Advertisment

मैं अपने काम को लेकर बहुत सीरियस रहती हूँ- जैकलीन फर्नांडीस

author-image
By Lipika Varma
New Update
मैं अपने काम को लेकर बहुत सीरियस रहती हूँ- जैकलीन फर्नांडीस

लिपिका वर्मा

जैकलीन फर्नांडीस जन्म - 11 अगस्त

जन्म स्थान - मनम -बहरीन

राष्ट्रीयता - श्रीलंका

जैकलीन फर्नांडीस श्रीलंका से बिलोंग करती है। श्रीलंका यूनिवर्स पेजेंट 2006 जीत कर मॉडलिंग की दुनिया में भी बहुत काम कर, जैकलीन ने बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म ‘अल्लादीन’ में काम कर हिंदी सिनेमा जगत में अपने आने की दस्तक दे दी थी। मर्डर 2 (2011) में भी काम कर, जैकलिन ने यह साबित कर दिया कि वो कमर्शियल फिल्मों का भी हिसा बन सकती है। बस फिर क्या था -इसके बाद एक और कमर्शियल फिल्म ‘हॉउसफुल 2 (2012) की। इसके बाद तो जैकलीन ने फिल्म ‘रेस 2’ (2013)  में एंट्री की। और फिर उसके बाद फिल्म ‘किक’ सलमान खान के साथ कर के तो जैसे जैकलीन ने मानो हिंदी सिनेमा जगत को अपना घर ही बना लिया हो। अब सलमान खान कृत ‘एस के एफ’ फिल्म्स के बैनर तले बन रही फिल्म ‘रेस-3’ का भी हिस्सा बन चुकी है जैकलीन। फिल्म ‘रेस 3’ की प्रोमोशन्स में जुटी जैकलीन फर्नांडीस ने महबूब स्टूडियोज में कुछ गिने चुने पत्रकारों से बातचीत की।

पेश है जैकलीन फर्नांडीस से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश

जैकलीन ने फिल्म ‘रेस -3’ के लिए क्या सीखा ?

दरअसल में, यह फ्रैंचाइजी- मेरा फोर्टे (प्रधान गुण) नहीं है। किन्तु मै इस जॉनर को बेशक अच्छी तरह से समझती हूँ। यह एक कमर्शियल फैमिली ड्रामा है सो हर तरह से जब तक, सब कुछ सही नहीं हो जाता हमें उसे सही करना जरुरी है। इस करैक्टर से मैंने क्या सीखा? डायरेक्टर रेमो और सलमान के साथ ढेरो विचार विमर्श किये। वर्क शॉप्स भी किये। इस किरदार को बेहतरीन ढंग से पेश करना बहुत जरुरी भी है। ऑडिएन्सेस को कन्विंस (समझने) करना बहुत जरुरी है। इस फिल्म में हर किरदार को बेशक अपना अभिनय सटीक देना भी अनिवार्य है। सो मैंने यही सीखा कि एक्शन कर रही हूँ या फिर ड्रामा सब कुछ सही करना है मुझे।  publive-image

आप इस फिल्म में एक्शन भी कर रही है -क्या कहना चाहेंगी एक्शन के बारे में ?

‘रेस 3’ का एक्शन ‘रेस 2’ फिल्म से बिल्कुल अलग है। लड़कियों भी अपने हाथों से एक्शन कर रही है, ऐसा एक्शन आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। लड़कियों के एक्शन भी रियल और रौ (कच्चा) है। इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी है। मुझे इसके लिए ट्रेनिंग भी लेनी पड़ी है। यह एक्शन करना कुछ सरल नहीं था। हम लड़कियों ने कोई बॉडी डबल नहीं लिया है। सब कुछ सीखा है और उसे कैमरे के सामने पेश किया है। सब के सब एक्शन सीन्स हमने खुद किये हैं।

आप उर्दू भी सीख रही है ?

जी हाँ अभी मै उर्दू लिखना और पढ़ना सीख रही हूँ। और सही तरीके से उर्दू बोलना भी सीखूंगी अब। क्योंकि हिंदी फिल्मों के लिए उर्दू आना अनिवार्य है। publive-image

सलीम खान सलमान के पिताजी, ने आपको उर्दू सीखने के बारे में क्या कहा ?

हंस कर बोली -सलीम अंकल ने मुझे सीधे सीधे कहा -पहले तुम हिंदी सही ढंग से सीख लो फिर बाद में उर्दू सीखना।

आपने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का फैसला कैसे किया ?

मैंने सबसे पहले निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ कांन्स फिल्म फेस्टिवल में देखी थी। यह फिल्म मुझे बहुत पसंद आयी। उसके बाद मैंने डीवीडी मंगवाई और ‘देवदास’ आराम से घर पर बैठ कर देखी। मुझे यह फिल्म बहुत अच्छी लगी। उसके बाद मैंने ‘अशोका’ फिल्म देखी। इसमें मुझे शाहरुख और करीना का काम बेहद पसंद आया। और फिल्म भी बेहतरीन अंदाज की लगी। और फिर उसके बाद  भंसाली जी की फिल्म ‘ब्लैक’ देखी, यह फिल्म तो एकदम गजब की लगी। बस तभी से मेरा मन हुआ कि उनके साथ काम करूं। यह मेरा सपना है। आज कल जो उनकी उनकी फिल्में ‘पद्मावत’ जैसी बहुत ही बड़ी और बेहतरीन फिल्म है। सो मेरा मन उनके साथ काम करने के लिए आतुर हो गया है। अब देखिये मैं हिंदी फिल्म का हिस्सा तो बन ही चुकी हूँ। अब बस देखना है वह मुझे कब काम देते हैं? बॉलीवुड में काम करने के लिए मैं श्रीलंका से अब भारत चली आयी हूँ। आशा करती हूँ उन के साथ काम करने का मौका जरूर मिले मुझे।

आपने उन्हें (भंसाली) जी को यह बात बताई है कभी ?

हाँ! मैंने उन्हें अपने ड्रीम डायरेक्टर के साथ -भंसाली जी के साथ काम करने की मंशा कई मर्तबा जताई  है। अभी हाल ही में, जब वह सोनम की शादी में मुझे मिले थे, तब भी मैंने उन्हें बड़े प्यार से कहा -   मुझे कब अपनी फिल्मों का हिस्सा बनाओगे ? आपके साथ काम करना चाहती हूँ मैं!! बस वो हंस कर चुप हो गए। अब देखते हैं, मैं उनके साथ उनकी फिल्मों में कब काम कर पाती हूँ? publive-image

अपनी जर्नी के बारे में कुछ बतायें ?

मेरे हिसाब से मेरी जर्नी धीरे धीरे आगे खिसकी है। मैं अपना समय ले रही हूँ। मुझे यहाँ तक आने के लिए बहुत समय भी लग गया है। कुछ वर्षों पहले मैंने कुछ अच्छी फिल्में नहीं की थी। और कुछ सालों तक मेरे पास कोई फिल्में भी नहीं थी। बस अब काम कर रही हूँ ईश्वर को धन्यवाद देती हूँ। हर सवेरे उठ कर जब काम पर जाती हूँ तो खुश रहती हूँ। यह क्या कम है - जहाँ में हूँ वहां मेरे लिए काम भी है। मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूँ कि मुझे उन्होंने काम से नवाजा। और मैं यह भी जानती हूँ -जो काम तुम्हारे लायक होगा वह तुम्हारे पास अपने आप आयेगा। किन्तु आप को हार्ड वर्क करना है, सो मैं उसके लिए हमेशा तैयार रहती हूँ.. मैं अपने काम को लेकर बहुत सीरियस रहती हूँ।

Advertisment
Latest Stories