लिपिका वर्मा : अपनी डेब्यू फिल्म “पल पल दिल के पास“ सनी देओल (पापा) द्वारा निर्देशित विजेता फिल्म प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म के प्रोमोशन्स में जुटे हुए हैं। ‘पल पल दिल के पास’ बहुत जल्द सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है।
पेश है करण देओल के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश :
आपकी पहली फिल्म है। बॉक्स ऑफिस प्रेशर है क्या आपको?
- देखिये, मैंने फिल्मी दुनिया में पदार्पण करने से पहले मेंटली अपने आप को बहुत तैयार कर लिया था। फिल्मी परिवार से बिलॉन्ग करता हूँ। सो आलोचना के लिए तैयार हूँ। हर किसी का अपना मत होता है। बस पापा ने यही कहा है मुझे- फिल्म में काम करने से आपकी ग्रोथ (विकास) होती है। सो आप अपना काम ईमानदारी से करो। और दादाजी (धर्मेन्द्र) ने भी यही कहा है और साथ में उन्होंने यह भी कहा कि आप हमेशा काम करते समय अपने सह-कलाकार को अपना बेहतरीन रिएक्शन दीजिये। इससे फिल्म का दृश्य अच्छा लगता है।
आगे करण कहते हैं, ’फिल्म रिलीज़ होने के बाद यह भी तय है कि - कुछ लोगों की राय में उन्हें फिल्म अच्छी लगेगी और कुछ इसके विपरीत राय रखेंगे। सो हर इंसान को अपनी राय देने की आजादी है। मैंने अपना काम अच्छी तरह से किया है और आशा करता हूँ जिस तरह मेरे पापा और दादाजी को सबने प्यार दिया, वही प्यार मुझे भी दे। हमें दूसरों की राय की भी इज्जत करनी चाहिए और अपनी राय की सहमति भी लेकर आगे बढ़ना चाहिए हमें इस फिल्म के बाद मैं आगे बढ़ जाऊं यही मेरी इच्छा भी है। कैमरे के सामने काम करना जरुरी होता है। हर इंसान काम करते हुए खुश रहता है।
देओल परिवार से है क्या कुछ सीखा है लो फेज में लाइफ के बारे में भी कुछ सीख मिली होगी?
- जी हाँ! मैंने अपने चाचा को लो फेज में देखा है। चाचा जी और दादाजी को मैंने शराब का सहारा लेते हुए देखा है। मैंने यही सीखा है- लो समय में हमे शराब जैसी चीज़ का सहारा लेकर रिलैक्स फील नहीं करना है। हमें लगता है कि मदिरा हमें शांति प्रदान करती है। लेकिन ऐसा नहीं है। वह आपको और लो कर देती है। और आपका काम करने में मन नहीं लगता है। सो जब कभी आपका समय अच्छा नहीं हो, आपको अपना जीवन कठिन लगने लगे तो काम करके आगे बढ़ने की मंशा रखनी चाहिए। मदिरा का सहारा नहीं लेना चाहिए। मैंने अपने घर में यह सब देखा है। इसलिए मैं एकदम, ’टी टॉटेलर’ हूँ। मैं मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करता हूँ।
आपकी डेब्यू फिल्म “पल पल दिल के पास“ रोमांटिक फिल्म कह सकते हैं?
- जी हाँ मेरी पहली फिल्म “पल पल दिल के पास“ रोमांटिक फिल्म है। किन्तु जब यह सीधा सादा लड़का दुनिया को झेलता है तब फिल्म में कुछ एक्शन सीन्स भी है सो यह एक्शन पेश करती हुई फिल्म भी कही जा सकती है।
आपका छोटा भाई राजवीर भी फिल्मों में बतौर अभिनेता लांच होना चाहते हैं ?
- देखिये फ़िलहाल वह मेरी फिल्म ’पल पल’ में पापा के साथ असिस्ट कर रहे थे। फिल्मों में प्रवेश की तैयारी तो करने ही वाले हैं राजवीर... मैं उनका बड़ा भाई हूँ सो उनकी हर समय मदद करूंगा। वह भी सेट पर ख्याल रखते थे। हम दोनों में असीम प्रेम भी है। साथ-साथ पले-बड़े हुए हैं वह मेरे सबसे घनिष्ठ मित्र भी हैं। मेरे फिल्मी दुनिया में कोई भी दोस्त नहीं है।
आप लंदन में भी काफी समय तक रहे हैं?
- जी हाँ, मेरे नाना - नानी लंदन से हैं। अब मेरी नानी अकेली रह गयी है। मेरे नानाजी का देहांत हो गया है। मैं क्रिसमस मनाने शायद लंदन जाऊं। काम की व्यस्तता के कारण मैं लंदन नहीं जा पाता हूँ। पर हाँ, अपनी नानी से हर दिन फ़ोन पर वार्तालाप करता हूँ। और उनको अपनी फिल्म ’पल पल दिल के पास’ की डी वी डी भी जरूर भेजूंगा...
आपको शादी के लिए किस तरह की लड़की पसंद है?
- मुझे सीधी - सादी सिंपल सी लड़की पसंद है। मुझे ज्यादा मेकअप लगाने वाली लड़की पसंद नहीं आती है। ऐसी लड़की जो इमोशनली और पर्सनल लेवल पर हम से जुड़ सके।
अच्छा तो आप सिंगल हैं क्या?
- हंस कर बोले, ’बस इतना बता देता हूँ कि मेरे जीवन में कोई लड़की है। “आई एम नॉट सिंगल!’’
अच्छा यह लड़की लंदन से है या इंडिया से?
- वहीं से! करण भ्रमित सा जवाब देकर आगे बढ़ गए। बस अब हमें यह जानने के लिए इंतज़ार करना होगा कि करण जिस लड़की से मोहब्बत करते हैं वह लंदन से है या भारत से ?