यहां मेरा कोई गॉड फादर नहीं- मनिषा सक्सेना By Mayapuri Desk 20 Oct 2021 | एडिट 20 Oct 2021 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर प्रियंका चोपड़ा को अपनी प्रेरणा मानने वाली अदाकारा मनिषा सक्सेना किसी परिचय की मोहताज नही है। वह ‘पहरेदार पिया की’, ‘रिष्ता लिखेंगे हम’ और ‘राधा कृष्णा’ सीरियलों में अभिनय कर अपनी पहचान बना चुकी हैं। इन दिनों वह सीरियल ‘मन सुंदर’ में अभिनय कर रही हैं, जो कि 18 अक्टूबर से “दंगल” टीवी पर रात साढ़े आठ बजे प्रसारित होगा। प्रस्तुत है मनिषा सक्सेना से “मायापुरी” के लिए हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंष... आपके घर में कला का माहौल था? मेरे पिता जी तो एअरफोर्स में हैं, मगर मेरी मां आभा सक्सेना की वजह से कला का माहौल रहा है। मेरी मां गायक व लेखक होने के साथ ही ‘आल इंडिया रेडियो’ पर काम किया है। वह कहानियां लिखती हैं। लेकिन मेरे पूरे खानदान में कोई भी षख्स ऐसा नही है, जो कि अभिनय या नृत्य से जुड़ा हो। हम लोग कायस्थ हैं। तो हमारे यहां षिक्षा को ज्यादा महत्व दिया जाता है। हमारे यहां आईएएस बनने या आईटी जाने की बातें ही की जाती हैं। मगर मुझे बचपन से ही अभिनेत्री ही बनना था। ऐसा क्या था, यह तो मैं भी नही जानती। लेकिन मैं हर किसी से कहती थी कि मुझे अभिनय करना है। तब मेरी मां कहती थी कि ,’बड़ी होने पर तेरे सिर से यह भूत उतर जाएगा।’ वैसे भी हमारे खानदान में बेटियों को फिल्मों में नही भेजा जाता। जब मैं दूसी कक्षा में थी, तभी से मुझे स्टेज पसंद था। मैं तो अक्सर सटेज पर ही मौजूद रहती थी। मैं बचपन से हरमोनियम बजाती आ रही हॅू। मुझे एंकरिंग का भी शौक हैं। मैं अभी भी समय हो और अच्छा अवसर हो,तो एकरिंग करती हॅूं। 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैने एक वर्ष तक ‘इंडिगो एअरलाइंस’ में एअरहोस्टेस भी रही। यह सब मेरी जिंदगी में अपने आप ही होता रहा। फिर मैने माॅडलिंग की। मैने कई पत्रिकाओं के लिए कैटेलाॅग षूट किए। मेरा षुरू से ही मानना रहा है कि ऐसा काम करो, जो दिल से खुषी दे। जब मन खुष हो तो चाहे जितने घंटे काम किया जाए,थकावट नहीं होती। आप एअर होस्टेस की नौकरी करके अच्छा धन कमाने के साथ ही स्थिर जिंदगी जी सकती थी, फिर भी आपने असुरक्षा से भरपूर अभिनय के क्षेत्र को कैरियर बनाने की सोची? फिल्मों से जुड़ने के लिए मैने उन्नीस वर्ष की उम्र में एअर होस्टेस की नौकरी की थी। देखिए, बाॅलीवुड में मेरा कोई गॉड फादर नही है। मेरे पहचान वाला कोई नही है। मुझे पता ही नहीं था कि फिल्मों से कैसे जुड़ा जाए। पर मैने फिल्मों में देखा था कि एअर होस्टेस होती हैं और फिल्म निर्देषक आते हैं तथा उन्हे अपने साथ ले जाकर हीरोईन बना देते हैं। मैने सोचा था कि मेरे साथ भी ऐसा कुछ होगा। लेकिन हुआ नही। एअर होस्टेस की नौकरी के ही दौरान मुझे किसी ने बताया कि मुंबई जाना पड़ेगा। पोर्टफोलियो बनाना होगा और निर्माता निर्देषकों से संपर्क करना होगा। अंततः 2016 में मैं मुंबई आयी। मैने दिल्ली में माॅडल के तौर पर आॅटो एक्स्पो में हिस्सा लिया था, जिसके लिए मुझे पचास हजार रूपए मिले थे। मेरे दोस्तो ने दिल्ली से मंुबई की टिकट भी करा कर दी थी। मुंबई में शुरुआत के कुछ माह बहुत तकलीफ हुई। मुझे पता ही नहीं था कि कैसे लोगों से मिला जाए। लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ, तो मुझे अपने आप पर गर्व होता है। तो अभिनय की शुरुआत कैसे हुई? मुझे सबसे पहले सीरियल “दिया और बाती हम” में एक दिन का रिपोर्टर का किरदार निभाने का अवसर मिला था। वास्तव में मैने एक विज्ञापन पढ़ा कि सात दिन की वर्कषाॅप एंड गारेंटेड वर्क।’ मैने उस सात दिन के वर्कषाॅप का हिस्सा बनी, जिसके चलते मुझे एक दिन का यह काम मिला था। सेट पर मैने पहली बार कैमरे का सामना किया। निर्देषक मेरे काम से खुष हो गए। उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वह दूसरे निर्माता निर्देषक को मेरा नाम सुझाएंगे। उन्होने षषि सुमित मित्तल को मेरी प्रतिभा के बारे में बताया और षषि सुमित मित्तल ने मुझे बुलाकर सीरियल “पहरेदार: पिया की” में मेन लीड का आफर दिया। लेकिन उन्हे इसके लिए 18 वर्ष की लड़की चाहिए थी, जब मैं उनसे मिली,तो उन्हें मैं 18 वर्ष की नजर नही आयी। तब मैने “पहरेदारः पिया की” में मेनलीड की बड़ी बहन का किरदार निभाया। इसके बाद ‘रिष्ता लिखेंगे हम नया’ किया। फिर सब टी वी के रोमेंटिक कॉमेडी सीरियल ‘मंगलम दंगलम’ में नगेटिब किरदार निभाया। इसके बाद ‘स्टार भारत’के सीरियल “राधाकृष्णा” में जामवती का किरदार निभाया और अब सीरियल “मन सुंदर” कर रही हॅूं, जो कि 18 अक्टूबर से “दंगल” टीवी चैनल पर आएगा। पर धार्मिक सीरियल “राधाकृष्ण” करते समय एक इमेज में बंधने का डर नही सताया? डर था, मगर मैने सोच लिया था कि इसके बाद कुछ अलग तरह का किरदार कर अपनी ईमेज तोड़ दॅूंगी। मैंने अब तक हर सीरियल में अलग तरह के ही किरदार निभाए हैं। अब मैं ‘मन सुंदर’ कर रही हूँ, तो लोग देखना चाहेंगे कि जामवती , पूरे समय जो लहंगा चोली, सिर पर दुपट्टा,पत्थर की ज्वेलरी पहनकर घूमती हैं, वह अब रितु के किरदार में कैसी नजर आ रही है। मैं तो आगे पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार भी निभा सकती हॅूं। एक कलाकार के तौर पर मेरे लिए यह मजेदार होगा कि मैं किस किरदार को कैसे निभाउं। आप सीरियल “मन सुंदर” में भाभी का किरदार करने की क्या वजह रही? यह सच है कि पहले मैं ‘मन सुंदर’ में भाभी का किरदार नही निभाना चाहती थी। मैं तो मेनलीड वाला सीरियल ही तलाष रही थी। लेकिन जब मुझे बताया गया कि इस सीरियल में मेरा किरदार असल जिंदगी से काफी अलग है। तो मुझे लगा कि जो मैं निजी जिंदगी में नही हूँ वह निभाना मेरे लिए चुनौती होगी। इसलिए मैने इससे जुड़ना स्वीकार किया। सीरियल “मन सुंदर” क्या है? सीरियल का नाम अपने आप में ही सब कुछ बयां करता है। निजी जीवन में मैं भी गोरी नही हॅूं। हमारे यहां कहा जाता है कि यह लड़की कितनी गोरी है। यहां पर गोरी लड़कियों को ही प्राथमिकता दिया जाता है। वह लड़की गोरी है, मगर उसका मन कैसा है,यह हम कैसे जानेंगें? वह आपको कैसे रखेगी? यह चेहरे की खूबसूरती से नहीं पता चलेगा। यह सीरियल सवाल उठाता है कि हम लड़कियों का मन की बजाय सिर्फ चेहरे की सुंदरता ही देखते हैं? यह सीरियल कहता है कि मन की सुंदरता को ही ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। मैं हर मां बाप को संदेष देना चाहॅूंगी कि वह अपने बच्चों पर बेवजह दबाव न डालें कि वह काले हैं या बदसूरत हैं? बचपन से ही अपने बच्चों का आत्म विष्वास न गिराएं। क्योंकि हर इंसान के लिए उनका हर बच्चा सर्वश्रेष्ठ है। सीरियल “मन सुंदर” के अपने किरदार पर रोषनी डालेंगी? इसमें मैंने रितु का किरदार निभाया है। विवाह करने से पहले वह मषहूर मॉडल थी। उसका रहन सहन, खान पान व दोस्त वगैरह सब बहुत अलग हैं। अब उसका विवाह ऐसे परिवार में हुआ है, जो कि बहुत ट्रेडीषनल है। अब वह रितु जो पहले आत्म विष्वासी थी, छोटे कपड़े पहनती थी, वह अब सूट व साड़ी पहनने लगी है। वह सिर पर दुपट्टा रखने लगी है। उसने अपना रहन सहन बदल लिया है। अब षांत रहने लगी है। वह परिवार के हर सदस्य का किस तरह से ख्याल रखेगी? क्या करेगी? यह सब देखने लायक होगा। 2016 से 2021 के पांच वर्ष के कैरियर को किस तरह से देखती हैं? मुझे इस बात का गर्व है कि मैं जिस मुकाम पर भी हॅूं, वह सब अपने बलबूते पर पाया है। यहां मेरा कोई गॉड फादर नही था। हो सकता है कि गॉड फादर होता, तो मेरा मुकाम कुछ और होता। कोरोना महामारी के वक्त हमने काफी तकलीफें सही। मेरे मासिक चेक नही आते हैं। जब काम नही होता है, तो कई तरह की समस्याएं आती हैं। कलाकार के तौर पर मेेरे डस्की चेहरे के चलते काम नहीं मिला। लोग कहते थे कि उन्हें गोरी लड़की चाहिए। ऑडीशन में लिखा होता था ‘वेरी फेअर लड़की चाहिए।’। मैं गोरी नही हॅूं, इसलिए मुझे मेरे कई पसंदीदा किरदारों को निभाने से वंचित होना पड़ा। पर मेरा मानना है कि जब ईष्वर मेरा चयन करेगा, तो कोई कुछ नहीं कर पाएगा। आपने कोरोना महामारी और लॉक डाउन के दिनों में क्या किया? शुरुआत में कुछ दिन काफी परेषानी में गुजरे। फिर मैने कत्थक नृत्य सीखना षुरू किया। मैने अपने आप पर काम किया। खुद को फिट किया। घर पर बैठकर जितनी कसरत की जा सकती थी, वह सब किया। योगा और मेडीटेषन किया। पहले मैं बहुत गुस्सैल स्वभाव की थी,पर मेडीटेषन और योगा से षांत रहने लगीं। अब मुझे गुस्सा नही आता। आपके शौक क्या हैं? मुझे ट्रेवेल करना पसंद है। पढ़ना पसंद है। खाना बनाना पसंद है। मैं हर तरह की किताबें पढ़ती हूँ। इन दिनों मैं क्रिस्टल के बारे में पढ़ रही हॅूं। हिंदूजिम के बारे में पढ़ रही हॅूं। मां व भाई अच्छा लिखते हैं। मैं लिख नही पाती। आपके भाई क्या करते हैं? मेरा भाई अक्षत सक्सेना अच्छा लिखता है। वह एड के जिंगल्स बनाता है। वह म्यूजीषियन है। वह बेहतरीन गिटार वादक है। मुझसे छोटा है और कालेज की पढ़ाई कर रहा है। वह रचनात्मक इंसान है। आप फिल्में करना चाहेंगी? जरुर करना चाहॅूंगी। फिल्मों में एक्सपोजर भी करना पड़ सकता है? अगर वह किरदार को न्याय देता है, तो मुझे कोई परहेज नहीं होगा। देखिए यदि मैं मॉडल हॅूं, तो बिकनी पहनना ही होगा। जबरन छोटी पोषाक नही पहन सकती। मेरी प्रेरणा तो प्रियंका चोपड़ा हैं। वह भी मेरी ही तरह आर्मी बैकग्राउंड से हैं। #about Manisha Saxena #interview about Manisha Saxena #Manisha Saxena #Manisha Saxena in man sundar #Manisha Saxena in man sunder #Manisha Saxena interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article