INTERVIEW: मैं अपनी भूमिकाओं के साथ हमेशा प्रयोग करती हूं - दीपिका पादुकोण By Mayapuri Desk 31 May 2017 | एडिट 31 May 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर कोपेनहेगन डेनमार्क में 5 जनवरी 1986 में जन्मी दीपिका अपने परिवार के साथ ग्यारह महीने की उम्र में ही बैंगलुरू, भारत आ बसी थी। पादुकोण मंगलोरीयन मूल की है और उनकी मातृभाषा कोंकणी है, वे उडीपी डिस्ट्रिक्ट, कर्नाटक के कुडपुरा तालुक स्थित पादुकोण गाँव की है और चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण है। दीपिका के पापा प्रकाश पादुकोण विश्व प्रसिद्ध पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी है और मां ट्रैवल एजेंट है। दीपिका ने सोफिया हाई स्कूल बेंगलुरु से शुरूआती शिक्षा ग्रहण करके बंगलोर के माउंट कार्मेल कॉलेज से प्री यूनिवर्सिटी स्टडीज पूरी की है। हाई स्कूल के दौरान ही वे अपने पापा की तरह, स्टेट लेवल पर बैडमिंटन खेलती रही और अपने पापा के बैडमिंटन क्लब की सदस्य भी रही, लेकिन वे बैडमिंटन को अपना करियर नहीं बनाना चाहती थी, इसीलिए उसे छोड़ कर उन्होंने अपने आई सी एस ई एग्जाम पर ध्यान लगाया। कॉलेज के दौरान पादुकोण मॉडलिंग में करियर आजमाने लगी, वक्त के साथ उन्होंने नामजद भारतीय ब्रांड जैसे लिरिल, डाबर लाल पाउडर, क्लोज अप टूथपेस्ट, लिम्का के लिए मॉडलिंग की तथा ज्वेल्स ऑफ इंडिया रिटेल ज्वेलरी की ब्रांड अंबेसडर भी बनी। द कॉस्मेटिक कंपनी ‘मेंबिलिन’ ने उन्हें अपना इंटरनेशनल स्पोक्स पर्सन भी बनाया। इस तरह मॉडलिंग की दुनिया में अपार सफलता पाने के पश्चात दीपिका ने अभिनय की तरफ रुख किया। सर्वप्रथम उन्होंने म्यूजिक वीडियो ‘नाम है तेरा’ में बतौर स्टार काम किया (हिमेश रेशमिया कृत स्वतंत्र पॉप एल्बम ‘आपका सुरूर में’)। लंदन में ही हिमेश रेशमिया की इसी फिल्म ‘आप का सुरुर’ का मुहूर्त अटेंड करने आई दीपिका से मेरी पहली मुलाकात हुई थी। ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ है कि दीपिका ने 2006 में एक कन्नड़ फिल्म ‘ऐश्वर्या’ में एक्टर उपेंद्र के साथ डेब्यू किया था। फिर 2007 (आज से ठीक 10 वर्ष पहले) में, फराह खान कृत फिल्म ‘ओम शांति ओम’ में, शाहरुख खान के साथ उन्होंने हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया। उसके पश्चात दीपिका ने ‘बचना ए हसीनो’, ‘चांदनी चौक टू चाइना’, ‘कार्तिक कॉलिंग कार्तिक’, ‘हाउसफुल 2’, ब्रेक के बाद, ‘लव आज कल’, ‘खेलें हम जी जान से’, ‘लफंगे परिंदे’, ‘कॉकटेल’, ‘यह जवानी है दीवानी’, ‘देसी बॉयज’, ‘रामलीला’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘कोचादियान’, ‘फाइंडिंग फैनी’, ‘तमाशा’, ‘पीकू’, ‘हैप्पी न्यू ईयर’, ‘बाजीराव-मस्तानी’, वगैरह में काम किया। साथ ही हॉलीवुड फिल्म ‘XXX रिटर्न ऑफ जेंडर केज’ में विन डीजल के साथ भी उनकी फिल्म आई। आपको ‘फाइंडिंग फैनी’ और ‘बाजीराव-मस्तानी’ में काफी जबरदस्त रिव्यूज मिलें, आगे क्या? मैं अपनी अगली पेशकश ‘पद्मावती’ के लिए बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, जिसमें मैं ‘बाजीराव मस्तानी’ के बाद, फिर एक बार रणवीर सिंह के ऑपोजिट काम कर रही हूं, हमारे अलावा इसमें शाहिद कपूर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा मैं दिनेश विजान कृत ‘राब्ता’ में भी काम कर रही हूं। फराह खान कृत अपनी पहली फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से लेकर संजय लीला भंसाली कृत ‘पद्मावती’ तक आप में क्या बदलाव आए? पर्सनली मुझे नहीं लगता कि मैं कहीं भी बदली हूं हालांकि लोग कभी-कभी मुझे अलग ढंग से समझते हैं। बतौर एक्ट्रेस मैं कहूंगी कि मुझे मेरी हर एक फिल्म (फराह खान कृत ‘ओम शांति ओम’ से पहले ही मैं कन्नड़ फिल्म ‘एश्वर्या’ से डेब्यू कर चुकी थी) ने सीखने का एक अनुभव दिया है। मेरे ख्याल से हर फिल्म हमको कुछ न कुछ सिखाती है। आज मैं कैमरे का सामना करते हुए बहुत ज्यादा कंफर्टेबल महसूस करती हूं। बतौर एक्ट्रेस आपकी एप्रोच क्या है? फ्रैंक ली मैं कहूंगी कि मैं अपनी प्रत्येक भूमिका के साथ प्रयोग करने की कोशिश करती हूं। हर एक अभिनेता या अभिनेत्री की अपनी कुछ कठिनाइयां और चुनौतियां होती है, जब वे कोई कठिन भूमिका निभाने को होते हैं। जो मेरी कठिनाइयां या चुनौतियां है वह शायद दूसरे किसी की ना भी हो। हमें अपनी भूमिका को सटीक तौर पर, अपने व्यक्तिगत इंस्टिंक्ट और अनुभव से निभाना होता है, जिसके तहत हम बतौर एक्टर विकसित होते रहते हैं। मैं अमूमन तौर पर अपने स्क्रिप्ट को बार-बार पढ़ती हूं और अपने को-स्टार के साथ रिहर्सल करती हूं, इंप्रोवाइज करती हूं, लेकिन आखिर कैमरे के आगे वैसा ही करती हूं जैसा मेरा निर्देशक चाहता है। आज की तारीख तक आपके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती क्या रही? हकीकत के जीवन में, मेरे लिए अपने माता पिता से अलग और कंफर्ट जोन बेंगलुरु से दूर आकर मुंबई में अकेले कैरियर शुरू करना सबसे बड़ी चुनौती थी। एक और चुनौती, बतौर एक्ट्रेस यह भी थी और है कि मेरी फिल्में देख कर दर्शक मुझे प्यार करें तथा यह ना समझ बैठे की जो रोल मैं निभा रही हूं, हकीकत में मैं वैसी ही हूं। क्या आपको लगता है कि बतौर एक्ट्रेस बुलंदी पर पहुंचने के लिए किसी की बैकिंग की जरूरत है? जी नहीं, मुझे नहीं लगता है कि टॉप पर पहुंचने के लिए, या जो आप चाहते हैं, वह हासिल करने के लिए किसी की बैंकिंग की जरूरत होती है। यहां तो सिर्फ मेहनत और प्रतिभा ही काम आती है। मैं लक्की थी कि मुझे फराह खान कृत फिल्म ‘ओम शांति ओम’ जैसी भव्य लॉन्चिंग मिली। आपके लिए फिल्म ‘यह जवानी है दीवानी’ में रणबीर कपूर के साथ रोमांटिक लीड करना कितना कठिन था? क्योंकि आपका एक समय उनसे रिलेशनशिप था जो बाद में टूट गया? मैंने उस फिल्म में, एक सिंपल नेक्स्ट डोर गर्ल टाइप की भूमिका की थी। मध्यांतर के बाद मैं अपने रोल के साथ आइडेंटीफाइड हुई। अगर आप जानना चाहते हैं कि हम दोनों, एक दूसरे के साथ सामना और काम करते हुए ऑकवर्ड फील कर रहे थे या नहीं तो मैं बता दूं, की पहली बात तो यह है कि अगर हमारे बीच ऐसी असमंजस की भावना होती तो हमें इकट्ठा कास्ट ही नहीं किया जाता। मेरे ख्याल से रणबीर और मैं दोनों, दो मैच्योर व्यक्ति होने का क्लासिक एग्जांपल है, जो कभी रिलेशनशिप में होने और वह संबंध टूटने के बाद भी दोस्त बने रहे। आज के दर्शक, बहुत ही बड़े दिलवाले हैं और स्टार्स के पर्सनल जीवन की घटनाओं को भुलाकर उनकी अगली फिल्मों की बेसब्री से इंतजार करते हैं। #bollywood latest news in hindi #bollywood news #Deepika Padukone #deepika padukone movies #deepika padukone interviews #deepika padukone photos #deepika padukone news today #padmavati movie हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article