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वो सब संजू ने कैसे भुगता होगा, सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं- मनीषा कोईराला

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By Shyam Sharma
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वो सब संजू ने कैसे भुगता होगा, सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं- मनीषा कोईराला

अपने वक्त की हिट नायिका मनीषा कोइराला कैंसर से निजात पाने के बाद बॉलीवुड में वापसी के लिये किसी अच्छी भूमिका का इंतजार कर रही थी। उनकी तलाश खत्म हुई फिल्म ‘संजू’ पर जाकर। इस फिल्म में वह स्व नरगिस दत्त की भूमिका निभा रही है। उनकी वापसी और फिल्म को लेकर हुई एक मुलाकात।

सबसे पहले आपको एक खतरनाक बीमारी से निजात पाने के लिये बहुत बहुत बधाई। आपको नही लगता कि आज भी आपसे बहुत लोग प्यार करते हैं ?

लगता नहीं बल्कि है, क्योंकि आज भी मेरे पास इतने खत आते हैं और उनमें ऐसी ऐसी बातें लिखी होती हैं कि पढ़ने के बाद मन भर आता है। मैं उन सभी को धन्यवाद कहना चाहूंगी, जिन्होंने मेरी बीमारी के वक्त मेरा हौंसला बढ़ाने के अलावा मेरे लिये खूब दुआयें की थी। मेरा मानना है कि दुआओं में बहुत ताकत होती है।

क्या आप इसी तरह के किरदार से वापसी करना चाहती थी ?

मुझे जब फिल्म के डायरेक्टर राजू हीरानी ने फोन किया तब मैं नेपाल में थी। मैं दुविधा में थी कि कंरू न करूं, क्योंकि एक तो रणबीर कपूर की मां का रोल था। रणबीर से मैं सिर्फ दस साल बड़ी हूं, दूसरे नरगिस जी की यादें अभी तक लोगों के दिलों में ताज़ा है। तो क्या में उन्हें एक्ट कर पाउंगी। काफी कशमकश चल रहा था। दूसरी तरफ वापसी का एक बेहतरीन मौका भी था, लिहाजा मैने इस भूमिका को करने का निश्चय किया। शूटिंग के दौरान इतना अच्छा माहौल बना रहता था जो कभी आपको कुछ और सोचने तक का मौका नहीं देता था। अब मैं कह सकती हूं कि इस फिल्म को करने के बाद बहुत खुश हूं और मुझे यकीन है ऑडियेंस भी मुझे इस रोल में बहुत पंसद करने वाली है।

नरगिस को जानने के लिये क्या कुछ किया ?

थोड़ा बहुत मैं उनके बारे में पहले से जानती थी, बाकी राजू जी और उनकी पूरी टीम ने मेरी मदद की। डाकूमेन्ट्रीज, किताबें, फोटोग्राफ्स तथा वीडियोज दिखाये। उसके बाद काफी प्री परेशन और रिहर्सल्स की, साथ ही काफी डिशकशंस हुये, लुक टेस्ट हुये। यह सारी चीजें करते करते मैं किरदार के बहुत ज्यादा करीब चली गई थी। बाद में ये भूमिका निभाते हुये मैं बहुत सहज थी।

नरगिस जी को कहां तक तक दिखाया गया है ?

जब उन्हें कैंसर हुआ था, वहां से उनकी मौत तक की यात्रा दर्शाई गई है। दरअसल रणबीर बहुत ब्रिलियेंट परफॉर्मर है। उसके साथ काम करते हुये हमेशा मजा आया। वैसे जब भी मेरे सामने बढ़िया एक्टर होता है तो मेरा काम और ज्यादा निखर कर आता है। इस फिल्म की टीम में भी बहुत अच्छे परफॉर्मर्स हैं।

फिल्म में लुक वाईज रणबीर कपूर नब्बे प्रतिशत संजय दत्त लगे हैं। आपका क्या कहना है ?

मैं फिल्म में रणबीर की एक्टिंग के बारे में अक्सर सुनती रहती हूं कि संजू के लुक में एक बार तो रणबीर के पिता ऋषि कपूर ने भी नहीं पहचाना या फिल्म के ट्रेलर में दर्शक और मीडिया उसे संजू के लुक और उसकी बॉडीलैंग्वेज में देख कर अवाक था। मेरा तो कहना है कि वह इस जनरेशन का सबसे बेहतरीन एक्टर है, उसकी कोई भी फिल्म देख लें, उसने सो में से सो प्रतिशत काम किया है।

फिल्म में नरगिस अंत तक हैं ?

  मैने बताया न कि नरगिस कैंसर होने के बाद फिल्म में आती है, इसलिये रोल काफी संक्षिप्त है यानि फिल्म में मेरा गेस्ट रोल है। बेसिकली फिल्म सजूं की बायोपिक है इसलिये प्रैशर रणबीर पर ज्यादा है।

नरगिस की ढेर सारी ऐसी बातें है, जिनके बारे में लोगों को नहीं पता। क्या फिल्म के जरिये दर्शक उन बातों से रूबरू होगें ?

अभी मैं ज्यादा कुछ नहीं बता सकती लेकिन बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो आपको फिल्म में ही दिखाई देगीं। दूसरे मैने जितना सोचा था संजू की लाइफ में उसने उससे कहीं ज्यादा भुगता है। राजू जी ने मुझे बहुत पहले ट्रेलर दिखा दिया था, उसमें मेरा एक भी सीन नहीं था लेकिन जो भी मैने देखा, उसे देखने के बाद दो दिन तक मैं सो नहीं पाई थी। वह सब संजू ने कैसे भुगता होगा, वह सब सोचते हुये रोगेंटे खड़े हो जाते हैं।

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