‘मैं जीवन में हमेशा सकारत्मक सोच लेकर आगे बढ़ती हूँ’- माधुरी दीक्षित By Lipika Varma 08 Jun 2019 | एडिट 08 Jun 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा डांस दिवा माधुरी दीक्षित नेने, ’सेकंड एडिशन डांस डीवाने“ जो कलर्स चैनल पर जल्द आने वाला है, माधुरी बतौर जज नजर आने वाली है। माधुरी का मानना है, ’मुझे टेलीविजन और फिल्मों दोनों मे काम करना पसंद है। मैं जिस भी प्लेटफॉर्मो पर काम करती हूँ दिल से काम करती हूँ। “ पेश है माधुरी दीक्षित के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश - सेकेंड एडिशन डांस दीवाने क्यों ख़ास है? - हमारे शो में माँ आप पहली बार अपने बच्चो के साथ दिखलाई देंगे। डांस दीवाने पेले भाग में भी पहली पीढ़ियों को हमने प्लेटफॉर्म दिया डांस करने के लिए। यह बहुत ही अच्छा कांसेप्ट रहा, कई बार हम लोग दूसरी या तीसरी पीढ़ी को एन्जॉय करने का मौका नहीं देते हैं। 4 से लेकर 40 की उम्र के लोग इस सेकेंड एडिशन डांस दीवाने सीजन, में यह लोग (सेकेंड जनरेशन) डांस करते हुए नजर आएंगे। क्यों? भाई, हर इंसान जब तक के उस में सांस है उसे अपनी जिंदगी अपने हिसाब का अधिकार है। इस सेकेंड एडिशन डांस दीवाने में क्या उम्मीद दिखाई देती है ? - उम्मीद हमेशा रखनी चाहिए। इस शो से सब भी को भी उम्मीद है। यह एक फेमिली शो है। पहली बारी दोनों माँ बाप भी हमारे शो में खुद डांस कर रहे है। इस सीजन डांस दीवाने में ढेर सारे थर्ड जनरेशन कंटेस्टेंट्स ने हिस्सा लिया।हमारे लिए इतने सारे टैलेंटेड कंटेस्टेंट्स में से चूस करना बहुत मुश्किल था किसी को चूस करना बहुत मुश्किल था। और अक्सर हम एहि सुनते है रियल लाइफ में -माँ बाप को एहि बोलते है सब अब बच्चो को डांस करवाओ ! ऐसा क्यों? सो यह प्लेटफार्म दिया है इस शो ने सभी को। कंटेस्टेंट्स को सेलेक्ट करने हेतु आप को कितनी मुश्किलों का समाना करना पड़ा? - कंटेस्टेंट को सेल्क्ट करते समय हम उसके डांस में कितना ग्रेस है, स्वाग -इत्यादि है तो देखते ही है, यही सभी चीज़ हमेशा देखते हैं। किन्तु इस बारी उनके जीवन से डांस को लेकर और अन्य चीज़ो को लेकर कहानियां है ? इस पर भी तवज्जो दिया है। हमने उन्हें सपोर्ट (समर्थन) भी दिया है और प्रोत्साहित भी किया है ताकि वह अपोप्ने टैलेंट में और निखार लेकर आये। इस बार और क्या कुछ कंटेस्टेंट्स को डिस्कवर करने हेतु आपका कितना सपोर्टर रहा? - हम किस तरह कंटेस्टेंट्स को सकारात्मक भावनाओं से प्रेरित करते हैं, और उन्हें यह भी एहसास दिलाते है कि-उन्हें अपने आप के टैलेंट को अभी खोजना है। यह सब कंटेस्टेंट्स को अपने आप को डिस्कवर करने में और म्हणत कर प्रतियोगिता में डट कर भाग लेने हेतु मदत होती है। इनके भी अपने फैंस बने यही हम भी चाहते हैं। उनका स्ट्रगल (संघर्ष) भी सफल हो यही हम कहते हैं। आपने शुरुआती दौर में किन संघर्षों का सामना किया और आज इतनी सफल है कुछ? - हर आर्टिस्ट स्ट्रगल से जूझता ही है। हर आर्टिस्ट चाहे वह टैलेंटडमई हो। तब भी उसे कुछ न कुछ संघर्षों से गुजरना ही पड़ता है। शुरुआती दौर में -फिल्मों में डांस करती थी तब अपने आप में बहुत कमिया महसूस करती थी। दरअसल में, स्टेज पर डांस करने की आदत थी तो समझ नहीं पाती। स्टेज पर फ्री स्टाइल डांसिंग होती है। किन्तु कैमरे के सामने कैसे अपनी हद तय करूँ? बंधन होता था उस में डांस करना मुश्किल होता था। लेकिन पहली बारी सरोज जी के साथ। ’एक दो तीन’ गाने पर डांस किया तो समझ पायी की- कमरे को उतना ही देना है, ताकि हमारे हाथ या रिएक्शन कट न हो जाये। वह समझ आया तो फिर डांस करने में कोई भी दिक्कत महसूस नहीं हुई। डांस फॉर्म्स में कितना बदलाव देखती है आप? कम्पीटिशन ज्यादा क्यों हो चला है डांस में ? - साइलेंट एरा एक्टर्स खुद डांस लाइव करते थे। फिर प्लेबैक आया तो सब एक्टर्स को डांस करने का फ्रीडम मिलने लगा। बॉलीवुड एक्टर्स जो इंडियन डांस फॉर्म्स में जाने माने थे, खासकर क्लासिकल डांस फॉर्म में भी- जैसे -वैजयंती माला जी, रागिनी पद्मिनी जी। उसके बाद सेमी क्लासी आया फिर मिक्स्ड क्लासिकल स्टाइल और फिर सके बाद मिक्स्ड स्टाइल वेस्टर्न आया। लगभग सभी डांस फॉर्म धीरे धीरे ग्लोबल डांस फॉर्म हो गए इन्फ़ेन्स ग्लोबा। इन सब डांस फॉर्म के साथ बॉलीवुड डांस फॉर्म भी अपनी एक जगह बनाये रखे हुए हैं। फॉक्सट्रॉट, हिप हॉप कंटेम्पोररी फॉक, क्लासिकल इत्यादि के साथ आज तो ट्रेंड ही पूरे का पूरा बदल गया है। स्टंट्स का भी साथ में तड़का लगने लगा है। एक्रोबेटिक्स इत्यादि इन सभी डांस फॉर्म्स के साथ कम्पीटिशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। और डांस आने लगे हैं। पर डांस तो डांस ही है। आप जितना दिल से डांस करते हो उतना ही आप सभी का दिल जीत सकते हो। माधुरी दीक्षित डांस की अल्टीमेट मानी जाती है क्या कहना चाहेंगी आप? किन अभिनेताओं के साथ डांस करने में दिक्कत आई हो? - हंस कर बोली, कुछ अल्टीमेट, जैसा नहीं होता है। हमने भी बॉलीवुड में डांस करते हुए बॉलीवुड डांस फॉर्म कैमरे के सामने करना सीखा, जैसे, मैंने आपको अभी बताया है। सनी देओल के साथ डांस करते समय वह तो इतने सीधे हैं कहते- ’तुम डांस करो हम फॉलो कर लेंगे आपको।“ और अजय देवगण को तो डांस करना पसंद ही नहीं आता। तो डांस कोरियोग्राफर उनके हिसाब से ही डांस स्टेप्स/मूवमेंट्स बैठाया करते। और किन अभिनेता के साथ डांस करते हुए आप डर गई हो? - “के सेरा सेरा“ गाना जब में डायरेक्टर/एक्टर प्रभुदेवा के साथ कर रही थी तो, उनकी स्फूर्ति देख में तो कांप गयी थी। लेकिन बाद में वह डांस उनके साथ करने में बहुत मजा भी आया। हालिया रिलीज़ हुई फिल्म ’कलंक’ बॉक्स ऑफिस पर अपना झंडा फैरा नहीं पाई। क्या कारण हो सकता है ? - देखिये, हम लोगों ने तो अपनी तरफ से बहुत ही मेहनत की थी। सोशल मीडिया पर फिल्म ‘कलंक’ की आलोचना हुई, इस बारे में क्या कहूं। अब क्या होता है न? जनता को क्या पसंद आये, यह हमारे बस में तो नहीं है। हर बारी हम यही कोशिश करते हैं कि अपनी तरफ से हम अपना बेस्ट दें। मैं जीवन में हमेशा सकारत्मक सोच लेकर आगे बढ़ती हूँ। सो हमेशा आगे कोई ओर देखती हूँ और आगे ोबद्ध गयी हूँ। पर हाँ ! फिल्म यू के में पसंद आयी है और बहुत अच्छी चली है बॉक्स ऑफिस पर। इस बात से हम सब खुश है। #Dance Deewane #Madhuri Dixit #interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article