मुंबई में पले बढ़े निखिल भांबरी को बचपन से ही सीरियल की शूटिंग के दौरान सेट पर जाने का अवसर मिलता रहा है, क्योंकि उनकी मौसी निक्की वालिया एक चर्चित अदाकारा हैं, जिसके चलते छोटी उम्र में ही उनके अंदर अभिनय का कीड़ा जागृत हो गया था।
शान्तिस्वरुप त्रिपाठी
'मेरे अंदर अभिनय का कीड़ा कई वर्षों से हैऔर इसकी वजह मेरी मौसी ही हैं' निखिल भांबरी
निखिल भांबरी ने महज पांच वर्ष की उम्र में च्युगम के विज्ञापन में अभिनय भी किया था, मगर फिर उनके पिता ने आदेष जारी कर दिया कि पहले पढ़ाई पूरी करो, फिर कुछ दूसरा काम करना, तो निखिल भांबरी ने पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया, मगर उनका अपनी मौसी व अभिनेत्री निक्की वालिया संग सेट पर आना जाना बदस्तूर जारी रहा।
पढ़ाई पूरी होने के बाद वह सबसे पहले वेब सीरीज ‘पंचबीट’ में अभिनय करते हुए नजर आए थे. इन दिनों वह 18 दिसंबर से ‘जी 5’ पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज ‘ब्लैक विडो’ को लेकर चर्चा में हैं. इस वेब सीरीज में उनके साथ शरद केलकर, मोना सिंह, स्वास्तिका मुखर्जी, षमिता षेट्टी, राइमा सेन, सव्यासाची, आमीर अली जैसे कलाकार हैं।
प्रस्तुत है ‘मायापुरी’ के लिए निखिल भांबरी से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश
आपकी पृष्ठभूमि क्या है?अभिनय के प्रति रूचि कैसे विकसित हुई?
मेरी परवरिश मुंबई में ही हुई है. अभिनेत्री निक्की वालिया मेरी मौसी हैं. मेरी स्कूली शिक्षा जमनाबाई नरसी स्कूल से हुई है. फिर मैंने पीएमएम से मास मीडिया में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद मैंने तीन एक्टिंग स्कूल से अभिनय की ट्रेनिंग हासिल की, मेरे अंदर अभिनय का कीड़ा कई वर्षों से है और इसकी वजह मेरी मौसी ही हैं।
जब मैं पाँच छः वर्ष का था, और वह ‘अस्तित्व: एक प्रेम कहानी’ में डाक्टर सिमरन का किरदार निभा रही थीं, तब मैं अक्सर उनके साथ सेट पर जाया करता था. उसके बाद उन्होंने ‘उपरवाली नीचे वाली, ‘तूतूमैमैं’ जैसे कई सीरियल किए।
उस वक्त उन्हें टीवी सीरियल की माधुरी दीक्षित कहा जाता था. मैंने बचपन में एक च्यूगम नामक ‘ब्यूमर’ विज्ञापन फिल्म भी की थी, उस वक्त मेरी उम्र पाँच वर्ष रही होगी. पर फिर पिता जी का सख्त आदेश हुआ कि पहले पढ़ाई ठीक से पूरी करो, फिर चाहे जो करना।
तो मैं अपनी मौसी निक्की वालिया संग अक्सर सेट पर जाता था, एक दिन मुझे अहसास हुआ कि मुझे भी अभिनेता बनना है और मुझे भी अपनी कहानी सुनानी व दिखानी हैं।
अभिनय की ट्रेनिंग कहां कहां से ली?
मैंने सबसे पहले ‘एक्टर्स प्रिपेअर्स’ से एक्टिंग का कोर्स किया. फिर मैंने लंदन जाकर ‘न्यूयार्क फिल्म स्कूल’ से क्रैष कोर्स किया. उसके बाद मैं पांडीचेरी गया और ‘ आदिशक्ति ’ से वर्कशॉप किया। ‘आदिशक्ति में अभिनय की ट्रेनिंग के साथ-साथ कलाकार को एक बेहतर इंसान बनाया जाता है।
वहां पर मैं पच्चीस दिन रहकर बहुत कुछ सीखा. मैंने वहां पर सीखा कि कलाकार के तौर हम अपने शरीर को किसी भी किरदार में किस तरह से इस्तेमाल करते हैं और ब्रीथिंग एक्सरसाइज से कैसे किरदार निभाते हैं, यह भी सीखा।
अभिनय के मैदान मेें कूदने पर किस तरह का संघर्ष रहा?
हकीकत यह है कि मैंने आज तक बाॅलीवुड में काम पाने के लिए अपनी मौसी निक्की वालिया के नाम का उपयोग नहीं किया है. मैं अपनी पहचान अपनी प्रतिभा व अपने निजी संघर्ष के बल पर बनाना चाहता हूँ।
मुझे अब तक जो भी अभिनय करने का मौका मिला है, वह मेरे अपने बलबूते पर ही मिला है। मैंने काफी ऑडिशन दिए. मैंने किसी से नहीं कहा कि निक्की वालिया मेरी मौसी हैं।
आपको पहला काम कैसे मिला?
अभिनय की ट्रेनिंग हासिल करने के बाद मुझे सबसे पहले एकता कपूर की वेब सीरीज ‘पंचबीट’ करने का अवसर मिला था, जिसमें मैंने स्कूली बच्चे का किरदार निभाया था. जब मैं आदिशक्ति में था, उस वक्त मैं वहां पर सिद्धार्थ गुप्ता से मिला था, जो कि ‘पचंबीट’ के निर्माता विकास गुप्ता के भाई हैं।
आदिशक्ति में रहते हुए सिद्धार्थ गुप्ता ने मेरे अभिनय की तारीफ करते हुए वादा किया था कि वह मेरे बारे में अपने भाई से बात करेगा. उसने विकास गुप्ता से बात की होगी. एक दिन विकास गुप्ता ने फोन करके मुझे ऑडिशन देने के लिए बालाजी टेलीफिल्मस में बुलाया. मैंने दो बार ऑडिशन दिया, उसके बाद एकता कपूर संग दो बार स्क्रिप्ट की रीडिंग की, तब मुझे यह वेब सीरीज मिला था।.
जब मैंने ऑडिशन देकर और एकता कपूर मैम के साथ बातचीत करने के बाद इस वेब सीरीज को साइन किया था, उस वक्त मुझे नहीं पता था कि इस वेब सीरीज में मेरी मौसी निक्की वालिया प्रिंसिपल का किरदार निभा रही हैं. मुझे तो सेट पर यह सरप्राइज मिला था।
‘पंचबीट’ से आपको क्या फायदा हुआ था?
इस वेब सीरीज से लोगों ने मुझे बतौर अभिनेता पहचानना शुरू कर दिया था. मेरे पास दूसरे वेब सीरीज के आफर आने लगे थे.‘पंचबीट’ की ही वजह से मुझे एकता कपूर के बालाजी टेलीफिल्मस की ही दूसरी वेब सीरीज ‘हू इज योर डैडी’ की मुझे यह वेब सीरीज एकता कपूर के लिए करनी पड़ी
एकता कपूर ने स्वयं मुझे बुलाकर मुझसे कहा था कि इसका किरदार अच्छा है, मुझे करना चाहिए. इस वेब सीरीज के चलते भी मुझे काफी शोहरत मिली और फिर मुझे वेब सीरीज ‘ब्लैक विंडो’ मिली, जिसकी शूटिंग मैने कोरोना महामारी के ही दौरान कोलकाता में की और अब यह वेब सीरीज 18 दिसंबर से ‘जी 5’ पर स्ट्रीम हो रही है. यह एकदम सही वेब सीरीज मुझे मिली है।
तो क्या आपको लगता है कि वेब सीरीज ‘ब्लैक विंडो’ से ही आपको असली पहचान मिलेगी?
ऐसा नहीं है. मुझे वेब सीरीज ‘पंच बीट’ से ही पहचान मिल गयी थी. एकता कपूर का जिंदगी भर शुक्रगुज़ार रहूँगा कि उन्होंने मुझे पहला ब्रेक दिया.लेकिन कहानी व किरदार के आधार पर मेरी इन तीनों वेब सीरीज मे से मुझे सर्वाधिक फायदा ‘ब्लैक विंडो’ से ही मिलना है।
वेब सीरीज‘ब्लैक विंडो’ से जुड़ना कैसे संभव हो पाया?
‘रिलायंस’ और ‘बिग सिनर्जी’ से मेरे पास ऑडिशन देने के लिए फोन आया था. तब मैंने इसमें अभिनय करने से इंकार कर दिया था. क्योंकि मुझे कहानी पसंद नहीं आयी थी। तब उन्होंने दोबारा फोन करके मुझसे कहा कि उन्होंने मेरी वेब सीरीज ‘पंचबीट’ देखी है और वह मेरे अभिनय से प्रभावित हैं।
इसलिए उन्होंने सीरीज ‘ब्लैक विडो’ में मेरे लिए एक अच्छा किरदार सोचा है. तब मैंने कहा कि आप निर्देशक से कहें कि वह इस वेब सीरीज के संबंध में मुझे ब्रीफ दे. देखिए, जब कास्टिंग डायरेक्टर ब्रीफ देता है और जब निर्देशक देता है, तो काफी फर्क होता है. निर्देषक बीसा दास गुप्ता ने मुझे कहानी व किरदार सुनाया, तो मुझे काफी पसंद आया।
वेब सीरीज ‘ब्लैक विंडो’ को लेकर क्या कहेंगे?
यह तीन औरतों की कहानी है, जो अलग अलग वजहों से अपने पतियों की हत्या कर डालती हैं. इनमें से एक फिजिकल अब्यूज होती है, एक घरेलू झगड़े से तंग आ जाती है. एक की वजह कुछ और होती है।
फिर कैसे यह तीनों विधवाएं अपनी जिंदगी आगे शुरू करती हैं और इनकी जिंदगी में किस तरह की समस्याएं आती हैं। जब समस्याएं आती हैं, तब इन्हें अहसास होता है कि जब उनके पति जीवित थे, तब भी समस्याएं थीं, मगर इतनी बड़ी समस्याएं नहीं थी।
इस वेब सीरीज से लोगों को क्या समझ में आएगा?
इस वेब सीरीज में कई मुद्दे हैं. समस्याओं से भागो मत, उनका मुकाबला करो।
इसमें आपका अपना किरदार क्या है?
मैंने इसमें जहान सरदेसाई का किरदार निभाया है, जो कि तीन में से एक औरत का बेटा है. जो कि युवावस्था में अपनी मां (स्वास्तिका मुखर्जी ) से ही अपना घर बार जमीन जायदाद लेने वापस आता है.जो कि वसीयत के अनुसार जहान सरदेसाई के नाम पर है. यह बहुत अलग किस्म का और बहुत डार्क किरदार है. इस तरह का किरदार पहली बार निभा रहा हॅूं।
क्या आपको किसी तरह के होमवर्क करने की जरुरत पड़ी?
मुझे बहुत होम वर्क करना पड़ा. मैं निजी जीवन में जहान जैसा क्रूर, गुस्सैल, डार्क बंदा नहीं हूँ । मुझे काफी रिसर्च करना पड़ा. मुझे कई डार्क फिल्में देखनी पड़ी।
मैंने कई निगेटिव किरदारों को फालो किया. फिर अपना खुद का टच देन के लिए सोचा कि यदि मैं किसी से झगड़ रहा हूं और बहुत क्रूर हॅूं, तो निखिल भांबरी क्या करेगा? इसके अलावा मुझे अपनी बाॅडी ट्रांसफार्म करनी पड़ी।
बाॅडी ट्रांसफार्म करनी पड़ी? मतलब?
वास्तव में मैंने ‘पंचबीट’ और ‘हू इज डैडी’ में स्कूल ब्वाॅय का किरदार निभाया था. तो मुझे थोड़ा परिपक्व व अलग तरह की बाॅडी वाला दिखना था.इसलिए मैंने दाढ़ी बढ़ायी, वजन बढ़ाया, जिससे लोग मुझे गंभीर युवक समझें और गंभीरता से लें। मैं मैच्योर दिखना चाहता था।
जहान सरदेसाई इतना क्रूर क्यों है?
जहान एक ऐसा बंदा है, जो गुस्सा अपने अंदर तब तक रखता है, जब तक वह गुस्सा फट न जाए. उसे गुस्सा इस बात पर है कि उसकी मां, जो कि उसकी असली मां भी नहीं है, लगातार उससे झूठ बोलती जा रही है, उससे काफी कुछ छिपा रही है। जबकि जहान उसके साथ रहना और उसे समझना चाहता है।
इसे कोलकाता में क्यों फिल्माया गया?
इसकी कई वजहें रही. निर्देशक और पूरा क्रू कोलकाता का है. दूसरी बात कोरोना महामारी के वक्त इसकी शूटिंग हुई। उस वक्त मुंबई में कोरोना का कहर बहुत था. कोलकाता में उतना नहीं था.मुंबई में शूटिंग को लेकर नियम काफी सख्त थे।
पर आपके मन में कोरोना महामारी के दौरान शूटिंग करने का डर नहीं था?
सच यह है कि मैं अपनी 85 वर्षीय दादी के साथ रहता हूं. इसलिए मैं बहुत डरा हुआ था. मेरा डर यह भी था कि मेरी वजह से कहीं मेरी दादी इसकी शिकार न हो जाएं।
मैंने कह दिया था कि मैं कोलकाता पूरी वेब सीरीज की शूटिंग करने के बाद ही वापस आऊंगा. मैं बार बार मुंबई से कोलकाता आना जाना नहीं करुंगा। मैं अपनी तरफ से अपनी दादी की जिंदगी पर खतरा पैदा नही होने देना चाहता था. शूटिंग के दौरान हम मास्क पहन रहे थे। सैनीटाइजर का उपयोग भी कर रहा था।
कोलकाता में किन जगहों पर इसे फिल्माया गया आपके अनुभव क्या रहे?
हम लोगों ने वेदिक विलेज में इसे फिल्माया. इको पार्क में फिल्माया. ईको पार्क के पुल पर तो कई दृश्य फिल्माए. कई स्टूडियों में फिल्माया. मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा, मैं दूसरी बार कोलकाता गया था, इस बार काफी बदला हुआ नजर आया.इससे पहले मैं दुर्गा पूजा के समय गया था।
उस वक्त काफी भीड़भाड़ थी पर इस बार कोरोना की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे. हमने उन स्थानों पर शूटिंग की, जिन्हें अगर मैं छुट्टियाँ बिताने जाता, तो भी न देख पाता।
भविष्य में किस तरह के किरदार निभाना चाहते हैं?
मैं खुद को दोहराना नहीं चाहता. मैं खुद को एक वर्सेटाइल कलाकार साबित करना चाहता हूं. मैं एक आतंकवादी का किरदार निभाना चाहूंगा. पति, हीरो के किरदार निभाना चाहूंगा. मुझे कमर्शियल फिल्में करनी है. मुझे रोमांटिक व हाॅरर किरदार निभाने हैं।
पर अभी तो आप तो वेब सीरीज तक ही सीमित हैं?
फिलहाल वेब सीरीज कर रहा हूं. मेेरे पास दो फिल्मों के आफर आए थे, पर इनकी पटकथा पसंद नहीं आयी थी, इसलिए इंकार कर दिया. पर आप जल्द मुझे कमर्षियल फिल्मों में देखेंगे।
आपके पसंदीदा कलाकार?
मैं कलाकार नहीं किरदार पसंद करता हंू.मसलन ‘ये जवानी है दीवानी’ का रणबीर कपूर या ‘गली ब्वाॅय’ का रणवीर सिंह, डाॅन का शाहरुख खान।
लाॅकडाउन में समय कैसे बीता?
बहुत कुछ सीखा. रसोई में जाकर कई तरह के व्यंजन बनाना सीखा. आर्ट आफ लीविंग का कोर्स किया, जिसने मुझे सदैव जमीन पर रहना सिखाया.मैंने खुद को शांत रखना सीखा. मैं जो कुछ कर रहा था, उसमें ख़ुशी सकारात्मकता तलाशा।
सोशल मीडिया पर कितना व्यस्त रहते हैं?
मैं सोशल मीडिया पर दूसरे कलाकार क्या कर रहे हैं, इस पर ध्यान देता हूँ अथवा अपने फैंस से जुडे़ रहने का प्रयास करता हूं. मैंने अब तक की जिंदगी में खुद खुष रहना और दूसरों को ख़ुशी देना ही सीखा है।
फिटनेस मंत्रा?
वर्क आउट करता हॅूं. सिर्फ वेट ट्रेनिंग नहीं करता. मैं फंक्शन ट्रेनिंग करता हूं. मैं किक बाॅक्सिंग करता हूं. इससे षरीर फ्लैक्सिबल और एक्टिव भी रहता है. और आप पूरे दिन एनर्जेटिक रहते हैं।