‘भाखरवड़ी’ का कॉन्सेप्ट क्या है?
‘भाखरवड़ी’ एक उपमा है। मैं उसका नाम सुनकर बहुत ही खुश था, क्योंकि यह बहुत ही अलग है और मुख्यधारा का नहीं है। साथ ही मैं चैनल की शुक्रगुजार हूं कि वह इस नाम के लिये तैयार हुए। जब स शो को देखेंगे तो आप धीरे-धीरे समझ जायेंगे कि किस तरह यह नाम उपयुक्त है। साथ ही, ‘भाखरवड़ी’ दो संस्कृतियों- मराठी और गुजराती को बहुत प्रमुखता से दिखाता है और हमारे शो उन दोनों कम्युनिटी को दिखाया गया है। ये दोनों कम्युनिटीज और राज्य किसी ना किसी रूप में आज एक हैं, दोनों भाषाओं में कुछ शब्द उनकी संस्कृति की तरह ही एक जैसे हैं। मैं एक गुजराती हूं और हाल ही में मेरी शादी मराठी परिवार में हुई है। इसलिये, शादी की तैयारियों के दौरान, हमने रीति-रिवाजों को मिला-जुलाकर करने का फैसला किया और हमें यह आश्चर्य हुआ कि रीति-रिवाज लगभग एक जैसे थे, वह भी समान अर्थों में।
हालांकि, इन दोनों समुदायों के बीच शीतयुद्ध जैसा चलता रहता है और हमारा लक्ष्य उन्हें हल्के-फुलके और कॉमिक रूप में दिखाना है। मनोरंजन इंडस्ट्री की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है मनोरंजन करते हुए समाज को आईना दिखाना। और मेरा यह मानना है कि ‘भाखरवड़ी’ एक शो के रूप में पहले ही इस लक्ष्य को पूरा कर कर चुके हैं। इसके कुछ शुरुआती एपिसोड की शूटिंग के दौरान मैंने इस बात को समझा कि हम लोगों को हंसाने के साथ समाज के सामने कई सारे विषय प्रस्तुत कर पायेंगे।
क्या आप अपने किरदार उर्मिला ठक्कर के बारे में कुछ बता सकती हैं?
उर्मिला का किरदार मुझे बहुत पसंद है। सबसे पहले तो यह बहुत ही सशक्त किरदार है और व्यक्तिगत तौर पर मेरा यह मानना है कि महिलाओं को सशक्त होने के साथ, उन्हें थोड़ा कमजोर भी होना चाहिये और यह उन्हें प्यारा बनाता है। उर्मिला एक साथ मजबूत, स्मार्ट और कमजोर का कॉम्बिनेशन है। पूरे गुजराती जायके के साथ, वह बेवकूफ नहीं है और वह कैरेक्टर है, कैरिकेचर नहीं। वह ना केवल एक बच्ची की मां है, बल्कि एक डॉग की भी मां है और अपने पति से बेहद प्यार करती है। मैं आपको बताना चाहूंगी कि गुजराती परिवारों में पति और पत्नी के बीच रोमांस बच्चों के सामने ही होता है, वह बेहद खुले हाते हैं और ऐसा ही ‘भाखरवड़ी’ में भी है।
उर्मिला थोड़ा दिखावा करने वालों में से है चाहे उसने कुछ नया पहना हो या फिर उसके पति उसे किस कर रहे हों। इसलिये, यह किरदार काफी मसालेदार है, जो इसे निभाने में काफी सारी गुंजाइश देता है। इस किरदार को बड़ी ही खूबसूरती से गढ़ा गया है, जिसमें गुजराती महिलाओं का पूरा रंग है और यही वजह है कि इस शो में यह मेरा सबसे पसंदीदा किरदार है। यह किरदार एक पवित्रता का अहसास कराता है।
‘भाखरवड़ी’ के सेट पर अब तक का शूटिंग का अनुभव कैसा रहा है?
कमाल का रहा है। दर्शक के तौर पर मैं हेट्सऑफ प्रोडक्शंस की बहुत बड़ी फैन रही हूं। वे हमेशा ही एक अलग तरह की कॉमेडी लेकर आते हैं। कैरिकेचर की बजाय वह किरदार तैयार करते हैं और यदि वह कैरिकेचर बनाते भी हैं तो उन्हें वास्तविक बनाते हैं। इसके अलावा, वे ऐसा कॉन्सेप्ट लेकर आते हैं जोकि बिलकुल अलग हटकर होता है। अब मैं इस टीम का हिस्सा हूं, मैं जानता हूं कि उन्होंने इतने बेहतरीन शोज बनाये हैं क्योंकि सेट पर सारे कलाकार परिवार की तरह हो गये हैं। भले ही हमने अभी तक बहुत सीन्स की शूटिंग साथ में नहीं की है, लेकिन हमारे बीच काफी अच्छा रिश्ता और केमेस्ट्री बन गयी है। हेट्सऑफ प्रोडक्शंस ने इस तरह के कलाकार चुने हैं जोकि स्वभाव के बहुत अच्छे हैं और इसलिये परदे पर बहुत अच्छी तरह नज़र आता है। जब सुबह जल्दी उठने की बात आती है तो मैं इस मामले में बहुत आलसी हूं, लेकिन इन दिनों सुबह उठने के लिये और सेट पर पहुंचने के लिये बहुत उत्साहित रहती हूं। हम सबके पास अपने जोक्स होते हैं, हम एक दूसरे के पूरक की तरह हैं और बेहतर करने में एक-दूसरे की मदद करते हैं।
इस शो की सबसे अच्छी बात यह है कि परेश गनात्रा मेरे पति का किरदार निभा रहे हैं। वह वाकई बेहद अच्छे कलाकार हैं, उनमें कोई अहंकार नहीं है और वह हमेशा ही सबकी मदद करने के लिये तैयार रहते हैं। इसलिये, एक कलाकार के तौर पर मुझे सेट पर काफी कुछ सीखने को मिलता है, यह बहुत कमाल की बात है, स्पॉट दादा से लेकर सीनियर एक्टर्स तक। यह सेट मेरे लिये दूसरे घर जैसा हो गया है।
इस भूमिका को स्वीकार करने की क्या वजह रही?
सबसे पहली बात कि मैं हेट्सऑफ प्रोडक्शन की इतनी बड़ी फैन हूं कि मैं उनके किरदारों की तरह बात करना चाहती थी। जब मुझे यह भूमिका मिली थी, तो आमतौर पर मैं यह देखती थी कि जो भूमिका मुझे मिली है वह अच्छी है या नहीं। एक कलाकार के तौर पर हमें हमेशा ऐसी भूमिकाओं की तलाश हती है, जहां हमें एक्सप्रेशन के लिये संघर्ष करना पड़े। हम अभिनय करना चाहते हैं, अभिव्यक्त करना चाहते हैं और लोगों को महसूस कराना चाहते हैं। हेट्सऑफ प्रोडक्शंस के साथ, वे काफी सारे एक्सप्रेशंस इस्तेमाल करते हैं और मैं उसके लिये बहुत उत्सुक हूं।
दूसरी बात कि जब मुझे पता चला कि मैं परेश गनात्रा के अपोजिट काम करने वाली हूं तो मुझे तुरंत ही ऐसा लगा कि मुझे यह करना चाहिये, क्योंकि यह मेरे लिये अभिनय का बहुत बड़ा अनुभव होने वाला था।
तीसरी बात कि मैं नियमित रूप से थियेटर कर रही हूं और जेडी सर तथा आतिश सर ने मेरा काम देखा है, इसलिये मुझे यह भरोसा था कि मुझे जो भी भूमिका मिलेगी वह मेरी क्षमता या उससे ऊपर की मिलेगी।
उसके बाद मुझे पता चला कि यह सोनी सब के लिये है। पिछले कुछ सालों में यह चैनल काफी आगे बढ़ चुका है, क्योंकि यह एक ऐसा चैनल है जोकि लगातार लोगों के घरों में अपनी जगह बना रहा है। इस बदलाव ने ही इसे ऐसा चैनल बनाया है, जिसमें आप काम करना चाहेंगे। साथ ही यह जिस तरह के शो लेकर आ रहे हैं वह काफी अलग हैं। उन्होंने अपनी एक जगह बनायी है और सोनी सब जैसे चैनल के साथ जुड़कर आपको सम्मानित महसूस होगा।
इस शो से आपकी क्या उम्मीदें हैं? दर्शकों को इस शो में क्या पसंद आयेगा?
दर्शकों को ‘भाखरवड़ी’ में कलाकारों की पूरी फौज पसंद आने वाली है। मैंने उनके साथ काम किया है और उनमें से कुछ थियेटर या उसी क्षेत्र के बहुत ही बेहतरीन कलाकार हैं। क्रुणाल पंडित, जयेश जैसे इतने काबिल और सशक्त कलाकारों की पूरी फौज का एक साथ होना बहुत मुश्किल है। इस शो के किरदार दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ने वाले हैं, क्योंकि उन सबको काफी अच्छी तरह लिखा गया है। जिस तरह का सांस्कृतिक मतभेद दिखाया है, लोग इस शो की हर छोटी-छोटी चीज से खुद को जोड़ कर देख पायेंगे। इसलिये, यह शो एक खूबसूरत बारीकियों के साथ एक भारीभरकम गहने की तरह है। मुझे इस शो से काफी उम्मीदें हैं।
क्या वास्तविक जीवन और इस किरदार के बीच किसी प्रकार की समानताएं हैं?
हां, काफी सारी हैं! सबसे पहली और प्रमुख समानता यह है कि वह बहुत ही चालाक है लेकिन मासूमियत के साथ। दूसरी कि वह काफी रोमांटिक है, मेरी तरह। हालांकि वह हर किसी के मामले में ताकझांक करती है लेकिन वह बहुत ही साफ दिल है और यही वजह है कि मैं खुद को उर्मिला से जोड़कर देख पाती हूं।