/mayapuri/media/post_banners/90c26c751b7c2b257b2b3443e880f9591bc9be2de07a934fcd8af1d603baa38f.jpg)
लिपिका वर्मा
इलियाना डी'क्रूज़ ने बॉलीवुड में अपने कदम तो जमा ही लिए है। किन्तु बॉलीवुड में अभी तक उनके अच्छे दोस्त नहीं बने हैं जिनसे वह सुबह 4 बजे भी मदद ले सके। उनके अच्छे दोस्त फिल्मी दुनिया के बाहर से आते है। इलियाना ने हमेशा ही अलग किस्म की फ़िल्में की है। फिल्म, 'बर्फी, और अब 'मुबारकां' एवं ,'बादशाहो 'में भी काम कर रही है।
पेश है एलीना के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश -
फिल्म, 'मुबारकां' में आप का पहला दिन कैसा रहा?
इस फिल्म में एक पंजाबी लड़की का किरदार निभा रही हूँ। मेरा पहले दिन बहुत ही मस्त, व्यस्त एवं मजेदार रहा। मुझे आज भी विश्वास नहीं होता की अनिल कपूर के अंदर इतनी एनर्जी कहाँ से आती है। वह एक मिनट भी शांत नहीं रहते है। सीन में इतना मस्ती करते हुए भी अपना शॉट बेहतरीन से बेहतरीन ही देते है। एक बात मैंने उनकी देखी और समझी भी है -उनके लिए हर दिन पहला दिन होता है। उनका जूनून देख कर बहुत अच्छा लगा और मेरे लिए भी यह एक सीख है। पहले दिन पहला सीन उनके साथ जैसे अनायास ही पूरा हो गया। मुझे ऐसा लगा ही नहीं की मैंने आज कुछ काम किया है। माहौल इतना ख़ुश गवारा था की हमें पता ही नहीं चल पहला सीन कब खत्म हो गया।
एक कमर्शियल फिल्म और मानिसक रूप से फिल्म करने में क्या अलग लगता है?
देखिये अमूमन मैंने बर्फी,और अब बादशाहो' जैसी फ़िल्में करना पसंद किया है। किन्तु पहली बारी, 'मुबारकां' जैसी कमर्शियल फिल्म कर रही हूँ। जाहिर सी बात है कमर्शियल फिल्म्स शारीरिक रुप से कुछ दबाबपूर्ण होती है। इस फिल्म में हमे लगातर ही सीन्स करने होते है और हमेशा फिजिकली तैयार रहना होता है। निर्देशक अनीस की वजह से मैंने अपना बेस्ट दिया है। पंजाबी लड़की का किरदार पहली बारी कर रहे हूँ.आशा करती हूँ मुझे बतौर पंजाबन लोग पसंद भी करें। खेर अब मानसिक रूप के दवाब वाली फिल्म 'बादशाहो' है। ... इस में मुझे इमोशनल भी होना है रोना -धोना भी करना है। .. किन्तु यह सब करना मुझे पसंद है। हालांकि यह एक इमोशनल एवं थकाऊ प्रक्रिया होती है। जिस दिन मेरा लास्ट शॉट था फिल्म,' बादशाहो' का ,और निर्देशक ने यह घोषणा की सेट पर - इलियाना का यह लास्ट शॉट है '.में जोर जोर से रोने लगी। यह इसलिए हुआ -क्योंकि, मै इमोशनल हो गयी। आज के बाद में यह किरदार नहीं करुँगी?? वैसे मुझे दोनों ही किरदार कमर्शियल एवं मानसिक रूप वाले करने पसंद है। और मौका मिले आगे तो दोना ही करना चाहूंगी।
आप अपने परिवार के बहुत क्लोज है। क्या कहना चाहेंगी आप?
देखिये मुझे बीच-बीच में अपना माता-पिता से मिलना अच्छा लगता है। पर कई बारी ऐसा होता है कि मई दोनों से नहीं मिल पति हूँ. मेरे पिताजी को ट्रेवल करना बहुत पसंद है। जबकि मेरी माताजी विदेश में कुकिंग की पढ़ई कर रही है। साथ में मेरी छोटी बहन एवं भाई भी वाह पढ़ रहे है। सो मुझे उन्हें भी मिलने जाना होता है। अपने परिवार को में बहुत प्यार करती हूँ। कई मर्तबा जब में अपनी मम्मी से मिल नहीं पाती हूँ तो वह मुझ से नाराज हो जाती है। मेरे पिताजी को हाल ही में मिल कर आयी हूँ क्यूंकि उनका जन्मदिन जो था। परिवार का साथ है इसी लिए आज में इतना कुछ कर पायी हूँ।
बतौर अभिनेत्री हमेशा मेकउप किये रहना, एयरपोर्ट पर भी मेकउप कर के जाना, क्या बहुत प्रेशर लगता है?
देखिये पहले में मेक उप और सज सवर के जाने में बहुत विश्वास रखती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। यदि मुझे स्टाइलिंग करके जान होगा तो सीधी सी बात है मुझे 2 घंटे तो चाहिए ही होंगे.लेकिन अब एयरपोर्ट पर भी पपराजी रहती है तो भी मुझे सिर्फ ऐसा लगता है कि- ठीक ठाक कपडे बहन कर जाऊं। बस इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं करती हूँ मै। मैंने न तो पहले कोई पी आर ओ भी नहीं रखा था जो मेरे आने जाने की खबर किसी को दे.अभी एक पी आर रखा है ,लेकिन वह लोग मुझे बिना करते है।
इलियाना के नदी किनारे इंस्टाग्राम के बारे में क्या कहना है आपका ?
हंस कर बोली कुछ नहीं। क्यूंकि मैं भी नदी के पास ही पैदा हुई थी (गोवा) मुझे से साइड बेहद पसंद है। से साइड पर यदि जाती हूँ तो एकतरह की शांति महसूस करती हूँ। मेरे अंदर स्थिरता आ जाती है। बहुत ही अच्छा माहौल लगता है नदी किनारे का। सो जब भी मौका मिलता है वाह चली जाती हूँ। यह इंस्टाग्राम की फोटो भी तभी की है। सो जब कभी भी समय मिलता है मै ऐसी जगह ट्रेवल करती हूँ जहाँ नदी जाने का सौभाग्य भी मिले मुझे।
आपका रिलेशनशिप स्टैटस क्या है ?
बस फ़िलहाल इतना ही कहना चाहूंगी जो है सो बहुत अच्छा है,'आयी ऍम इन हैप्पी स्पेस.'