एकता कपूर की वेब सीरीज मैरिड वुमन ऑल्ट बालाजी और ज़ी 5 पर प्रीमियर हो रही है। यह शो महिलाएं अपने जीवन में जो कोई भी विकल्प <चोइसस> चुनती है उस पर आधारित है। यह दो महिलों की कहानी है जो एक दूसरे के प्रेम में पड़ जाती हैं। इनकी आत्मा सामाजिक बंधनों से परे अपनी प्रेम की दुनिया में है। यह मंजू कपूर की नॉवेल पर आधारित वेब सीरिज़ है। एकता कपूर मैरिड वुमन की किताब कई वर्ष पहले खरीद चुकी थी किंतु इस पर आधारित शो उन्हें सही वक़्त का इंतज़ार था। - लिपिका वर्मा
मैरिड वुमन अब बना रही है, किताब खरीद ली थी तो किस बात का इंतजार था?
मुझे क्या बोलना है, मैंने कस्टडी नामक किताब उस समय खरीदी थी जब मैं डर्टी पिक्चर के लिए दिल्ली में थी। मंजू जी <लेखिका> ने जब मुझ से पूछा एकता कस्टडी में आप फेर बदल कीजियेगा? तब मैंने उन्हें जवाब दिया -'जी हाँ, क्योंकि जब कभी हम कोई भी किताब से टेलीविजन के लिए कहानी बनाते हैं, तब हम लोगों के घर में जाते है। तो उसमें थोड़ा बदलाव जरूर करती हूँ। पर 'मैरिड वुमन' मैं तभी बनाउंगी जब उस में कुछ फेर बदल न करनी पड़े ताकि उस कहानी के सार में बदलाव न आये और आज मेरे पास एक ऐसा प्लेटफॉर्म है इसीलिए मैं खुश हूँ -अब मेरा यह वेब शो सभी देख पायेंगे।
एकता अलग अलग कहानियां कैसे ले आती है?
वेब पलटफोर्म का एक लाभ है- हम अलग-अलग दर्शकों की इच्छा अनुसार, वो जो कुछ देखना चाहते हैं उसे प्लेटफॉर्म पर हम परोस सकते है। मैं सभी को अलग कहानियाँ दिखला कर उन्हे खुश करना चाहती हूँ। फिर चाहे वो मासेस <आम जनता> के लिए भी हो सकती है। मैं सभी के लिए, उन्हें जो देखने की आकांक्षा हो वैसा ही कुछ बना कर उन्हें एंटरटेन करना चाहती हूँ। सो मैं उसी हिसाब से प्रोग्रामिंग करती हूँ।
कुछ सोच कर एकता बोली,'यहाँ प्लेटफॉर्म पर जो कहानियां लाने का मौका मुझे मिल रहा है वैसे टेलीविजन पर नहीं मिल पाता। जब भी आप एक टेलीविजन शो बनाते है तो वह कभी -कभी २० वर्षों तक चलता है, लगभग 2000 या 5000 एपिसोड्स तक बनाते रहना होता है और यह आपको थका भी देता है। फ़िल्में आपको पता है एक्टर्स के बल बूते पर चलती है। सो अब देखा जाये तो इस प्लेटफॉर्म पर कहानियां दिखाने में मुझे बहुत मजा आ रहा है। अब देखना है लोगों को यह मैरिड वुमन शो कितना पसंद आता है क्योंकि इसकी भाषा और कंटेंट अलग है।
क्या आप सचेत विचार से वीमेन ओरिएंटेड कहानियां ही दिखाना चाहती हैं?
जी हाँ यह मेरा कॉन्ससियस डिसिशन है। एक महिला की सेक्सुअलिटी को पाप समझा जाता है, यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। मुझे कई मर्तबा कहा भी गया है कि मैं ही महिलाओ को साड़ी और सिन्दूर में दिखाने की जिम्मेदार हूँ और उनके इस सफर में मेरा बहुत बड़ा हिस्सा है। और इसी वजह से महिलाओ के विकास में अड़चनें आयी है। मेरी कहानियों में महिलाओ का अपरिवर्तनवादी रूप दिखाया गया है। पर मैं इस से सहमत नहीं हूँ। अब,
'मैरिड वुमन' और अन्य शोज में मैंने महिलाओ के अलग-अलग इश्यूज उठाये हैं जो मेरी कहानियों में दिखाई देंगे। मैंने जो कुछ भी टी वी पर कहानियां दिखाई हैं उस से मुझे कोई भी खेद नहीं है। हर महिला के अपने जीवन के अलग अलग पड़ाव पर अपनी अलग अलग पसंद हो सकती है। सो वो उनकी चॉइस है। सो अपनी चॉइस से वह अच्छी या बुरी नहीं कहलाई जा सकती है।
वेब सीरिज़,'मैरिड वुमन' में पीपलिका को जज किया जा रहा है, कभी आपको जज किया गया है? जजमेंट पर आपका क्या रुख है?
मैंने कभी कोई भी पेडस्टल <पांडित्य> एन्जॉय नहीं किया है। सभी आपको गिरते हुए देखना चाहते है, इस लिए आपको पेडस्टल पर चढ़ा देते है। मैं अवार्ड/रिवॉर्डया एक्लेम <प्रशंसा> अपने दिमाग में नहीं लेती हूँ। लोगो के जजमेंट को भी अपने दिमाग में नहीं लेती हूँ। आई डोंट केयर!! जब आप शो देखेंगे तो पीपलिका का किरदार मेसी दिखाई देगा और में भी मेसी ही हूँ।
कोई भी बुक को रील पर उतरना कितना मुश्किल होता है ?
बुक अडॉप्टेशन यदि आपके पास बेहतरीन लेखक हो और हमने जब भी रिद्धि की कोई इंटरनल <आंतरिक> जर्नी दिखानी हो, तब रिद्धि को कैमरा से भी बातचीत करवाई है। यदि आप डायरेक्ट अडॉप्टेशन करते है तो थोड़ा कठिन हो जाता है। यह एक ऐसी किताब है जो खुद से ही स्क्रीनप्ले की तरह ही लिखी गयी है। हमने इस किताब की सही सार को ही आगे बढ़े है और सार को लेकर ही शो बनाया है। लव चॉइस है, स्टाइल भी चॉइस है यह मैं सभी महिलाओ को इस शो से बतला रही हूँ सो मै खुश हूँ।
चैलेंजेस को लेकर कैसे आगे बढ़ती है एकता?
चैलेंजेस को लेकर आगे बढ़ना बहुत कठिन होता है किंतु यही कठिनाइयों को झेलना और आगे बढ़ना तो मुझे कुछ कर गुजरने में साथ देता है। और मुझे ऐसा करना ख़ुशी प्रदान करता है। टफ चीज़ करना पसंद है मुझे,एहि कारण है मैंने एक लैंडमार्क भी बनाया है। ऑल्ट बालाजी मेरे लिए एक लैंडमार्क ही है। यदि अगले १० वर्षों में जो कुछ ऑल्ट बालाजी के तेहद प्लान किया गया है और बनाया जायेगा तभी तो हमारे लिए एक बड़ी <अचीवमेंट> उपलब्धि होगी.