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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में राजकुमार राव के डेब्यू को करीब 10 साल होने वाले हैं। अपनी शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने अपने हर रोल से लोगों को इम्प्रेस किया है, फिर चाहे वह रण जैसी मूवी में उनका छोटा सा रोल ही क्यों न रहा हो। इसके बाद उन्होंने शाहिद और न्यूटन जैसी फिल्मों में काम करके अपना नाम फिल्म इंडस्ट्री के सबसे टैलेंटेड और प्रॉमिसिंग एक्टर्स की लिस्ट में शामिल करवा लिया। इस एक्टर को न सिर्फ क्रिटिक्स और ऑडियंस दोनों का प्यार मिला बल्कि वह नेशनल अवॉर्ड जैसा सम्मान पाने में भी कामयाब रहे। उनकी पिछली फिल्म जजमेंटल थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस किया। अब राजकुमार राव तैयार हैं फिल्म मेड इन चाइना के लिए।
चाइना के बारे में कहा जाता है कि वहां की बनाई गई चीजें इंडिया में खपाई जाती हैं, क्या यह मूवी उसी मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमती है?
जी नहीं, ऐसा नहीं है। मेरा इसमें एक ऐसे स्ट्रगलिंग गुजराती बिजनेसमैन का किरदार है, जो कई तरह के बिजनेस करता है लेकिन सब फेल। आखिरकार वो चीन चला जाता है और वहां कुछ ऐसी घटनायें घटती हैं जिससे मूवी एक दिलचस्प मोड़ ले लेती है ।
गुजराती कैरेक्टर को निभाने के लिये कितनी मेहनत करनी पड़ी?
मेहनत तो हर किरदार के लिए करनी पड़ती है। यह किरदार अहमदाबाद बेस्ड है, जहां के कल्चर को समझना जरूरी है। इसके लिए मैं शहर के आम लोगों से मिलता रहा। उनके बोलचाल के अंदाज को समझा और अपने किरदार में उतारा।
आपको नहीं लगता कि हर फिल्म में आपको अलग-अलग तरह के किरदार निभाने के मौके मिल रहे हैं?
यह सब संयोग से हो रहा है कि मुझे ऐसी स्क्रिप्ट्स मिल रही हैं ,जिनमें वैरियेशन है। हर किरदार अपने आप में अलग है। उनमें अलग-अलग शेड्स हैं। मैं लकी हूं कि मेरे किरदारों को दर्शक पसंद भी कर रहे हैं। सिनेमा बदल रहा है तो दर्शकों की सोच भी बदल रही है।
बोमन ईरानी, परेश रावल जैसे एक्टर्स जब सामने हों, तो क्या यह एहसास नहीं होता कि आप उनके मुकाबले कहां खड़े हैं?
उनसे मेरा मुकाबला हो ही नहीं सकता। वह दिग्गज कलाकार हैं। अगर सामने अच्छे एक्टर्स, अच्छी टीम हो तो जॉब आसान हो जाता है यानी एक खूबसूरत फिल्म सामने आती है।
फिल्म दीवाली के मौके पर रिलीज हो रही है। जहां यह फिल्म सांड की आंख और ‘हाउसफुल 4’ को टक्कर देगी जा रही है। इस क्लैश को कैसे देखते हैं?
क्लैश होना तो अब आम बात है और इसका कुछ किया भी नहीं जा सकता है। अगर लेटेस्ट उदाहरण लें, तो ‘बाटला हाउस’ और ‘मिशन मंगल’ साथ आई थी। दोनों ने ही बेहतर बिजनस किया। पिछले साल ‘सत्यमेव जयते’ फिल्म ‘गोल्ड’ के साथ आई उसका बिजनेस भी सही रहा।
मौजूदा फिल्म में आप बिजनेसमैन हैं। क्या वास्तव में भी आप बिजनेस में निवेश करते हैं?
मुझे रीयल लाइफ में बिजनेस के बारे में कुछ पता नहीं है। मैं फिल्मों में ही अच्छा बिजनस कर लेता हूं। हां, फ्यूचर में जरूर इस बारे में सोचूंगा लेकिन फिलहाल पूरा फोकस ऐक्टिंग पर ही है।
अपने किरदार में इतनी नेचुरैलिटी कैसे ला पाते हैं?
जिस दिन मैं नैचुरल एक्टिंग करना बंद कर दूंगा, मैं ब्रेक ले लूंगा। मैं सभी नॉर्मल चीजें करता हूं। मैं रियल में एक आम आदमी हूं। मैं खुद को बहुत सीरियसली नहीं लेता। जिस दिन मुझे लगने लगेगा कि मैं बदल रहा हूं, मुझे लगता है उस दिन मैं ब्रेक लूंगा और अपने कदम पीछे कर लूंगा। एक एक्टर बनने की वजह मेरे लिए कभी पैसे या पॉपुलैरिटी के लिए खुद को बदलना नहीं था। मुझे यह काम पसंद है और मैं इसे इसी तरह से देखता हूं।
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