मैं कहकर गयी थी कि मैं हरनाज हूँ और देश की नाज हूँ: हरनाज संधू

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By Mayapuri Desk
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मैं कहकर गयी थी कि मैं हरनाज हूँ और देश की नाज हूँ: हरनाज संधू

-सुलेना मजुमदार अरोरा

पंजाब की धरती पर एक कली जब पूरे आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराई तो उसकी महक दूर दूर तक कुछ इस तरह से फैल गई कि दुनिया ने उसे सलाम किया। मैं बात कर रही हूँ हमारे भारत की बेटी, देसी गर्ल, पंजाबी कुड़ी, हरनाज कौर संधू की, जिसने पिछले दिनों मिस यूनिवर्स का ताज जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। पेश है हरनाज से ली गई वो साक्षात्कार जिसे देखकर भारत की युवा पीढ़ी और देश दुनिया की हर बेटी प्रेरित होगीः---

च हरनाज, आपको बहुत बहुत बधाई भारत में पूरे इक्कीस वर्ष के इंतजार के बाद मिस यूनिवर्स का ताज जीतकर लाने के लिए जो कि एक बहुत बड़ी बात है।

थैंक यू, जी हां जैसा कि आपने कहा कि यह एक बहुत बड़ी बात है कि भारत को पूरे इक्कीस वर्ष के बाद ये क्राउन मिली है लेकिन ये सिर्फ मेरी नहीं इसमें सबकी मेहनत है और इसकी वजह से मुझे ये क्राउन नसीब हुआ है जिसके लिए हम सब वेट कर रहे थे।

 मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर आपको कैसा महसूस हो रहा है?

मुझे काफी खुशी महसूस हो रही है, मैं यह कहकर गई थी यहां से कि मैं हरनाज हूँ और देश का नाज हूँ और मैं क्राउन जरूर लेकर आऊँगी और मैंने वो किया। मुझे इस बात की बहुत खुशी है, अब मैं बेसब्री से इंतजार कर रही हूँ कि मैं अपनी इस जीत को इंडिया के साथ और सब अपनों के साथ सेलिब्रेट करूँ और जिन इश्यूज को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहती हूँ उसपर पूरी डिटरमिनेशन के साथ, और भी अच्छी तरह से बात करूं।

मैं कहकर गयी थी कि मैं हरनाज हूँ और देश की नाज हूँ: हरनाज संधू

 वो पल आपके लिए कैसा रहा जब आपको अपनी जीत का एहसास हुआ?

उस फीलिंग को शब्दों में एक्सप्लेन करना शायद मेरे लिए काफी मुश्किल है क्योंकि जब उन्होंने ‘इंडिया‘ घोषित किया तो पहले तो मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने इंडिया बोला, और मैं एकदम से रोइ, जैसा कि आप सबने वीडियो में देखा, लेकिन मुझे लगता है कि जब मैं खुशी से रो पड़ी तो मेरे साथ पूरा भारत भी खुशी से रोया। वो फीलिंग बहुत ही यूनिवर्सल थी, और जब मैंने वो क्राउन धारण किया, तो शायद आपने देखा कि मैंने पहले उसे माथा टेका, लेकिन मैनें कुछ भी इंटेंशनली नहीं किया, वो होता है ना, अंदर से एक फीलिंग आयी, जब मुझे मेरा वो नैचरल क्राउन पहनाया गया तो मैंने उसे भी माथा टेका क्योंकि मेरे लिए वो क्राउन का मतलब ये नहीं कि आप बस जीत गए हो, आप दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की हो, क्योकि मैंने देखा की सब लोग मुझे यही बोल रहे हैं, लेकिन सच्चाई सिर्फ ये नहीं है, इस क्राउन का मतलब है कि आपके सर पर बहुत बड़ी रेस्पोंसबिलिटी है, जब आप को कुछ मिलता है, आप कुछ लेते हो तो पहले आप शुक्रिया अदा करते हो, तो इसलिए मैंने पहले अपने क्राउन को शुक्रिया अदा किया कि इस क्राउन से आपको लगता है कि मैं वो पहनकर उन सब बातों पे अमल करूँ और उस क्राउन की जिम्मेदारी को अच्छे से सम्भाल सकूँ, ये मेरी रेस्पोंसबिलिटी है और मैं अपने देश इंडिया से आती हूँ तो मुझे तो अपने देश को प्राउड करना ही है, साथ ही मुझपर पूरे दुनिया की रेस्पोंसबिलिटी है, तो जब उन्होंने मुझे वो क्राउन पहनाया तो तबसे ही मुझे उस रेस्पोंसबिलिटी का एहसास हो गया था और मैंने उस वक्त अपने आपसे कहा कि ‘‘हां, अब तक जो तू करना चाहती थी वो तू अब करेगी, बिकॉज इट इस हैपनिंग इन योर लाइफ।

 क्या आपने बचपन से ऐसा सोचा था कि आप मिस यूनिवर्स बनेंगी, या आपको मिस यूनिवर्स बनना है?

बचपन में तो मैनें ऐसा कभी नहीं सोचा था कि मुझे मिस यूनिवर्स बनना है, जब मैं छोटी थी तो मुझे पता भी नहीं था कि मिस यूनिवर्स क्या होता है लेकिन जैसे जैसे मैं बड़ी होती रही और मुझे  सुष्मिता सेन मैम, लारा दत्ता मैम, प्रियंका चोपड़ा मैम से इंस्पिरेशन मिलती रही तो मैने भी ये रियलाइज किया कि मैंने भी इनके जैसे बनना है और जिस तरह से इन्होंने मुझे इंस्पायर किया, मुझे भी किसी लड़की को इसी तरह इंस्पायर करना है कि आप, अपने खुद पर यकीन रखो और वो सब कुछ आपको मिलेगा जो आपने सोचा, अगर आपकी नीयत साफ है। तो जब यह सब एहसास मुझे अच्छा लगा तो मैं इस दिशा में सोचने लगी। मुझे यह भी एहसास हुआ कि मैं एक्टिंग भी कर सकती हूँ। मुझे एक्टिंग से बहुत लगाव होने लगा, मुझे वो बहुत पसन्द है। फिर मुझे ये भी महसूस हुआ कि मैं मॉडल भी बन सकती हूँ, इसी तरह धीरे धीरे मैंने अपने को एक्सप्लोर किया कि हाँ मुझे ये ये करना अच्छा लगता है। जब  आपके अंदर एक बार वो जज्बा आ जाता है कि मैं ये करके दिखाउंगी, तो फिर दुनिया में आपको कोई नहीं रोक सकता, और यह एहसास एकदम से आया मिस यूनिवर्स बनने की, जब मैं सत्रह साल की थी, बस उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर तो जो मर्जी हो जाये दुनिया में मैं हमेशा डटके खड़ी रही हूँ कि कोई मेरा कुछ तहस नहस नहीं कर सकता, वो पंजाबी में कहते हैं ना, कि कोई इदर दा उदर,  कोई कुछ नहीं कर सकदा। वो अपने आप स्ट्रॉन्ग बिल्ट होता रहा मेरा एटीट्यूड। यही मेरी एडवाइस होगी दुनिया के यंग जेनेरेशन, यंग वीमेन को कि आप अपने पर यकीन रखो,  अगर आप अपने आप पर यकीन रखेंगे तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको  रोक नहीं सकता। जिंदगी में बहुत लोग आएंगे आपको नीचा दिखाने के लिए, कई बार ऐसा लगेगा कि मैं टूट जाउंगी लेकिन जब तक आप को अपने आप पर कंट्रोल है तब तक आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, आपका कुछ बुरा नहीं हो सकता।

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 आपका भविष्य अब किस तरह का आपको दिखाई दे रहा है आपको?

अभी से अपने भविष्य के बारे में कुछ बता नहीं सकती कि वो कैसे होगा, या कैसा दिख रहा है, क्योंकि अभी कुछ नहीं पता क्या होगा जिंदगी में आगे, लेकिन एक एक्ट्रेस होने के नाते इस ओर मेरा रुझान है, आई एम लुकिंग फॉर्व्सर्ड। लेट अस सी, देखते हैं, लेटस हॉप फॉर द बेस्ट। एक्टिव हमेशा मेरा पैशन रहा है और मैं एक्टिंग के  सबको इंस्पायर करना चाहूंगी क्योंकि आज की दुनिया में लोग एक्टिंग से बहुत जुड़ाव महसूस करते हैं, सबको लगता है कि काश! हम भी उस कैरेक्टर में होते, काश हम भी उस मूवी में होते, तो पता है हमें कि कैसे सबको इंफ्लुइस करना होता है और अगर आपमें वो कला है तो आप उसे यूज करो सही ढंग से इस प्लैटफॉर्म से और अपने दिल की भी सुनो और लोगों को इंस्पायर भी करो। तो लेट्स होप फॉर द बेस्ट।

 आपका फेवरेट एक्टर कौन है?

शाहरुख खान

 और फीमेल एक्टर कौन पसन्द है?

दीपिका पादुकोण। मेरे ये दोनों फेवरेट स्टार्स फिल्म ‘ओम शांति ओम‘ में है इसलिए वो फिल्म मुझे बहुत पसंद है।  दरअसल जब मैं किसी एक्टर को एक आर्टिस्ट के तौर पर या ऑडिएंस के रूप में

देखती हूँ तो मैं सिर्फ यही नहीं देखती की वे ऑनस्क्रीन कैसे है बल्कि मैं ये भी देखती हूँ कि वे ऑफस्क्रीन कैसे है, उनका एटिट्यूड कैसा है। वे मुझे सिर्फ इसलिए ही पसन्द नहीं है कि वे ऑनस्क्रीन बेहतरीन कलाकार हैं बल्कि इसलिए भी पसंद है क्योंकि वे ऑफ स्क्रीन भी एक बेहतर इंसान हैं। वे दोनों बहुत डाउन टू अर्थ है और जिस ढंग से उन्होंने अपना और क्रिएट किया है, हर चैलेंज को उन्होंने फेस किया है, मुझे लगता है वो हम सबको सीखना चाहिए।

 आपका सबसे फेवरेट डायरेक्टर कौन है?

संजय लीला भंसाली। आई लव हिज वर्क, आई लव द क्वालिटी, जो वे मूवीज क्रिएट करते हैं वो मुझे बहुत ही अच्छे लगते है, आई लव इट। वो होता है न, एक आर्ट, जिसे वे बहुत एलोब्रेटली, बहुत अच्छी तरह पर्दे पर दिखाते हैं, बहुत बारीकी और कलात्मक ढंग से। हाँ, वे जब फिल्म बनाते हैं तो बहुत टाइम लेकर बनाते हैं, बहुत वक्त लगता है लेकिन वो वसूल होता है, इट इज वर्थ। मैंने उनकी हर मूवी  देखी है और वो हमेशा बेस्ट होती हैं। तो जाहिर है वे मेरे फेवरेट डाइरेक्टर हैं।

 और पॉलिटिक्स में कौन फेवरेट पॉलिटिशियन है?

उसमें मेरा ऐसा कोई फेवरेट नहीं है, क्योंकि सबका ओपिनियन डिफरेंट होता है, और मैं आज के युवाओं को एनकरेज करना चाहती हूं कि वे भी पार्ट ले इस चीज में क्योंकि आप सब देश का भविष्य हो, आपको पता होना चाहिए कि आपके देश में क्या हो रहा है। तो आप अपने देश के यूथ आइकॉन बनो। आप बनो अपने देश के स्पीकर, क्योकि मैं जानती हूँ कि हर इंसान एक बहुत अच्छा स्पीकर है, बस उसको ढूंढना है कि किसके लिए स्पीक करे। किसके लिए आवाज उठाएं।

 आपकी फेवरेट मूवी कौन सी है?

मेरी अब तक कि फेवरेट मूवी ‘मेरिकॉम‘ है, मैं हमेशा वीमेन एम्पॉवरमेंट पर बात करती हूं, सिर्फ बात ही नहीं, मैंने वो क्लोजली देखा है और मुझे यह पता है कि क्या स्टिरियोटाइप ब्रेक करना है, तो मुझे फिल्म ‘मेरी कॉम‘  बहुत पसंद है, मुझे फिल्म ‘दंगल‘ भी पसन्द है लेकिन वो कहते हैं न, कि हर एक फिल्म अपने आप मे अलग तरीके से अच्छा लगता है, ‘मेरी कॉम‘ अपने तरीके का बेहतरीन फिल्म है और फिल्म ‘दंगल‘ अपने तरीके का बेस्ट फिल्म है। वो जो गाना है ना, ‘‘दिल जिद्दी है‘ वो मेरे अनुसार बहुत इंस्पायरिंग है, वो हर इंसान में होता है कि दिल है जिद्दी, बस उस बात को ढूंढना है कि वो  किस बात पर जिद्दी है, और जब वो जिद पकड़ ले एक बार, तो उसका कोई कुछ उखाड़ नहीं सकता।

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 आप वीमेन एम्पावरमेंट को लेकर क्या कहना चाहती है?

वीमेन एम्पावरमेंट की बात अगर मैं करू तो सिर्फ अपने देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में , मेरे ख्याल से हर स्त्री को राइट ऑफ एडुकेशन, राइट टू वर्क होना चाहिए। इट इज इम्पोर्टेन्ट, उसके साथ साथ, राइट टू चूज योर ओन पार्टनर भी होनी चाहिए, ये बहुत जरूरी है। हमें उनको समझाना है कि इसका मतलब क्या है, क्योंकि सबको पता है कि हमारी लेजिस्लेशन पावर, कंट्री की सबसे स्ट्रॉन्ग है, वी हैव द लेंदीएस्ट कॉन्स्टिट्यूशन, लेकिन हमें उसे एक्जीक्यूट करने के लिए इंडिविजुअल्स को समझाना पड़ेगा, उसके बारे में मैं जरूर बात करूँगी बट, लेट्स फर्स्ट सी द प्रैक्टिकल प्रोब्लेम्स। क्लाइमेट चेंज के बारे में भी मैं बात करना चाहूंगी क्योकि ये विषय, यह एडवोकेसी सिर्फ मेरा ही नहीं है हर इंसान का यह एडवोकेसी होना चाहिए। चंडीगढ़ एक बहुत क्लीन और बहुत ब्यूटीफुल सिटी है। तो मैं चंडीगढ़ को सामने रखकर सबको सिखाना चाहती हूँ कि जैसे चंडीगढ़ एक क्लीन और ऑर्गनाइज्ड सिटी है, वैसे ही सब शहरों और सब देशो को होना चाहिए। अब जैसे कि मैं इजराइल गई थी तो मैंने देखा कि इजराइल बहुत कुछ कर रही है क्लाइमेट चेंज के मद्देनजर, और हमें इजराइल से सीखना चाहिए। अगर अपने देश के शहरों की बात करूँ तो हमें चंडीगढ़ को घ्यान में रखकर यह सीखना चाहिए कि कैसे यह शहर इतना क्लीन और सुंदर है और उससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

 हरनाज हमने सुना है आप एक ग्रेट फूडी हैं?

ओह यस, आई लव फूड, मुझे एकदम रजके खाना खाणा पसंद है।

 तो आपका फेवरेट फूड क्या है?

मुझे लगता है अब तक पूरी दुनिया को पता चल गया है कि मुझे क्या पसन्द है, लेकिन एक बार फिर बता देती हूँ कि मक्के दी रोटी और सरसों दा साग तो शुअर्ली मेरा फेवरेट है पर एक और डिश जो मुझे पसंद है वो है, राजमा चावल। आई थिंक वो सब पंजाबियों की फेवरेट है।

 आपका फेवरेट डेस्टिनेशन कंट्री या सिटी कौन सा है?

मेरी ड्रीम डेस्टिनेशन हमेशा से ही इजराइल रही है, द होली लैंड, थैंक गॉड कि इजराइल देखने की मेरी इच्छा फुलफिल हो गई। अपार्ट फ्रॉम दैट, पेरिस भी एक खूबसूरत डेस्टिनेशन है जिसे सब एक्सप्लोर करना चाहते हैं, मैं भी, लेकिन मैं यह कहना चाहूँगी की मुझे मेरे भारत सब से ज्यादा पसंद है। इसके अलावा मैं जापान जरूर जाना चाहती हूँ क्योंकि उनकी टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस्ड है, वे लोग इतने फोकस्ड है यु नो, दे रेस्पेक्ट टाइम और मुझे लगता है टाइम इज टाइमलेस, तो मैं वहां पर जाकर देखना चाहती हूँ कि वो लोग कैसे टेक्नीक्स यूज करते हैं और उनसे कुछ सीखकर मैं उसे आगे पास करना चाहूंगी, यानी उनसे सीखकर मैं नेक्स्ट कंट्री को वो नॉलेज पास करना चाहूँगी। इस तरह मैं बहुत से कंट्रीज में जा जा कर हर कंट्री से वहां की बेस्ट विशेषताओं को सीखकर आगे की कंट्री को पास करती रहूँगी और आई थिंक कि यह सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा क्योंकि हर कंट्री से मुझे कुछ न कुछ सीखने का मौका मिलेगा और मौका मिलेगा तो पूरी दुनिया घूमना चाहूँगी।

 क्या आप म्यूजिक लवर हैं और सिंगिंग का शौक रखती है?

बिल्कुल, बिल्कुल, आई लव म्यूजिक, मुझे सिंगिंग का भी बहुत शौक है। मैं अपने को प्रोफेशनल सिंगर तो नहीं बोल सकती लेकिन सिंग करने का बहुत शौक है, मुझे शायरी लिखने का बहुत शौक है,  मुझे लगता था कि मिमिक्री करना मेरा एक हिडन टैलेंट है लेकिन अब तो वो सबको पता चल गया है।

 इसके अलावा आपको और कौन कौन सी हॉबीज है?

अपार्ट फ्रॉम दैट मुझे गार्डनिंग करने का बहुत शौक है, क्योंकि मेरे दादाजी फार्मर (किसान) थे और मेरी मॉम को भी गार्डनिंग का बहुत शौक है तो यह सब फैमिली से ही आता है तो मुझे नेचर के साथ रहना बहुत पसंद है। तो ये छोटी छोटी चीजे है जो हरनाज को डिफाइन करते हैं।

 आप किसी फेमस पर्सनाल्टी की मिमिक्री कर सकते हैं?

अगर आप चाहते हैं कि मैं किसी फेमस पर्सनाल्टी की मिमिक्री करूँ तो आपको वेट करना पड़ेगा तब तक, जब तक कि मैं किसी फेमस पर्सनालिटी की बायोपिक फिल्म न करूँ।

मैं कहकर गयी थी कि मैं हरनाज हूँ और देश की नाज हूँ: हरनाज संधू

 आपको कभी नर्वसनेस का एहसास हुआ जीवन में?

हाँ, नर्वसनेस तो इंसान की एक नैचुरल फितरत है, जीवन के कई मुकाम पर नर्वसनेस से दो चार होना तो ऑब्वीएस है, यह कोई गलत नहीं है लेकिन उसे कैसे ओवरपावर किया जाए वो सीखना बहुत जरूरी है क्योंकि आखिर में इंसान वो ही कामयाब होता है जो अपने इमोशन्स को कंट्रोल कर सके और हाँ मैं भी जरूर नर्वस थी इस पेजेंट के दौरान जैसे वहां हर लड़की थी लेकिन ऐट द ऐंड मैंने अपने विजन को देखा और मैंने अपने को बार बार स्टेज पर चढ़ने से पहले यह सवाल किया कि मैं वहाँ क्यों आई हूँ, और यह मौका मुझे बार बार नहीं मिलेगा और वो एक मिनट का समय यह डिसाइड कर सकता है कि क्या होगा मेरे जिंदगी में आगे और जो होगा अच्छे के लिए होगा और जब अपने आप पर यकीन रखो तो तो आपको सबकुछ मिल सकता है। तो जब मैं स्टेज पर थी तो उस वक्त मैं सिर्फ मैं थी, किसी और कि तरह नहीं थी, मैं भूल गई थी कि मेरे आसपास कौन है, कितनी सुंदर से सुंदर लड़कियां है, कितनी टैलेंटेड लड़कियां हैं। सामने कितने लोग बैठे है।  मैं बस अपने आप पर ध्यान दे रही थी, मेरे ख्याल से तभी आंप जीत सकते हो अपने आप से।

 -धन्यवाद हरनाज, यह एक सुपर्ब और यादगार मुलाकात है।

थैंक यू वेरी मच।

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