आफ़ताब शिवदसानी (AftabShivdasani), “Poison 2“ सीरीज से डेब्यू कर रहे हैं। आफ़ताब शिवदसानी जिन्होंने फिल्मों में सभी प्रकार के किरदार बखूबी निभाए है -फिर चाहे वह कॉमेडी हो, एडल्ट कॉमेडी हो, इमोशनल किरदार हो। आज वह बॉलीवुड मैप पर एक जाने माने एक्टर है। अब पाइजन 2 सीरीज से बतौर अपना प्लेटफाॅर्म डेब्यू -ज़ी 5 पर कर रहे हैं। ‘पाइजन्स 2’ की रिलीज़ डेट 30 अप्रैल, 2020 थी जो कोविड-19 महामारी के चलते पोस्टपॉन हो गयी और अब 16 अक्टूबर 2020 को ज़ी 2 पर प्रीमियर के लिए तैयार है।
‘पाइजन 2’ में आफ़ताब कितने ज़हरीले दिखाई पड़ेंगे?
- हंस कर बोले कभी-कभी, “ज़हरीले“ होना अच्छा है न ? हर समय बस अच्छा किरदार करना जरूरी नहीं है। ‘पाइजन 3’ में दर्शकों को कुछ फ्रेश और नए चेहरे देखने मिलेंगे। मैं भी, “पाइजन 2“ से डेब्यू। पहले वाला सीरीज दर्शकों को बेहद पसंद आया था, अतः “पाइजन 2“ अब लेकर आ रहे हैं हम।
आप ने यह किरदार चुना कुछ विस्तार से बतायें?
- यह किरदार मैंने इसलिए चुना क्योंकि मुझे ऐसा किरदार बहुत समय बाद करने के लिए मिल रहा है। और यह क्राइम थ्रिलर एक बेहद ही बेहतरीन कहानी दर्शाती है। ऐसा किरदार अपने करियर की शुरुआती दौर में मैंने किया था। मैं बहुत खुश हूँ कि यह किरदार मुझे ऑफर हुआ। इस एक्शन थ्रिलर गेंरे को करते हुए मुझे बहुत आनंद आया।
इस किरदार की ख़ासियत क्या लगी आपको?
- जब यह किरदार मुझे ऑफर हुआ इसका नरेशन सुनते समय में आगे की कहानी अपने मन में बना रहा था. किंतु जैसे ही परत दर परत नरेशन खत्म होने को आया तब मुझे एहसास हुआ की यह मेरे अनुमान से बहुत ही अलग और अच्छी कहानी है। यह एक बदला लेने की कहानी है। और यह किरदार भी अत्यंत निर्दय दर्शाया गया है। दरअसल में यह क्यों बदला लेने की भावना रखता है ? और क्यों उस वक़्त उस जगह पर क्यों आता है ? यही सब इस कहानी की रूप रेखा भी है। यह किरदार एक रहस्मयी करतबों में उलझा हुआ एक बेहद ही रहस्मयी किरदार है। यही इसकी खूबसूरती भी है। जिसे करने में मुझे बेहद मजा आया। यह बखूबी लिखा गया (ऑथोर्पाकेड ) किरदार है। मैं इस किरदार के लिए चुना गया खुश हूँ।
ओ टी टी प्लेटफार्म के चलन के बारे में आपके क्या विचार है ?
- प्लेटफार्म के चलन से बहुत ढेर सारा बदलाव तो आया है। यहां पर टैलेंट बोलता है और अलग अलग बेहतरीन कहानियां चलती है इस बात से हम सभी को ख़ुशी। क्योंकि इन प्लेटफॉर्मस पर हमें काम भी मिलता है और साथ ही अच्छे किरदार भी मिल रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म की वजह से सभी एक्टर्स एवं टेक्निशंस को अपनी सीमाएँ बढ़ाने का मौका भी मिल रहा है।
डिजिटल प्लेटफार्म पर बोल्ड कहानियां भी दर्शाई इनके लिए सेंसरशिप अनिवर्य नहीं करवानी चाहिए?
- अभी ऐसी जरूरत तो नहीं लगी। यहाँ पर विषय को उसकी सीमायें अच्छी तरह क्रिएटिव तौर से देखी जा सकती है। और मैं समझता हूँ दर्शक भी इन पेशकश रम गए है। अब हम बहुत आगे निकल गए है, हाँ फिल्मों में सेंसरशिप अनिवार्य है और वहाँ वैसा है सो सही चल रहा है।
आफताब एडल्ट कॉमेडी ग्रेट ग्रैंड मस्ती यदि बने तो वापस करना चाहेंगे ?
- हंस कर बोले क्यों नहीं। मैं “ग्रेट ग्रैंड मस्ती“ पार्ट 2 यदि बने तो जरूर करना चाहूंगा। पर यह बात रिंग मास्टर, जो हमारे निर्माता/निर्देशक है उनसे पूछा जाये।
आफताब फिल्म “हंगामा“ (2003) में किन्तु, “हंगामा 2“ में नहीं है, क्या कहना चाहेंगे आप?
- मुझे ख़ुशी है कि ‘हंगामा 2’ को मेकर्स आगे लेकर जा रहे हैं। बेहतरीन फ्रैंचाइज़ी है। मेरी टीम को शुभकामनाये। और जहां तक में ‘हंगामा 2’ में नहीं कास्ट हुआ तो मैं यही कहना चाहूंगा कि निर्देशक/निर्माता निपुण है सो उन्होंने फिल्म की कहानी अनुसार ही एक्टर्स कास्ट किये होंगे।
- लिपिका वर्मा