मैं अलग तरीके से बदला लेती हूं- तापसी पन्नू By Shyam Sharma 08 Mar 2019 | एडिट 08 Mar 2019 23:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर साल 2016 में पिंक फिल्म से तापसी पन्नू और अमिताभ बच्चन की एक्टिंग ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। कोर्ट रूम ड्रामा को लोगों ने काफी पसंद किया था। अब साल 2019 में एक बार फिर से दोनों फिल्म बदला में एक साथ नजर आ रहे हैं। फिल्म का निर्माण सुपरस्टार शाहरुख खान के रेड चिली प्रोडक्शन ने किया रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहीं तापसी पन्नू अदाकारी में कामयाबी के हर पैमाने पर खरी साबित हो चुकीं हैं। उनके पास एक वेडिंग प्लानिंग कंपनी है। एक बैडमिंटन टीम भी है। एक्टिंग उनके लिए सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं है इसीलिए वह अपने किरदारों को लेकर बेधड़क हैं, बेबाक हैं। सुजॉय घोष की क्राइम थ्रिलर फिल्म बदला के प्रमोशन के दौरान तापसी पन्नू से खास बातचीतः मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर बदला में दर्शकों को क्या दिखाने जा रही हैं? मैं पहली बार इस ज़ोनर की फिल्म कर रही हूं। कापफी समय से बॉलीवुड में कोई मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर नहीं आई है। ये बहुत ही पुराना जॉनर है जो कुछ समय से कहीं गुम गया है। काफी समय बाद ऐसी फिल्म आ रही है। मुझे विष्वास है कि इसे देखने के बाद दर्शकों को मुझ पर गर्व होगा। मैं हमेशा से कहती आई हूं और आज भी यही कहूंगी कि ऑडियंस मुझ पर विश्वास करे कि अगर मैंने कुछ किया है तो सोच समझकर ही किया होगा। आपकी नज़र में फिल्म की यूएसपी क्या है? यही कि जब तक फिल्म खत्म ना हो जाए तब तक अपनी सीट से ना उठें। इसी में आपको यूएसपी मिल जाएगी। अगर आप फिल्म के बीच में 30 सेकेंड के लिए भी उठकर गए तो वो आपके लिए बहुत भारी पडने वाला है क्योंकि आपउस समय में फिल्म का बहुत कुछ मिस कर सकते हैं। ये कह सकती हूं कि इसे देखने के बाद आपका फिल्मों को देखने का नजरिया बदल जाएगा। अमिताभ बच्चन के साथ आपकी कैमिस्ट्री कापफी शानदार हो चली है। उन्हें कितना जान पाई हैं? अमिताभ बच्चन को उनके आस-पास के लोग अकसर भगवान की तरह ट्रीट करते हैं जिसके कारण कई बार वो खुद बहुत असहज महसूस करते हैं। मैं बाकी को-स्टार्स की तरह अमिताभ बच्चन के साथ हमेशा सामान्य तरीके से पेश आती हूं। यही वजह है कि हम दोनों ने जितना भी वक्त साथ में बिताया है वो काफी रिलैक्सिंग रहा है। उनके साथ इस तरह बॉन्ड का शेयर करना अपने-आप में बहुत खास है। क्या जीवन में बदला लेना भी जरूरी है? कोई भी इंसान जो बदले की भावना नहीं रखता वो इंसान नहीं बल्कि भगवान है। बदला लेना इंसान का एक बहुत ही नेचुरल इमोशन है। ये अलग बात है कि उम्र के साथ हमारा बदला लेने का तरीका बदल जाता है। कई बार कुछ चीजें हमें इस तरह से लग जाती हैं जिसे हम भूल नहीं पाते, जब लगता है कि अपने मन की शांति के लिए एक बार बदला लेकर उसे खत्म करते हैं। आपका बदला लेने का अंदाज़ या तरीका क्या है? मेरा बदला लेने का यही तरीका होता है कि तुम कुछ ऐसा करो कि सामने वाले को जवाब देने लायक ही मत छोड़ो और शायद ये बदला लेने का सबसे अच्छा तरीका होता है। क्या यह आपकी किस्मत नहीं कि कॅरियर के तीसरे साल में ही आपने अमिताभ बच्चन के साथ दो बार काम कर लिया है? मैं बहुत किस्मत वाली हूं। मौका मिलता है तो कड़ी मेहनत करती हूं। मौका किस्मत से मिलता है, इसे भुनाना अपने हाथ में हैं। बदला चुनने की खास वजह क्या रही? इस फिल्म से सबसे पहले मैं ही जुड़ी थी। अमिताभ बच्चन सर और सुजॉय घोष उस समय साइन नहीं किए गए थे। मूल फिल्म की कहानी में जो लड़का मर जाता है, मुझे वह किरदार बदला में मिल रहा था। स्पैनिश फिल्म में वकील का किरदार एक महिला ने किया, जिसके बारे में पहले दिन से तय था कि हिंदी में यह कोई पुरुष कलाकार ही करेगा। आपको यकीन नहीं होगा कि इस फिल्म को लेकर मैंने निर्देशक सुजॉय घोष से जब बात की थी तो उन्होंने साफ मना कर दिया था। फिर, वकील के रोल में अमिताभ सर आए तो उनकी ना तुरंत हां में बदल गई। आपके व्यक्तित्व की यूएसपी क्या है? मेरा बेखौफ होना ही मेरी यूएसपी है। फिल्मों में काम नहीं भी मिला तो भी मैं आर्थिक रूप से कमजोर नहीं हूं। मैं ग्लैमर के लिए फिल्मों में नहीं हूं। मैं दमदार किरदार करने आई हूं और अच्छे किरदार नहीं मिले तो मैं फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने को भी तैयार रहती हूं लेकिन, अच्छी अदाकारी के लिए मैं हमेशा काम करते रहना चाहूंगी। महिला दिवस पर आप महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं? मैं बस यह कहना चाहती हूं कि अपनी मर्जी से चलो। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा गिर जाओगी पर सीख भी तुमको को मिलेगी इसलिए खुद की सुनो। #Taapsee Pannu #bollywood #interview #Badla हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article