फिल्म ‘बधाई हो’ विचारों की दुनिया के नए दरवाजे खोलेगी- नीना गुप्ता By Shanti Swaroop Tripathi 17 Oct 2018 | एडिट 17 Oct 2018 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर ‘गाँधी’, ‘जाने भी दो यारो’, ‘मंडी’, ‘छोकरी’, ‘वीरे दी वेडिंग’ व ‘मुल्क’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों की नामचीन अदाकारा नीना गुप्ता अभिनय जगत में पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से सक्रिय हैं.इन दिनों वह फिल्म ‘बधाई हो’ को लेकर चर्चा में हैं। उम्र के इस पड़ाव में जब दूसरी अभिनेत्रियाँ गायब हो गयी हैं,तब भी आप बेहतरीन काम करते हुए नजर आ रही हैं? - मेरे लिए खुशी की बात है कि उम्र के इस पड़ाव पर मुझे विविधतापूर्ण किरदार निभाने के मौके मिल रहे हैं. मैंने एक साल के अदर ‘वीरे दी वेडिंग’, ‘मुल्क’, ‘बधाई हो’, ‘द लास्ट कलर’ सहित कई बेहतरीन फिल्में की. फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’, ‘मुल्क’ और अब ‘बधाई हो’, इन तीनों ही फिल्मों की लिखावट बहुत बेहतरीन है. ‘वीरे दी वेडिंग’ में मेरा किरदार बहुत छोटा था, पर इसमें मेरे संवाद बहुत रोचक थे. फिल्म ‘मुल्क’ में भी मेरा किरदार काफी ठीक ठाक रहा. अब फिल्म ‘बधाई हो’ में कहानी मेरे ही किरदार के इर्दगिर्द घूमती है. यह तीनों फिल्में बहुत ही रियालिस्टिक हैं. इनमें लार्जर देन लाइफ वाला कोई मसला नहीं है. तो कलाकारों के लिए अभिनय करने के लिए यह स्वर्णिम युग है. ‘बधाई हो’ तो कमाल की फिल्म है। फिल्म ‘बधाई हो’ से जुड़ने का निर्णय किस आधार पर लिया? - जब लेखकद्वय ने मुझे इसकी पटकथा सुनाई, तो फिल्म की कहानी के आइडिया ने ही मुझे इसके साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इसकी कहानी के केंद्र में एक अधेड़ उम्र की महिला का प्रेग्नेंट होना है. और मुझे यही किरदार निभाना था. मैंने उसी वक्त हामी भर दी. यह मुद्दा आज की तारीख में हर जगह वार्तालाप का केंद्र है. जबकि पहले यह कोई मुद्दा नहीं होता था. उन दिनों लड़कियों की शादी बहुत कम उम्र में हो जाती थी और जब वह चालिस या पचास की उम्र में माँ बनती थी, तब तक पता चलता था कि उनकी बेटी या बेटा भी षादी योग्य है. छोटे शहरों में आज भी यही स्थिति है। फिल्म ‘बधाई हो’ के अपने किरदार पर रोशनी डालेंगी? - इस फिल्म में मेरी पूरी जिंदगी और करियर का सर्वश्रेष्ठ किरदार है. बहुत ही रीयल किरदार है.मैंने इसमें प्रियंवदा कौशिक का किरदार निभाया है.जिसे पहनावे की कोई समझ नहीं है. सर्दियों में सिर को ढंककर रखती है. मगर जिंदगी में कभी भी ब्यूटी पार्लर नहीं गयी. प्रियंवदा के पति मिस्टर कौशिक (गजराज राव) टिकट चेकर हैं. हमारे दो बेटे हैं. एक बेटा नकुल शादी करने योग्य है.उसकी प्रेमिका भी है.दूसरा बेटा बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा है. पर अधेड़ उम्र में प्रियंवदा गर्भवती हो जाती है. तब लोग उसे शर्मसार करने लगते हैं. यह फिल्म प्रियंवदा के अप्रत्याशित गर्भधारण के अलावा पारिवारिक जीवन व रिश्तों पर भी बात करती है। क्या आप प्रियंवदा जैसी महिलाओं को जानती हैं? - जी हाँ! मैं दिल्ली के करोलबाग व देव नगर में रही हूं. मैं खुद दिल्ली में प्रियंवदा जैसी अधेड़ उम्र की महिला से मिली हॅूं. जो कि अधेड़ उम्र में प्रेग्नेंट हो जाती है। फिल्म के प्रदर्शन के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया मिलेगी? - फिल्म के प्रदर्शन के बाद इस बात पर बहस शुरू होगी कि बड़ी उम्र में रोमांस को गलत क्यों माना जाता है. मेरी राय में यह फिल्म विचारों की दुनिया के नए दरवाजे खोलेगी. फिल्म में उम्र भर के रोमांस की बात की गयी है. जिसको लेकर किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए. दूसरी बात अपने परिवार को कब और कितना बढ़ाना है, यह हर पति व पत्नी का निजी मसला है. यह हर दंपति के उपर निर्भर करता है कि वह अपनी जिंदगी में क्या करना चाहते हैं। फिल्म ‘बधाई हो’ करने के अनुभव क्या रहे? - बहुत अच्छे अनुभव रहे. फिल्म के निर्देशक अमित रवींद्रनाथ शर्मा को महिलाओं के रहन सहन की बहुत अच्छी समझ है. सेट पर वह बराबर ख्याल रखते थे कि शॉल किस तरफ रखनी है.उठना बैठना सब कुछ बताते थे. मुझे तो काम करने में बहुत मजा आया. इस फिल्म में अभिनय करना अपने आप में एक बहुत बड़ा सुखद अनुभव रहा. मुझे इस किरदार के लिए कोई तैयारी करने की जरूरत नहीं पड़ी. सेट पर पहुंची, किरदार के लिए तय कपडे़ पहने और किरदार में रम गयी. मेरे सहकर्मी गजराज से हमारी पुरानी पहचान है. इसके अलावा आयुष्मान के साथ भी मेरी इतनी अच्छी रैपो बनी कि लगा कि हम एक परिवार हैं। ‘बधाई हो’ के अलावा क्या कर रही हैं? - मैंने एक बहुत सुंदर फिल्म ‘द लास्ट कलर’ की शूटिंग पूरी की है. इस फिल्म का निर्माण विकास खन्ना, जो कि शफ हैं, उन्होंने बनायी है. इसमें मैंने विधवा औरत का किरदार निभाया है. यह फिल्म पहले फिल्म फेस्टिवल में जाएगी. पूरी फिल्म वृंदावन में फिल्मायी गयी है. ‘द लास्ट कलर’ बहुत ही बेहतरीन फिल्म है. हाल ही में मैंने अपने पति के साथ इस फिल्म का रफ कट देखा. फिल्म देखकर मेरे पति को रोना आ गया. यह फिल्म बहुत ही इमोशनल फिल्म है. जब यह फिल्म रिलीज होगी, तो हंगामा खड़ा करेगी। इसके अलावा एक फिल्म रघुवीर यादव के साथ कर रही हॅूं. अब मैंने एक वेब सीरीज के लिए हामी भरी है. इसमें विवेक ओबेराय भी हैं. मैंने सिंधी भाषा में एक लघु फिल्म की है. अश्विनी तिवारी की फिल्म ‘पंगा’ कर रही हॅू. इसमें कंगना कि मां का किरदार निभा रही हूं. एक अन्य फिल्म ‘मीठा पान’ कर रही हॅूं। अब निर्देशन में कुछ नहीं कर रही हैं? - नहीं.. हकीकत में इन दिनों अभिनय में बहुत मजा आ रहा है. पर मेरा लिखा हुआ एक सीरियल है, जिसे मैं निर्देशित करना चाहती हूं.निर्माता की तलाश जारी है. धीरे धीरे मेरी कोशिश जारी है. आज नहीं कल कुछ तो बात बनेगी. यह सीरियल धमाल करेगा, यह तय है। फिल्म ‘बधाई हो’ करके आप काफी उत्साहित नजर आती हैं? - किसी कमर्शियल फिल्म में यह मेरा सबसे बेहतरीन किरदार है. फिल्म की कहानी का केंद्र मेरा ही किरदार है. मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर खुद को भाग्यशाली समझ रही हूं। #bollywood #Neena Gupta #interview #Badhaai Ho हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article