
पहलाज निहलानी की फिल्म ‘ रंगीला राजा’ से तीन लड़कियों ने डेब्यु किया है। उनमें से एक का नाम है मिशिका चौरसिया। मिशिका का जन्म नागपूर में हुआ और उसकी पढ़ाई लिखाई हुई बैंगलुरू में। एक्टिंग के बारे में कभी न सोचने वाली मिशिका का फिर किस तरह आगमन हुआ बॉलीवुड में। बता रही है, इस मुलाकात में।
परिचय
बकौल मिशिका मैं नागपुर से हूं लेकिन बाद में बैंगलुरू चली गई। एक्टिंग को लेकर मैने नहीं सोचा था। लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि मुझे इस लाइन में आना पड़ा। इसके लिये मैने पहले न्यूयॉर्क फिल्म एकेडमी से एक्टिंग का कोर्स किया। उसके बाद मुंबई आ गई। यहां आने के बाद मैंने टी-सीरीज के साथ दो तीन म्यूजिक वीडियोज किये।
फिल्म कैसे मिली
एक दिन मेरे अंकल के तहत मेरा पहलाज जी से उनके ऑफिस में मिलना हुआ। हमने उनकी फिल्मों के बारे में बातें की लेकिन मैने अपने काम की उनसे कोई बात नहीं की और जब हम निकलने लगे तो पहलाज जी ने कहा कि अपनी कुछ फोटोज मुझे भेजना। मैने अपने पिक्स भेज दिये। करीब पंद्रह दिन बाद पहलाज जी का फोन आया कि कल ऑफिस आ जाओ, आपका मेजरमेन्ट लेना है। मैं हैरान थी कि उन्होंने मेरे बारे में मुझसे कुछ भी नहीं पूछा फिर कैसा मेजरमेंट। खैर मैं अगले दिन उनके ऑेफिस गई तो वो पूरा भरा हुआ था। उस वक्त वहां डासरेक्टर समेत कू्र का हर मेंबर मौंजूद था। मेरा मेजरमेंट हुआ, उसके बाद सर ने मुझे पूरी कहानी न बताते हुये मुझे मेरे रोल की वन लाइन सुनाई। इसके बाद मुझे फिल्म के लिये साइन कर लिया। दरअसल सर ऑडिषन में बिलीव नहीं करते, उनका कहना हैं कि पांच मिनीट के ऑडिशन में कैसे एक्टर की पहचान हो सकती है। इसलिये मैं कह सकती हूं कि मुझे बिना ऑडिशन की ये फिल्म मिली। उसके पंदरह दिन बाद कर्जत में इस फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई थी। /mayapuri/media/post_attachments/5ba98da191e2e8d583498721575a82d5b5a71aaa999e38fdbe35011a3887a13b.jpg)
किरदार क्या है
किरदार यही है कि ये एक वर्किगं वूमन है जो काफी स्ट्रांग है। वो काफी बबली है। सबसे अहम बात ये है कि जब मेरी एन्ट्री होती है इसके बाद ही सारे ड्रामे और तमाशे शुरू हो जाते हैं। गोविंदा डबल रोल में हैं और उनकी बीवी और गर्लफ्रेंड है। मैं किसी के साथ नहीं हूं फिर भी दोनों के साथ हूं।
गोविंदा के साथ काम करने का अनुभव
गोविंदा जी की फिल्में देखकर मैं बड़ी हुई हूं। दूसरे सुपर स्टार सुपर स्टार ही होता है। वो फिल्में करे या न करें। उसके कॅलीबर और उसके टेलेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कहा जाता है आफ्टर दिलीप कुमार गोविंदा ही एक ऐसा एक्टर हैं जिसे कंपलीट एक्टर कहा जा सकता है। मैने देखा है उनका टेलेंट जो पिक्चर में दिखाई देता है उससे कहीं ज्यादा है। इसी फिल्म के दौरान मैने देखा कि एक ही षॉट वे दस अलग अलग तरीके से दिखा सकते है उन्होंने अपना वैरियेशन रिपीट नहीं किया। जबकि हम तो एक बार ही कर ले तो बहुत बड़ी बात है। मेरा पहला ही सीन उनके साथ करीब तीन मिनिट बीस सैकेंड का था, जो एक टेक में ओ के हो गया। हालांकि इससे पहले कुछ रिहर्स्रल जरूर हुई थी। मुझे कैमरे से डर वर नहीं लगता दूसरे मेरी मैमोरी बहुत शार्प है इसलिये डायलॉग्स याद करने के मेरे साथ कोई प्राब्लम नहीं थी । मुझे हां पहलाज जी का सपोर्ट, गोविंदा जी का सपोर्ट तो था ही लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि मैने मास्टर शॉट वन टेक में कंपलीट कर दिया। सभी शॉक्ड थे। कि एक नई लड़की ऐसा कैसे कर सकती है।/mayapuri/media/post_attachments/b079b2b56aa765c0929c0049e186f04cade95e3d44ba554b9b271596c76e1565.jpg)
शक्ति कपूर से डर नहीं लगा
उनकी इमेज पता नहीं क्यों ऐसी बना दी गई वरना बहुत ही अच्छे इंसान हैं शक्ति सर। पूरी शूटिंग के दौरान अपनी इमेज के मुताबिक उन्होंने एक प्रतिशत भी ऐसी हरकत नहीं की। उनके पास किस्सों की खजाना है, मैं उनसे लगातार किस्से सुनती रहती थी। शूटिंग के बाद हम सब देर रात तक कैरम खेलते रहते थे या और मस्ती करते रहते थे । वाकई उके साथ काम करने में जो मजा आया उसे मैं ता जिन्दगी नहीं भूल सकती ।
अगली फिल्म
मिशिका का कहना हैं कि मुझे पहलाज जी ने तीन फिल्मों के लिये अनुबंधित किया हुआ है बावजूद इसके मैं बाहर भी फिल्म कर सकती हूं।
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