‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार

author-image
By Shanti Swaroop Tripathi
New Update
‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार

कुछ टीवी सीरियल और फिल्मों में बतौर सहायक निर्देशिका तथा कुछ वर्षों तक धर्मा प्रोडक्शन में क्रिएटिव हेड के पद पर कार्य कर चुकी निधि परमार अब बतौर निर्माता अपनी पहली फिल्म ‘सांड की आंख’ लेकर आ रही है जो कि 25 अक्टूबर को रिलीज होगी।

प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश :

अपनी अब तक की यात्रा को आप किस तरह से देखती है?

- मेरे करियर की शुरुआत टीवी से हुई थी सिनेविस्टा ज़ी टीवी सीरियल शो है जिसमें मैं एग्जीक्यूटिव निर्माता थी। सिनेविस्टा को छोड़ने के बाद मैंने राकेश ओमप्रकाश मेहरा के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म ‘रंग दे बसंती’ की उसके बाद मैंने दो तीन दूसरी फिल्में की। 2008 में जब मंदी का दौर आया तो मैंने नौकरी करनी शुरू कर दी। दो तीन कंपनियों में नौकरी बदलने के बाद मैंने धर्मा प्रोडक्शन में क्रिएटिव हेड के रूप में काम करना शुरू किया और एक दिन अपनी फिल्म ‘सांड की आंख’ बनाने के लिए मैंने ये नौकरी छोड़ दी लगभग 5 साल की कठिन परिश्रम और कई तरह की कठिनाइयों का मुकाबला करते हुए हमने फिल्म पूरी की है अब यह फिल्म 25 अक्टूबर को पूरे देश में दिवाली के अवसर पर रिलीज होने वाली है

फिल्म ‘सांड की आंख’ की योजना कैसे बनी?

- मेरे पति तुषार हीरानंदानी ने आमिर खान के कार्यक्रम सत्यमेव जयते में इन दो शार्प शूटर की कहानी देखी तो उन्हें लगा कि इस पर फिल्म बनाई जानी चाहिए और वह खुद इस फिल्म का निर्देशन करना चाहते थे। तुषार लंबे समय से फिल्म लेखन कर रहे थे। वह निर्देशक बनना चाहते थे पर उन्हें अच्छी कहानी नहीं मिल रही थी अब जब उन्हें एक कहानी पसंद आई और उन्होंने मुझसे इसका जिक्र किया, तो मैंने उनका साथ देने के लिए कह दिया कि चलिए हम फिल्म बनाते हैं। उसके बाद हम दोनों ने मिलकर इन दादीयों का पता लगाया। फिर हम मेरठ के जौहरी गांव गए।

‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार

क्रिएटिव हेड की हैसियत से काम करना अलग है पर अपने पैसे लगाकर फिल्म बनाना जोखिम वाला मामला है?

- आपने एकदम सही कहा. वास्तव में जब मैं सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रही थी उस वक्त मेरी इच्छा एक दिन फिल्म निर्देशक बनने की थी लेकिन मैंने महसूस किया कि फिल्म निर्माण में असली चाबी तो निर्माता के पास होती है इसलिए जब एक मौका आया तो मैंने सोच लिया कि चलो जोखिम ले लेते हैं जब फिल्म ‘सांड की आंख’ का मामला सामने आया तो हमने सोचा कि फिल्म शुरू करते हैं और किसी को निर्माता के रूप  में जोड़ लेंगे मगर फिल्म की कहानी दो बूढ़ी औरतों की थी इसलिए कोई भी इसमें पैसा लगाने को तैयार नहीं था ऐसे में मुझे लगा कि अब मुझे ही तुषार का साथ देना चाहिए और मैं निर्माता बन गई उसके बाद मैंने और तुषार ने अपनी कंपनी जैक एंड जिल खोल ली। फिल्म का सब्जेक्ट हमारे हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण और अच्छा था तो हमने अपनी तरफ से सब कुछ लगा दिया पर जब हम आगे बढ़े तो कुछ दिनों के बाद हमारे साथ अनुराग कश्यप और रिलायंस इंटरटेनमेंट जुड़ गये।

लेकिन इस फिल्म को बनाने के लिए आप लोगों को दोनों दादीयों से इजाजत लेनी पड़ी होगी?

- जी हां, हम जिनके ऊपर फिल्म बना रहे हैं बिना उनकी इजाजत के तो फिल्म बन नहीं सकती थी इसलिए मैं और तुषार दोनों जौहरी गांव गए और वहां पर चंद्रो और प्रकाशी से जाकर मिले। हमें पहली मुलाकात में ही उन्होंने बहुत ज्यादा प्रभावित कर दिया। हमारे साथ फिल्म के लेखक थे जब हमने उनकी कहानी सुनी तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए उन्होंने मुस्कुराते हुए बताया कि किस तरह की समस्याओं का उन्होंने सामना किया। मैंने उनसे पूछा कि दादी आपने यह सब कैसे झेला तो दादी ने कहा कि जब हम किसी बड़े मकसद के लिए काम कर रहे हो तब गाली गलौज या झगड़ा करने से कुछ नहीं मिलता। हमें उसके लिए कोई न कोई दूसरा रास्ता निकालना पड़ता है। हम अपने पुरुषों की बातों को सुनने की बजाय  कान बंद कर लेते थे और हम वही काम करते थे जिससे हमारी बेटियों का फायदा हो।

‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार

पहली मुलाकात में किस बात ने आपको प्रभावित किया?

- उनके जोश ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह आज भी थकती नहीं है। वह हमें मोटिवेट कर रही थी। हम तो उनके फ्रेंड बन गए थे। इतना ज्यादा हमें प्यार दिया, इतना लगाव दिखाया कि हमें लगा नहीं कि हम उनसे अलग है। और हमने यह तय कर लिया था कि हर हाल में हमें अब यह कहानी बतानी ही है।

फिल्म पूरी हो गई है क्या अनुभव रहे?

- देखिए मैं पहले एग्जीक्यूटिव निर्माता रह चुकी हूं इसलिए निर्माता की हैसियत से बहुत ज्यादा फर्क नहीं रहा। इसके अलावा हमें पग-पग पर अनुराग कश्यप का पूरा साथ मिला। उन्होंने अपनी तरफ से हमें इस प्रोजेक्ट को बनाने की पूरी छूट दी थी। निर्माता के अपने तनाव होते हैं मगर हमारी टीम के एक एक बंदे ने इसे अपनी फिल्म समझ कर इस तरह काम किया कि कई बड़ी समस्याएं अपने आप खत्म होती गई। अन्यथा सिर्फ पैसे के बल पर हम ठंड और गर्मी के मौसम में उत्तर प्रदेश में इस फिल्म को नहीं फिल्मा सकते थे। सच कह रही हूं मुझे हर बंदे ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग दिया।

‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार

मगर हर फिल्म में निर्माता और निर्देशक के बीच झड़प जरूर होती है जिसकी वजह बचत रहता है तो आपने तुषार से कितना झगड़ा किया?

- ऐसा होना स्वभाविक है मगर मैंने और तुषार ने पहले से ही फिल्म  का बारीक बारीक बजट बना रखा था इसके बावजूद बीच में दो तीन बार हमारे बीच मनमुटाव हुआ पर हमें खुशी है कि हम जिस तरह की फिल्म बनाना चाहते थे वह बन गई। मैं खुशनसीब हूं कि मेरी फिल्म के निर्देशक और कैमरामैन दोनों चाहते थे कि फिल्म को हम बजट के अंदर बना ले।

 आप खुद एक महिला हैं और यह दो वृद्ध महिलाओं की कहानी है आप क्या चाहेंगी कि दर्शक अपने साथ क्या लेकर जायेंगे ?

- इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मैं और तापसी पन्नू हमेशा यही बात किया करते थे कि हमारे देश में हर मां त्याग करती है। वह अपने बच्चों के लिए बहुत दुख झेलती है पर चुप रहती है और जब उनके बच्चे अपनी जिंदगी में मस्त हो जाते हैं तब मां को लगता है कि उनकी जिंदगी के महत्वपूर्ण वर्ष चले गए। अब वह क्या करें तो हम चाहते हैं कि फिल्म देख कर हर दर्शक खासकर हर महिला यह समझ लें कि वह किसी भी उम्र में कोई भी काम शुरू कर सकती हैं। उम्र की बंदिश नहीं होती है, वह अपनी जिंदगी में कभी भी अपनी पसंद का कैरियर बना सकती हैं। अपनी -पसंद का काम कर सकती हैं मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले।

‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें.
‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं.
‘मेरी इच्छा है कि हर औरत को इस फिल्म से मोटिवेशन मिले’- निधि परमार आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज  width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'>

'>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं.embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'>

Latest Stories