‘असली खुशी दूसरों को हंसाने में मिलती है! -कमल मुकुट By Mayapuri Desk 17 Jul 2019 | एडिट 17 Jul 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर ‘झूठा कहीं का’ थिएटरों के दरवाजें पर दस्तक दे चुकी है। कैंसर की बिमारी से जूझकर सकुशल बाहर निकले ऋषि कपूर की वापसी की फिल्म कह सकते हैं इसे! पर्दे पर वह जब हास्य के पल पैदा करते हैं तो दर्शक हंस कर लोटपोट हो जाता है। यही असली खुशी है सिनेमा देखने और सिनेमा बनाने में!’ यह कहना है फिल्म ‘झूठा कहीं का’ के प्रस्तुतकर्ता और सोहम रॉक स्टार इंटरटेनमेंट के प्रमुख कमल मुकुट का। सिनेमा के साथ पूरे बहु आयामी व्यक्तित्व के रूप में जुड़े कमल मुकुट प्रस्तुतकर्ता हैं, निर्माता है, वितरक हैं, फाइनेन्सर हैं, इक्जिविशन हैं और ‘क्रिटिक’ भी हैं अपनी फिल्मों के। उनसे उनके दफ्तर में फिल्म को लेकर बातचीत होती है। प्रस्तुत है संक्षेपांश- ‘झूठा कहीं का’ अब दर्शकों के सामने पहुंच रही है, वहीं जानेंगे इसका स्वाद जो देखेंगे। हमने मेहनत से और ईमानदारी से हमेशा की तरह एक अच्छी फिल्म प्रेजेन्ट की है। हमारी हर फिल्म में प्रजेन्टर मैं ही होता हूं। मुझे खुशी है कि इस बार भी मैंने एक अच्छी फिल्म दी है। इसमें हमने हंसाया है। असली खुशी दूसरों को हंसाने में मिलती है।’ ‘मैंने सिनेमा को 360 डिग्री में जीया है, हर रूप में इसको देखा और जाना है।’ बताते हैं वरिष्ठ फिल्मकार कमल मुकुट। ‘प्रोजेक्ट तैयार करने से लेकर प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन, इक्जिविशन, टीवी प्रोजेक्ट्स और डिजाइनिंग (जी टीवी चैनल) सब कुछ किया है। ‘झूठा कहीं का’ मेरे करियर की ताजातरीन पेशकश है। जिसे दर्शक इन्ज्वॉय करेंगे। तब शायद 18-20 साल का था जब फिल्म इंडस्ट्री में आया था। अब 48 साल हो गये हैं इंडस्ट्री में आये हुए। हर रंग देख लिया है सिनेमा का।’ वह सुकून भरी सांस लेते हैं। ‘यह फिल्म (झूठा कहीं का) देखकर मुझे मजा आया है’ कमल मुकुट का नाम करीब 85 फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ा रहा है जो नामचीन फिल्में रही हैं। ‘गुलामी’, ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘नागिन’, ‘बेताब’, ‘किशन कन्हैया’.... ‘कितने नाम गिनॉऊ ?’ वह कहते हैं। ‘इनमें 35 हिट फिल्में थी और दो बड़ी डिसॉस्टर थी। ये दो बड़ी फिल्में थी- ‘रजिया सुल्तान’ और ‘गांधी’। दोनो ही मेरे लिये सम्मान की फिल्में हैं। कहते है न कि आदमी मरे तो हाथी की मौत मरे! मुझे खुशी है कि मैं इस फिल्मों से जुड़ा था। उन दिनों के मेरे और सितारों से जुड़े सम्बंध आज भी हैं। हेमा, रेखा... इन सबसे मेरे सम्मानजनक सम्बंध तभी से हैं जब मैं इनको पहली बार मिला था।’ द ‘सिनेमा को आपने हर रूप में देखा है, जाना है। ऐसा कुछ मन में और है जो देखना जानना चाहते हैं?’ ‘हूं...! है! मैं चाहता हूं सिनेमा का टिकट 20 रूपया हो जाए ताकि हर आदमी खुशी-खुशी परिवार के साथ फिल्म देखने जाने लगे। इस देश की आबादी 135 करोड़ है तो कम से कम 60 करोड़ लोग फिल्म देखने जाने लगे। थिएटर का दाम बहुत ज्यादा होने से लोग टॉकीज में फिल्म देखने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।’ ‘आजकल बहुत भारी बजट की फिल्में बनाये जाने का दौर चल रहा है। इनके बारे में आपकी सोच क्या है?’ ‘हमेशा इंडस्ट्री की चाल ऐसी ही रही है। बजट जो भी हो चलती हैं सिर्फ अच्छी फिल्में ही। पहले भी तो ‘मदर इंडिया’ बनती थी। बात पैसा या मेकिंग की नहीं है आप बना क्या रहे हैं, कह क्या रहे हैं, यह इम्पॉर्टेंट होता हैं, पहले 30,40, 50 लाख का बजट अच्छा बजट होता था। एक फिल्म बनी थी ‘तलाश’- जिसका बजट बताया गया था एक करोड़। तब यह बहुत बड़ा अमाउंट था। आज के अमाउंट से कम्पेयर करोगे तो कैसे चलेगा। कमाई का रेशो भी तो वैसे ही बनता है। यह सब बिजनेस गणित है। लेकिन, अंत में बात आती है दर्शकों की पसंदगी पर ही। फिल्म का विषय अच्छा हो तो दर्शकों को भा जाए तो सब ठीक वर्ना....।’ वह हंसते हैं। ‘इसीलिए इस बार हमने लोगों को तनावमुक्त करने वाले विषय पर फिल्म दी है- ‘झूठा कहीं का’। #bollywood latest news in hindi #mayapuri bollywood bulletin hindi news #today entertainment news in hindi #celebrity interview in hindi #celebrity interviews #celebrity interviews in magazines #celebrity interview shows #latest mayapuri bulletin news #celebrity news in hindi #bollywood news #bollywood #interview #Jhootha Kahin Ka #Kamal Mukut #kamal mukut movies #kamal mukut film producer #कमल मुकुट हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article