत्कर्ष और सिमरत बहुत हीं प्यारे में अंदाज़ में फिल्म की हीं शायरी पेश कि, उत्कर्ष कहते हैं, “आपका जो हुस्न है, क्या हुस्न होगा ताज का. वैसे तो सब आपका नाम जानते हैं, फिर बता दीजिये नाम क्या है आपका” जवाब में सिमरत कहती हैं, “अल्लाह की अदा, फूलों की जान कहते हैं. जनाब इस हुस्न को मुस्कान कहते हैं.”
कुछ और मस्ती मजाक और डांस के साथ फिल्म के वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर के सेलिब्रेशन हुआ.