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‘कार्बन न्यूट्रल’ को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य रहेगा- जूही चावला

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By Lipika Varma
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‘कार्बन न्यूट्रल’ को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य रहेगा- जूही चावला

लिपिका वर्मा

जल्द 3 महीने में , “आई पी एल“ शुरू होने को है। जूही की स्पोर्टमैन स्पिरिट“ के तहत  वह अपनी टीम  “कोलकाता नाईट राइडर्स “ की पार्टनर होने हेतु इस बारी एक बड़ा जिम्मा ले रही है - पढ़िए जानने के लिस भारतवर्ष में  पहली बारी जूही ला रही है -“ जीरो कार्बन फुट प्रिंट“ फ्रैंचाइज़ी ले ..इसकी शुरुआत जूही द्वारा -  पूर्ण भारत वर्ष में हो रही है। ..,“ कार्बन न्यूट्रल“, ’जूही चावला न केवल बड़े परदे पर  काम कर रही है अपितु वह बहुत समय से स्पोर्ट्स से भी जुडी हुई है। उनके पति जय मेहता  और शाहरुख़ खान के साथ कोलकत्ता नाईट राइडर्स (आई  पी एल) के  लिए वह भी बतौर पार्टनर कुछ नया हर वर्ष करती  रहती है। पिछले  वर्ष यदि जूही ने मैदान  लेवल पर और मैदान के आसपास जितनी भी फालतु प्लास्टिक  से जुडी चीज़े हो उन्हें वहां से हटाने की मुहीम शुरू की तो वही इस वर्ष जूही, “कार्बन फ्रैंचाइज़ी“ की शुरूआत करने की सोच रही है।“ जीरो कार्बन फुट प्रिंट“ ..की शुरुआत जूही द्वारा पूर्ण भारत वर्ष में हो रही है। ..,“ कार्बन न्यूट्रल“ की मुहीम जूही की सफल हो, ऐसा हम सभी चाहते हैं।  उनकी और अनिल कपूर की जोड़ी भी दोबारा फिल्म “एक लड़की को देखा“ से सिनेमाघरों में धमाल मचा रही हैं। ... “

पेश है जूही चावला के साथ लिपिका वर्मा की एक एक्सक्लूसिव भेंटवार्ता

आपके दोस्त शाहरुख़ खान आपके घर, लेट (समय) मिलने आते है आपसे तो आप उनसे नहीं मिल पाती है क्या?

- नहीं इस बारी भी वो काफी लेट समय से पहुंचे थे हमारे घर। किन्तु, क्योंकि वह बहुत दिनों बाद घर पर आ रहे थे, सो मैं खास उनके लिए ही वेट  कर रही  थी. मै तो लगभग 7-8 बजे ही अपना डिनर कर लेती हूँ। पर इस बारी उन्हें खाना  खिलाने  के बाद ही अपने कमरे में गयी। वैसे भी उन्होंने डिनर रात 2 बजे ही लिया था। सो उसके बाद मैं नहीं रुक पायी। अपने कमरे में सोने चली गयी।

फिल्म“एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा“ में आपका क्या किरदार है ?

- यह एक बहुत ही खूबसूरत किरदार है। इसमें, मैं एक थिएटर प्रोडक्शन कंपनी में भोजन व्यवस्थापक का किरदार कर रही हूँ।  साथ ही एक्टिंग करने का शौक रखती हूँ। और हमेशा यही इच्छा रहती है कि मुझे भी कोई एक्टिंग का काम  मिल जाये।

आज के समय में स्टार या फिर कंटेंट क्या बिकता है ?”

- हाल ही में रिलीज़ हुई “एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर“ फिल्म मैं थिएटर में देखने गयी। मुझे अच्छा लगा सारे चरित्रचित्रण बहुत रियल लग रहे थे पर्दे पर। अनुपम खेर और अक्षय खन्ना ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। ऐसी फ़िल्में थिएटर में देखने का मजा ही कुछ और है। यह बदलाव अच्छा है।

 बॉयोपिक का ज़माना है आप किस महिला की बॉयोपिक पर्दे पर उतारना चाहेंगी ?

- देखिये, मुझे ऐसा लगता है कि कोई भी ऐतिहासिक, या फिर किसी  भी खिलाड़ी की बेहतरीन जिंदगी गुजरी हो और पर्दे पर सभी को अच्छी लगे, और तो और बेहतरीन ढंग से उसकी पेशकश की जाये, स्क्रिप्ट अच्छी तरह से लिखी जाये। और यदि ऐसा कोई भी ऑफर मुझे मिलता है तो मैं ऐसा किरदार जरूर करना चाहूंगी।

आप इस बारी ‘आई पी एल’ में क्या कुछ नया बदलाव लाना चाहेंगी ?

-  मेरा एरिया “आई पी एल“ में कुछ और करने का होता है। मैं खिलाड़ियों के चयन में दखल नहीं करती  हूँ। पर हाँ! हमारा लक्ष्य इससे और भी बड़ा करने का है। यदि ईश्वर ने चाहा तो हम जीरो कार्बन फुट प्रिंट फ्रैंचाइज़ी लेंगे।, “कार्बन न्यूट्रल“ को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य रहेगा। हर कुछ जो हम इस्तेमाल करते हैं जैसे, “हवाई जहाज“ बस इत्यादि जो कार्बन फेंकते है ऐसी एनर्जी को न्यूट्रल करना होगा. वैसे टी शर्ट्स भी जो खिलाड़ी पहनते हैं उन में भी सांस लेने हेतु कुछ ऐसे फैब्रिक्स से बने होते हैं जो नेचुरल नहीं होते। उन में भी बदलाव लाना चाहती हूँ किन्तु अभी उसके लिए थोड़ा समय लग जायेगा। बस आस पास हम बहुत कार्बन फेंकते हैं उसको फ़िलहाल न्यूट्रैलिस  ज्येष्टा रहेंगी हमारी।

आगे कार्बन न्यूट्रल  जूही कहती है, “यह इस समय हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण समय रहेगा। कोशिश यही रहेगी हमारी सारी की सारी ऐसी ऊर्जा को कार्बन न्यूट्रल करने में हम सफल रहे। बस ऐसा हम कर  पाएं तो आगे बहुत लोग इस से जुड़ सकते हैं और बहुत कम्पनियां इस मुद्दे से प्रेरित हो सकती हैं।

क्या आप अपने खिलाड़ियों को चीयर करती है?

- वैसे मैं बहुत शर्मीली हूँ। किन्तु जब कभी वह जीतते हैं, तो उनसे हाथ मिला कर उन्हें जीत की बधाई देती हूँ। पर हां, क्योंकि यह सब खिलाड़ी अपने आप में स्टार होते हैं, सो उनसे मिलने से पहले मैं सब के नाम ठीक तरह से जान लेती हूँ। ताकि उन्हें सही नाम से बुला पाऊ और वह दुखी न हो।

 जूही कॉलेज में स्पोर्ट्स खेलती थी? तो कौन कौन से स्पोर्ट में उनकी ज्यादा रूचि रही?

- दरअसल में -मैं सारे  खेल  खेलती थी। कॉलेज में क्लब में “स्क्वाश“ खेल लिया करती। मैंने बचपन में टेबल टैनिस, बास्केट बाल, थ्रो बॉल इत्यादि खेल भी खूब खेला है। और तो और मैंने रनिंग भी की है। बहुत अव्वल दर्जे की रनर नहीं रही हूँ मैं, किन्तु अच्छा खासा रन कर लिया करती।

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