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मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

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By Mayapuri Desk
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मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

चांदनी बार फिल्म की दीपा से देवदास फिल्म की कुमुद तक ऐसे कई अपने शानदार किरदारों से अभिनेत्री अनन्या खरे ने पर्दे पर एक प्रतिपक्षी (नेगेटिव) भूमिका साकार की और मनोरंजन  इंडस्ट्री में कई कलाकारों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया। अनन्या ने हिंदी मनोरंजन इंडस्ट्री में अपने कार्यकाल के लिए बहुत प्रशंसा हासिल की है चाहे वह टेलीविजन हो या बॉलीवुड इस  प्रतिभाशाली कलाकार ने हर जगह दर्शकों का दिल जीता।

दर्शकों के लिए अनन्या एक बार फिर स्टार भारत के आने वाले नए शो 'लक्ष्मी घर आई' में कमबैक करने वाली हैं। वह इस शो में एक महत्वपूर्ण प्रतिपक्षी (नेगेटिव) ज्वाला देवी की भूमिका निभाती नजर आएंगी। इस नए सामान्य में शूट करने और उनके कार्यकाल के बारे में जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें बताई, जिसके कुछ अंश मुख्यतः हैं

मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

आप टेलीविजन पर धमाकेदार वापसी करने और 'लक्ष्मी घर आई' शो में एक प्रतिपक्षी (नेगेटिव) भूमिका निभाने के लिए उत्साहित हैं?

ऐसा माना जाता है कि टीवी शो में निभाए जाने वाले सबसे कठिन कामों में से एक प्रतिपक्षी की भूमिका निभाना है। कई पेशेवर अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को कभी-कभी स्क्रीन पर नकारात्मक (नेगेटिव) किरदार को निभाने में कठिनाई होती है। हालांकि, मुझे लगता है कि मैंने इस खेल में महारत हासिल कर ली है और मुझे अपनी प्रतिभा के लिए काफी सराहा गया है। पर्दे पर हमेशा नकारात्मक भूमिका निभाना आसान नहीं होता क्योंकि कई बार लोग आपके बारे में धारणा बना लेते हैं।

मेरा मानना है कि देवदास के बाद मुझे एक बुरी भाभी के नकारात्मक किरदार के लिए पहचाना गया और मुझे लगता है कि इसने मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान पाने में मदद मिली। खैर, एक कलाकार होने के नाते मेरा मानना है कि अगर यह दर्शकों की प्रतिक्रिया है, तो मैंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। शो में मेरा ज्वाला का किरदार एक बुरी सास का है जो बहुत कठोर है। वह पैसे की लालची है और उसके किरदार के कई शेड्स हैं। मैं ज्वाला देवी की भूमिका निभाने की चुनौती को लेकर बेहद उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं अपने किरदार के साथ न्याय करुँगी।

मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

ज्वाला देवी के किरदार में ऐसा क्या ख़ास था, जिसके लिए आपने अपनी हामी भरी

'लक्ष्मी घर आई' जैसे शो के साथ टेलीविजन पर वापसी करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, जिसका उद्देश्य दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को लेकर जागरूकता बढ़ाना और उसपर प्रकाश डालना है। यह शो को इतनी खूबसूरती से लिखा गया कि मैं इसे ना नहीं कह सकती थी। मैं समय के साथ कई स्क्रिप्ट पढ़ रही हूं, लेकिन इस शो की  स्क्रिप्ट पर मेरी आँखें थम गई और मेरे मन में ख्याल आया हाँ बस यही स्क्रिप्ट मेरे लिए है। मैं शकुंतलम टेलीफिल्म्स और स्टार भारत के साथ काम करते हुए बेहद खुश हूं और मैं अपनी इस नई यात्रा को लेकर बहुत रोमांचित हूँ।

अपने किरदार ज्वाला देवी के बारे में है विस्तार से बताएं

जैसा कि मैंने शो में अपने किरदार ज्वाला के बारे में ऊपर बताया, वह एक असभ्य महिला का हैं जो धन के प्रति आसक्त है और देवी लक्ष्मी की इस आशा से पूजा करती है कि वह उस पर धन की वर्षा करेंगी। ज्वाला आशाओं और महत्वाकांक्षाओं के भरी एक कठोर महिला हैं, जिसे वह चाहती हैं कि उसका बेटा पूरा करे। उसे अपने बेटे पर बेहद गर्व है। वह एक ऐसी बहू की तलाश में है जिसे दहेज मिल सके। उन्हें उसके रूप या लक्षणों की कोई परवाह नहीं है वह यह मानती हैं कि  'सुंदर हो या अनपढ़, बहू वही चाहिए जो लाए फ्रिज, टीवी या कार।'

मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

इस शो में दर्शकों के लिए क्या ख़ास है?

मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि इस शो के माध्यम से हम यह प्रकाश में लाने की उम्मीद करते हैं कि एक बहू अपने विस्तारित परिवार के लिए प्यार और बहुमूल्य खुशियां लेकर आती है और कोई भी शादी किसी भी धन या मूल्यवान उपहार की मोहताज नहीं है।

क्या आपको लगता है कि आपके द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदारों के लिए टाइपकास्ट किया गया है?  

वो जो कहावत है न कि आप अपने किरदार का चयन नहीं करते हैं बल्कि आपका किरदार आपको चुनता है। जैसा कि मैंने ऊपर बताया, बहुत कम लोग हैं जिनके पास एक विरोधी की भूमिका निभाने की कला है। निश्चित तौर पर यह कोई आसान काम नहीं है। लेकिन इतने सालों में जब कोई एक कलाकार को एक विशिष्ट भूमिका निभाते हुए देखता है, तो उसे टाइपकास्ट करना बहुत आसान हो जाता है। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि मेकर्स, प्रोड्यूसर और चैनल ने ज्वाला देवी की भूमिका को पर्दे पर लाने का भरोसा मुझे चुनकर दिखाया।

मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

लॉकडाउन के बाद स्क्रीन पर ज्वाला देवी की भूमिका के साथ वापसी करना इस समय मेरे करियर के लिए एक सुनहरे मौके के समान है। मैंने अपने दिमाग में बिना कोई दूसरा विचार लाते हुए इस किरदार के लिए अपनी हामी भर दी क्योंकि इस शो का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है जो एक मजबूत संदेश के साथ इतनी खूबसूरती से लिखा गया है और सहकर्मियों और प्रोडक्शन हाउस के साथ काम करना कुछ ऐसा है जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। व्यक्तिगत रूप से मुझे तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझे लोग टाइपकास्ट कर रहे हैं जब तक मैं अपने काम के लिए दर्शकों द्वारा सराही जा रही हूँ और मैं अपनी अभिनय की कला के लिए प्यार करती हूं।

अपनी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका का वर्णन करें?

पिछले 25 वर्षों में ऐसा कोई किरदार नहीं हैं, जिसका मैंने आनंद नहीं लिया है। मुझे आज तक जो भी किरदार मिला उनके लिए मैं बहुत आभारी हूं। हालांकि देवदास और चांदनी बार फिल्म में में मेरे द्वारा निभाया गया किरदार मुझे बहुत प्रिय है। साथ ही ऋषिकेश मुखर्जी, बासु चटर्जी, आशा पारेख जी, अशोक कुमार जी, जया बच्चन जी, ओम पुरी जी, महेश भट्ट और कई अन्य लोगों के साथ किया मेरा काम एक अनमोल यादें हैं, जिनके लिए मैं बहुत आभारी हूं।

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कोविड महामारी के बीच 'लक्ष्मी घर आई' सेट पर शूटिंग के दौरान क्या सावधानियां बरती जा रही है

इस नए सामान्य के बीच काम पर वापस लौटना बहुत अलग रहा है। जहां कभी सेट पर लोगों की भीड़ होती थी, अब वो कम ही नजर आते हैं। दुर्भाग्य से हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम सुरक्षित रहें ताकि आपके आस-पास का दूसरा व्यक्ति भी सुरक्षित रहे। जैसे एक कहावत है कि पहला दान अपनर घर से शुरू होता है - मुझे लगता है कि सुरक्षा घर से भी शुरू होती है। सेट पर कास्ट और क्रू बहुत जिम्मेदार होते हैं। शो के निर्माताओं ने यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सेट में प्रवेश करने से पहले हर किसी के तापमान की जाँच की जाती है - हमारे वैनिटी वैन और हर जगह की सफाई भी की जाती है साथ ही उसके लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण भी। सभी ने शानदार काम किया है और मैं शूटिंग पर आते वक्त खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करती हूं। मैं इस अवसर पर टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करना चाहती हूँ।

एक कलाकार  के रूप में आपने जितनी भी भूमिकाएँ निभाई हैं, उनमें से आपका पसंदीदा किरदार कौन सा है? 

चुनना मुश्किल है, क्योंकि मैं जो कुछ भी करती हूं उसमें समान प्रयास और कड़ी मेहनत करती हूं।

मेरा मानना है कि देवदास फिल्म में मेरे द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदार से मुझे पहचान मिली और मुझे लगता है कि इससे मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली- अनन्या खरे

अपने सह-कलाकारों के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा

शो की पूरी कास्ट और क्रू बहुत ही सपोर्टिव और मजेदार है। फिलहाल ये शुरुआती दिन हैं, लेकिन लगता है कि इस टीमें के साथ लंबे समय तक काम करना बहुत धमाकेदार और मनोरंजन से भरपूर होने वाला है।

आपका लॉकडाउन का अनुभव बताएं?  

जब लॉकडाउन शुरुआत में शुरू हुआ था, तो हमें पता नहीं था कि यह इतने लंबे समय तक चलेगा। मैंने अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताया और यह वास्तव में मेरे लिए एक उम्मीद की किरण के समान था। मुझे लगता है कि इस लॉकडाउन ने परिवारों को एक साथ जोड़ा है और मैंने अपने परिवार के साथ हर पल को संजोया है। मेरी  निचिरेन बौद्ध साधना ने मुझे इस कठिन समय में केंद्रित और शांत रखा।

अपनी पसंदीदा प्रतिपक्षी अनन्या खरे को स्क्रीन पर वापसी करते हुए देखने के लिए बने रहें इस 5 जुलाई से हर सोमवार से शुक्रवार 'लक्ष्मी घर आई' शो केवल स्टार भारत पर।

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