‘मुझे जटिल महिलाओं के किरदार करने में मजा आता है’- कैटरीना कैफ By Lipika Varma 29 May 2019 | एडिट 29 May 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा कैटरीना कैफ के पिताश्री अमेरिकन बिजनेसमैन हैं, जोकि कश्मीर अवतरण (डिसेंट)से हैं। उनकी माताश्री सुसान इंग्लिश वकील एवं दान-पुण्य कार्यकर्ता है। कैटरीना कैफ की छोटी-सी उम्र में ही माता-पिता का तलाक हो गया था, सुसान (माताश्री) ने अकेले ही बच्चों की परवरिश की थी। फ़िलहाल, वह अपना एक “एन जी ओ’ मदुरई में सफ़लतपूर्वक चला रही है। इस “एन जी ओ“ को चलाने के लिए उन्हें कैटरीना का पूर्ण समर्थन है। जब कभी कैटरीना को समय मिलता है तो वह अपनी माताश्री के साथ कुछ न कुछ समय बिताने वहाँ (मदुराई) जरूर चली जाती है। निर्देशक कैज़ाद गुस्ताद ने कैटरीना कैफ को लंदन में एक फैशन शो के दौरान देखा, बस उसी समय उन्होंने निश्चय कर लिया कि वो कैटरीना को अपनी फिल्म ’बूम’ (2003) में कास्ट करेंगे। फिल्म ’बूम’ न तो बॉक्स ऑफिस पर अपना झंडा गाड़ पाई, और ना ही आलोचकों की सरहाना बटौर पाई। खैर कैटरीना ने तेलुगु फिल्म ’मल्लीस्वरी’ (2004) में की। उसके बाद उन्होंने फिर से बॉलीवुड का रुख किया -फिल्म “मैंने प्यार क्यों किया“ (2004) एवं फिल्म “नमस्ते लंदन“ (2007) जैसी फिल्मों में काम कर यह तो साबित कर ही दिया कि कैटरीना बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा बनने आयी है। इसके बाद कैटरीना ने कई सारी फिल्मों में काम किया। फिल्म ’एक था टाइगर’ (2012) सलमान स्टार्रर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा क्लेक्शन किया। इसके बाद फिल्म ‘धूम -3’ (2013) ने भी बॉक्स ऑफिस पर धुआँधार क्लेक्शन किया। हालांकि, कैटरीना को कई बार-सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री की श्रेणी में फ़िल्मफेयर नॉमिनेशन मिला है। फिल्म ‘जीरो ’ (2018) में भले ही बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गयी थी किन्तु इस फिल्म में एक- डिप्रेशन से जूझ रही, शराबी अभिनेत्री का किरदार निभाने के लिए कैटरीना को दोबारा फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री की श्रेणी में नॉमिनेट किया गया। अब कैटरीना की गोद में जैसे मानो सलमान खान स्टार्रर, वर्ष की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘भारत ’ (2019) में बतौर दूसरी च्वॉइस काम करने को मिला है। इससे कैटरीना को कोई ऐतराज नहीं है। “मुझे तो लगता है, जीवन में व्यक्तिगत एवं पेशे में जो कुछ भी होता है, यह सब डेस्टिनी (भाग्य ) से ही होता है। पेश है -फिल्म ’भारत’ की प्रोमोशंस में जुटी कैटरीना कैफ से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश - आप फिल्म ’भारत’ में कुमुद के किरदार के लिए सेकेंड च्वॉइस है, क्या आप को इस बारे में, बुरा लगता है या कोई फर्क पड़ता है? - जी, मैं फिल्म ’भारत’ में सेकेंड च्वॉइस हूँ, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही बुरा लगता है। जब कभी कोई भी मुझ से इस तरह के बेतुके सवाल करता है तो मैं इन सवालों का जवाब देना जरुरी नहीं समझती। दरअसल में जब हम फिल्म ‘टाइगर ज़िंदा है’ की शूटिंग कर रहे थे, तब मुझे निर्देशक अली अब्बास ज़फर ने यह बताया था कि - वह इस तरह की एक स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। और यह हम दोनों की म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग (आपसी समझ) थी कि - सलमान के साथ उनकी अगली फिल्म के लिए, कोई दूसरी हीरोइन लेना चाहिए। किन्तु प्रियंका चोपड़ा को किन्ही कारणवश यह फिल्म छोड़नी पड़ी। जब निर्देशक अली ने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने को दी, तब मैं इस फिल्म में बतौर कुमुद का किरदार निभाने के लिए बेचैन हो गयी। और यह सब डेस्टिनी ही है। आपके टैलेंट को निर्देशक निखार रहे हैं। इस बारे में क्या कहना चाहेंगी आप ? बेहतरीन रोल भी ऑफर कर रहे हैं ? - आप जैसे -जैसे काम करते हुए आगे बढ़ते हैं, आप न केवल ग्रो (बढ़ते) करते हैं, अपितु आप अनुभवी भी हो जाते है। अपना सारा अनुभव आप अपने रील चरित्र-चित्रण में उंडेल देते है। और साथ ही -यदि आपको बेहतरीन निर्देशक भी मिल जाते है, तो मान लो, यह जैसे सोने पे सुहागा हुआ। में व्यवसाय के इस मोड़ पर अपने आप को खुशकिस्मत समझती हूँ, कि निर्देशक मुझ में विश्वास रखते हैं और मुझे अलग - अलग किरदार से नवाज भी रहे हैं। जब निर्देशक न केवल आपको किरदार ऑफर करते हैं किन्तु साथ ही अपना आत्मविश्वास आप पर रखते हैं, तो जाहिर सी बात है आप न केवल अपना सौ प्रतिशत देना चाहोगे, बल्कि आप खुद को उनकी नजरों में उनके किरदार को बेहतरीन ढंग से एवं गहराई से निभाने की कोशिश भी करोगे। आप अपना फिल्मी सफर कैसे देखती हैं ? - आपका अपना व्यक्तित्व एवं आप का अनुभव बतौर व्यक्ति, दोनों साथ -साथ चलते हैं और यह कुछ चीज़ो को जोड़ते भी है। अंदर से आपके अपने अनुभव कुछ बहुस्तरीय एवं जटिल किरदार करने की इच्छा भी जागृत करते हैं। अनुभवी होने के उपरांत, आप केवल ग्लमौरस किरदार करने की इच्छा नहीं रखते हैं। मैं ढेर सारे ग्लैमरस गाने कर ही चुकी हूँ। आज, जहां मैं हूँ, मुझे जटिल महिलाओं के किरदार करने में मजा आता है। जब मैं 26/27 वर्ष की थी, तब मैंने ’शीला की जवानी’ जैसे गानों पर भी नाचा है। अब मेरे पास किरदार चुनने की वजह भी है। मुझे उस वक़्त भी किसी ने नहीं, कहा था, कि जो मैं कर रही हूँ, गलत है या सही। और न ही आज कोई भी मुझ से यह कहता है। हाँ! पर, आज मुझे महसूस होता है, उस वक़्त मैं बड़ी कमर्शियल फिल्मों का हिस्सा रही हूँ। आज सही और अच्छे किरदार करने के मेरे पास प्लेटफॉर्म है, इस बात का मुझे एहसास ही नहीं ख़ुशी भी है। अब मेरा किरदार फिल्म ‘ज़ीरो’ में एक संघर्षमय, शराबी महिला का था, जो डिप्रेशन का भी शिकार हुई है। जब कि फिल्म ‘भारत’ में मेरा एक सरकारी कर्मचारी एवं स्वनिर्मित महिला का है। इस महिला को भारत नामक व्यक्ति से प्रेम हो जाता है। और फिर आगे जिंदिगी में दोनों को किन उतार -चढ़ाव का सामना करना होता है यह कहनी में दर्शाया गया है। बस मेरा, फिल्मी सफर यही है- कि अब, जो भी किरदार मैंने अभी तक नहीं किये हैं, वो करूँ। साथ ही चैलेंजिंग (चुनौतीपूर्ण) रोल होने चाहिए। फिर चाहे वह कुछ आर्ट फिल्म ही क्यों न हो। सलमान खान की किन गुणों को आप पसंद करती है ? - उनका सबसे अच्छा गुण है -वह अत्यंत निडर रहते हैं, फिर चाहे मीडिया उनके बारे में कुछ भी नकारात्मक चीज़े ही क्यों न लिखे। उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता है। मुझे पहले अपने बारे में लिखे गए, इन नाकारात्मक आर्टिकल्स से दुःख होता था, लेकिन अब मैं भी बदल गई हूँ। मैं भी उनकी तरह हाइपर और परेशान नहीं होती हूँ। आपकी शक्तियां क्या है ? कुछ हमसे शेयर करे ? - सबसे बड़ी शक्ति जो, मुझ में है - वह कुछ भी सीखने की शक्ति है मुझ में। अपने आप को वातावरण के अनुकल बनाने की शक्ति भी है मुझमें। मुझ में अपने आप को समयानुसार बदलने की क्षमता है। मैं हमेशा यह नहीं सोचती कि, जो में कर रही हूँ, या सोच रही हूँ- वही सच है, सही है, अटल है। यदि उस में भी कुछ बदलाव लाना हो, तो मैं अपने विचारों में भी बदलाव लाने में समर्थ रहती हूँ। यदि बदलाव अच्छे के लिए है तो मेरा अनुभव भी उस और बढ़ता ही है। मुझे किसी तरह का कोई भी ईगो (अहंकार) नहीं होता। फिल्म ’सूर्यवंशी’ में दोबारा अक्षय कुमार के साथ काम कर रही है क्या कहना चाहेंगी आप? - अक्षय कुमार के साथ काम कर रही हूँ फिल्म ’सूर्यवंशी’ में, यह मेरे लिए ख़ुशी की बात। मैं खुश हूँ। उनके साथ काम करने में मजा ही आता है। इस फिल्म से पहले भी हमने कुछ फिल्मों में , पिछले कुछ वर्षों में- साथ काम किया है। सो अब उनके साथ काम करने के लिए मैं अत्यंत उत्सुक भी हूँ। फिल्म के बारे में और अपने चरित्र के बारे में, जब आप से अगली भेंट होगी तभी उसका विवरण दूंगी। अभी इस फिल्म के बारे में बात करना कुछ जल्दी होगा। हाँ! निर्देशक रोहित शेट्टी के बारे मै यही कहूँगी -उन्हें जनता की नब्ज का पता रहता है। वह अपनी ऑडियंस को कभी निराश नहीं करते हैं। उम्मीद करती हूँ, इस बार भी, हम सब काम करते हुए अपना बेस्ट दे पाएं और खूब आनंद भी उठा पाएं। बहुत जल्द 16 जुलाई, को आपका जन्मदिन भी मनाया जायेगा। इस बार क्या प्लानिंग है? जन्मदिन कहां सेलिब्रेट कीजिएगा ? - मुस्कुराकर कैटरीना बोली, ’जुलाई का माह मेरे लिए बेहद ख़ास होता है।, “आई लव जुलाई मंथ।“ और मैं हमेशा इस माह के आने का इंतजार करती हूँ। फिलहाल तो फिल्म ’भारत’ के रिलीज़ के लिए मैं अत्यंत व्यस्त हूँ। फिल्म की रिलीज के पश्चात् कुछ मस्ती करने की सोच रही हूँ। जुलाई माह आपका पसंदीदा महा है, तो क्या आप कुछ समय निकाल अपनी माताश्री के ‘एन जी ओ’ में उन बच्चियों के साथ कुछ समय बिताने जाएगी? - जी बिल्कुल, उनके साथ मैं हमेशा ही कुछ समय बिताने जाती ही हूँ। पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है -हम खासकर, मेरी माँ, जो वहां कार्यरत रहती है, हमेशा यही कोशिश करती है कि- किस तरह अपने, ’एन जी ओ ’ का विस्तार करे। हम स्कूल को विस्तृत करने की कोशिश कर रहे हैं। मदुराई में काफी सारे छात्रों का एड्मिशन हर साल होता है। हम स्कूलों की संख्या में भी बढ़ोतरी करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस ओर, हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। ख़ास कर लड़कियों को पढ़ाने के लिए उनके माता- पिता को- पढ़ाई का महत्व समझा रहे हैं, घर -घर जा कर। बेचारी लड़कियां तो पढ़ाई की कीमत तो दूर, पढ़ाई से क्या फ़ायदा होगा? इस बारे में भी कुछ नहीं जानती है। गांवो में , आज की जनरेशन पढ़ाई से अनभिज्ञ है। मेरी माताश्री का यही प्रोजेक्ट है, जो, इस ऑर्गनाईजेशन द्वारा बढ़ा रही है। चैरिटी (दान पुण्य) भी करती है यह ऑर्गनाईज़शन। बहुत ही अलग- थलग ऑर्गनाईजेशन है मेरी माँ की। अतः उनके स्कूलों में आज बहुत छात्रों की बढ़ोतरी भी हुई है। कुछ और भी चैरिटी का काम करती है कैटरीना? - फिलहाल, यही ऑर्गनाईजेशन- जो है, उसके साथ ही जुड़ी हुई हूँ। और जो कुछ भी कर सकती हूँ अपने हिसाब से वह जरूर करती हूँ। जैसे कभी किसी इवेंट पर जा कर स्पीच देती हूँ। अपनी सैलरी (पगार) से कुछ पैसे बचा कर हमेशा (दान ) डोनेट करती हूँ, ताकि हम इन लड़कियों को एक ऐसा जीवन दे सके, जिस से वह कभी जीवन के उतार -जड़ाव से हताश न हो। किन्तु जिंदगी को हर हाल में जीना सीखे, और वह भी सफलतापूर्वक। कुछ रुक कर कैटरीना ने एक बहुत बड़ा खुलासा कर दिया, ’मेरे दिल के करीब अपनी बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए, कुछ करने हेतु एक प्रोजेक्ट की तैयारी में भी लगी हुई हूँ। इंशाअल्लाह ! यदि यह सपना मेरा पूरा हुआ, तो बहुत जल्द इसके बारे में डिटेल्स (विस्तार) से आप लोगों को बताऊँगी। आपने ओरिजिन (मूल) के बारे में कुछ बतायें ? - यह मैं कई मर्तबा बता चुकी हूँ कि - मैं भारतीय मूल की हूँ। मेरे पिताजी भारतीय मूल के हैं। भारतीय विरासत (इंडियन ओरिजिन) जिसे, ’पी आई ओ ’ कहते हैं कई ढेर सारी अभिनेत्रियां हैं, जिनके पास अलग पासपोर्ट है। मेरे पिताजी भारतीय है अतः यह मेरा घर है। #Salman Khan #Katrina Kaif #interview #Bharat हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article