-लिपिका वर्मा
अहान शेट्टी किसी तारीफ के मौहताज नहीं है वह, ‘तड़प’ से बॉलीवुड में भले ही अपना डेब्यू कर रहे हो, सुनील शेट्टी (आन्ना),के बेटे है तो फिल्मी गलियारों में उनकी चर्चा बनी रही! उन्होंने फिल्मों में आने से पहले निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म, ‘दिलवाले’ में 15 दिन बतौर अस्सिटेंट काम किया और अरुण धवन की फिल्म में एक गाने के दौरान बतौर अस्सिटेंट काम कर बड़े पर्दे की तकनीकियों के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त किया! खैर साजिद नाडियाडवाला के प्रोडक्शन तले बन रही फिल्म उन्हें ऑडिशन के बाद ही मिली! वैसे उनके किसी जानकार अंकल ने साजिद को अहान की एक शो रील भेजी और उसके बाद साजिद ने उनसे पूछा -क्या तुम्हे एक्टिंग करना आता है? अहान ने तब अपना एक वीडियो उन्हें भेजा और उसके बाद क्या हुआ, यह सब हम जानते है। वह, ‘तड़प’ में बतौर सोलो हीरो नजर आएंगे उनके अपोजिट तारा सुतरिया है। फिल्म इस हफ्ते 3, दिसंबर 2021 को रिलीज है.फिल्म साजिद नाडियाडवाला प्रोडक्शन द्वारा और निर्देशक मिलन लुथरिआ की पेशकश है यह फिल्म! देखना होगा यह फ्रेश/सेक्सी जोड़ी बॉक्स ऑफिस पर क्या गुल खिलाती है!
जल्द आप अपने आप को बड़े पर्दे पर दिखेंगे क्या कहना है इस बारे में आपको?
मुझे साजिद सर और मिलन सर का इतना बड़ा सपोर्ट मिला है। और साथ ही तारा के साथ काम करने का मौका मिला है ,मुझे बहुत उत्सुकता है ,इस फिल्म को सभी दुनिया के सामने लाने हेतु।
आप को हीरो का रोल कैसे मिला? क्या हमेशा से आप फिल्मों में काम करना चाहते थे?
दरअसल में 2014 में ग्रेजुएशन पूरी की और ट्रेनिंग भी शुरू की। मेरा डांस और एक्शन का वीडियो साजिद सर ने देखा और उन्हें बस यही जानना था कि, मुझे एक्टिंग आती है या नहीं। बस मैंने अपने स्कूल के समय और बाकि सब एक डीवीडी में डाल कर उन्हें भेज दिया! मुझे ऑडिशन के लिए बुलाया गया और मैंने ऑडिशन दिया! मिलन सर ने मुझे और तारा को, ‘डर्टी पिक्चर’ का एक सीन करने को कहा और हम दोनों की केमेस्ट्री उन्हें पसंद आयी सो उसी समय हम दोनों को फाइनल कर लिया गया!
आपने एक्शन और इमोशनल सीन बहुत अच्छी तरह से परफॉर्म किए है, क्या बचपन से आप एक्टिंग करने में शौक रखते थे?
जब मैंने स्कूल में ड्रामा करना शुरू किया, तब से मुझे एक्टिंग से प्यार हो गया। एक्टिंग मेरे लिए चिकित्सकीय रही ,क्योंकि मैं कुछ अंतर्मुखी व्यक्तित्व का धनी हूँ! शर्मिला भी बहुत हूँ, अब तो एक्टिंग की वजह से थोड़ा सा बहिर्मुखी हो गया हूँ! पहले मेरे सारे इमोशंस अपने अंदर ही रख लिया करता। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब मैं कम से कम पर्दे पर अपनी भावनाओं को और क्रोध को अच्छी तरह से पेश कर सकता हूँ! सभी की मनो-स्थिति में-दुखी,फ्रस्ट्रेशन्स, जीवन का उतार-चढ़ाव भी फील होता है सो यहसब पर्दे पर एक्टिंग करते हुवे मैंने अच्छी तरह से सीख लिया है! सो ‘तड़प’ में मैंने अपनी तरफ से बहुत मेहनत की है, अब दुनिया के सामने फिल्म पेश हो रहे है! आशा करता हूँ सभी को मेरा काम पसंद आये!
आपके और तारा के किसिंग सीन को लेकर काफी चर्चा है, कैसे कर पाये यह सीन?
वैसे मैंने ऑडिशन सीन में ही ,’डर्टी पिक्चर’ का एक सीन किया था! जो हमें मिलन सर ने दिया था। पहले-पहले तो मुझे थोड़ा नर्वस फील हुआ और शुरुआत में सीन करते हुए मैं थोड़ा कांपने भी लगा था! लेकिन, तारा और मैं जल्द ही कम्फर्टेबल हो गए। अतः यह किसिग सीन बहुत सरलता से हम कर पाए! वैसे भी बहुत बड़ी टीम होती है सेट पर जिनका हमें बेहद सपोर्ट भी रहा।
बॉलीवुड एक बहुत ही बड़ा कम्पटीशन का मैदान है इस पर क्या कहना चाहेंगे आप?
मुझे ऐसा नहीं लगता कि बॉलीवुड में कम्पटीशन है, सभी मिल झूल कर अपना काम करते है। और मैं किसी के लिए कम्पटीशन नही हूँ। अभी तो सब शुरू हुआ है देखना है और कैसे? क्या कुछ मुझे करना होगा? मैंने सिर्फ मेहनत करनी है और अपना बेस्ट फुट आगे रखना है यह मेरी चाह है। जो काम दूसरे कर रहे है और हमारी इंडस्ट्री को आगे ले जा रहे है वो भी काबिले तारीफ है! यह हम सभी एक्टर्स एवं टेक्नीशियन के लिए बेहद अच्छा समय है! और ओटीटी भी एक नया प्लेटफाॅर्म आ चुका है सो काम की किसी को भी कमी नहीं होगी।
आपने कुछ समय के लिए निर्देशक रोहित शेट्टी के साथ बतौर असिस्टेंट काम किया, क्या कुछ सीखा उनसे?
जी हाँ ,फिल्म ‘दिलवाले’ के समय कुछ 15 दिनों तक उनके साथ काम किया! लेकिन मैं चैथा असिस्टेंट था! मैंने सिर्फ अपना काम किया सेट पर उनसे ज्यादा बातचीत नहीं होती थी पर हाँ मैंने हमेशा शाहरुख खान, सर और रोहित शेट्टी सर के काम करने के तरीके को देखा और उनसे बहुत कुछ सीखा भी! वरुण धवन की फिल्म ‘जुड़वा’ के समय एकसंग के लिए मैंने बतौर अस्सिट काम किया और जाना कि, किस तरह वो सीन में चले जाया करते और बाहर भी जल्द ही निकल आते! एक्टर्स कितनी जल्दी स्विच ऑन एवं ऑफ कर लेते है अपने आप को, यह भी सीखने योग है!
आप बतौर हीरो लांच हो रहे है क्या आप में हेरोइस्म के कुछ लक्षण आ गए हो?
एक हीरो की तरह सेट पर मैं एंट्री के बारे ऐसा मैं कभी भी नहीं सोचा। मुझे ऐसा लगा की एक टीम है जो सब मिलकर फिल्म बना रही है और उस टीम मंे, मैं भी हिस्सा हूँ। फिर चाहे वह एक लाइट मैन हो या स्पॉट दादा सभी को एक सम्मान मिलना अनिवार्य होता है ।मैंने कभी भी हीरो हूँ ऐसी भावना अपने मन में नहीं आने दी है। लोगों का प्यार और आदर को मुझे अपने सर चढ़ने नहीं देना है कभी। बस मेरे पिताजी ने जैसे कहा है मुझे, ‘आपको मन लगाकर काम करना है यदि अच्छा काम नहीं कर पाए तो अच्छा ह्यूमन बीइंग बने रहना जरूरी है।
टाइगर श्रॉफ भी एक्शन हीरो माने जाते है और साजिद नाडियाडवाला प्रोडक्शन की फिल्में भी की है, क्या उनके लिए आप कॉम्पिटिटर है?
तुलना एक बहुत ही हेल्दी रिएक्शन होता है! टाइगर श्रॉफ मेरे अच्छे दोस्त है! और बहुत ही फेमस भी है! वह बहुत मेहनती भी है उन्होंने अपने काम से अपनी एक पहचान बनाई है। मुझे बस अपना काम सही ढंग और मेहनत से करना है और सभी के पास ढेरों काम है।