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‘मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं.’- मौनी रॉय

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By Shanti Swaroop Tripathi
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‘मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं.’- मौनी रॉय

2007 में टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में कृष्णा का किरदार निभाकर अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली मौनी रॉय उसके बाद ‘कस्तूरी’, ‘देवों के देव महोदव’, ‘नागिन’ सहित कई सीरियलां में लगातार अभिनय करती रही हैं. फिर उन्हे अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘गोल्ड’ करने का अवसर मिला. इस फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय से फिल्मकारां को इस कदर प्रभावित किया कि उन्हें लगातार फिल्में मिलती जा रही हैं. अब उनके फिल्मी करियर की दूसरी फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ 5 अप्रैल को रिलीज हो रही है, जिसमें उनका किरदार जॉन अब्राहम के साथ है।

लगभग दस वर्ष तक टीवी सीरियलों में अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बना लेने के बाद जब आपने अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘गोल्ड’ से फिल्मों में कदम रखा था, उस वक्त आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आया था?

- हम सभी कलाकार फिल्मों में अपनी कला का प्रदर्षन करना चाहते हैं. यूँ तो मैं टीवी पर अच्छे चुनौतीपूर्ण किरदार निभा रही थी. पर जैसे ही मुझे फिल्म ‘गोल्ड’ का ऑफर मिला, तो   मैंने लपक लिया. क्योंकि किरदार अच्छा था और फिल्म की विषयवस्तु भी अच्छी थी. ‘गोल्ड’ में मुझे काफी तारीफ मिली. इस फिल्म को करने के बाद मैं टीवी सीरियल ‘नागिन 3’ करने के लिए सोच रही थी. पर मुझे अयान मुखर्जी की फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ और रॉबी ग्रेवाल की फिल्म ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ मिल गयीं, तो फिर मैं फिल्मों में ही व्यस्त हो गयी।

‘गोल्ड’ के बाद किस तरह की प्रतिक्रियाएं मिली थी?

- लोगों ने मेरे काम की तारीफ की थी. इससे मुझे खुषी हुई थी. यह मेरी पहली फिल्म थी

फिल्म ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ कैसे मिली ?

- ‘गोल्ड’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ के बाद मुझे ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ का ऑफर मिला. लेखक निर्देशक रॉबी ग्रेवाल ने स्क्रिप्ट सुनने के लिए बुलाया था. मैंने स्क्रिप्ट सुनी, तो मुझे कहानी और किरदार सब कुछ बेहतर लगा, मैंने कर लिया. सच कहूं तो आधी स्क्रिप्ट सुनने के बाद ही मैंने तय कर लिया था कि मुझे यह फिल्म करनी है. स्क्रिप्ट सुनते हुए मैं बहुत उत्साहित हो गयी थी।

‘मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं.’- मौनी रॉय

फिल्म ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगी?

- फिल्म में मेरा किरदार जॉन अब्राहम की लव इंटरेस्ट है, जो कि एक बैंक में काम कर रही है. पूरी फिल्म में यह अहम किरदार है. दोनों के बीच कुछ छोटी छोटी चीजें चलती रहती हैं, पसंद नापसंद भी है. काफी कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आप फिल्म में देखेंगे, तो मजा आएगा. मैं इससे अधिक कुछ बता नहीं सकती. किरदार का नाम भी नहीं बता सकती।

पिछली फिल्म ‘गोल्ड’ के बाद अब ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ में भी देश प्रेम की बात है?

- जी हां!! ऐसा है. क्योंकि इन फिल्मों की कहानी उन लोगों की हैं, जिनके अंदर अपने वतन के लिए कुछ करने का माद्दा रहा है।

आपके लिए देश प्रेम क्या मायने रखता है ?

- मेरी देश प्रेम की परिभाषा यह है कि आप एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक बने. जरूरत के समय अपनी आवाज उठाएं और जितना भी अच्छा काम देष के लिए कर सकते हैं उतना करें।

जॉन अब्राहम के साथ काम करने के क्या अनुभव रहे?

- बहुत अच्छे अनुभव रहे. जॉन अब्राहम सर बहुत अच्छे इंसान व कलाकार हैं. बहुत मेहनती हैं. वह सेट पर सह कलाकार के साथ रिहर्सल के लिए भी समय देते हैं. इस फिल्म में उन्होंने एक नहीं कई लुक के साथ कई किरदार निभाए हैं. तो उनके लिए काम करना बहुत कठिन था. इसके बावजूद वह हम सबका बहुत ख्याल रखते थे।

‘मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं.’- मौनी रॉय

 निर्देशक रॉबी ग्रेवाल को लेकर क्या कहेंगी?

- उनकी जितनी तारीफ की जाए, उतना कम है.उन्होंने इस विषय पर इतना अधिक रिसर्च करके रखा हुआ था कि हम कलाकारों के लिए अपने अपने किरदार को निभाना आसान हो गया. यह उनके रिसर्च का ही परिणाम है कि हमें बहुत कुछ समझ में आ गया. फिल्म की कहानी 1971 के भारत पाक युद्ध की पृष्ठभूमि में है. तो लोग किस तरह से बिहैव करेंगे, उनकी बॉडी लैंगवेज क्या होगी? उनका पहनावा क्या होगा?यह सब कुछ रॉबी ग्रेवाल ने अपनी स्क्रिप्ट में लिखा हुआ था. इसके बाद सेट पर हमारे किरदार को गढ़ने में बतौर निर्देषक वह अपना योगदान देते रहे. मैं लक्की हूं कि मुझे ऐसे मेहनती और समझदार निर्देषक के साथ काम करने का मौका मिला।

आप अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम की तुलना कैसे करेंगी?

- आप क्यों चाहते हैं कि इन दोनों के बीच तुलना की जाए? दोनों अच्छे इंसान व अच्छे कलाकार हैं. दोनों सुपर स्टार होते हुए भी विनम्र इंसान हैं. जब आप उनके साथ काम करते हैं, तो आपको अहसास होता है कि वह सुपर स्टार क्यों हैं? वह अपने काम को बहुत गंभीरता से लेते हैं. सेट पर जी जान डालकर काम करते हैं.  यही चीज मैंने उनसे सीखी है।

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ को लेकर क्या कहेंगी ?

-अयान मुखर्जी निर्देशित फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ में अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर व आलिया भट्ट के साथ मैं मेन विलेन के किरदार में नजर आने वाली हूँ. यूँ भी मैं हर फिल्म में अलग किरदार निभाना चाहती हूं. मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं. पर जब अयान मुखर्जी ने मेरे सामने विलेन के किरदार का ऑफर रखा, तो मैं थोड़ा आष्चर्य चकित भी हुई. बाद में अयान मुखर्जी ने बताया कि उन्हांने मुझे सीरियल ‘नागिन’ में देखने के बाद ही विलेन के किरदार के लिए मेरे बारे में सोचा।

 क्या अनुभव रहे?

- अमिताभ बच्चन, आलिया भट्ट व रणबीर कपूर के साथ अभिनय करके मेरी जिंदगी पूरी हो गयी. यह सभी बहुत बड़े कलाकार हैं, जिनके साथ काम करते हुए डर लगता है. लेकिन यह सभी इतने विनम्र हैं कि इन्होंने मुझे काम करते समय बहुत सहज कर दिया था।

‘मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार ही निभाने हैं.’- मौनी रॉय

 इसके अलावा कौन सी फिल्में कर रही हैं?

- राज कुमार राव के साथ फिल्म ‘मेड इन चाइना’ कर रही हॅूं, जिसमें एक गुजराती हाऊस वाइफ का किरदार है. इसके अलावा नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ ‘बोले चूड़ियां’ कर रही हूं. इसमें मेरा किरदार ऐसी लड़की का है, जो कि ट्रैक्टर भी चलाती है और डाँस भी करती है।

 फिल्मों में व्यस्त होती जा रही हैं, तो अब टीवी नहीं करना चाहेंगी?

- ऐसा कोई इरादा नहीं है. यदि समय हो और कुछ बेहतरीन काम करने का मौका मिले, तो मैं हर माध्यम में काम करना चाहूंगी. मैं टीवी, फिल्म या डिजिटल में भी कुछ रोचक हो तो करना पसंद करूंगी।

 इन दिनों वेब सीरीज बहुत बन रही हैं. क्या कुछ कर रही हैं ?

- फिलहाल तो नहीं कर रही हूं. लेकिन यदि किसी अच्छी वेब सीरीज का ऑफर आया, तो जरूर करूंगी।

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