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‘‘कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है, इसका भी मुझे अहसास है।’’- प्रियंका लालवानी

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By Mayapuri Desk
‘‘कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है, इसका भी मुझे अहसास है।’’- प्रियंका लालवानी
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नागपुर में जन्मी और 2007 में नागपुर षहर में आयोजित सौंदर्य प्रतियोगिता में उप विजेता रही प्रियंका लालवानी बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। वह मशहूर माॅडल, अभिनेत्री, एंकर है। उन्होंने क्षेत्रीय फिल्में, हिंदी और सिंधी वेब सीरीज, हिंदी विज्ञापन फिल्में करने के साथ साथ आदित्य बिरला, एल जी, लैक्मे फैषन वीक, पैनासोनिक व ब्रिटानिया जैसी कारपोरेट कंपनियों के लिए एंकरिंग की। वास्तव में प्रियंका लालवानी ने कॉलेज में रहते हुए ही अपने दोस्तों की एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म का हिस्सा बन गयी थीं। फिर यह टीम मुंबई आ गयी। उधर प्रियंका भी कुछ अलग रचनात्मक काम करना चाहती थीं। इसीलिए उन्होने अभिनय में कैरियर बनाने की सेाची, जो कि उनके लिए आसान नही रहा। पर टीवी सीरियल ‘जमाई राजा’, वेब सीरीज ‘स्पॉटलाइट 2’ तथा ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ जैसी फिल्मों में उन्हें अपने अभिनय का जलवा दिखाने का अच्छा अवसर मिला। प्रियंका लालवानी ने सिंधी फिल्म ‘वायसर ए गम’ भी की है।

‘‘कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है, इसका भी मुझे अहसास है।’’- प्रियंका लालवानी

प्रस्तुत है प्रियंका लालवानी से हुई बातचीत के अंष...

इवेंट मैनेजमेंट, एंकरिंग और गायकों का काम देखते देखते आपने अभिनय की तरफ कदम कैसे बढ़ाए?

दरअसल इंवेंट मैंनेजमेंट और माॅडलिंग तो मैंने नागपुर में काॅलेज की पढ़ाई के साथ ही शुरू कर दी थी। मैंने अपने दोस्तो के साथ कुछ वर्ष तक यह काम किया। पर इसमें मुझे कुछ भी रचनात्मकता का अहसास नही हो रहा था।इसी के चलते मैंने सोचा कि मुझे अभिनय करना चाहिए। मैंने सोचा कि कोशिश करने में कोई बुराई भी नही हैं। मैं बिना प्रयास किए हार नही मानना चाहती थी। मुझे ख़ुशी है कि मैने सही कदम उठाया।

लेकिन अभिनय के क्षेत्र में यानी कि बाॅलीवुड में काफी संघर्ष करना पड़ता है?

जी हाॅं! मैंने भी काफी संघर्ष किया और संघर्ष तो अभी भी सतत चल रहा है। मैं गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से हूं इसलिए जब मैं मुंबई आयी थी, तो यहां बहुत कम लोगों सेे परिचित थी। मेरे इवेंट मैनेजमेंट कॉन्टैक्ट्स और शहर के कुछ दोस्तों ने मेरा मार्गदर्शन किया। अगर आप मुंबई से हैं या इंडस्ट्री के किसी व्यक्ति को जानते हैं, तो आपके लिए चीजें आसान हो जाती हैं। इसलिए मुझे समय लगा। यहां बिना किसी आस के या ज्यादा उम्मीद किए लगातार ऑडीशन देना पड़ता है। इतना ही नही जब हम किसी फिल्म में अभिनय करते हैं और वह सिनेमाघर तक नही पहुॅचती है, तो सारी मेहनत बेकार हो जाती है। उस वक्त कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है,इसका भी मुझे अहसास है।

बाॅलीवुड में प्रियंका नामक कई कलाकार हैं?

मुझे तो विलियम शेक्सपियर की बात याद आती है। उन्होने कहा था- नाम में क्या रखा है? सच कह रही हूँ,मुझे इस बात से कोई परेशानी नही होती है कि मेरेे ही नाम की दूसरी अभिनेत्रियां भी बाॅलीवुड में कार्यरत हैं।

‘‘कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है, इसका भी मुझे अहसास है।’’- प्रियंका लालवानी

आप एक हैंड मॉडल भी हैं। वह कैसे हुआ?

मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि यह होना ही था। मुझे पता था कि मेरे हाथ अच्छे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं हैंड मॉडलिंग जैसा कुछ भी कर सकती हूं। मुझे याद है कि मैं एक एड ऑडीशन के लिए गयी थी। वहां पर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं हैंड मॉडलिंग करना चाहूंगी। मैं इससे अनजान थी। लेकिन सोचा क्यों न इसे भी आजमाया जाए। मेरे राजी होने के बाद उन्होंने मेरे हाथों की कुछ तस्वीरें लीं और मैं चुन लिया गया। मैंने कैडबरी, मनीष मल्होत्रा की लव एंड केयर, न्यूट्रिबुलेट और अन्य के लिए कुछ विज्ञापन किए।

टीवी पर आपको पहला ब्रेक कैसे मिला?

मुझे टेलीविजन पर पहला ब्रेक जी टीवी के सीरियल ‘जमाई राजा’ में मिला था। मैंने कुछ कास्टिंग डायरेक्टर्स को अपनी तस्वीरें शेयर की थीं और उनमें से एक ने ‘जमाई राजा’ के लिए मेरा चयन करवा दिया।पर मुझे ऑडीशन देना पड़ा था।जब मैं ऑडीशन देने गयी,तो पता चला कि सीरियल में एक दुभाषिया का किरदार है।।उस समय मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी कि मैं एक्टिंग करना चाहती थी। इसलिए, मैं हर संभव दरवाजा खटखटा रही थी।

सीरियल ‘‘जमाई राजा’’ तो काफी लोकप्रिय हुआ, मगर आप बाद में किसी टीवी सीरियल में नजर नही आयी?

मैने अपनी तरफ से कई टीवी सीरियल के लिए ऑडीशन दिए और आज भी ऑडीशन दे रही हॅॅू। लेकिन मैं जिस तरह का काम करना चाहती हॅूं,वैसा काम नही मिल रहा है। कभी-कभी मुझे वह किरदार पसंद नही आया,जो दिया जा रहा था। तो कई बार मुझे रिजेक्ट कर दिया गया। मैने कुछ सीरियलों में कैमियो किए हैं।लेकिन मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में मुझे और मौके मिलेंगे।

‘‘कलाकार के तौर पर दिल कितना टूटता है, इसका भी मुझे अहसास है।’’- प्रियंका लालवानी

आपने सिंधी म्यूजिक वीडियो और वेब सीरीज भी तो किए हैं?

जी हाॅ! मैंने अभिनय की षुरूआत सिंधी म्यूजिक वीडियो ‘‘ओह मुहिनजी’’ से की थी।यह एक सिंधी गीत है,जिसे शान और मंजुश्री ने गाया है। मेरी मातृभाषा भी सिंधी है।वैसे मैंने पिछले वर्ष एक सिंधी वेब सीरीज भी की थी, जिसका नाम ‘सिंधी वेडिंग बेल्स’ था। इसे काफी सराहा गया। अब इसका भाग दो भी आने वाला है। गाना तो यूट्यूब पर उपलब्ध है। ‘ओह मुहिनजी’ एक अच्छा, मजेदार और जोशीला नंबर है।

विक्रम भट्ट की वेब सीरीज ‘स्पॉटलाइट 2’ भी की हैं?

जी हां!इसमें मैने संचालक/होस्ट  का किरदार निभाया है,जो कि एक ग्रैंड फिनाले कॉन्सर्ट की मेजबानी करता नजर आता है। इस किरदार को निभाना काफी मजेदार अनुभव रहा। यह रील से एक वास्तविक मुलाकात की तरह था। एक होस्ट के रूप में मेरा अनुभव इस प्रोजेक्ट पर काम करते समय काम आया।

कोरोना महामारी की स्थिति में कैसे दिन गुजरे?

हम सभी के लिए दो वर्ष काफी कठिन रहे हैं। मैं ईष्वर की आभारी हॅूं कि इस संकट की घड़ी में भी मेेर सिर पर छत, मेरी थाली में भोजन और एक स्वस्थ परिवार रहा। मुझे किसी चीज की कमी महसूस नहीं हुई। मैंने खुद को व्यस्त रखा। मैं अपने परिवार और दोस्तों के करीब रही। इस स्थिति ने मुझे और अधिक दयालु होना सिखाया है। इसने मुझे यह भी महसूस कराया है कि हम सभी को बरसात के दिनों के लिए बचत करनी चाहिए और जब मुश्किल हो जाती है, तो मुश्किल हो जाती है। और किसी भी चीज से ज्यादा, जीवन छोटा है, इसलिए हमें पल में जीना चाहिए।

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