INTERVIEW: यह क्वालिटी बहुत कम अभिनेत्रियों में पाई जाती है - रणबीर कपूर By Mayapuri Desk 25 Jun 2017 | एडिट 25 Jun 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर निर्देशक अनुराग बासू की फिल्म ‘जग्गा जासूस’ एक अरसे तक रूकी हुई थी। इस फिल्म से रणबीर कपूर ने अभिनय के अलावा बतौर प्रोड्यूसर भी अपनी पारी शुरू की है। जल्द रिलीज होने जा रही इस फिल्म को करीब साढ़े तीन साल तक रूकने की आखिर क्या वजह रही। बता रहे हैं रणबीर कपूर इस साक्षात्कार में। क्या वजह रही कि फिल्म करीब साढ़े तीन साल तक रूकी रही ? अनुराग बासू दादा के साथ मैने इसी फिल्म से बतौर पार्टनर फिल्म प्रोडक्शन की पारी भी शुरू की है लेकिन फिल्म को साढ़े तीन साल लग गये, रिलीज होने में। दरअसल हम दोनों की ख्वाईश थी कि हम एक बार फिर एक ईमानदार फिल्म बनायें, जिसे आप अपने परिवार के छोटे बड़ों तथा दोस्तों के साथ देख सकते हो। जंहा तक ऑडियेंस की बात है तो उसे नहीं पता कि फिल्म कितने दिन पुरानी है, उसे तो एक अच्छी फिल्म चाहिये, जो कि यह है। फिल्म का जॉनर क्या है? अगर जॉनर की बात की जाये तो उसे क्रियेट करने में अनुराग दादा को थोड़ी दिक्क्त हुई। उसी तरह प्रितम दादा को फिल्म के लिये पदंरह बीस गाने बनाने थे । इन सारी बातों को लेकर फिल्म कुछ डिले हुई, लेकिन पिछले हफ्ते ही मैने फिल्म देखी । मुझे महसूस हुआ कि दादा ने फिल्म बनाई कैसे। वह इतने अच्छे डायरेक्टर हैं, उनकी समझ, इमोशन के बारे में, कॅरेक्टर के बारे में इतनी गहरी है कि वह पर्दे पर बहुत प्रभावशाली ढंग से आती है। हालांकि हमारा काफी नुकसान हुआ है क्योंकि हम दोनों फिल्म के प्रोड्यूसर्स हैं। फिल्म को लेकर कहा जा रहा हैं कि इसका काफी सारा हिस्सा दौबारा शूट किया गया? फिल्म को थोड़ा बहुत जरूर शूट किया गया लेकिन यह सारी अफवाहें हैं जैसे फिल्म को दौबारा शूट किया गया या कॅटरिना और मैं साथ काम करना नहीं जाना चाहते थे इसके विपरीत हम सब की पॉजिटिव सोच थी हम उनकी कहानी पर पूरा विश्वास करते थे क्योंकि हमें सिर्फ एक अच्छी फिल्म चाहिये थी जो दादा ने हमें दी। फिल्म को लेकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी। क्या आपने कभी सोचा है ? दादा ने एक बार बताया था कि जब उन्होंने बर्फी बनाई थी तो अपनी दोनों छोटी बेटियों को दिखाई थी। बाद में जब उन्होंने उनसे पूछा कि फिल्म कैसी लगी तो उन्होंने उपेक्षा भरे स्वर में कहा था कि बस ठीक ठीक थी, थोड़ी बोरिंग थी, हम बीच में सो भी गये थे। इसके बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि हम बच्चों के लिये फिल्म नहीं बनाते, इसलिये उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाने का निश्चय किया जो सभी को अपील करे। इस प्रकार उन्होंने अपने ऊपर कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारी ले ली। आप देखेंगे कि फिल्म में सभी कुछ है एक मैसेज है, पूरे परिवार के साथ बैठ कर देखी जाने वाली इस फिल्म में काफी कुछ है जैसे परिवार के बारे में, बाप बेटे के बारे में, अच्छी स्टोरी हैं म्यूजिक है। कोई सिगरेट नहीं, अल्कोहल नहीं है। सेक्स नहीं है। इसे पूरी तरह से एक डिजनी फिल्म कहा जा सकता है। आपको नहीं लगता कि खास जिन बच्चों ने बर्फी देखी थी, वह एक बार फिर फिल्म उसी कॉबिनेशन के साथ देखेंगे? इस बारे में मैं यही कहना चाहूंगा कि हमने बर्फी से कहीं ज्यादा अच्छी फिल्म बनाई है। बेशक दुनिया इस बार भी मेरे किरदार को बर्फी जैसा कहेगी लेकिन ऐसा है नहीं, चूंकि मेरा किरदार हकलाता है तो उसके फादर उसे समझाते हैं कि दिमाग एक अखरोट की तरह होता है। राइट साइड का दिमाग सब लॉजिक चीजें सोचता है, टै्रस करता है, लेकिन लेफ्ट साइड दिमाग क्रेटिव है। आप देखेंगें कि आप वैसे हकलाते हैं लेकिन जब आप गाकर बोलते हैं तो जरा भी नहीं हकलाते। अब चूंकि वो जासूस है इसलिये हर स्थिति को गाकर बताता है। फिल्म में छोटे छोटे इक्किस बाइस गाने हैं। इस नई सोच को फिल्म के द्धारा दिखाने में हमें काफी सारी दिक्कतें पेश आई। कैटरीना के साथ अपनी एसोसियेशन को लेकर क्या कहना है? कैटरीना के साथ यह मेरी तीसरी फिल्म है इससे पहले हम राजनीति और अजब प्रेम की गजब कहानी कर चुके हैं। मैं कह सकता हूं उसके साथ जो मेरी क्रियेटिव पार्टनरशिप हैं वैसी मैं किसी और के साथ नहीं बना सकता, क्योंकि वह बहुत ही पॉजिटिव है और आपको मौंका देती हैं कि आप शाइन करो, अच्छा करो। यह क्वालिटी बहुत कम अभिनेत्रीयों में पाई जाती है। #Ranbir Kapoor #jagga jasoos #interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article