Advertisment

हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती ही है: पूनम ढिल्लों

author-image
By Mayapuri Desk
हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती ही है: पूनम ढिल्लों
New Update
  • लिपिका वर्मा

पूनम ढिल्लों ने फिल्मों, टेलीविजन, थिएटर में भी बहुत काम किया है। इन्होंने लगभग 90 फिल्मों में काम किया है। यह फेमिना मिस इंडिया का खि़ताब भी जीत चुकी है। इनकी फिल्म “नूरी“ से इनको एक बेहतरीन पहचान मिली। किन्तु शादी के बाद अपने बेटे और बेटी के लिए पूनम ने अपना करियर त्याग दिया था। जबकि इनको ढेर सारी फिल्मों के ऑफर भी मिल रहे थे। खैर इनकी दूसरी बारी 2020-2021 में भी बहुत ही जोरदार चल रही  है। ‘दिल बेक़रार“ वेब सीरीज-डिज्नी प्लस  हॉट स्टार  पर बहुत जल्द आने को तैयार है। यह एक फैमिली ड्रामा बेस्ट सेलर नावेल पर आधारित है। इसके निर्देशक हबीब फैज़ल है। यह एक बेहद बेहतरीन दिल्ली के ठाकुर परिवार जो कि 80 के दशक की कहानी को दर्शाती  है। पूनम ढिल्लों का किरदार अपनी रियल लाइफ से बहुत मेल खाता है।  क्योंकि इस शो में भी वह अपनी फैमिली की खातिर अपने करियर को तवज्जो नहीं देती है। ऐसा पूनम ने रियल लाइफ में भी किया है। अपने बच्चो की देख-रेख हेतु उस समय पूनम ने अपना फ़िल्मी  करियर, जो बुलंदी पर था उसे छोड़ दिया। किन्तु आज अपनी दूसरी बारी में भी उन्हें  बहुत ख़ुशी मिल रही है  क्योंकि 2020-2021 में उनके पास बहुत काम है।

हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती ही है: पूनम ढिल्लों

यह कहना ज्यादा नहीं होगा-आपकी 2020-2021 की दूसरी पारी बेहद अच्छी है, क्या कहना चाहेंगी आप?

जी बिल्कुल, 2020-2021 पान्डेमिक के दौरन भी मेरे लिए अच्छा साबित हुआ।  क्योंकि मुझे इस दौर में भी बहुत काम करने का मौका मिला है। और तो और अब मेरे करियर में वेब सीरीज एक नया जुड़ाव है। अच्छा है यह भी एक प्लेटफॉर्म मिल रहा है सभी अभिनेताओं को काम करने का। यह नई खोज है अब फ़िल्में टेलीविजन और वेब सीरीज के होते कभी कमी नहीं होगी। इन प्लेटफॉर्म पर जो किरदार करने को मिलते हैं शायद वैसे किरदार फिल्मों में भी ना मिले। यह समय हमारे लिए बेहद अच्छा है।

दिल बेक़रारमें आपका किरदार क्या है?

यह किरदार एक टिपिकल पढ़ी लिखी ,मिडिल उप्पेर क्लास दिल्ली -फैमिली की महिला का किरदार है। शायद वो करियर वुमन भी हो सकती थी। किन्तु एक होम मेकर है जो अपने परिवार की एक  मजबूत पिलर है। यह हर उस साधारण पढ़ी-लिखी महिला की कहानी हो सकती है जिसे परिवार के लिए अपने करियर को त्याग देना होता है। मेरा किरदार एक बहुत ही स्नेहपूर्ण महिला का है जो अपने पति देव की इमेज को भी बनाये रखने को कोशिश करती है। पर जब कभी कोई कठोर निर्णय लेने पर वह बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाती है।

हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती ही है: पूनम ढिल्लों

यह बारी राज बब्बर पद्मिनी कोहलपुरे के साथ कैसे देखती है?

बब्बर के साथ काफी फ़िल्में की है, और हमारे बीच एक अच्छा राप्पोर्ट भी है। पद्मिनी मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त है। मैंने  उन्हें फिल्मों की अपेक्षा अपनी दोस्ती के लिए जानती हूँ। और यह प्लेटफोर्म से हमें साथ में मिलने का मौक़ा मिला बहुत अच्छा लगा. हम दोनों में एक बहुत ही बेहतरीन कम्फर्ट है। कुछ पुरानी यादें भी फिल्मों के बारे में बातचीत कर ताज़ा हुई जब हम सेट्स पर थे। इसमें सभी के रोल्स अच्छे खासे हैं हम में से किसी को नहीं लगा कि उसका रोल अच्छा है इत्यादि। सभी बहुत ही संतुष्ट थे। सेट पर पूर्णतः तैयारी कर पहुंचना होता- संवाद, हेयर इत्यादि लुक भी सब सही ढंग से कर के आना होता क्योंकि केवल कैमरा के लिए एक ही रिहर्सल की जाती।  समय बदल गया है, उन दिनों हम सभी सेट्स पर पहुंच कर यह पूछते- अच्छा तो सीन क्या है हमारे डायलॉग क्या है। पर अभी ऐसा नहीं है।

आपका “दिल बेक़रार“ के चरित्र चित्रण आपके निजी जीवनी से कितना मिलता जुलता है? आपके (रियल) बेटे अनमोल ने हमसे बताया कि वह आप पर बतौर माँ गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि आपने उनके लिए अपना करियर त्याग दिया था?

जी हाँ, उस समय मेरा करियर फिल्मों में उड़ान भर रहा था। हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती है। लेकिन मेरे लिए फ़िल्मी करियर त्यागना कोई सैक्रिफाइस नहीं है। बहुत लोगों ने मुझ से यही कहा -तुम फ़िल्में क्यों छोड़ रहे हो? लेकिन मेरा सीधा जवाब था जीवन में हमारे पास बहुत ऑप्शन।  और यदि मुझे कोई काम भी मिलता तो वह माँ या भाभी का ही किरदार मिलता। और सही मायने में आज जब मैं वापस काम करना शुरू किया है मुझे यह किरदार ही  मिल रहे हैं ना? उस समय काम छोड़ कर मुझे एक ख़ुशी मिली। आज मुझे अपने बच्चों को उस उम्र में दूर नहीं रखने की संतुष्टि है. सीधी-सी बात है उनकी उम्र में यदि मैं उनके साथ नहीं रहती तो वो सुनहरे पल मेरे लिए मिस हो जाते। आज मैं काम कर रही हूँ क्योंकि मेरी सारी जिम्मेदारियां खत्म हो गयी हैं। और आज मेरे बच्चे मेरी जिम्मेदारी उठा रहे हैं। आज वो मुझे सलाह देते हैं जैसे मैंने उन्हें बचपन में दिया था। और हाँ जरूरत पड़ने पर उन्हें मैंने डांटा भी। मैंने पेरेंट्स टीचर मीटिंग और स्कूल स्पोर्ट डे कभी मिस नहीं किया। मैंने उस समय एक माँ बने रहना ही चुना। मुझे अपने जीवन से कोई भी गिला-शिकवा नहीं है बल्कि खुश हूँ जो कुछ किया उस समय मैंने। आज मेरे बच्चे मेरे दोस्त की तरह हैं।

हर माँ अपने परिवार एवं बच्चों के लिए कुछ न कुछ त्याग करती ही है: पूनम ढिल्लों

आपकी आने वाली फिल्मों के बारे में बताएं?

फिलहाल मैंने दो फ़िल्में कम्पलीट कर ली है। और एक नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज भी है। एक पंजाबी फिल्म राज बब्बर के साथ भी है। आज मुझे कोई भी जिम्मेदारियां नहीं है तो काम करने में भी मजा ही आता है। आज का समय अच्छा भी है क्योंकि एक्टर्स के पास बहुत काम भी है। आज हम कैरेक्टर रोल्स करते हैं। उस समय हीरोइन करते समय सुंदर लगने का भी प्रेशर रहता था। हाँ किन्तु उस समय भी जो किरदार मैंने किया क्योंकि कई बार गांव का किरदार भी निभाना होता तो मुझे उस किरदार में  वैसा चलन लाना है उस पर काम करना होता, क्योंकि मैं तो शहर की एजुकेटेड लड़की हूँ। फिल्म “एक चादर मैली सी“ में मुझे मुर्गी पकड़नी थी और मैंने कभी कोई मुर्गी पहले नहीं पकड़ी थी तो बहुत मशक्कत करनी पड़ी। नूरी, सोहनी महिवाल भी अलग किरदार थे। हर किरदार के लिए हमें कुछ न कुछ करना ही होता। आज भी हम अलग-अलग किरदार कर रहे हैं और यह भी हमें अलग मौके दे रहे हैं।

आपका फिटनेस मंत्र क्या है?

फिटनेस मन्त्र बस खुश रहना है। और काम करते रहना है। काम हमारे लिए सबसे बेहतरीन विटामिन है।

आप जिम जाती है क्या?

जी नहीं मैं जिम नहीं करती हूँ. काफी सालों से सोच रही हूँ जिम जाने की पर हम खाते पीते लोग हैं। पर हाँ नेवर से नेवर !!

#Poonam Dhillon #poonam dhillon interview #poonam dhillon news
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe