लिपिका वर्मा
सलमान खान इन दिनों अपनी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं। ‘टाइगर जिंदा है’ की रिलीज के बाद सलमान, भाई सोहेल की फिल्म ‘शेरखान’, अरबाज की फिल्म ‘दबंग 3’ और कोरियोग्राफर से निर्देशक बने रेमो फर्नांडीज की डांस पर बेस्ड अनटाइटल फिल्म में काम करेंगे।
लिपिका वर्मा के साथ बातचीत में सलमान ने अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में और ट्यूब लाइट से जुडी एवं अन्य बातों पर रोशनी डाली
बताया, ‘‘टाइगर जिंदा है’ के साथ वापस से मेरा सिक्स पैक और एक्शन लोग देख पाएंगे। इसके बाद निर्देशक रेमो फर्नांडीज की डांस पर आधारित एक फिल्म आएगी और बाद में ‘दबंग 3’ और ‘शेरखान’ आएगी, इसके अलावा रितेश देशमुख की एक मराठी फिल्म में मेहमान कलाकार के रूप में नजर आऊंगा। अब मैंने तो रितेश की मराठी फिल्म में होने का ऐलान कर दिया है, अब वह मुझे ले या न ले (जोर से हंसते हुए)।’’
आगे सलमान कहते हैं, ‘‘टाइगर जिंदा है’ मैंने इसलिए साइन की क्योंकि यह मेरी ही फिल्म का सीक्वल है, अच्छी कहानी है, कैटरीना कैफ, यशराज बैनर और फिल्म के निर्देशक अली अब्बास जफर का साथ मिल रहा था। अली के निर्देशन में मैंने ‘सुल्तान’ जैसी फिल्म में काम किया है, इसके अलावा मुझे एक्शन, स्टंट करने का मौका मिल रहा था, जो मुझे ‘ट्यूबलाइट’ के बाद वापस करना था। मुझे फिल्म का विषय भी बहुत पसंद आया था।’’
ट्विटर पर भद्दी और अश्लील भाषा का प्रयोग कर ट्रोल करने वालों पर जमकर गुस्सा दिखाया सलमान और कहा -‘‘फेक आई डी बनाकर गालियां देने वाले फैंस भाड़ में जाएं। ऐसे फैंस नहीं चाहिए जिनको सही तरीके से बात करना नहीं आता। क्या इनके मां-बाप यही सिखाते हैं। अपनी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ के प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान सलमान खान ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बातचीत में कहा, ‘‘अगर ट्विटर के जरिए किसी को कुछ कहना है तो वह अपनी असली आई डी बनाकर कहे। फेक आई डी बनाकर गालियां देने वालों को मैं अपना फैन नहीं मानता’’
सलमान आगे कहते हैं, ‘‘ट्रोल करने वालों को मैं यही कहूंगा कि अगर उनको कुछ भी कहना है या कमेंट करना है तो वह अपने असली नाम के साथ आई डी बनाए और कमेंट करें। पहले जब भी मैं कोई चीज ट्वीट करता था तो उसका रिस्पॉन्स देखता था लेकिन जब मैंने देखा कि कुछ लोग सोशल साइट पर भद्दी भाषा का प्रयोग करने लगे तो मैंने देखना ही बंद कर दिया। भद्दी भाषा का प्रयोग करने वाले और फेक आई डी वाले भाड़ में जाएं, अगर मुझे फॉलो करने वाले कम होते हैं तब भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो मेरे असली फैन हैं वह अपनी रियल आई डी से सामने आते हैं। जब नकली आई डी बना कर यह लोग गंदी भाषा में लिखते है, तो लगता है इनके माता-पिता ने क्या यही सिखाया है।’’
सलमान बताते हैं, ‘‘यह जो भद्दी भाषा का प्रयोग करने वाले लोग हैं इनकी संख्या ज्यादा नहीं है। ऐसे लोग सिर्फ 18 से 20 लोग ही हैं। हमने तो इन लोगों की पूरी जन्मकुंडली निकाल ली है। मेरी टीम कहती है 55 मिलियन फैंस हैं, आप सोशल साइट पर गुस्सा मत दिखाना तो मैं कहता हूं कि मुझे फेक फॉलोवर नहीं चाहिए। चाहने वाले सिर्फ 4 लाख हों लेकिन असली आई डी वाले हों। मैं कहता हूं दम है तो असली आई डी के साथ जो लिखना है लिखो वरना भाड़ में जाओ।’’
सलमान ने कहा, ‘‘हर बार जब नई कहानी सुनता हूं तो कहानी सुनने के बाद से उसकी ओर आकर्षित भी होता हूं। फिर सोचता हूं कि सुनी गई कहानी को करूँ नहीं करूँ। इसलिए हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए। मैं तो बहुत बार फंसा हूं। अब मैं किसी की बात नहीं सुनता हूं, अब जब मेरे द्वारा चुनी गई चार से पांच फिल्में पिट जाएंगी उसके बाद ही मैं लोगों की बात सुनूंगा।’’
अपनी फिल्मों के चयन के बारे में सलमान आगे कहते हैं, ‘‘जब भी मैं किसी नई स्क्रिप्ट पर काम करता हूं, उसे अपने पूरे परिवार को सुनाता हूं, क्योंकि हमारे परिवार में सभी लोग फिल्मों से जुड़े हैं। तकरीबन सभी ने फिल्में बनाई हैं। हम लोग राइटिंग बैकग्राउंड से हैं। मेरे पिता लेखन में महारथी रहे हैं। परिवार के सदस्यों की ओर से एकाध पॉइंट भी आ जाता है, तो फिल्म और बेहतर हो जाती है। मैं स्क्रिप्ट के मामले में हर किसी की सुनता हूं लेकिन जो दिल कहता है वही करता हूं। परिवार को फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर से लेकर एडिटिंग तक में इन्वॉल्व रखता हूं।’’
बातचीत में सलमान खान ने एक फिल्म बनाने के दौरान सबसे जरूरी चीज कहानी को बताते हुए कहा, ‘‘एक प्रोड्यूसर के तौर पर जब भी मैं किसी फिल्म का चुनाव करता हूं तो मेरा सबसे ज्यादा ध्यान फिल्म की कहानी पर होता है। आखिर एक लेखक का बेटा हूं तो जाहिर है कहानी के अलावा किसी और चीज पर मेरा ज्यादा ध्यान नहीं होता। मुझे लगता है यदि फिल्म की स्टोरी अच्छी हो और फिल्म की मेकिंग बुरी हो तब भी फिल्म चल जाती है, स्टोरी बकवास हो और फिल्म कितनी भी अच्छी बनी हो तो दो दिन के बाद ही फिल्म उतर जाती है।’’
सलमान अपनी बात बढ़ाते हुए आगे कहते हैं, ‘‘आप ग्लैमर, उड़ती हुई महंगी कारें और एक्शन के दम पर दर्शकों को मूर्ख नहीं बना सकते, उन्हें होल्ड नहीं कर सकते। दर्शकों से कनेक्शन के लिए जरूरी है इमोशन। हम सभी जब भी कोई फिल्म साइन करते हैं, सोचते हैं हमारी यह फिल्म ‘मुगल ए आजम’ या ‘शोले’ है।’’
सलमान बताते हैं, ‘‘हमारी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ में भरपूर इमोशन है। यह फिल्म दो भाईयों की कहानी जरूर है लेकिन साथ ही इसमें यह भी दिखाया गया है कि युद्ध के बाद सभी जवान अपनी बीवी-बच्चों, भाई-बहन और परिवार के पास वापस लौट जाएं, फिर चाहे वह जवान दुश्मन देश का हो या अपने देश का।’’
सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ दो भाईयों की कहानी हैं, जिनके माता-पिता बचपन में गुजर जातें हैं, ओम पुरी फिल्म में बच्चों का एक आश्रम चलाते हैं। उसी आश्रम में भरत बने सलमान और लक्ष्मण बने सोहेल की परवरिश होती है। फिल्म की पृष्टभूमि 1962 के आस-पास चाइना वार पर आधारित है। फिल्म में सलमान खान का किरदार थोड़ा मेंटली चैलेंज्ड है और सोहेल खान फौज में हैं, जो एक लड़ाई के बाद लापता हो जाते हैं, बाद में सलमान उनकी तलाश करते हैं। भाई को तलाश करते हुए फिल्म की कहानी दिलचस्प डायलॉग और सीन के साथ आगे बढ़ती है।
सलमान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ 23 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म का निर्देशन कबीर खान ने किया है। सलमान और सोहेल के अलावा फिल्म में ओम पुरी, एक्ट्रेस जू जू और शाहरुख खान एक छोटे लेकिन बेहद अहम रोल में नजर आएंगे।