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बेशक उस पर मेहनत करता हूँ और बाकी दर्शकों पर निर्णय छोड़ देता हूँ -अमित साध

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By Mayapuri Desk
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बेशक उस पर मेहनत करता हूँ और बाकी दर्शकों पर निर्णय छोड़ देता हूँ -अमित साध

-लिपिका वर्मा

अमित साध ने अपना फिल्मी सफर सपोर्टिंग रोल्स के साथ फिल्म, ‘काय पो चे’ से शुरू किया, आज वह न केवल बॉलीवुड में अपितु ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपने पैर जमा चुके है। और अच्छा खासा नाम भी बना चुके है। यह कहना ज्यादा नहीं होगा कि कोई भी प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली वेब सीरिज बिना अमित साध के पूरी नहीं हो सकती है, आज अमित साध एक हाउस होल्ड नाम बन चुके है, इनके फैंस इनके काम को देखने के लिए बेचैन ही नहीं बल्कि उत्सुक रहते है, अतः इनका कोई भी वेब शो या फिल्म कभी मिस नहीं करते, हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘यारा’ फिर ‘शकुंतला देवी’ और ‘ब्रीद इन टू द शड़ौस 1-2’, में अपने अद्भुत अभिनय से सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया अमित ने ‘अवरोध दी सीज’ यह मिलिट्री ड्रामा वेब शो, में तो अपने कमाल के अभिनय से सभी को खुश कर दिया, रितिक रोशन स्टार्रर फिल्म ‘सूपर 30’ में भी अपने दमदार अभिनय से कहानी में दम ले आए थे अमित!

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आपनेफिल्मकायपोचेमेंसपोर्टिंगकिरदारसेअपनाफिल्मीसफरशुरूकियाथा, औरअबओटीटीपरलीडकिरदारनिभारहेहै, क्याकहनाचाहेंगेआप?

बतौर अभिनेता मेरे लिए कोई भी किरदार बड़ा या छोटा नहीं होता है, हर बार हमे कोई काम मिलता है, तो यह हमारे लिए काम हेतु एक अवसर मिलना है, बस मैं हमेशा यही कोशिश करता हूँ कि मैं किरदार को अच्छी तरह से निभाऊ, और उस किरदार में जान फूंक सकूँ ताकि वह रील पर रियल लगे फिल्म ‘कायपोचेएक टीम का परफॉरमेंस था, दरअसल में हर किरदार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना लीडिंग मैन और अन्य किरदार है। हम लोगों ने यह टाइटल दे रखे है, सपोर्टिंग एक्टर पूरी कहानी को सपोर्ट करने में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। इस फिल्म से हम सभी एक्टर्स की जिंदगी बदल गई थी। इसके लिए हम सभी निर्देशक अभिषेक कपूर ,मुकेश छाबरा का और चेतन भगत , जिन्होंने कहानी लिखी, उन सभी के शुक्रगुजार है!

आपअपनीजर्नीकिसतरहसेदेखतेहै, विस्तारसेबतलाए?

मेरी जर्नी टफ रही, लेकिन मैंने उसे एन्जॉय में लिए, मै खुश किस्मत था, कि मुझे 20 वर्ष की उम्र में टीवी सीरिज से ब्रेक मिल गया था, फिर जिंदगी में और काम करना चाहते है और बहुत कुछ प्राप्त भी करना चाहते है। आप ईश्वर से यही मनन्त  मांगते है, कि आपको बेहतर आर्टिस्ट बना दे, पर आप यह नहीं जानते कई बड़े आर्टिस बनने के लिए आपको ढेरों मेहनत करनी पड़ती है, आसान नहीं है, एक बेहतरीन एक्टर बनना, हमें बहुत इमोशंस से गुजरना होता है, करैक्टर को निभाते हुए लोगों के दिल में उतरना होता है, इस जर्नी में जिंदगी हर किसी को ऐसी परिस्तिथियों से गुजरने पर मजबूर करती है, ताकि आप टफ बन सके और आप में सब कुछ झेलने की ताकत भी आ जाए। जिंदगी देखती है-कि आप टूटे तो नहीं। आपको आजमाती है जिंदगी ,आपको अकेलेपन का एहसास भी दिलाती है लाइफ, जब आप सभी को समाज में आगे बढ़ते हुए देखते हो तब आप अपने आप से सवाल करने लगते हो-कि आप में क्या कमी है? जिंदगी आप पर ढेर सारा प्रश्न डाल देती है और तब जाकर एक आर्टिस्ट पैदा होता है, मैं आज भी इवॉल्व हो रहा हूँ सबसे पहले बतौर ह्यूमन बीइंग और तत्पश्चात एक्टर!

बेशक उस पर मेहनत करता हूँ और बाकी दर्शकों पर निर्णय छोड़ देता हूँ -अमित साध

क्यायहफेजअमितकासबसेबेहतरीनप्रोफेशनलफेजहै?

देखिये, एक ही जिंदगी होती है अतः एक ही इंनिग भी मिलती है, और यह बहुत कठोर समय भी दिखाती है, हमें, और उन कठिनाइयों से हमें जीतना होना होता है। एक समय वह भी आता है जब आप अपने काम से ऊँचे उड़ रहे होते हो, और पब्लिक की नजरों में भी ऊंचाई प्राप्त कर लेते हो। यही मेरी जर्नी रही और बस मुझे हर हाल में स्वीकार है! लाइफ में हमेशा ऊंचाई ही नहीं देखोगे आप, मैं बस रोजाना अपने रस्म रिवाज निभाता चलता हूँ मैं बस उंचाईयों को देख कर उसी में नहीं जीता अपितु हर रोज आगे काम की ओर ध्यान देता हूँ।

ओटीटीप्लेटफॉर्मएकवरदानहै, क्याऐसाआपमानतेहै?

ओटीटी प्लेटफॉर्म एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर नई कहानियां बोल सके, खुश हूँ कि हमारे पास ऐसे प्लेटफॉर्म है, जहां पर अलग-अलग कहानियां बोली जा सकती है, ताकि ऑडियंस को भी पूर्णतः कंट्रोल मिले उसे देखने पर और न केवल एंटरटेनमेंट मिले पर उन्हे यह कहानियाँ देख कर लगे कि हम कुछ नया और फ्रेश देख रहे है। ओटीटी कंपनी अनलयसिस कर यह भी जान सकती है कई लोग क्या देखना पसंद करते है। सारा पावर विएवेर्स के पास ही होता है, और ऐसा ही होना भी चाहिए, बस आर्टिस्ट और ऑडियंस की पसंद के शो बने ऐसा होना चाहिए, और खुश हूँ ऐसा ही हो रहा है, सभी टेक्निशंस और आर्टिस्ट्स को काम मिल रहा है इन प्लेफॉर्मस की वजह से!

आपबॉलीवुडस्टिंटऔरओटीटीपरकामकररहेहै, क्याफर्कदेखपारहेहै ?

बस बेस्ट आर्टिस्ट बन इसी पर मेरा फोकस केंद्रित रहता है, हमेशा भले फिर मैं फिल्म करूँ या कोई वेब शो। कहानी और चरित्र की सच्चाई बोलू यही करता हूँ हमेशा दोनों चाहे फिल्म हो या फिर प्लेटफॉर्म की कहानियाँ हो इनकी ऑडियंसेस अलग है। बस रोल को जस्टिस दे पाऊं यही चाहता हूँ।

बेशक उस पर मेहनत करता हूँ और बाकी दर्शकों पर निर्णय छोड़ देता हूँ -अमित साध

वेबसीरिजकेफाॅर्मेटकोकैसेदेखतेहैआप?

कुछ वेब सीरिज की कहानियां बहुत है और हम सभी को ज्यादा एक्सप्लोरर भी करने का मौका भी रहा है, आज वेब सीरिज डिमांड। आज हर कोई एंटरटेनमेंट के लिए वेब शोज का ही सहारा ले रही है। घर पर आराम से बैठ कर वेब शोज देख रही है आज जनता।

आपहरकिरदारमेंदमदारपरफॉरमेंसदेतेहै ,यहकैसेकरपातेहै?

मैं बस अपने किरदार को सुनता हूँ, देखता हूँ बेशक उस पर मेहनत करता हूँ और बाकी दर्शकों पर निर्णय छोड़ देता हूँ, मेरे लिए अभिनय सबसे से आसान जो जॉब है, पर कभी इसे हम कम्प्लीकेट भी कर देते है, बस सिंपल रह कर सीधी तरह से किरदार को निभाना होता है, निर्देशक को हर किरदार के वीसों के लिए क्रेडिट भी देना चाहिए।

आपबोनीकपूरकीजी5 कीपहलीफिल्मजिद्दमेंभीनजरआनेवालेहोकुछबतलायें?

जी हाँ यह एक भारतीय आर्म्ड फोर्सेस के करैक्टर की कहानी है, जिसकी शूटिंग में मैं व्यस्त हूँ, यह उसके जीवन की, दृढ़ संकल्प और जोश की कहानी है, उसके जीवन में क्या कुछ होता है इस बारे में कहानी है, बस ‘जिद्द’ फिल्म की शूटिंग खत्म होते ही मैं बाइक पर मनाली घूमने जाउंगा!

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