INTERVIEW: ‘‘हमने 'ट्यूबलाइट' को कैरीकेचर या जोकर नहीं बनाया..’’ - सलमान खान By Mayapuri Desk 12 Jun 2017 | एडिट 12 Jun 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के लिए ईद के अवसर पर रिलीज होने वाली फिल्म उनकी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ कुछ ज्यादा ही खास है। इसकी वजह है। इस फिल्म के निर्माण से सलमान खान की मां जुड़ी हुई हैं, जबकि इस फिल्म में सलमान खान व उनके छोटे भाई सोहेल खान क्रमषः बड़े व छोटे भाई की भूमिका में है। सलमान खान के अनुसार फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ भले ही अंग्रेजी फिल्म ‘लिटिल ब्वॉय’ का हिंदी रूपांतरण हो, मगर यह दो भाईयों की कहानी के साथ साथ एक इमोशनल फिल्म है। फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ आपके लिए कुछ ज्यादा ही खास है? मेरे लिए यह फिल्म इसलिए खास है, क्योंकि इस फिल्म के निर्माण के साथ मेरी माँ का नाम जुड़ा हुआ है। जब मां का नाम जुड़ा हो, तो सब कुछ अच्छा ही होता है। फिर आज मैं जो कुछ हूं,उनकी दुआओं की वजह से ही तो हूं। फिल्म ‘ट्यूब लाइट’ क्या है? यह फिल्म एक अंग्रेजी फिल्म ‘लिटिल ब्वॉय’ का हिंदी रूपांतरण है। कहानी भारत व चीन के 1962 के युद्ध की पृष्ठभूमि में हैं। फिल्म में एक छोटे से गांव के रहने वाले दो भाईयों में से एक छोटा भाई भरत जंग में खो गया है, उसे ढूंढ़ने के लिए और उसे वापस लाने के लिए भोला भाला बड़ा भाई लक्ष्मण जाता है। वह शारीरिक रूप से तो कुछ नहीं कर सकता।वह बंदूक नहीं उठा सकता। पर अपने दिमाग व सच्चे दिल से अपने भाई को वापस लेकर आता है। यह फिल्म दो भाईयों के आपसी प्यार की भावनाआें से ओतप्रोत एक रोचक व मनोरंजक फिल्म है। यह फिल्म एक्शन या रोमांस या फ्लैम ब्वॉय की कहानी नहीं है। यह रीयल लोगो की कहानी है। मंदबुद्धि का बच्चा जब हमारे आस पास होता है, तो पहले लोग उसका मजाक भले उड़ाएं,पर वह सबका प्यारा होता है। आपके दफ्तर में जब कोई साधारण इंसान होता है, तो वह सबका प्यारा होता है। वह निहायत ही कमीना इंसान होगा, जो अंधे के कटोरे से पैसा चुराए। मुझे नहीं लगता कि हम अभी वहां तक पहुॅचे हैं। अब तक के करियर में आपने पहली बार भोले भाले भोंदू किस्म के इंसान का किरदार निभाया है? मैंने रोमांटिक, नेक्स्ट डोर ब्वॉय,‘तेरे नाम’ में लूजर ब्वॉय, एक्शन, बजरंगी भाईजान, प्रेम रतन धन पायो जैसी पारिवारिक फिल्म की। अब ‘ट्यूब लाइट’ में एक साधारण इंसान का किरदार है, जो दिल से मजबूत है। यहां उसकी षारीरिक ताकत की बात नहीं है। उम्र के इस पड़ाव पर ‘ट्यूबलाइट’ यानी कि भोंदू युवक का किरदार निभाना आपके लिए कितना कठिन रहा? आसान तो नहीं था। 51 साल की उम्र तक हम संसार देख चुके होते हैं। जीवन में हर तरह के लोगों के साथ संबंध होता है, हम कई तरह के अनुभवों से गुजर चुके होते हैं, जिसके चलते हम अपना इनोसेंट खो चुके होते हैं। इसलिए मैने अपने बचपन को खांगला। वास्तव में इस फिल्म को करते समय मैंने अपने स्कूल के दोस्तों को याद किया। उनके साथ की यादों को ताजा कर उनसे जुड़ने की कोषिष की फिर हमारे घर के अंदर बहुत बच्चे हैं। तो उनसे भी बहुत कुछ सीखा। लेकिन मैंने इस बात का ख्याल रखा कि कुछ भी ओवर न होने पाए, क्यांकि यह हास्य नहीं, बल्कि इमोशनल फिल्म है। मुझे किसी भी सूरत में ट्यूबलाइट को कैरीकेचर या जोकर नहीं बनने देना था। ‘ट्यूब लाइट’ में शाहरुख खान भी हैं? जी हाँ! उन्होंने हमारी फिल्म में एक दिन की शूटिंग की है, उनका किरदार फिल्म के अंदर बहुत जटिल मुकाम पर आता है। इस फिल्म में चाइनीज अभिनेत्री जू जू के साथ काम करने के अनुभव कैसे रहे? जूजू अच्छी लड़की है। बेहतरीन अदाकारा है। साथ में काम करने में मजा आया। पूरी टीम के साथ उसके दोस्ताने संबंध बन गए थे। एक दिन मैंने उसके लिए सेट पर चाइनीज खाना मंगाया, पर उसे उसमें से एक भी चाइनीज डिश नहीं लगी। उसने कहा कि इसमें से एक भी डिश देखने में या टेस्ट में चाइनीज नहीं है। फिर एक दिन उसने हम सभी के लिए एक दिन एक चाइनीज डिश बनायी। ‘बाहुबली 2’ को बाक्स आफिस पर मिली अपार सफलता का आप पर कितना दबाव है? कोई दबाव नहीं है। ‘बाहुबली’ की सफलता के बाद हम अपनी फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ लेकर आए थे, जिसे सफलता मिली थी। अब ‘बाहुबली 2’ के बाद ‘टयूबलाइट’ लेकर आ रहे हैं। हम किसी रिकॉर्ड को तोड़ने के बारे में नहीं सोचते। हम सिर्फ यह सोचते हैं कि फिल्म से जुड़े लोगो में से किसी को भी नुकसान न हो। जब फिल्म असफल होती है? फिल्म के असफल पर लोग कहते हैं कि हमने तो अपनी तरफ से बहुत बेहतरीन फिल्म बनायी थी, पर दर्शकों को फिल्म समझ में नहीं आयी। जबकि मैं कहता हूं कि हम फिल्म को समझ नहीं पाए। क्योंकि हम फिल्म अपने लिए नहीं दर्शकों के लिए बनाते हैं। दर्शकों का मनोरंजन कर पैसा कमाना, यह हमारा करियर है। अपने करियर को संभालना हमारी जिम्मेदारी है। आप फिल्म तभी साइन करते हैं जब आपका दिल व दिमाग दोनों उसे पसंद करते हैं। उसके बाद जब आपके अपने प्रशंसक आपकी फिल्म को ठुकरा देते हैं, तो आप कैसे कह देते हैं कि आपको नहीं पता यह कैसे हुआ? मुख्य बात यह है कि आपको कलाकार के तौर पर फिल्म दर फिल्म खुद को पुनः तलाशना होता है। आप अपनी जिंदगी में कोई निर्णय किस आधार पर लेते हैं? मैंने अपनी पूरी जिंदगी में वही काम किया, जो सही लगा। मैंने कभी यह सोचकर यह काम नहीं किया कि वह बुरा मान जाएगा। ‘दंगल’ ने चीन में अच्छा व्यापार किया। तो अब भारतीय फिल्मों को पूरे विष्व में बाजार तलाष करना चाहिए? हम वह सब कर रहे हैं। हम ओवरसीज में अपनी फिल्में लेकर आ रहे हैं। देखिए, चीन का बाजार बड़े स्तर पर भारतीय फिल्मों के लिए खुला है। पर चीन का सिस्टम बहुत अलग है। वहां पर गैर चीनी भाषी फिल्मों को ज्यादा प्रदर्शन की अनुमति नहीं होती। हर वर्ष 34-35 फिल्में ही प्रदर्शित हो सकती है। क्या आप ट्यूबलाइट को चीन में प्रदर्शित करने वाले हैं? जी हॉ! हम चाहते हैं। इसके लिए बातचीत जारी है। किसी फिल्म को करने का अफसोस है? बिल्कुल नहीं! मैंने हर फिल्म अलग अलग वजहों से की। जिस फिल्म को करने का निर्णय मैंने लिया, उसको लेकर अफसोस क्यों हो? हम कलाकार पटकथा के आधार पर फिल्में साइन करते हैं। पटकथा में यदि हमें सकारात्मक बात यानी कि हीराईजम की बात नजर आती है, तभी हम वह फिल्म करते हैं। मैं स्पष्ट करना चाहॅूंगा कि हीरोईजम एक्षन में नहीं, बल्कि रोमांस, ड्रामा या अन्य वजहों से होना चाहिए। फिल्म देखते समय यदि लोग रोते अथवा हंसते हैं तो भी हीरोइजम है। कुल मिलाकर दर्शक हीरोईजम यानी कि हीरो को ही देखना पसंद करता है। स्टारडम खोने का डर नहीं सताता? बिल्कुल नहीं! क्योंकि मैं स्टारडम में जीता ही नहीं। मुझे पता है कि जब दर्शक हमारी फिल्म देखने आता है, तो हम स्टार बन जाते हैं। दर्शक फिल्म देखने थिएटर के अंदर न आए, तो हम स्टार नहीं होते। दूसरी बात यहां सब कुछ आता जाता है। आने वाली फिल्में कौन सी हैं? ‘ट्यूब लाइट’ के बाद ‘टाइगर जिंदा है’ आएगी। उसके बाद में अपनी बहन अलवीरा के पति की एक फिल्म कर रहा हूं। रेमो डिसूजा की एक डांस फिल्म कर रहा हूं। फिर ‘दबंग 3’ की भी योजना है। संजय लीला भंसाली के साथ भी कोई फिल्म कर रहे हैं? फिलहाल कोई फिल्म नहीं कर रहा हूं। मगर उनके साथ बातचीत जरुर हो रही है। जब कोई अच्छी पटकथा मिल गयी, तो उनके साथ भी काम कर सकता हूं। संजय लीला भंसाली अपनी फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग खत्म करने के बाद कहानी सुनाने वाले हैं, देखें क्या निकलता है। मेरे लिए निर्देशक से ज्यादा अहमियत फिल्म की अच्छी कहानी रखती है। आप ‘एबीसीडी3’ भी कर रहे हैं? रेमो डिसूजा के साथ जो फिल्म कर रहा हूँ, वह डांस वाली फिल्म है, मगर ‘एबीसीडी 3’ नहीं है। देखिए, ‘ए बी सी डी 3’ तो डिजनी’ की प्रॉपर्टी है। जब कि रेमो की इस फिल्म का निर्माण मैं खुद कर रहा हूँ। #Salman Khan #SRK #interview #Tubelight हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article