‘आज भी मुझे काम मिल रहा है खुदा का शुक्रगुजार हूं’- जैकी श्रॉफ

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By Lipika Varma
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‘आज भी मुझे काम मिल रहा है खुदा का शुक्रगुजार हूं’- जैकी श्रॉफ

लिपिका वर्मा

जैकी श्रॉफ का यह समय सबसे फायदेमंद एवं अच्छा  समय चल रहा है। अब उनके पास सिल्वर स्क्रीन पर सारी बड़ी फ़िल्में है और साथ शॉर्ट फिल्म्स भी है। उनकी  हालिया शॉर्ट फिल्म ’रात बाकी बात बाकी’ जिसको निर्देशक दिव्यांश पंडित ने दिल से बनाया है। इस फिल्म में जैकी श्रॉफ एक एडहा (वॉर मार्टियार) के पिताजी की भूमिका में नजर आने वाले है। वही फिल्म ’रॉ’ में एक सुलझे हुए इंटेलिजेंस  ऑफिसर का किरदार निभा रहे हैं। जैकी श्रॉफ को जहां सिल्वर स्क्रीन पर काम करके मजा आ रहा है वही शॉर्ट फिल्म्स में भी उन्हें बहुत ही मजा आ रहा है।

पेश है जैकी श्रॉफ के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश

 निर्देशक रॉबी के साथ फिल्म ‘रॉ’ में काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

- रॉबी एक बहुत ही बेहतरीन निर्देशक है। उसे अपना काम बखूबी निभाना आता है। रॉबी बहुत ही शांत किस्म के बन्दे है। वह ज्यादा नहीं बोलते हैं। अपना काम बहुत ही सबुरी से करते है। हर सीन को बहुत ही काबिलियत से शूट करते है। शूट भी करना है उन्हें उस पर बहुत ही सटीक रहते है। मसलन कहानी से जुड़ाव सही होता  डायलॉग्स इत्यादि का भी बखूबी धारण रखते हैं। फिल्म ’रॉ’ का हर एक तकनीशियन बहुत ही मंझा हुआ है बीड़ू। फिल्म ‘बॉर्डर’ के बाद यह फिल्म कर रहा हूँ बहुत मजा आया।

फिल्म ‘रॉ’ में अपने किरदर के बारे में कुछ बतायें ?

- अनसंग हीरोज की फिल्मों को करना और उस का एक किरदार करना मेरे अहोभाग्य है। बस इतना ही कहूंगा मै खुशकिस्मत हूँ कि इस प्रोफेशन में हूँ। मेरी तरह ही हर इंसान स्ट्रगल करता है और सभी यही कहते हैं जिस किसी को भी काम करने का मन हो वह हमें मिले। आज मुझे काम मिल रहा है, मैं  खुदा का शुक्रगुजार करता  हूँ।

‘आज भी मुझे काम मिल रहा है खुदा का शुक्रगुजार हूं’- जैकी श्रॉफ

 जब आप चॉल में रहा करते थे उन दिनों के बारे में कुछ बताएं?

- जी हाँ उनदिनों में ’तीन बत्ती’ चॉल में रहा करता। हमारे पास रेडियो भी नहीं हुआ करता था। मुझे आज भी याद है ओमर काका हमारी चॉल में रहते थे उनके पास रेडियो हुआ करता सो हम सभी  क्रिकेट प्रेमियों को वह अपने पास बैठते और हम क्रिकेट की कमेंट्री वही बैठ कर सुना करते। आज तो हम चलते चलते भी रेडियो सुन सकते हैं।

  जैकी आगे कहते हैं, ’आज तो ढेर सारे अन्य प्लेटफॉर्म भी हो गए हैं अभिनेताओं को अपना टैलेंट दिखाने के। वेब सीरीज है, टेलीविजन है और शॉर्ट फिल्म भी है जहां सभी अभिनेताओं को काम मिल सकता है। मैं भी काफी शॉर्ट फ़िल्में कर रहा हूँ।, ’रात बाकी बात बाकी एक फिल्म है जिस में वॉर मार्टियर के बाप का करदार निभा रहा हूँ। यह किरदार क्रिएट हुए बहुत अच्छा लगा। दरअसल में आज का माहौल जो चल रहा है उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता हूँ. बस यही कहना चाहता हूँ कि - जब हमारे जवान हमारी सुरक्षा करते हैं सरहद पर, तो कम से कम हम उन्हें थोड़ा प्यार और इज्जत दे सकते हैं।

आज भी फिट और तंदुरुस्त है जैकी, क्या राज है इसका?

- देखिए हमें कभी भी अपने आप को बूढ़ा महसूस नहीं करना है। दरअसल में चालीस की उम्र तक आप एक बच्चे की तरह होते हैं और 80 की उम्र में जवानी दस्तक देती है, मेरा ऐसा ही मानना है। अब देखिये न धरम साहब (धर्मेन्द्र) आज वह उम्र के इस पड़ाव पर वह हट्टे कट्टे दिखते हैं। मेरे हिसाब से 120 की उम्र में जाकर कही आदमी बूढ़ा होता है। सो मैं अपनी हड्डियों को आज भी फुटबॉल किक मार कर और थोड़ा -थोड़ा  दर्द महसूस करवाता हूँ। हड्डी को दर्द महसूस करना जरुरी है। तभी वह जाकर तंदुरुस्त रहती है। अपनी बॉडी को फिट रखना है तो उसे अपने कण्ट्रोल में रहना जरुरी है। व्यायाम करना जरुरी है।

आपके बेटे टाइगर ने खुद अपना एक मुकाम बनाया है, क्या आप सलाह देते है?

- जब टाइगर पैदा हुआ था तब कुछ महीनों के बाद मैं उसे मंकी जूमिंग करवाने ले गया। और फिर कुछ और दिनों के बाद मैंने उसे स्केटिंग सिखाई। उसके बाद मैंने देखा की यह बच्चा तो कुहड़ बैलेंसिंग कर लेता है। बीएस करने के बाद मैंने उसे खुला छोड़ दिया. मुझे ख़ुशी है कि टाइगर अपने माँ बाप की इज्जत करता है। मेहनती है। अनुशासन प्रिय हैं। बस सारे बच्चे ऐसे ही हुए यही  चाहते हैं हर माँ बाप। मैं सभी बच्चों से यही कहूंगा मेहनत करे और आगे बड़े जीवन बहुत अच्छा लगेगा। मेहनत करते हुए हर बच्चा सभी को प्यारा होता है और साथ मेहनत उसके लिए भी उसके जीवन में रंगों से भर देती है।

‘आज भी मुझे काम मिल रहा है खुदा का शुक्रगुजार हूं’- जैकी श्रॉफ

एक्शन भी टाइगर अच्छा कर लेता है क्या कहना चाहेंगे इस बारे में?

- देखिये जैसा बाप वैसा बेटा (हँसता है ) मैं भी एक्शन करने में हमेशा से आगे ही रहता था। और तो और मेरे एक्शन मास्टर पर अपने आप को सौंप देता था में। वही टाइगर भी करता है। आज तो एक्शन करने में बहुत सावधानियां बरती जाती है और सभी एक्शन मास्टर अपने बच्चों का ध्यान बखूबी रखते हैं। बस उन्हीं के भरोसे टाइगर भी अच्छा एक्शन कर पाता है।

आपकी फिल्म ’राम लखन’ की यदि रीमेक की जाये तो किस नयी पीढ़ी के हीरो को  इन दोनों रोलों में फिट पाते हैं आप?

- क्या बात कर रही हो? अनिल कपूर तो फिट है, सो वह यह किरदार खुद करना चाहेंगे। मैं भी थोड़ा और फिट हो जाता हूँ और हम दोनों ही राम लखन करते हैं। हंस कर बोले जैकी दादा।

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