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INTERVIEW: मेरा पहला चुंबन  अनुभव सीढ़ियों पर हुआ था - आदर जैन

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By Mayapuri Desk
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INTERVIEW: मेरा पहला चुंबन  अनुभव सीढ़ियों पर हुआ था - आदर जैन

लिपिका वर्मा

आदर जैन कपूर खानदान  के अगले अभिनेता वंशज  का प्रतिनिधित्व करने  बॉलीवुड में अपनी डेब्यू फिल्म ‘कैदी बैंड’ से सिल्वर स्क्रीन पर अपना परचम लहराने इस शुक्रवार को बहुत तैयारी के साथ आ रहे है। आदर जैन ने सिनमा की बारीकियों को समझने हेतु सबसे पहले बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की हैसियत से निर्देशक फराह खान के साथ फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ में काम कर अपने आपको तैयार किया। और आज ‘वाई आर एफ’ प्रोडक्शन कम्पनी की फिल्म ‘कैदी बैंड’ जो की एक म्यूजिकल  फिल्म भी है, इस फिल्म से अपना फिल्मी सफर शुरू कर दिया है। देखना यह है कि  कपूर वंशज के आदर बॉक्स ऑफिस पर अपना कितना जलवा दिखला पाते  है।

आदर जैन के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश -

एक्टर बनकर कपूर खानदान होने का कितना प्रेशर महसूस होता है ?

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दरअसल में, मुझे  इस बात का एहसास तब ही हुआ, जब आज मैं बतौर अभिनेता बन सिल्वर स्क्रीन का हिस्सा बना हूँ। मेरे दोस्तों को यह जानकर उत्तजेना हुआ करती कि- रणबीर कपूर, करीना, करिश्मा मेरे भाई बहन है। लेकिन मुझे  इस बात का एहसास अब हुआ  है जब की में एक्टर बनने की तैयारी  करने लगा। कितना मेहनत का काम है अपने फैंस को खुश रखना। कड़ी मेहनत  है और फ्राइडे को जब इसका सकारत्मक फल मिलता है तो बहुत खुशी  मिलती है। क्योंकि  यह भी  मेरे परिवार का हिस्सा है तो मैं इनको साधरणतः ही देखा करता। लेकिन, इनकी इज्जत मेरी नजरों में बहुत ऊँची हो गयी है। आज हिंदी सिनेमा का स्तर बहुत बदल गया है, लेकिन जो पहचान रूस एवं जर्मनी में मेरे दिवंगत दादाजी राज कपूर जी को मिली थी वह आज भी बरकरार है।  उन उंचाईयों को छूना तो मेरे लिए मुमकिन नहीं है। किन्तु में बस अपनी मेहनत से अच्छा काम कर पाऊं यही मेरी कोशिश है।publive-image

अपने नानाजी राज कपूर की कौन सी  फिल्म सबसे अधिक पसंद है आपको?

मुझे उनकी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ बहुत पसंद है।  मुझे उनसे रू-ब-रु होने का मौका तो नहीं मिला है। किन्तु बचपन में मेरी माताजी  मुझे और मेरे बड़े भाई  अरमान को यही  फिल्म दिखला कर खाना खिलाया करती। और जब मैं बड़ा  हुआ तब इस बात का एहसास हुआ-जोकर बन अपनी हंसी उड़वा कर उन्होंने लोगों को हंसाया। हमेशा एक जोकर का किरदार  निभा कर लोगों में एक उत्सुकता जगाई। फिल्म के अंत में यह भी दिखाया की दलित व्यक्ति किस तरह जीत हासिल कर सकता है।

 ‘कैदी बैंडम्यूजिकल फिल्म है म्यूजिक का कितना ज्ञान है आपको?

आपको ताज्जुब होगा यह जान कर कि मेरे पिताजी ने मुझे हमेशा से कहा की म्यूजिक का कोई इंस्ट्रूमेंट जरूर सीखना चाहिए। इससे हम अपनी बात सही ढंग से बोलने में समर्थ होते हैं। सो मुझे म्यूजिक का ज्ञान भी है। ‘कैदी बैंड’ फिल्म में बतौर  लीड रोल अच्छी तरह करने में म्यूजिक से मुझे बहुत फायदा भी हुआ है।publive-image

पहले के अभिनेताओं में एक अलग मैजिक हुआ करता था। फैंस उनसे मिलने की आकांक्षा रखते, किन्तु उनका मैजिक टच उन्हें नहीं मिल पाता और आज सोशल मीडिया है। क्या फर्क महसूस करते हैं आप?

मुझे रणबीर ने भी कही है  यह बात। क्योंकि पहले सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था अतः फैंस अपने चहेते एक्टर को मिलने की बात तो दूर की होती, उनके बारे में जानकारी हासिल भी नहीं मिल पाती। आज में एक अलग ही मजा है। मुझे याद  है मेरी नानी का घर चेम्बूर में हुआ  करता और मेरे नानाजी और शम्मी जी, शशि जी को देखने के लिए फैंस दीवार चढ़ उन्हें देखना चाहते थे। आज सोशल मीडिया का अपना मजा है। हर एक्टर अपनी इच्छा अनुसार जो चाहे अपनी तस्वीर या फिर अन्य कोई जानकारी डाल अपने फैंस को खुश कर सकता है। फैंस ही आपको बनाते हैं सो मेरे हिसाब से उनसे जुड़े रहना अच्छा ही होता है। यदि उन्हें हमरे बारे में जानने की इच्छा होती है तो हमे उन्हें वो जानकारी देने में कोई एतराज नहीं होना चाहिए।

ऋषि कपूर एक ऐसे एक्टर है जो ट्विटर इत्यादि पर बेहिचक अपना मत रखते हैं। क्या कहना  चाहेंगे आप?

वो बहुत ही सरल व्यक्तित्व रखते है। उनके मस्तिष्क में जो भी समझ आता है वह बेधड़क ट्विटर पर अपना ओपिनियन लिख देते हैं। हमें फ्रीडम ऑफ स्पीच मिली हुई है सो इसका प्रयोग करने में कोई भी एतराज नहीं होना चाहिए हमें। मुझे आगे चलकर यदि अपना मत रखने की औकात होगी तो मैं भी बेधड़क वही लिखूँगा जो मुझे सही लगेगा है। इसमें किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए।publive-image

कैदी बैंड में किसिंग सीन है क्या कहना चाहेंगे, यह सीन करने में कोई दिक्कत तो नहीं पेश आयी आपको?

देखिये कैमरे के सामने और 100 लोगों के सामने  करना होता है। यह हमारा काम होता है। सो इसे भी बेहतरीन ढंग से ही फिल्माया जाना होता है।  बतौर अभिनेता हम यही कोशिश करते हैं कि एक टेक ही ओके हो जाये। किसी अन्य सीन की तरह इस किसिंग सीन को भी हमने अपना बेस्ट दिया है। आपको बता दूँ -किसिंग सीन मजे लेने हेतु नहीं फिल्माया जाता है। फिल्म का हिस्सा है सो यह फिल्माना आवश्यक होता है।

आपने पहली बार कब चुंबन, का अनुभव लिया ?

हंस कर बोले -स्कूल में हालांकि मैं बहुत शर्मिला लड़का हुआ करता। लेकिन सब को लगता लड़कियां मेरे करीब है। मैं भी इस बात को ले कर हेकड़ी दिखाया करता। पहली बारी जब मैंने चुंबन किया तो में केवल 15 वर्ष का था। यह चुंबन मैंने सीढ़ियों पर चखा था।

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