टीवी पर जबरदस्त शोहरत हासिल करने के बाद मौनी रॉय ने अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘गोल्ड’ से फिल्मों में कदम रखा.उसके बाद वह जॉन अब्राहम के साथ फिल्म ‘रॉ’ में नजर आयीं.मगर इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगा. लेकिन मौनी रॉय तकदीर की धनी हैं.उन्हें लगातार फिल्में मिल रही हैं. अब 25 अक्टूबर को प्रदर्शित होने जा रही निर्देशक मिखिल मुसाले की फिल्म ‘मेड इन चाइना’ में वह राज कुमार राव के साथ नजर आएंगी।
आपकी पिछली दोनों फिल्म ‘गोल्ड’ व ‘रॉ’ ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता दर्ज नहीं करायी थी?
- देखिए, मैं हर फिल्म में अपना काम इमानदारी के साथ करने में यकीन रखती हूं. मैंने इन दोनों फिल्मां में अपनी तरफ से सौ प्रतिशत दिया था. मैं अपने निर्देशक की बात को सुनकर अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं. स्क्रिप्ट के कुछ पन्ने पढ़कर मैं निर्णय ले लेती हूं कि मुझे इसका हिस्सा बनना है या नहीं. पर मगर हर फिल्म की अपनी तकदीर होती है. हर फिल्म की सफलता या असफलता के कई कारण होते हैं. इन दोनों फिल्मां मे मेरे किरदारों और मेरी परफार्मेंंस की लोगों ने काफी तारीफ की. इसी के चलते मुझे लगातार फिल्में मिल रही हैं. वैसे मुझे कहीं भी पहुंचने की जल्दी नहीं है।
आपको नहीं लगता कि अब टीवी व फिल्म के बीच जो अंतर हुआ करता था, वह खत्म हो रहा है. अब फिल्मों में भी टीवी कलाकारों को काम मिल रहा है?
- जी हाँ! यह सिनेमा में आए बदलाव का परिणाम है. यही वजह है कि सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि राधिका मदान, सनाया ईरानी, मृणाल ठाकुर आदि टीवी कलाकार फिल्मों में अच्छा काम कर रहे हैंं. अब यह अच्छा है कि टीवी या फिल्म के बीच कोई मतभेद नहीं रहा. अब कलाकार को उसकी प्रतिभा के बल पर चुना जा रहा है न कि यह देखकर कि कौन किस माध्यम का है।
फिल्म ‘मेड इन चाइना’ करने की कोई खास वजह?
- फिल्म की कहानी, स्क्रिप्ट और निर्देशक बहुत खास हैं. इसके अलावा इस फिल्म का निर्माण कर रही कंपनी ‘मैडॉक फिल्मस’ ने अब तक अमैजिंग विषयों पर अमैजिंग फिल्मों का निर्माण किया है. जब उन्होंने मुझे यह कहानी सुनायी तो मैं एक्साइटेड हो गयी. मैं मूलतः बंगाली हूं और मुझे इसमें गुजराती हाउस वाइफ का किरदार निभाना था, यह सुनकर मैंने कहा कि मुझे यह फिल्म करनी है. मेरे लिए यह किरदार काफी चुनौतीपूर्ण लगा।
फिल्म ‘मेड इन चाइना’ क्या है?
- यह एक बिजनेसमैन रघु की कहानी है, जो कि काफी संघर्ष व कई तरह के बिजनेस में हाथ आजमाने के बावजूद सफल नहीं हो पाते. फिर मौके की तलाश में वह चीन जाते हैं. जहां उन्हें एक आइडिया मिलती है. फिर वह भारत आकर उस आइडिया व भारतीय जुगाड़ के साथ नए बिजनेस में हाथ आजमाते हैं व सफलता पाते हैं. इसमें जबरदस्त संदेश है. लोग इस फिल्म के साथ रिलेट भी करेंगे।
आपका अपना किरदार क्या है?
- मैंने इसमेंं रघु की पत्नी रूक्मणी का किरदार निभाया है. मगर रूक्मणी टिपिकल गुजरातन नहीं है.रूक्मणी महानगर में रही है. इसलिए वह टिपिकल गुजराती में बात भी नहीं करती है. उसकी अपनी महत्वाकांक्षांए रही हैं. मगर रघु के प्यार में पड़कर रघु से शादी कर वह अहमदाबाद आकर रहने लगती है.रूक्मणी बार बार अपने पति रघु से कोई सही व सफलता दिलाने वाला व्यापार करने के लिए कहती है. रघु सेक्स ट्रीटमेंट से संबंधित एक व्यापार से जुड़ता है।
तो यह एक सेक्स कॉमेडी फिल्म है?
- जी नहीं.. यह पारिवारिक कॉमेडी फिल्म है. बुखार या सिर दर्द या हृदय की बीमारी होने पर लोग डॉक्टर के पास जाते हैं.उसी तरह सेक्स से संबंधित बीमारी के लिए लोग सेक्सोलाजिस्ट डॉक्टर के पास जाते हैं.इसमें गलत कुछ नहीं है. मेरी राय में जरुरत इस बात की है कि सेक्स एज्युकेशन की शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा हो. हर पुरूष और हर औरत को सेक्स एज्युकेशन दिया जाना चाहिए।
आपने फिल्म में जो गाना किया है, उसके बारे में कुछ कहना चाहेंगी?
- मैं मूलतः क्लासिकल डांसर हॅूं. इसलिए जब भी मौका मिलता है, मैं डांस जरुर करती हूं. इसमें मैंने एक गरबा डांस किया है. मैंने गरबा डांस की कोई ट्रेनिंग नहीं ली. मगर डांस डायरेक्टर ने मुझे गरबा पर नचवाया।
राज कुमार राव, बोमन ईरानी, गजराज राव व परेश रावल जैसे अनुभवी कलाकारों के साथ काम करने के अनुभव?
- बोमन ईरानी के साथ मेरा एक गाना है. परेश रावल के साथ कोई दृष्य नहीं है. राज कुमार राव काफी अनुभवी और उत्कृष्ट कलाकार हैं. उनके साथ काम करके मैंने बहुत कुछ सीखा. जब हम उत्कृष्ट कलाकारों के संग काम करते हैं, तो हमारी अभिनय प्रतिभा में अपने आप निखार आता है. यह मेरा सौभाग्य है कि करियर की शुरूआत में ही मुझे ऐसे कलाकारां के साथ काम करने का अवसर मिला. मैंने राज कुमार राव की सभी फिल्में देखी हैं. फिल्म ‘बरेली की ‘बर्फी’ और ‘न्यूटन’ देखकर तो मैं उनकी अभिनय प्रतिभा की कायल हो गयी. हमें राज कुमार राव से काफी कुछ सीखने को मिला।
किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?
- हर तरह के. मैं खुद को किसी भी सीमा में नहीं बांधना चाहती।
आप फिल्म ‘बोल चूड़ियां’ करने वाली थीं, फिर नहीं की?
- मैं अपने अतीत को लेकर कोई बात नहीं करती।
ब्रह्मास्त्र को लेकर क्या कहेंगी ?
- फिलहाल इस फिल्म को लेकर बात करना मना है।
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