एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

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By Mayapuri Desk
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एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली
  • यश कुमार

ओटीटी के बाद अब ज़ी सिनेमा के ऊपर रश्मि राकेट का प्रीमियर होने जा रहा है इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

मैं काफी शुक्रगुज़ार हूँ लोगों का जिन्होंने इस फिल्म को इतना पसंद किया और ये एक ऐसी कहानी है जो हम चाह रहे थे कि सब तक पहुंचे।  छोटे से छोटे बच्चे भी इस फिल्म को काफी पसंद कर रहे हैं, और वो लोग जो हिंदी फिल्म देखना पसंद नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि उसमें काफी लड़ाई झगड़ा दिखाया जाता है उनको भी ये फिल्म काफी पसंद आयी।  मुझे इंडिया के बाहर से भी लोगों के मैसेज आये कि उनको ये फिल्म कितनी पसंद आयी है और हम यही चाह रहे थे कि ये कहानी जितनी ज्यादा लोगों में फैले उतना हुआ और हमें बहुत अच्छा लग रहा है। ओटीटी के ज़रिये हम फिल्में काफी ज़ाफ़ी लोगों को दिखा सकते हैं। जी5 अपने में ही एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है जो की हर कंट्री में देखा जाता है और अब अगर हमारी मूवी ज़ी सिनेमा पर आ रही है तो मुझे उस चीज़ की काफी ज्यादा ख़ुशी है और जो लोग ऑनलाइन इस फिल्म को नहीं देख पाए उन तक भी अब ये फिल्म पहुंच जाएगी।  लोगों का प्यार हमें अब तक मिलता आ रहा है तो मुझे उस चीज़ की ख़ुशी है।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

तापसी पन्नू और अभिषेक बनर्जी के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा था?

बहुत ही अच्छा लगता है कि जब आप सेट पर जाते हो और आपके साथ इतने अच्छे को-एक्टर होते हैं।  हम लोग पहली फिल्म से ही काफी अच्छे दोस्त हो गए। मैं तापसी से पहले कभी मिला नहीं था पर उनसे मिलके ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि हम पहली बार मिल रहे हैं।  मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि ये कोई स्टार हैं जिनके साथ मुझे  काफी दिक्कत होगी, तापसी काफी फ्रेंडली हैं और दिल्ली की लड़की है। अभिषेक बनर्जी को मैं पहले से जानता था हम काफी पुराने दोस्त हैं उन्होंने ही मुझे मेरी पहली फिल्म दिलाई थी लेकिन हमने एक साथ कभी काम नहीं किया था तो उसमें बड़ा मज़ा आया। मैं उन दोनों के ही टैलेंट और एकिं्टग का बड़ा फैन हूँ, उनके साथ ही साथ फिल्म के डायरेक्टर आकर्ष खुराना भी मेरे पुराने दोस्त थे तो बड़ा मज़ा आया उनके साथ हमारी दोस्ती काफी अच्छी हो गयी थी, और पान्डेमिक के बाद हमने जैसे-जैसे ये फिल्म बनाई तो उसमें अगर आपको ऐसा कम्फर्ट जोन मिल जाता है तो फिल्म अच्छी बनती है।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

कोविड 19 की वजह से फिल्म को क्या दिक्कतें हुई और ओटीटी पर फिल्म के रिलीज़ होने पर आपका क्या रिएक्शन था?

हम लॉकडाउन से पहले फिल्म की शूटिंग शुरू करने के लिए पूरे तरीके से रेडी थे पर जब लॉकडाउन हुआ तब पूरी दुनिया ही रुक गयी थी और उसके बाद हमने नवंबर 2020 के बाद शूटिंग शुरू करी थी और हमें सभी गाइडलाइन्स को फॉलो करते हुए शूटिंग करनी थी, हम हर दूसरे दिन अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करवाते थे अपने साथ-साथ पूरी यूनिट का तो ऐसा करते-करते नाक लाल हो जाते थे, हमने शूटिंग के दौरान काफी ट्रेवल भी किया और 200 लोगों की यूनिट के साथ वो  आसान नहीं होता है। सेट पर हर चीज़ का ध्यान रखा जाता था और साफ़ सफाई का भी लेकिन सेफ्टी के लिए वो काफी ज़रूरी थी।  उसके बाद हम दिमागी तौर से काफी कम्फर्ट जोन में थे तो सभी रूल्स को फॉलो करते-करते हमने हर लोकेशन पर फिल्म की शूटिंग को अच्छे से ख़त्म किया।  और ओटीटी पर रिलीज़ की बात सुन के हम सब लोग काफी खुश थे  क्योंकि उस समय थिएटर में रिलीज़ करने से डर था कि लोग देखेंगे या नहीं तो इतनी अच्छी कहानी बताने का कोई फायदा नहीं होता क्योंकि कहानी हम बना इसलिए रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्य़ादा लोगों तक पहुंच पाए, तो हम सब खुश थे कि ओटीटी के ज़रिये ये फिल्म ज्य़ादा से ज्यादा लोगों तक पहुंची।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

रश्मि राकेट में आर्मी मैन का रोल निभाना कितना मुश्किल था?

मैं आर्मी बैकग्राउंड से ही बिलॉन्ग करता हूँ मेरे पिताजी रिटायर्ड कर्नल हैं और मैं आर्मी स्कूल में ही बड़ा हुआ हूँ और मैंने बचपन से ही देखी है आर्मी लाइफ और सभी कमांडिंग ऑफिसर का भी रूम देखा है, उनको एक हस्बैंड के रूप में और एक पिता के रोल में देखा है, तो मैंने बचपन से ही वो सब देखा है तो एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था।  मुझे बस डर था कि मैं गलती से भी कहीं ऐसा कुछ न कर दूँ कि कोई ऊँगली उठा के बोले कि ये मैं गलत कर रहा हूं।  आर्मी के लोगों को देख के ही पता चल जाता है कि ये इंसान आर्मी का है क्योंकि उनकी एक पर्सनालिटी होती है तो वो मुझे एक बार करना था, और मेरे पिताजी ने भी फिल्म देखी और कहा कि तुमने एक दम परफेक्ट रोल निभाया है आर्मी मैन के जैसे, यूनिफॉर्म के बिना भी तुमने आर्मी हस्बैंड का भी रोल अच्छा निभाया तो मुझे ख़ुशी थी कि मैंने कोई गलती नहीं की अपने रोल में।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

फिल्म के जैसे क्या आप रियल लाइफ में भी एक सुप्पोर्टीव हस्बैंड हैं?

शिकायतें तो चलती ही रहती है लेकिन क्योंकि हम इतने सालों से साथ में हैं तो एक दूसरे को बैलेंस करना जानते हैं। तो जब मैं रश्मि के करैक्टर को समझ रहा था तो मेरी पत्नी ने उसको समझने में मेरी मदद की। तो जब आप किसी के साथ इतने लम्बे समय तक रहते हो तो आप जानने लगते हो एक दूसरे की खूबियां और खामियों को भी अपने आप देखते हो उसे बैलेंस कैसे करना है।  हम दोनों अलग-अलग ट्रैक पर चलते हैं पर ज़रूरी ये है कि एक दूसरे का हाथ पकड़ के चलो, ये चीज़ें मैंने अपने रिलेशनशिप से सीखी हैं जो मैं अपनी फिल्मों में भी दर्शाने की कोशिश करता हूँ।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में कुछ बताएं?

सबसे बड़ा प्रोजेक्ट यही है जिसके लिए मैं इस वक़्त बंगाल में शूटिंग कर रहा हूँ जिसके बारे में मैं जल्द ही बात करूंगा और उसके अलावा पिप्पा की शूटिंग चल रही है, जो मेरे लिए अब तक सबसे बड़ी फिल्म होने वाली है वो एक फिल्म है जो कि बांग्लादेश के ऊपर बनी है जिसमें मैं ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर हैं जो कि काफी अलग फिल्म होने वाली है  और इसमें भी मैं एक आर्मी मैन का रोल निभाने वाला हूँ लेकिन बहुत अलग आर्मी मैन बना हूँ  और उसमें अलग ही सन 1970 का सेटअप दिखाया जाएगा, उसके अलावा मैं एक दो फिल्में और कर रहा हूँ जिसके बारे में बात करने की इजाज़त नहीं है, और उसके अलावा एक वेब सीरीज भी है जिसमें मैं लीड रोल में हूँ जो कि एक डार्क हुमूर के ऊपर बेस्ड है जिसके लिए मैं काफी इंतज़ार कर रहा हूँ लोगों को देखने के लिए और उसकी रिलीज़ भी अब जल्द ही होगी।

एक आर्मी मैन का रोल निभाना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था: प्रियांशु पैन्युली

मिर्ज़ापुर सीजन के बारे में कुछ बताएं?

मिर्ज़ापुर सीजन 3 ज़रूर आना चाहिए, मैं चाहता हूँ कि रोबिन की कहानी को और आगे बढ़ाया जाए, और लोग भी काफी पूछ रहे हैं कि आखिर रोबिन की माँ कौन है ये भी लोग जानना चाहते हैं लेकिन ये बात मुझे भी नहीं पता, अभी तक ‘मिर्ज़ापुर 3’ बस एक आईडिया है उसकी स्क्रिपिं्टग अभी तक ख़त्म नहीं हुई है, हमसे कहा गया है कि इसकी शूटिंग 2022 में शुरू की जाएगी  क्योंकि कोविड की दूसरी वेव के चलते हमारे बाकी प्रोजेक्ट्स की शूटिंग ख़त्म नहीं हो सकी।  पर हाँ ‘मिर्ज़ापुर 3’ तो ज़रूर आएगा उसकी कहानी अभी तक अधूरी ही है, और जितने करैक्टर हमने अब तक छोड़े हैं उसमें लोगों का और इंट्रेस्ट आएगा।

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