सफलता और असफलता ज्यादा दिन तक नहीं रहती- कृति सेनन

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By Shanti Swaroop Tripathi
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सफलता और असफलता ज्यादा दिन तक नहीं रहती- कृति सेनन

‘इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनीकेषंस इंजीनियरिंग’ में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद पिछले पांच वर्ष से बॉलीवुड में सक्रिय अभिनेत्री कृति सेनन का करियर काफी हिचकोले लेकर ही चल रहा  है.2015 में ‘दिलवाले’ की असफलता से उनके करियर में ब्रेक सा लग गया था. पर उन्हें दो फिल्में ‘बरेली की बर्फी’ और ‘राब्ता’ मिली. यह दोनो फिल्में 2017 में रिलीज हुईं. इनमें से ‘बरेली की बर्फी’ सफल हो गयी, मगर ‘राब्ता’ की असफलता ने उनके करियर पर सवालिया निषान लगा दिया. ‘राब्ता’ के निर्माण के दौरान इस फिल्म के हीरो सुषांत सिंह राजपूत से उनके रोमांस की भी काफी चर्चाएं रही. मगर ‘राब्ता’ के असफल होते ही दोनों अलग हो गए. पर अब कृति सेनन उत्साहित हैं. 2019 उनके करियर को काफी आगे ले जा सकता है. इस वर्ष उनकी एक नहीं बल्कि‘लुका छिपी’, ‘कलंक’, ‘अर्जुन पटियाला’, ‘हाउसफुल 4’ और ‘पानीपत’ सहित पांच फिल्में रिलीज होने वाली हैं.यह सभी फिल्में एक दूसरे से बहुत अलग हैं।

‘दिलवाले’ और ‘राब्ता’ जैसी फिल्मां की असफलता ने आपके करियर पर क्या असर किया ?

- मैं अपनी तरफ से हर फिल्म के किरदार को निभाते समय मेहनत करती हूं. मैं सदैव अपनी तरफ से सौ प्रतिषत देने की कोषिष करती हूं. पर कई बार कुछ वजहां से फिल्में असफल हो जाती हैं. ‘दिलवाले’ और ‘राब्ता’ को बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफलता नहीं मिली, पर मेरे करियर पर कोई असर नहीं पड़ा.इसकी मूल वजह यह है कि लोगों ने मेरे काम को पसंद किया. मेरे अभिनय की हर बार तारीफ हुई.‘राब्ता’ मेरे करियर की पहली फिल्म थी, जिसकी षूटिंग करने से पहले मैंने वर्कषॉप किया था. मैंने अपनी तरफ से इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की थी. इसीलिए जिन्होंने भी इसे देखा, उन्होंने मेरे अभिनय की तारीफ की. इसी वजह से इसकी असफलता से मुझे नुकसान नहीं हुआ. इस फिल्म के बाद एक कलाकार के तौर पर मैं ग्रो हुई. इस फिल्म को करने का मुझे कोई अफसोस नहीं है.. ‘राब्ता’ की असफलता के बाद प्रदर्षित फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ को काफी अच्छी सफलता मिली. इतना ही नहीं ‘राब्ता’ के बाद ही मुझे एक दो नहीं बल्कि चार फिल्में मिली थीं, जो कि इस वर्ष आएंगी. 2018 में फिल्म ‘स्त्री’ के गीत ‘आओ कभी हवेली पे’ में भी मुझे काफी पसंद किया गया. अब 2019 मेरा है. यह वर्ष मुझे सफलता की बुलंदियों पर ले जाएगा।

लेकिन ‘राब्ता’ की असफलता से तकलीफ तो हुई होगी?

- बहुत तकलीफ हुई थी. कुछ दिन तक मेरी समझ में नहीं आया कि क्या किया जाना चाहिए. उसके बाद मैं, सुषांत सिंह राजपूत और फिल्म के निर्माता निर्देषक दिनेष वीजन ने बैठकर काफी विचार विमर्ष किया कि कहां क्या गलती हुई, उसके बाद मैं अपने करियर में  आगे बढ़ गयी. मुझे इस दुःख से उबरने में  ‘बरेली की बर्फी’ को मिली सफलता ने भी मदद की.मेरी समझ में आया कि सफलता व असफलता ज्यादा दिन तक नही रहती. मैंने सीखा कि कलाकार के तौर पर हमें सदैव ‘डाउन टू अर्थ’ रहना चाहिए. असुरक्षा और कम्पटीषन तो हर क्षेत्र में है।

आप फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला के साथ फिल्म ‘हाउसफुल 4’ कर रही हैं?

- साजिद नाड़ियाडवाला मेरे मेंटोर हैं. मेरे करियर की षुरूआत उन्ही के साथ फिल्म ‘हीरोपंती’ से हुई थी. और अब मैं उनके साथ सर्वाधिक सफल फिल्म ‘हाउसफुल’ की फ्रेंचाइजी ‘हाउसफुल 4’ में काम कर रही हूँ. इससे मेरी जिंदगी का सर्कल पूरा हो गया. इस फिल्म में मुझे अक्षय कुमार, रितेष देषमुख, बॉबी देओल, कृति खरबंदा व पूजा हेगड़े के साथ काम करने का अवसर मिला है. दिवाली 2019 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में मेरी जोड़ी अक्षय कुमार के साथ है. इसमें दो अलग अलग युग की कहानी एक साथ नजर आएगी. मैं बहुत उत्साहित हूं।

2019 में दूसरी कौन सी फिल्में आ रही हैं?

- इस वर्ष ‘लुका छिपी’, ‘कलंक’, ‘अर्जुन पटियाला’, ‘हाउसफुल 4’ और ‘पानीपत’ सहित मेरी पांच फिल्में आएंगी. हर फिल्म में अलग तरह के किरदार में नजर आऊंगी।

 आषुतोष गोवारीकर निर्देशित पीरियड फिल्म ‘पानीपत’ में मैं अर्जुन कपूर, संजय दत्त, मोहनीष बहल, पद्मिनी कोल्हापुरे के साथ अभिनय कर रही हूं.इसमें मेरे किरदार का नाम पार्वती बाई है,जो कि महाराष्ट्रियन राज कुमारी है. इसका पहला षेड्यूल हो चुका है. इस फिल्म के लिए मैंने मराठी भाषा सीखी।

लक्ष्मण उतेकर निर्देषित उत्तर प्रदेष के मथुरा षहर की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘लुका छिपी’ में मेरे साथ कार्तिक आर्यन हैं. कार्तिक आर्यन एक टीवी रिपोर्टर देव के किरदार में है और मैं इसमें रामोना नामक एक सषक्त औरत का किरदार निभा रही हूँ. देव, रामोना को अपना दिल दे बैठता है. इसमें आप मुझे मथुरा षैली की भाषा बोलते हुए पाएंगे।

 3 मई 2019 को रिलीज होने वाली रोहित जुगराज निर्देषित ‘अर्जुन पटियाला’ भी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है. इसमें लंबे कद की औरत का छोटे कद के पुरूष के बीच प्रेम कहानी है. मैंने इसमें लंबे कद की औरत रितु रंधावा का किरदार निभाया है, जो कि पेषे से पत्रकार हैं, जबकि छोटे कद के पंजाबी पुरूष अर्जुन पटियाला के किरदार में दिलजीत दोसांझ हैं. इसमें लोग मुझे उत्तर भारतीय अंदाज में संवाद बोलते हुए देखेंगे।

2017 में आपको एज्यूकेषन न्यूजीलैंड  ब्रांड अम्बेसडर बनाया गया था?

-जी हॉ! मैं स्कूल व कॉलेज के दिनां में काफी पढ़ाकू रही हूँ. अब ‘एज्यूकेषन न्यूजीलैंड ब्रांड अम्बेसडर’ बनने के बाद मैं भारत से न्यूजीलैंड पढ़ने के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को करियर व षिक्षा के संबंध में प्रेरित करने का काम कर रही हूं।

आपके अनुसार फिल्मां में सफलता का क्या मंत्र है?

- हर फिल्म करने की सही वजह  होनी चाहिए. हर फिल्म को पूरी लगन व मेहनत से करते हुए अपनी तरफ से सौ प्रतिषत देना चाहिए. सबसे ज्यादा जरुरी है कि एक ही तरह का सिनेमा करने की बजाय अलग अलग जॉनर का सिनेमा करते हुए विविधता पूर्ण किरदार निभाएं. मैं इसी ढर्रे पर चल रही हूं, इसीलिए कलाकार के तौर पर फिल्म दर फिल्म ग्रो कर रही हूं. इससे दर्षक भी मुझे हर फिल्म में अलग अंदाज में देख पा रहे हैं. हमें यह मानकर चलना चाहिए कि हर कलाकार के उपर हर किरदार फिट नहीं बैठ सकता. इसी तरह हर कलाकार को दर्षक हर किरदार में पसंद नहीं कर सकते. तो हमें यह समझना पड़ेगा कि हमारे उपर कौन सा किरदार फिट बैठता है या नहीं।

सुशांत सिंह राजपूत के साथ रिष्ता खत्म हो गया?

- सुशांत सिंह राजपूत मेरे सह कलाकार रहे हैं. उनके साथ मेरे कोई रिष्ते थे ही नहीं, तो खत्म होने का सवाल कहां से उठा. यह मीडिया ही किसी भी कलाकार के साथ मेरा रिश्ता जोड़ती व तोड़ती रहती है. मैं कल भी सिंगल थी और आज भी सिंगल हॅू।

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