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'फेमस' देखने के बाद हर कोई पूछेंगा इस फिल्म का निर्देशक कौन है ?

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By Lipika Varma
'फेमस' देखने के बाद हर कोई पूछेंगा इस फिल्म का निर्देशक कौन है ?
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 जिमी  शेरगिल जन्म - 3 दिसंबर

स्थान गुरदासपुर - पंजाब

पसंदीदा एक्टर -दोस्त संजय दत्त

जिमी शेरगिल ने फिल्म ‘माचिस’ (1996) से अपना फिल्मी सफर शुरु किया। फिल्म को महत्वपूर्ण प्रशंसा  मिली। जिमी का काम इस फिल्म में सहराया गया। बड़े प्रोडक्शन हाउस ‘वाई आर एफ’ की फिल्म ‘मोहबतें’ में श्री अमिताभ बच्चन एवं शाहरुख खान के साथ जिमी ने काम कर फिर से तारीफ बटोरी। इसके बाद तो जिमी ने ढेर सारी बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा बन यह साबित कर दिया कि उन्होंने यहाँ अपनी एक जगह बना ली है। फिल्म ‘मुन्नाभाई एम बी बी एस’, ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘मेरे यार की शादी’ और भी कई फिल्मों में काम किया है जिमी ने। आज ही वो हिंदी एवं पंजाबी फिल्मों में एक जाना -माना नाम है। खैर फिलहाल जिमी की फिल्म ‘फेमस’ रिलीज के लिए तैयार है, इस फिल्म का प्रोमोशंस जोरो शोरों से चल रहा है।

पेश है जिम्मी शेरगिल के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश - publive-image

फिल्म ‘फेमस’ के फर्स्ट टाइम डायरेक्टर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

- यह फिल्म एक थ्रिलर है, लेकिन मुझे लगता है इस फिल्म में इमोशन, ड्रामा थ्रिल सब सही मात्रा में है। इसका ट्रीटमेंट निर्देशक करण भुटानी ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से किया है। मैं तो यही कहूंगा कि जिस स्टाइल में करण ने शूट किया है वह उनकी एक अनूठी स्टाइल है। जब कि करण ने निर्देशक तिग्मांशु धुलिया एवं अन्य कई निर्देशकों के साथ काम किया है लेकिन जैसा उन्होंने इस फिल्म ‘फेमस’ को निर्देशित किया है, गजब स्टाइल है। सबसे अलग तरीके का ट्रीटमेंट दिया है। देसी जगह पर शूट किया है और इंटरनेशनल ट्रीटमेंट दे दिया है। इस कहानी को, जब लोग यह फिल्म देख कर थिएटर्स से निकलेंगे तो सब यही पूछेंगे-इस फिल्म का निर्देशक कौन है ?

अपने किरदार पर रोशनी डाले ?

- मेरे किरदार का नाम राधे है। यह एक बहुत ही साधारण किस्म का बंदा है, इसका लुक भी सिंपल ही है। इसे जिस तरह के भी कपड़े दर्जी सिल कर देता  है, फिर चाहे वह ढीली पेंट क्यों न हो - वह उसे पहन कर संतुष्ट रहता है। यह कहानी चम्बल के कुछ बेहतरीन हिस्सों में शूट की गयी है। publive-image

क्या आप यह मानते हैं स्टार पावर से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा धंधा कर लेती है ?

- यह जरूर है कि छोटी फिल्में जिनका कंटेंट अच्छा होता है वो भी बॉक्स ऑफिस पर लोगों को पसंद आती है। यह सही है कि स्टार पावर फिल्म को एक बेहतरीन धन्धा दे जाती है। उनका ट्रैलर देख कर ही लोग, फिल्म देखने का विचार बना लेते हैं। हालांकि हर फिल्म मेकर फिर चाहे वह छोटी फिल्म या बड़ी फिल्म का मेकर हो यही  सोच कर फिल्म बनाता है कि-लोगों को उनकी फिल्म पसंद आये। सिंपल सी चीज है लोग बड़े स्टार को जानते हैं और यह भी विशवस करते हैं कि यदि वो इस फिल्म में है तो -फिल्म अच्छी ही होगी ? 1.50 करोड़ का बिजनेस जल्दी करना एक बड़ी बात होती है और एक स्टार की फिल्म ही ऐसा बिजनेस कर पाती है। हाँ यदि लगातार कभी कंटेंट ओरिएंटेड कम से कम 20 फिल्में हिट हो जाये, तब हम कह पाएंगे की स्टार पावर के ऊपर कंटेंट ओरिएंटेड फिल्में भारी हैं।

संजय दत्त के साथ काम किया है और दोबारा फिल्म ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर -3’ में काम कर रहे हैं उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे ? कोई यादगार किस्सा हमारे साथ शेयर कीजियेगा ?

- हंस कर बोले आज भी वह थप्पड़ वाला हिस्सा याद करता हूँ तो सोचता हूँ कैसे वह ‘मुन्नाभाई एम बी बी एस’ फिल्म का एक टर्निंग पॉइंट हिस्सा बन गया। राजकुमार हिरानी को मैंने सीधे सीधे यह बता दिया था कि मैं संजू बाबा को किसी भी सीन में थप्पड़ नहीं मारुँगा। यह मुझ से नहीं हो पायेगा। खैर वो दिन भी आ गया जब राजू मेरे पास आये और बोले आज वह थप्पड़ वाला सीन करना है, जो तुम्हें करना होगा। मैंने साफ साफ मना कर दिया और कहा आपको जो करना है कर लें, मैं वैन से बाहर नहीं आने वाला हूँ। माहौल बहुत गंभीर हो गया। जब काफी देर तक मैं सेट पर नहीं पहुंचा तो संजू बाबा मेरी वैन में आये और बोले देख -यह मेरे करैक्टर के लिए टर्निंग पॉइंट वाला सीन है -इस थप्पड़ के बाद ही मुझ में बदलाव आएगा। तो तू मुझे थप्पड़ मार ले न! ‘‘खैर काफी जद्दोजहद के बाद यह तय हुआ कि सीन को चीट किया जायेगा। लेकिन जब मैं वहां पहुँचता हूँ तो देखता हूँ राजू ने स्टैडी केम सेट अप लगा रखा  है -सीन मुझ से शुरु होता है और कैमरा मुझे फॉलो करते हुए थप्पड़ की गूंज पर खत्म होता है। खैर आखिर सीन में मैंने संजू को जम कर थप्पड़ मारा - और यह सीन फिल्म का एक अहम हिस्सा बन गया। publive-image

संजू के बारे में क्या कहना चहते हैं आप ?

- देखिये, ‘जिन्दगी आसान नहीं है। हम सब को जिन्दगी कुछ न कुछ सीख दे कर ही जाती है। किन्तु मुझे लगता है संजू बाबा को जिन्दगी ने बहुत कड़ी और लम्बी सीख दी है। यह आदमी जिसके सर पर पूरे 20 वर्ष के लिए कानून की तलवार लटकी रही, सोचो 20 सालों तक चैन की नींद नहीं सो पाया।’

आगे इमोशनल हो कर जिमी बोले, ‘अभी जब हम फिल्म ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर -3’ शूट कर रहे थे तब मैंने उनसे पूछा संजू अब तो तुम चैन की नींद सो पाते होंगे? उसने बहुत इमोशनल हो कर इस बात को माना और कहा - ‘‘हां अब जाकर मैं हर रात चैन की नींद सो पाता हूँ। संजू बाबा एक बहुत ही बेहतरीन इंसान है।

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