लिपिका
वर्मा
अभिनेता पंकज त्रिपाठी नेशनल अवार्ड विनर केवल जबर्दस्त कलाकार ही नहीं अपितु एक बहुत बेहतरीन इंसान भी है। पंकज त्रिपाठी हिंदी फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते है। फिल्मों में अपना नाम बनाने के बाद अब जबकि पंडेमिक के चलते कुछ समय के लिए सिनेमा घरों के बंद होने हेतु अभिनेता घर पर आराम कर रहे है। पंकज त्रिपाठी अपने मिर्जापुर सीजन 1 से ओ टी टी प्लेटफार्म पर भी छाए रहे। मिर्जापुर सीजन 2 को देखने के लिए इनके फैन बेताबी से पंकज के अभिनय देखने का इंतजार कर रहे है, वहीं पंकज मीडिया इंटरेक्शन में व्यस्त है। अमेजाॅन प्राइम वीडियो पर यह नवीनतम फिक्शन सीरीज मिर्जापुर-2, अक्टूबर, 2020 को शुरू हो गया है।
कोई भी फिल्म या सीरीज ओ टी टी प्लेटफार्म पर पंकज त्रिपाठी के बिना पूरी नहीं हो सकती है?
मै अपने किरदार बहुत ही समझदारी से ही सेलेक्ट करता हूँ और उन्हें बहुत ही शिद्दत से एवं आशा से उन्हें निभाता भी हूँ। यही विचार लिए निभाता हूँ कि किरदार बेहद अच्छा है और मुझे अपना बेस्ट देना है। मैं अपने किरदार में मानवता ह्यूमैनिटी, लाने की कोशिश भी करता हूँ ताकि हर एक इंसान उस किरदार से रिलेट कर पाएं और मेरी अभिनय शक्ति से उस किरदार को देख कुछ समझ पाएं।
वेब -सीरीज मिर्जापुर सीजन 1 से मिर्जापुर सीजन 2 कितना अलग होगा?
मुझे यह खुद भी याद नहीं है। मैं पहले दिन मिर्जापुर 2 के शूटिंग स्थल बनारस सीधे फिल्म ‘83’के सेट से पहुंचा था। जैसे ही मैंने अपना फस्र्ट शॉट दिया तब निर्देशक मेरे पास आये और उन्होंने मुझ से कहा मिर्जापुर सीजन 1 में तुमने इस इस किरदार को इस तरह से एक्ट नहीं किया था। तो साधारण तौर से मैं यही कहना चाहूँगा कि मैं अपने निर्देशक के बताये अनुसार ही किरदार को निभाता हूँ। मैं उन पर पूर्णतः विश्वास करता हूँ। मंै कभी मॉनिटर भी नहीं देखता हूँ। सो जैसे ही निर्देशक ने मुझे यह बात बतलाया कि मैंने मिर्जापुर सीजन 1 में कुछ अलग ही अभिनय किया तब जाकर मैंने मिर्जापुर सीजन 1 दोबारा देखा। और फिर उससे मिर्जापुर 2, में उसी तरह से आगे बढ़ाया।
क्या आप का किरदार मिर्जापुर सीजन 2 में जहाँ से मिर्जापुर सीजन 1 में आपने छोड़ा था, वहाँ से आगे ले जा रहे है आप?
कालीन भैया एक अप्रत्याशित किरदार है। वो बहुत ही विनम्रता से बातचीत करते है। किसी को भी यह नहीं मालूम होता की उसके मन में और दिमाग में क्या कुछ चल रहा है। कालीन भैया उदास है या फिर उन्हें गुस्सा आ रहा है। कालीन बिल्कुल भी अपने अंदर की भावनाओ को प्रदर्शित नहीं करता है। आप कालीन भैया की मनोस्तिथि किसी कंपनी के सी ओ ओ की तरह ही देख पाएंगे। उनके भी मन में अपने कार्यकर्ता के बारे में क्या विचार चल रहे है उसे मालूम ही नहीं होता है। ठीक उसी तरह कालीन भैया भी बहुत ही अप्रत्याशित विचारों के लगते है। आपको मालूम नहीं पड़ेगा कि उन्हें आप की बात पसंद है या नहीं।
आप अपना फिल्मी सफर किस तरह से विस्तार से बतलायें?
मैंने अपना अभिनय सफर एक छोटे से-गांव, जो मेरा गांव है गोपालगंज वहां से एक छोटे से थिएटर में अभिनय कर शुरू किया था। छठ पूजा एक त्योहार होता है इसी त्योहार के दिन हमने यह थिएटर की शुरूआत भी की थी। मुझे सपने में भी यह नहीं मालूम था की में अभिनेता बन जाऊंगा। पर ऐसा हो गया है। मैं बहुत खुश भी हूँ यहाँ तक पहुँच पाया। मैं खुश हूँ और ईश्वर का शुक्रगुजार हूँ उन्ही की वजह मैं आज जो कुछ भी हूँ, बन पाया हूँ।
नेशनल अवार्ड मिला क्या इसकी आपको? फिल्ममेकर्स एवं फैंस के एप्रोच में अपने प्रति क्या बदलाव देखते है?
नेशनल अवार्ड से मुझे नवाजा गया मैं खुद भी आश्चर्यचकित था। 20 वर्ष पहले एक छोटे से बच्चे का ड्रीम पूरा हुआ। यह अवाॅर्ड सभी रूरल एरियाज और गावों के बच्चो के लिए समर्पित है जो बड़े सपने रखते है, जबकि उनके पास वह सारी फेसेलिटीज सुविधाएँ, भी उपलब्ध नहीं है।
क्या आप मानते है टैलेंट सफलता सीढ़ी है किन्तु इस इंडस्ट्री में वह बहुत मुश्किल होता है आपका कमेंट?
मेरे लिए यह 24, वर्षों का लम्बा सफर है। आज जाकर मैं इस मुकाम पर पहुँच पाया हूँ। यह सफलता केवल एक रात करवट बदल कर नहीं मिली है मुझे। यदि ऐसा होता तो सफलता शायद मेरे सर चढ़ जाती। मेरे अंदर घमंड उत्पन हो जाता। और मैं दुनिया को अपने हिसाब से चलाने की सोचने लगता। यहाँ तक पहुँचने में मैंने बहुत कुछ सीखा भी है और मैं इसी बजह से बहुत ही साधारण विचारों का हूँ।
आपका किस फिल्म से टर्निंग पॉइंट आया है आपको लगता हो शेयर कीजिये?
मेरा टर्निंग पॉइंट मिर्जापुर है ऐसा मुझे प्रतीत होता है। लोग मुझे कालीन भैया के नाम से जानते एवं पहचानते भी है। मेरे फैंस ने न, केवल मेरे अभिनय को सराहा अपितु उस करैक्टर को पसंद भी किया है। पहली बार मेरे होर्डिंग भारतवर्ष में लगाए गए। जबकि इससे पहले मैंने सारी फिल्में की है किन्तु सिनेमा हॉल्स में मेरा कोई होर्डिंग नहीं लगाया गया। इस किरदार ने मुझे बहुत ही पॉपुलर भी कर दिया है। यह सब खुशी होती है और इस विशेषाधिकर से खुश भी हूँ।
थिएटर्स खुलने को तैयार है क्या कहना? चाहेंगे आप?
मैं एक अभिनेता हूँ मेरा काम एक्टिंग करना है। बस यही आशा करता हूँ लाखों लोगों तक हमारा काम पहुँच पाएं। बड़े पर्दे पर फिल्म देखना एक अलग अनुभव होता है। सभी अलग अलग विचारों के लोग एक साथ बैठ कर एक साथ फिल्म देखते है यह बहुत अच्छी बात है।यह एक लुभावना अनुभव होता है। टेलीविजन पर या तो आप अकेले बैठ कर अपना पसंदिदा शो या फिल्म देखते है परिवार के साथ बैठ कर देखते है। थिएटर्स खुलने चाहिए। सिनेमा घरों का खूलना वेलकम किया जाना चाहिए।
पंकज त्रिपाठी की 2020, 21 में आने वाली फिल्मों की लिस्ट क्या है?
मै फिल्म ‘83’ में मान सिंह का किरदार निभा रहा हूँ। मिर्जापुर सीजन 2 में दोबारा कालीन भैया निभा रहा हूँ।, संदीप और पिंकी फरार में करतार सिंह बना हूँ। और कागज में बतौर किसान एक किरदार कर रहा हूँ। लुड्डो, मुंबई सागा एवं में डिटेल्स जल्द ही आपके समक्ष आ जायेगे।