भारतीय समाज के संवेदनशील मुद्दों को लेकर लोगों की सोच पर सवाल उठाने वालीं अपनी विचारोत्तेजक कहानियों के लिए जाना जाने वाला ज़ी टीवी अब एक और खास कहानी लेकर आया है, जो दर्शकों को उन औरतों के प्रति दोबारा सोचने पर मजबूर कर देगी, जो अपने सहयोगी पुरुषों से ज्यादा सफल होती हैं। एक औरत से अक्सर कहा जाता है कि सिर्फ अपने करियर पर ही नहीं, अपनी शादी पर भी ध्यान दो। यदि आप करियर में लगातार सफलता हासिल करती हैं, तो बहुत जल्द रिश्ते आपके हाथ से निकल जाएंगे। और यदि, एक औरत काम में आगे बढ़ जाती है, तो उसे संभवतः अपने पति से ज्यादा सफल माना जाता है और उसे आगाह किया जाता है कि उसकी सफलता से उसके पति असुरक्षा महसूस कर सकते हैं और इससे उसकी शादी भी टूट सकती है।
कुछ ऐसी ही उलझन है परागी पराशर की, जो ज़ी टीवी के अगले फिक्शन शो 'इस मोड़ से जाते हैं' की नायिका हैं। वो संजय पाठक नाम के लड़के से प्यार करती हैं और यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रही हैं। जहां दोनों ही आईएएस अधिकारी बनने की हसरत रखते हैं, वहीं यह शो इन दोनों के परिवारों की कहानी दिखाता है, जब परागी अच्छे नंबरों से यूपीएससी परीक्षा पास कर लेती है, जबकि संजय ऐसा नहीं कर पाता!
‘इस मोड़ से जाते हैं‘ में पॉपुलर टेलीविजन एक्ट्रेस अक्षिता मुद्गल, परागी का रोल निभाएंगी, जो एक स्मार्ट, हाजिरजवाब और पढ़ने-लिखने वाली लड़की है। दूसरी ओर, संजय का रोल हितेश भारद्वाज निभाएंगे। दोनों आईएएस उम्मीदवारों के रूप में नजर आएंगे और ऐसा लगता है कि वो इस अनोखे शो का हिस्सा बनने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
अक्षिता मुद्गल बताती हैं, “जब मुझसे ‘इस मोड़ से जाते हैं‘ में परागी का रोल निभाने के लिए संपर्क किया गया, तो मैंने महसूस किया कि ये रोल मेरे लिए ही बना है। मैंने आईएएस अधिकारियों से प्रेरणा ली और इस तरह का रोल निभा पाना मेरे लिए वाकई बड़े गर्व की बात है। जहां मेरा किरदार मेरी असल जिंदगी से बहुत अलग है, वहीं हमारे बीच एक बात समान है कि हम दोनों ही बराबरी में यकीन रखते हैं। यदि पुरुष अपने करियर को प्राथमिकता दे सकते हैं और निसंकोच होकर करियर में आगे बढ़ सकते हैं, तो फिर महिलाओं को भी उसी तरह की आजादी क्यों नहीं दी जाती? आखिर जब महिलाएं काम में आगे बढ़ती हैं और अपने पतियों से ज्यादा सफल होती हैं, तो फिर उन्हें क्यों अपने पारिवारिक जीवन पर ध्यान देने को कहा जाता है? क्या महिलाओं को अपनी काबिलियत का पूरा इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है? क्या उन्हें पुरुषों के अहंकार को चोट पहुंचाने से बचने के लिए अपनी सफलता की रफ्तार को कम करने की जरूरत है? मेरा किरदार इसी बरसों पुरानी सोच पर सवाल उठाएगा।”
हितेश भारद्वाज बताते हैं, “मैं संजय पाठक का रोल निभाने को लेकर बेहद उत्सुक हूं, क्योंकि इस किरदार में मुझे अपनी बहुत-सी बातें नजर आती हैं। वो बड़ा व्यवहारिक और मेहनती लड़का है, जो दूसरों की इज्जत करता है और सभी के लिए समानता में यकीन रखता है। उसका मानना है कि सफलता योग्यता के आधार पर होनी चाहिए और यह कड़ी मेहनत से मिलती है। वो उन महिलाओं का समर्थन करता है, जो अपने सपने और लक्ष्य पूरा करना चाहती हैं। वो उनमें से नहीं है, जो महिलाओं के विकास में बाधा बने। इसके अलावा उनका खुशमिजाज स्वभाव और आकर्षक व्यक्तित्व ही कहानी में आगे दर्शकों का दिल जीत लेगा।”
जहां हितेश और अक्षिता की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री देखना बड़ा दिलचस्प होगा वहीं उससे ज्यादा दिलचस्प ये जानना होगा कि ‘पत्नी अगर हो पति से एक कदम आगे तो क्या टूट जाते हैं रिश्तों के धागे
ज्यादा जानने के लिए देखिए ‘इस मोड़ से जाते हैं’ शुरू हो रहा है 6 दिसंबर से और इसका प्रसारण हर सोमवार से शनिवार शाम 6:30 बजे सिर्फ ज़ी टीवी पर किया जाएगा!