प्रेम चोपड़ा पिछले पचास साल से भी ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाते आ रहे हैं। आज भी वे एक हंसमुख,सदाबहार अभिनेता के तौर पूरी तरह से एक्टिव हैं। हाल ही में फिल्म ‘उउ़न छू ’ के ट्रेलर लॉन्च पर उनसे हुई गुफ्तगू इस प्रकार रही।
फिल्म को लेकर आपका क्या कहना है ?
दरअसल इस तरह कर मूवी बनाने के लिये गट्स चाहिये क्योंकि ये प्रेजेन्ट टाइम की कॉमेडी फिल्म है। जिस प्रकार आज गॉरमेन्ट ब्लैकमनी को लेकर प्रचार कर रही है। उसी को आधार बनाकर मूवी की कहानी लिखी गई है।
आप फिल्म में बाबा या गुरू का रोल कर रहे हैं ?
हां। लेकिन जब मैने इस रोल के लिये हां कही थी उस वक्त सब कुछ नार्मल था लेकिन उसके बाद कई गुरू जेल पहुंच गये तो मुझे थोड़ी घबराहट हुई, क्योंकि फिल्म इतनी अच्छी बनी है और उसमें गुरू का केन्द्रीय किरदार है, मुझे लगा कि कहीं गॉरमेंन्ट गुरूओं का प्रचार करने के लिये मुझे भी अंदर न कर दे। खैर ! ये तो थी मजाक की बात, इससे पहले भी मैने हास्य किरदार निभाये हैं लेकिन इस किरदार को करते मुझे अलग ही मजा आया।
आपने साथी कलाकारों के बारे में क्या कहना चाहेगें ?
वैसे तो फिल्म में कितने ही अदाकारों ने काम किया है लेकिन स्पेशली मैं आशुतोष राणा और रजनीश दुग्गल के बारे में कहना चाहूंगा कि आशुतोष कितने उम्दा कलाकार हैं ये सभी जानते हैं । वैसे भी वे मेरी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं क्योंकि उन्होंने भी अपना कॅरियर बतौर विलन शुरू किया था और एक से एक बेहतरीन फिल्म उनके नाम हैं। यहां वे भी कॉमेडी कर रहे हैं और उनका किरदार मेरे शिष्य का है। रजनीश बहुत ही संस्कारी लड़का है जो हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करता रहता है। यहां उसका रोल एक ऐसे बिजनेसमैन का है जिसके कई गैटअप हैं। उसने अपने किरदार के लिये बहुत मेहनत की है।
ढेर सारे स्टार्स की मिमक्रि होती आ रही हैं, लेकिन एक धारावाहिक में बाकायदा एक एक्टर पूरी तरह से आपको फॉलों कर रहा है ?
मुझे पता है। उस एक्टर का नाम विश्वजीत है, बहुत ही अच्छा लड़का और गुड एक्टर है। धारावाहिक का नाम है ‘भाभी जी घर पर हैं’ जो सालों से चलता आ रहा एक दिलचस्प शो है। विश्वजीत जब भी मुझसे मिलता है तो उसका यही कहना होता है, कि सर आपकी बदौलत मेरा घर चल रहा है और अब तो दर्शक मुझे भी प्रेम चोपड़ा ही समझने लगे हैं।
आपने कई पीढ़ियों के एक्टर्स के साथ काम किया है। आज के एक्टर्स को लेकर आपका क्या कहना है ?
मैने दिलीप साहब, मनोज कुमार से लेकर अमिताभ बच्चन, मरहूम राजेश खन्ना, विनोद खन्ना आदि सभी कलाकारों के साथ काम किया। वे सभी अपने काम के प्रति पूरी तरह फोकस होते थे और पैशेन्टली काम करते थे। उस वक्त हमें उतनी सुविधायें नहीं मिलती थी जैसे आज विजुअल इफेक्ट्स होते हैं, बाउंड स्क्रिप्ट होती है लेकिन उस वक्त क्रोमा आदि ट्रिक्स होती थी, जिनमें काफी मेहनत लगती थी। काफी सारे सीन सेट पर ही लिखे जाते थे लेकिन जब वे फिल्में बन कर रिलीज होती थी तो कमाल होता था। आप देख लिजिये आज भी कितनी ही ऐसी फिल्में हैं जिन्हें क्लासिक का दर्जा हासिल है। आज की बात की जाये तो आज के एक्टर बहुत ही नैचुरल हैं।
मैं आशुतोष को उदाहरण बनाकर कह सकता हूं कि इस वर्सटाइल एक्टर ने जितने भी रोल्स अदा किये वे तकरीबन सभी कमाल थे। अभी मैने उनके साथ फिल्म 'जीना इसी का नाम है में काम किया है, उसमें ये बहुत ही जालिम किस्म के विलन नजर आने वाले हैं। मौजूदा फिल्म में उनकी कॉमेडी देखते बनती है। उनके बाद के एक्टर के तौर पर मैं अगर रजनीश दुग्गल का नाम लूं तो गलत नहीं होगा। रजनीश के साथ मुझे इस फिल्म में पहली दफा काम करने का मौका मिला है। वैरी गुड ह्यूमन बींग और मेहनती एक्टर है। फिल्म में उसने बहुत अच्छा काम किया है। इसके अलावा आज के तकरीबन सारे यंग एक्टर्स बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं।
आपने नकारात्मक भूमिकाओं के अलावा ढेर सारी सकारात्मक भूमिकायें भी निभाई हैं। अपने आपको किस विधा में सहज पाते हैं ?
देखिये एक एक्टर का काम है एक्टिंग करना। मैने भी कभी ये नही देखा कि मेरे सामने रोल क्या है नगेटिव हो पॉजिटिव हो या कॉमेडी। मैने हमेशा उस रोल में घुस कर काम करने की कोशिश की है यानि मैं भूमिका के मिजाज के मुताबिक उसे निभाना पंसद करता हूं, शायद इसीलिये वे सारी भूमिकायें मुझ पर फिट बैठती हैं। मैं अपने आपको उन किस्मत के धनी अभिनेताओं में शामिल करता हूं जिन्हें हर तरह की भूमिकायें निभाने का मौका हासिल हुआ।
आपने ढेर सारी फिल्में की लेकिन फिल्म ‘बॉबी के संवाद ‘ मेरा नाम प्रेम है, प्रेम चौपड़ा’ ने आपको अमर कर दिया ?
ऐसा होता है, जबकि उस फिल्म में मैने कैमियो किया था। इसके बहुत सालों बाद फिल्म ‘दूल्हे राजा’ के डायलॉग ‘ नंगा नहायेगा क्या और निचोड़ेगा क्या’ को भी काफी लोकप्रियता हासिल हुई।