साल 2009 में आए शो दर्शकों का पसंदीदा शो ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’ दर्शकों के मनोरंजन के लिए लगभग एक
दशक बाद अपने दूसरे सीजन के साथ लौट रहा है, जिसका नाम है ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा 2’। चर्चित निर्माता राजन
शाही और क्रिएटिव निर्माता पर्ल ग्रे द्वारा निर्मित यह शो की वापसी की खबर से ही दर्शक सातवें आसमान पर हैं। इस
शो से एक घरेलू नाम बनने वाली अभिनेत्री पूजा गौर इस नए सीजन में एक नए अवतार में नजर आएंगी। उनसे हुई
स्पष्ट बातचीत में अपने किरदार और अपने करियर से जुड़ी कुछ खास बातों पर पूजा गौर ने रोशनी डालीः -मायापुरी प्रतिनिधि
प्रतिज्ञा के रूप में आज भी आप एक घरेलु नाम बनी हुई हैं। इतने सालों बाद मन की आवाज प्रतिज्ञा के दुसरे सीजन के साथ वापसी करते हुए कैसा महसूस हो रहा है?
मैं उत्साहित होने के साथ-साथ घबराई हुई भी हूँ। उत्साहित इसलिए हूँ क्योंकि यह शो मेरे बच्चे के समान है। इस
किरदार को निभाते हुए यह भी महसूस नहीं होता है कि हम वापसी कर रहे हैं क्योंकि इन वर्षों में, कई चैनल्स पर
प्रतिज्ञा के री-रन प्रसारित हुए हैं और हमें दर्शकों से बहुत सारा प्यार मिला है। मुझे यह एहसास भी नहीं हुआ कि इतने
साल बीत गए। मैं थोड़ी घबराई इसलिए हूँ क्योंकि एक लोकप्रिय शो को वापस लेकर आना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
इसके अलावा, थोड़ी घबराहट हमेशा होती है जब आप एक नया प्रोजेक्ट शुरू करते हैं, लेकिन कुल मिलाकर, मैं बहुत
ज्यादा उत्साहित हूँ।
मन की आवाज प्रतिज्ञा सीजन 2 के लिए आपने क्या खास तैयारियां की हैं?
अच्छी बात यह है कि जब आप किसी शो का सीजन 2 करते हो तो आपको उतनी तैयारियां नहीं करनी पड़ती हैं
क्योंकि वह किरदार आपके अंदर इतना घुसा हुआ होता हैं पर ऐसा नहीं है कि आपको बिल्कुल तैयारी नहीं करनी
पड़ती है। 9 साल को बाद की कहानी है मन की आवाज प्रतिज्ञा सीजन 1 में प्रतिज्ञा (पूजा गौर) लॉयर थी और इस
किरदार में भी उसी की कहानी को आगे बढ़ाते हुए दिखाया जाएगा। इस बार वह दो बच्चों की माँ भी है तो एक माँ का
किरदार निभाना किसी चुनौती से कम नहीं है इसलिए मैंने जो अपने ऑनस्क्रीन बच्चों की वास्तविक माँ से बच्चों को
समझने के लिए बहुत कुछ सीखा साथ ही अपनी माँ से प्रेरणा भी ले रही हूँ ताकि मैं अपने किरदार को बहुत समझदारी
से पेश कर सकूँ।
इस सीजन में प्रतिज्ञा शो में क्या खास होने वाला है?
इस बार शो फ्रेश, धमाकेदार होने के साथ-साथ और मजेदार होने वाला है क्योंकि कई नए किरदार इससे जुड़े हैं।
प्रतिज्ञा ने हमेशा चाहा है कि उसका परिवार और आसपास के सभी लोग सही रास्ते पर चलें। इस बार भी उसकी यह
सोच है, लेकिन यह आसन नहीं है। प्रतिज्ञा भी हार मानने वालों में से नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी वह हर
परिस्थिति का जमकर सामना करेगी ।
आप महिलाओं के लिए आदर्श का एक उदाहरण बन चुकी हैं ऐसे में आपकी जिन्दगी में वह कौन सी महिला हैं,
जिनसे आप प्रेरणा लेती हैं?
मेरे जीवन में हमेशा से कोई एक महिला मेरी आदर्श नहीं रही है बल्की मैं यह कहूँगी कि मेरे आसपास की हर महिला
मेरी प्रेरणास्त्रोत रही हैं। फिर चाहे वह मेरी माँ हों, मेरी शिक्षिका हों, मेरी कोएक्टर्स हों, मेरी सहेलियों हों या मेरे घर की
मेड क्यों न हो इन सभी ने मुझे कुछ न कुछ सीखाया है। सबका जिन्दगी जीने का तरीका चीजों को हैंडल करने का
नजरियाँ अलग है। सबका वर्क लाइफ, पर्सनल लाइफ, सोशल लाइफ को मैनेज करने का तरीका अलग है, जिनसे मैंने
बहुत कुछ सीखा है।
टीवी के लिए आपने अपना आखिरी शो छह साल पहले किया था। क्या आपने टेलीविजन से दूर रहने का फैसला कर लिया था या आपको मिलने वाले प्रोजेक्ट्स से आप खुश नहीं थी?
इतने साल मैं इसलिए टेलीविजन से दूर रही क्योंकि मुझे उस तरह का काम नहीं मिल रहा था जैसा मैं करना चाहती
थी। इसलिए, मैंने सोचा कि मुझे थोड़ा ब्रेक ले लेना चाहिए फिर जब मुझे अच्छे किरदार मिलेंगे, जिन्हें मुझे हाँ कहने
से पहले एक बार भी सोचना न पड़ेगा तो मैं दोबारा टीवी की दुनिया में लौट जाउंगी। कुछ ऐसा ही ‘मन की आवाज
प्रतिज्ञा 2’ के साथ हुआ। एक नए दृष्टिकोण को दर्शाती यह एक पूरी ताजा कहानी है। इस कहानी आगे बढ़ाने के लिए
वही किरदार भी हैं। पिछले कुछ वर्षों में मैं अन्य चीजों में व्यस्त थी। मैंने केदारनाथ फिल्म की, ओटीटी शो का हिस्सा
बनीं और कई विज्ञापन भी किए। मैं शार्ट फिल्में और शार्ट फॉर्मैट ऑनलाइन वीडियोज में भी काम किया है।
‘मन की आवाज प्रतिज्ञा 2’ में अभिनेता अरहान बहल इस बार भी आपके पति के किरदार में नजर आएँगे। क्या इतने सालों से आप दोनों संपर्क में थे?
पिछले कुछ वर्षों में और विशेष रूप से लॉकडाउन के दौरान, जब अरहान और मैंने प्रतिज्ञा के बारे में बात की तो हम
हमेशा इसके री-रन की प्रतिक्रियाओं को देखकर इस शो की वापसी को लेकर कयास लगाते थे, लेकिन हमने उस
समय यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि यह वास्तव में सच हो जाएगा और वो भी इतनी जल्दी। जबकि हम एक शार्ट
फिल्म जैसे प्रोजेक्ट्स पर साथ काम करना चाहते थे। हम कोलैबोरेशन के बारे में सोच ही रहे थे पर हमें सही कॉन्टेंट
का इंतजार था और देखो ऐसा हो गया।
आपको चर्चित प्रोड्यूसर राजन शाही और पर्ल ग्रे के साथ काम करते हुए कैसा लग रहा है?
बहुत अच्छा! पर्ल प्रतिज्ञा की निर्माता और लेखक हैं और राजन सर के साथ मैं हमेशा से काम करना चाहती थी। हमने
इन वर्षों में कई बार विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए मुलाकात की, जो अलग-अलग कारणों के चलते नहीं हो सके। लेकिन
जैसा कि लोग कहते हैं कि जब कोई काम होना होता है वह तभी होता है और अंत में यह हो गया।
अपने को एक्टर अरहान बहल के साथ अपने बॉन्ड को लेकर कुछ बताएं?
मैं और अरहान हमेशा से एक दूसरे के साथ बड़ी आसानी से घुलमिल जाने वाले दोस्त हैं। भले ही वह पहला सीजन हो
या दूसरा सीजन उनके साथ काम करना बहुत कम्फर्टेबल होता है। वह बहुत अच्छे इंसान है, एक अच्छे दोस्त हैं,
अच्छे कोएक्टर एक्टर हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सभी की बहुत इज्जत करते हैं खासकर महिलाओं की। इन 12
वर्षों में हम दोनों के बीच बहुत अच्छी आपसी समझ आ गई है। शुरूआत में हमें पहले सीजन के लिए साथ में काम
करते हुए भले ही 3 साल हुए थे पर अब हम दोनों के बीच बहुत अच्छा बॉन्ड बन चूका है। मुझे यह पता है अरहान इस
बात पर कैसे अपनी प्रतिक्रिया देगा या मैं किसी बात को लेकर कैसे अपनी प्रतिक्रिया दूंगी।
सीजन 1 बहुत हिट था तो क्या आपको इस सीजन को लेकर कोई दबाव महसूस कर रही हैं?
नहीं ! हाँ मुझे इस बात की ज्यादा उम्मीद है कि यह सीजन पहले सीजन से कहीं ज्यादा हिट होता। इसे लेकर किसी
बात का दबाव नहीं है और मुझे ऐसा लगता है कि एक एक्टर के तौर पर किसी चीज का दबाव लेकर कोई मतलब नहीं
है। अगर मैं अपने बारे में बात करूँ कि मैं इस किरदार को लेकर केवल अपना बेस्ट देने की कोशिश करुँगी और मुझे
पूरी उम्मीद है कि दर्शक इस बार भी हमें पहले तरह अपना प्यार देंगे।
एक कोएक्टर के तौर पर आप अरहान की कौनसी खासियत जो को बहुत पसंद करती हैं?
अरहान बहुत ही मेहनती व्यक्ति है और प्रतिज्ञा उनका पहला शो था और मैंने उन्हें पहले दिन से अपने किरदार में
खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए देखा है कि कैसे उनके किरदार की भाषा बिल्कुल साफ हो, कैसे वह अपने
डायलॉग्स को सही बोले और वह आज भी हमेशा अपने आपको सुधारने में लगे रहते हैं जो मुझे आज भी उनमें दिखाई
देती है। इन सबसे वह अपने किरदार में इतने विश्वसनीय लगते हैं कि दर्शक उन्हें आज भी प्रयागराज (इलहाबाद) का
समझते हैं और बहुत कम लोगों को यह पता है कि वे पंजाबी हैं। इसलिए मुझे उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय बहुत
पसंद है।