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कमल हासन किसी तारीफ के मोहताज बिल्कुल नहीं है। अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ से ही उन्होंने जैसे-हिट फ़िल्में देने का जिम्मा ले लिया हो। हालांकि वितरकों को लगा था - इस फिल्म को देखने के बाद सारे लोग सुसाइड ही कर लेंगे। क्लाइमेक्स को बदलने की सलाह भी दे दी गयी थी। खैर, सब जानते हैं एक दूजे के लिए कल्ट फिल्म बन गयी। और उसके बाद कमल हासन हिंदी सिनेमा जगत के जाने माने एक्टर बन गए। कुछ समय बाद वह साउथ चले गए। इस वक़्त अपनी फिल्म ’विश्वरूपम 2’ के प्रमोशन में जुटे अभिनेता कमल हासन इस बारी मुंबई मीडिया से मिलने आयें। ऐसा उन्होंने कुछ वर्ष पहले ‘विश्वरूपम -1’ की रिलीज़ के समय भी किया था। उस वक़्त भी - न केवल मुंबई में म्यूजिक लॉन्च कर, सभी मीडिया कर्मियों से बातचीत भी की थी। फर्क सिर्फ इतना था, उस बारी उनकी दोनों बेटियां अक्षरा एवं -श्रुति हासन भी आयी थी और उनकी तीसरी पत्नी गौतमी की मौजूदगी में ‘विश्वरूपम -1’ का म्यूजिक लॉन्च हुआ था। किन्तु इस बार केवल कमल हासन अकेले ही पहुंचे थे। क्योंकि उन्हें केवल और केवल मीडिया कर्मियों से बातचीत करनी थी।
पेश है कमल हासन के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के प्रमुख अंश
आपकी फिल्में हमेशा से ही कोई पॉलिटिकल मेसेज देती है? ‘विश्वरूपम 2’ में क्या अलग है ?
- जी हां, शुरू से लेकर अब तक मेरी लगभग सभी फिल्में पॉलिटिकल मेसेज देती आई हैं। मुझे एक निर्देशक या एक कलाकार की तुलना किसी दूसरे कलाकार या निर्देशक से करना ठीक नहीं लगता। जिस तरह क्रिकेट के सभी खिलाड़ी एक-दूसरे से अलग होते हैं, ठीक उसी तरह एक्टर भी एक दूसरे से अलग होते हैं, भले उनका रिजल्ट एक जैसा कभी हो सकता है। आपने इस साल कभी सुनील गावस्कर से पूछा है ? मैं हमेशा से ही दूसरों से अलग रहा हूं। मैंने हमेशा से ही बेबाक होकर देश के पॉलिटिकल सिचुएशन पर फिल्म बनाई है। मैं अपनी बात फिल्मों के माध्यम से डायरेक्ट रखता हूं। बाकी लोग व्यंग कर, टिप्पणी कर अपनी बात कहने की कोशिश करते हैं, लेकिन मैं इन सब से ऊपर खुलकर अपना पॉइंट ऑफ व्यू रखता हूं। एक कलाकार एवं देश का नागरिक होने के नाते मेरा पॉइंट ऑफ व्यू मजबूत होता है, जो लोगों को सोचने पर मजबूर करता है। मेरी कोई भी फिल्म देख लीजिए, जैसे तेवर मगन, हे राम, दशावतारम इन सभी फिल्मों में क्षेत्र के हिसाब से हो रही पॉलिटिक्स का मेसेज है। फिल्म दशावतार में मैंने बहुत ही हल्के रूप में पॉलिटिक्स को लेकर अपनी सोच बताई थी। बाद में मेरे विचार समय और फिल्मों के साथ बोल्ड और मजबूत होते गए। विश्वरूपम में यह विचार और भी खुलकर सामने आए हैं।
तमिलनाडु की आम (रूरल) जनता कमल हासन एक्टर को कमल - राजनेता से बेहतर मानती है। क्या कहना चाहेंगे आप?
- जी क्योंकि बतौर अभिनेता उन्होंने मेरा काम देखा है जो की इतिहास बन चुका है। अब बटुआ राजनेता मेरी ड्यूटी है कि मैं क्योंकि राजनीति में, अब उतरा हूँ, तो कुछ बेहतर कर के उन्हें दिखाऊँ। तभी तो वह मुझे बेहतर पॉलिटिशियन मानेंगे। अभी मेरा कोई काम देखा ही नहीं है तो मैं क्या कहूं? किन्तु यह सच है कि साउथ में बहुत बुरी राजनीति का दौर चल रहा है। इसीलिए मैं राजनीति में उतरा हूँ। करप्शन को सबसे पहले जड़ से उखाड़ना होगा हमें।
जब आप पॉलिटिक्स ज्वाइन करेंगे तो क्या फिल्मों में काम करना पूरी तरह से छोड़ देंगे?
- यह सच है कि मैं फिल्मों में काम करना छोड़ दूंगा, लेकिन यह कितना जल्दी या देर से होगा अभी नहीं बता पाऊंगा। मैं अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा फिल्मों को दे चुका हूं। यह बढ़ा-चढ़ा कर कहने वाली बात नहीं है कि मैंने अपनी जिंदगी फिल्मों के नाम की है। अब समय आ गया है जब मुझे अपनी बाकी जिंदगी उनको देनी है, जिनकी वजह से आज मैं यहां पहुंचा हूं। यह मेरा कर्तव्य भी है।
आजकल बायोपिक का चलन है, अपनी बायोग्राफी लिख रहे हैं और खुद की बायोपिक बना भी रहे हैं, क्या आप अपनी बायोपिक बनाने में दिलचस्पी रखते हैं?
- ’वैसे तो मैं अपनी बायोपिक नहीं बनाना चाहता, लेकिन फिर भी कभी मेरी बायोपिक बनीं तो कोई भी एक्टर मेरा रोल निभा सकता है। जो एक्टर होगा वह तो निभा ही लेगा, अगर बेन किंस्ले, महात्मा गांधी का रोल प्ले कर सकते हैं तो कोई भी किसी का रोल निभा सकता है। सवाल यह है कि किसी का रोल निभाते समय एक एक्टर उस किरदार में क्या अपनी ओर से जोड़ता है।’
कौन सा ऐक्टर होगा जो आपकी जिंदगी को पर्दे पर बेहतरीन ढंग से निभा पाएगा?
- कोई भी मेरी बायोपिक में अभिनय कर सकता है। जैसा कि अभी आपको उदाहरण भी दिया। अब देखिए न एक महिला एक्टर ने बॉब डिलन की बायोपिक में उनका रोल निभाया था। यह किसी चीज को प्रस्तुत करने का ढंग है कोई भी किसी तरह कर सकता है। सबका प्रजेंटेशन अलग-अलग हो सकता है।’
पर क्या आपको अपनी बायोपिक बनाने में दिलचस्पी है?
- ’मुझे अपनी बायोपिक बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। एक एक्टर की मिमिक्री जब कोई और करता है तो दर्शकों को जरूर मजा आता है, लेकिन उस एक्टर को हंसी नहीं आती है।’
रजनीकांत भी पॉलीटिकस में अपना हाथ आजमाने उतर रहे हैं। आप दोनों के बीच कॉम्पटीशन तो होगा ही ? कुछ बोलने के लिए है? इस बारे में?
- देखिए, किसी भी पब्लिक सर्वेंट के बीच कोई भी कॉम्पटीशन की गुंजाईश नहीं रहती है। हम अपना काम करते हैं। हाँ! यदि वह बेहतर काम कर पाए तो मैं उन्हें ऑल द बेस्ट कहना चाहूँगा?
हासन की फिल्म ’विश्वरूपम 2’ देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई। फिल्म में राहुल बॉस, शेखर कपूर, पूजा कुमार, जयदीप अहलावत, वहीदा रहमान और अनंत महादेवन भी अहम किरदारों में नजर आएंगे। कमल हासन ने इस फिल्म में एक्टिंग के अलावा निर्देशन भी किया है, वह फिल्म के निर्माता और लेखक भी स्वयं ही हैं।