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इन दिनों रणबीर कपूर फिल्म ‘संजू’ में अपनी भूमिका के लिये बॉलीवुड और दर्शकों के बीच हैरानी का विषय बने हुये हैं क्योंकि उन्होंने सजंय दत्त की इस बायोपिक में हूबहू संजू को जिया है लिहाजा क्या बाहरी और क्या फिल्म से जुड़ा हर कलाकार मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा कर रहा है। स्वंय रणबीर फिल्म और अपनी भूमिका को लेकर क्या कहते हैं।
सजंय दत्त की भूमिका को लेकर क्या कहना है ?
सबसे अहम ये था कि मुझे संजू सर की भूमिका निभाने के अलावा राज कुमार हीरानी के साथ काम करने का उत्साह था। दूसरे भूमिका को लेकर एक जिम्मेदारी भी थी। संजू सर आज भी बहुत बड़े स्टार है। ऐसा भी नहीं था कि फिल्म का कॅरेक्टर स्पोर्ट स्टार है या कोई और बड़ी सेलीब्रेटी है। यहां मुझे एक जिंदा इंसान की भूमिका निभानी थी जो आज भी अपने काम में सक्रिय है। जिस प्रकार स्क्रिप्ट लिखी थी वो कमाल था। मैं इन सारी चीजों की हेल्प लेकर ये भूमिका निभाने में सफल रहा।
आप संजू से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, लेकिन जब आपको उनकी ऐसी बातें पता चली जो आपको नहीं मालूम थी तो आपका उनके प्रति नजरिये में कितना बदलाव हुआ ?
मैं तो बचपन से ही उनका फैन रहा हूं और जब ये फिल्म शुरू हुई तो मैं नहीं जानता था कि मैं ये भूमिका कर पाउगां। उनका जो बोलने और चलने का अंदाज है। इसके अलावा उन्होंने जब अपनी बॉडी बनाई। वो सब मैं डुप्लीकेट से नहीं बल्कि खुद करना चाहता था लिहाजा आठ महीनों तक लुक टेस्ट होते रहे, उनके हेयर स्टाइल और बॉडी आदि पर मैनें बहुत मेहनत की। मैं घंटों उनके जैसे बोलने और चलने की कोशिश करता रहता था, बार बार करता रहता था। वो कभी अच्छा लगता था तो कभी नहीं लगता था। कहने का मतलब कि बहुत सारी दिक्कतें आईं, लेकिन मैने हार न मानते हुये वो सब परफेक्ट करने में बहुत वक्त गुजारा, क्योंकि मैने जिद पकड़ ली थी कि मैं करूंगा तो अच्छा ही करूंगा। वो सब इसलिये भी था कि फिल्म देखते वक्त किसी को ऐसा नहीं लगना चाहिये मैं फफुंदरी कर रहा हूं या नकल उतार रहा हूं।
अगर स्टार संजय दत्त की बात न कर इस फिल्म के सजंय दत्त की बात करे तो आपका क्या कहना होगा ?
देखिये यहां हमने स्टार सजंय दत्त को नहीं बल्कि एक भावनात्मक और आम आदमी के तौर पर संजू को दिखा रहे हैं और बता रहे हैं कि उनकी लाइफ में क्या क्या गुजरा। अपने साथ घटी हर घटना पर वो क्या करते थे और क्या सोचते थे। वो सब इस फिल्म दिखाया गया है।
आपने उनकी कौन कौन सी फिल्में देखी है ?
जैसा कि मैने कहा कि मैं तो बचपन से ही उनका जबरदस्त फैन रहा हूं। उनकी मैने तकरीबन सारी फिल्में देखी हैं उनमें कुछ याद हैं जैसे रॉकी, वास्तव, नाम, खलनायक, साजन इत्यादि।
सुना है, शुरू में आप ये फिल्म नहीं करना चाहते थे ?
मैने फिल्म रिफ्यूज नहीं की थी। दरअसल मुझे अपने पर विश्वास नहीं था कि मैं ये रोल कर पाउंगा। दूसरे पहले तो मैं यही नहीं समझ पा रहा था कि संजय दत्त की बायोपिक बनेगी कैसे ? क्या है उनकी लाइफ, ये सब मैं जानता था। लोगबाग किस तरह सजंय सर को एक अलग नजरिये से देखेंगे। यह बात मैने राजू हीरानी सर से कही थी कि सर ये सब मुझसे नहीं हो पायेगा। चलिये हम कुछ और करते हैं क्योंकि मैं राजू सर के साथ काम करने का मौका बिलकुल नहीं गंवाना चाहता था। लेकिन बाद में उनके कहने पर मैंने जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो वहां कुछ और ही निकला। उसमें वो सब था जिसके बारे में मैं ही नहीं बहुत लोग नहीं जानते थे। सबसे अहम ये था कि ये सजंय दत्त और राज कुमार हीरानी की पिक्चर थी, लिहाजा मेरे लिये एक जिम्मेदारी भी थी। बावजूद इसके मैं बहुत खुश था।
संजू को आप कितना जानते थे ?
मैं उन्हें उतना ही जानता हूं, जितना आप लोग जानते हैं या सब जानते हैं। लेकिन इस फिल्म में मुझे एक दूसरे संजय दत्त से मिलने का मौंका मिला।
फिल्म में आपके पिता सुनील दत्त की भूमिका निभाने वाले परेश रावल का कहना है कि मैं रणबीर को संजू के रोल में देखते हुये कॉप्लेक्स में आ गया था। लिहाजा मेरी कोशिश रही कि मैं भी थोड़ा बहुत सुनील दत्त लगूं। कुछ ऐसा ही मनीषा कोइराला का भी कहना है ?
परेश जी बहुत बड़े अदाकार हैं। उनके थियेटर बैकग्राउंड और फिल्मी बैकग्राउंड को देखकर पता चलता है कि वे कितने अनुभवी और बड़े फनकार हैं। मेरे बारे अगर वे ऐसा कहते हैं तो ये उनकी महानता है। इसी प्रकार मेरी मां नरगिस दत्त का रोल करने वाली मनीषा कोइराला भी अपने टाइम की बेहतरीन अभिनेत्री रहीं है। मैं दोनों की दिल से इज्जत करता हूं।