INTERVIEW: 'मेरी दुर्गा' टाइटल मेरे दिल के करीब है - प्रदीप कुमार By Mayapuri Desk 12 Sep 2017 | एडिट 12 Sep 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर प्रदीप कुमार जो टेलीविजन शो, 'मेरी दुर्गा' के निर्माता है रविंद्र गौतम के साथ जुड़े हुए है। पेपरबैक फिल्म्स के तहत और भी शोज बनाने के इच्छुक है। स्टार प्लस पर यह शो अपना झंडा गाढ़ चुका है। हाल ही में 200 एपिसोड्स पूर्ण होने पर एक शानदार पार्टी रखी गयी। पेश है प्रदीप कुमार की फ़िल्मी एवं टेलीविजन यात्रा उन्ही की जुबानी अपने बारे में कुछ बतलायें? मैं पिछले 17 सालों से फिल्मी दुनिया से जुड़ा हुआ हूँ । मैंने पहले कुछ फिल्मों का प्रोडक्शन हैंडल किया है।,' कगार' शो जोकि सहारा पर एयर हुआ था चैनल लॉन्च के समय उसका भी मैंने ही प्रोडक्शन संभाला था। शो शंकुन्तलम टेलीफिल्म्स के साथ भी लगभग 2004 से बतौर प्रोडक्शन हैंडल कर मुझे 2009 से ऐसा लगा कि में अपना कुछ शो बनालू।। रेत' शो - ज़ी चैनल पर खूब चला उससे भी में जुड़ा रहा। 'बनू में तेरी दुल्हन' एक बेहतरीन शो हमारे लिए बहुत अच्छा साबित हुआ। रविंद्र गौतम और आपके बारे मेंकुछ बतलायें? मेरी पत्नी शइका परवीन रविंद्र की अच्छी दोस्त है। शइका का पहला शो, 'कर्म अपना अपना 'रविंद्र जी ने ही निर्देशित किया था। वह भी अपना कुछ करना चाह रहे थे। सो शइका ने मेरा परिचय उनसे करवाया और बस इसी तरह हम दोनों ने मिल कर काम करना शरू कर दिया। वह सारा क्रिएटिव वर्क संभालते है जबकि मैं प्रोडक्शन की बागडोर संभाले रहता हूँ। 2015 से लेकर 2017 हो चला है, हम दोनों साथ मिलकर शोज कर रहे है। उनके साथ काम करने में बहुत आनंद आता है। बस ईश्वर से यही कृपा है कि यूंही हम दोनों मिलकर समझदार और साझेदारी से शोज बनाते चलें। टेलीविजन शोज के लिए टी.आर.पी कितना मायने रखती है? टी.आर.पी सबसे जायदा मायने रखती है शो को सफल करने में। बिना टी.आर.पी के शो नहीं चल पता है। अब यह शो, 'आंरभ' को ही ले लीजिये कितना बेहतरीन और शो है। किन्तु बेहतरीन टी.आर.पी न होने की वजह से उन्हें दिक्कत आ रही है। आपका शो 'मेरी दुर्गा' में बच्चो को लेकर क्या कहना चाहेंगे आप? यही कि हमारे शो में जो भी बच्चे काम कर रहे है बतौर कायदे कानून को ध्यान में रख कर ही उनसे काम करवाया जाए। इस शो द्वारा हम यही दिखला रहे है कि पढ़ाई के अतिरिक्त भी और कई चीजे है जो बच्चे करना चाहते है। सो उन्हें करने की इजाजत देनी चाहिए। आमिर खान की फिल्म, 'तारे ज़मीन पर' भी यही शिक्षा देती है। हम यही दिखलाना कहते है इस शो द्वारा कि बच्चो पर पढ़ाई का अनायास बोझ न डाले। आप क्या हमेशा कुछ मैसेज युक्त शो ही बनाना चाहेंग? जी हाँ! हमारे हर शो में हम कुछ न कुछ मैसेज ही देना चाहते है। हो सकता है हम आगे चलकर टॉयलेट की एहमियत भी बतलायें इस शो में। हमारी फीमेल लीड इस शो की जो है वह गांव से शहर आती है सो टॉयलेट की समस्या क्योंकि हाल ही में, 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' में अत्यंत अच्छी तरीके से दिखलाई गयी है, अच्छी बात है, सो कुछ ऐसा हम भी अपनी कहानी द्वारा आगे चलकर मुद्दा पेश कर सकते है। इस शो के अतिरिक्त आप दूसरा कुछ और शोज करने की तयारी में है? जी हाँ बिलकुल। टेलीविजन शोज और फ़िल्में भी करने का इरादा है। हमारे पास दोनों क्रिएटिव और प्रोड्कशन को चलाने वाले बन्दे मौजूद है। रविंद्र और में प्रदीप कुमार खुद बस ईश्वर से यही प्रार्थना है अपने काम में और आगे बढ़े। अच्छी स्क्रिप्ट मिले तो हम फ़िल्में भी बना सकते है। किन्तु फ़िलहाल हम और भी बेहतरीन टेलीविजन शोज बनाने के इच्छुक है। स्क्रिप्ट्स की तलाश है और बस उसके बाद चैनल में अपनी स्क्रिप्ट लेकर पहुँच जाएंगे। शो के प्रोड्यूसर है, स्टार्स ने कभी टैंट्रम दिखलायें है आपको? जी नहीं। इस मामले में हम लकी है। और यह भी तो है -हम अपने टेक्निशंस एवं एक्टर्स को एक परिवार की तरह रखते है। और उन्हें परिवार की तरह वैसे देखते भी है। हर अभिनेता ने हमारे साथ बहुत ही मिलजुल के साथ काम किया है। हमें कभी किसी अभिनेता ने किसी तरह की हेकड़ी नहीं दिखलाई है। चलते चलते इस टाइटल ,' मेरी दुर्गा ' कैसे पड़ा हमे बतलाये? यह शो पिता एवं पुत्री के रिश्ते को दर्शाता है। दुर्गा पुत्री का नाम है। मेरी दुर्गा मतलब मेरी पुत्री। यह टाइटल मेरे दिल के करीब है। सो मुझे लगा यही टाइटल रखा जाये। #Meri Durga हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article