सोनी सब के कलाकार कैसे मनाते हैं जन्माष्टमी By Mayapuri Desk 29 Aug 2021 | एडिट 29 Aug 2021 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर युक्ति कपूर ('मैडम सर' की सब इंस्पेक्टर करिश्मा कपूर) जब मैं छोटी थी तो, हम हर साल अपने घर के पास वाले मंदिर में जाते थे, जहां पर जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता था। इस अवसर पर मंदिर में भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी सुनाई जाती थी। कई लोग अलग-अलग किरदारों की तरह सजते भी थे। मैं राधा बनती थी और मेरा बेस्ट फ्रेंड भगवान कृष्ण। हम सभी को बहुत मजा आता था। हम खूब मस्ती करते थे और आज भी बचपन की ये यादें मुझे खुशी देती हैं। मैं जब मुंबई आई थी, तो पहली बार मैंने दही-हांडी देखी। मैं उन लोगों को सच में सलाम करती हूं, जो इतने बड़े ह्युमन पिरामिड बनाने का हौसला दिखाते हैं। लोगों को मटका फोड़ते देखने का अनुभव बहुत रोमांचक होता है। आदित्य देशमुख ('ज़िद्दी दिल-माने ना' के स्पेशल एजेंट फैज़ी) मुझे याद है कि आमतौर पर, जन्माष्टमी के समय हर साल मेरी परीक्षाओं के दिन हुआ करते थे और मैं इन सभी सेलीब्रेशन को मिस करता था। मुझे मेरे पापा द्वारा बनाया गया प्रसाद 'सुंदिम' बहुत याद आता है, जो वो आधी रात को बनाते थे। यह ब्राह्मण महाराष्ट्रियन परिवार में निभाई जाने वाली एक परंपरा है। जन्माष्टमी के दौरान प्रसाद बनाने की बहुत अहमियत है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण का जन्मदिन होता है। जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी में भाग लेना भी मेरा खुशनुमा यादों में से एक है। एक-दूसरे पर चढ़कर, ह्यूमन पिरामिड बनाने और मटका फोड़ने के बारे में सोचकर मैं आज भी रोमांचित हो जाता हूं। उन दिनों की यादें मेरे लिये अनमोल हैं। यदि जिंदगी में कोई रिवाइंड बटन होता, तो मैं अपने बचपन के उन मस्ती भरे दिनों में दोबारा लौटना चाहूंगा। अनूप उपाध्याय ('जीजाजी छत पर कोई है' के जल्दीराम शर्मा) मेरे होमटाऊन गंज दंडवारा में, जन्माष्टमी हमेशा ही बहुत धूम-धाम से मनाई जाती थी। सभी मंदिरों को पूरी तरह से सजाया जाता का और सभी लोग अपने घरों को भी सजाया करते थे। मैं और मेरे दोस्त हर घर से प्रसाद इकट्ठा करते थे और उन्हें मजे से खाते थे। मिठाई हर बच्चे को पसंद होती है और मुझे आज भी यह बेहद पसंद है। इस दिन मिठाई खाने पर कोई पाबंदी नहीं होती थी। जन्माष्टमी के दिन पूरा शहर उत्साह से भरपूर नजर आता था, जो मुझे बहुत अच्छा लगता था। मुझे आज भी उन दिनों को याद करके खुशी होती है। बीते वर्षों में, मैंने मुंबई में दही हांडी देखने का आनंद उठाया है। मैं अपने प्रशंसकों एवं दर्शकों से विशेष अनुरोध करना चाहूंगा कि इस साल दही हांडी के लिये ह्यूमन पिरामिड बनाते समय ज्यादा सावधान एवं सतर्क रहें। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मेरी ओर से सभी लोगों को ढेर सारी शुभकामनायें। सायंतनी घोष ('तेरा यार हूं मैं' की दलजीत कौर बग्गा) बचपन के दिनों में मैं मंदिरों में जाया करती थी और ढेरों रस्मों एवं समारोहों में भाग लेती थी। हम हर त्योहार को बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते थे। मैं भगवान कृष्ण द्वारा दिये गये ज्ञान को बहुत मानती हूं और उनके साथ जुड़ाव महसूस करती हूं। उन्होंने जो ज्ञान दिया है, वह बेहद प्रासंगिक और वास्तविक है। इसके अलावा, उनका नटखट एवं विविधतापूर्ण व्यक्तित्व उन्हें अत्यधिक वास्तविक बनाता है और उनके आकर्षण को बढ़ाता है। मैंने जब दही हांडी के कार्यक्रम के लिये पहला ह्यूमन पिरामिड देखा था, तो मैं पूरी तरह से अवाक् रह गई थी। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह का कुछ किया जा सकता है। उस कार्यक्रम में जिस तरह की एनर्जी होती है, वो मैंने पहले कभी नहीं देखी था। इस साल, मैं अपने सभी प्रशंसकों एवं दर्शकों को शुभकामनायें देना चाहूंगी। मेरी ओर से सभी लोगों को जन्माष्टमी की बधाईयां। #Sayantani Ghosh #Janmashtami #Aditya Deshmukh. #Sony Sab #Yukti Kapoor #Sony SAB artists #MADDAM SIR #Daljeet Kaur Bagga #Tera Yaar Hoon Main #Agent Faizi #Anup Upadhyay #Jaldiram Sharma #Jijaji Chhat Parr Koii Hai #Sub Inspector Karishma Singh #Ziddi Dil – Maane Na हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article