/mayapuri/media/post_banners/ef708635dec023fc7a7af755d9a0c581c9c22c16437e41eca4309c7a57327e4a.jpg)
रोहित रॉय ने टेलीविजन शो से अपना सफर शुरु किया। ,‘‘देस में निकला होगा चाँद‘‘ और ‘‘स्वाभिमान‘‘ जैसे शोज में अच्छा खासा काम कर अपना सफर फिल्मों तक शूटआउट अट लोकहँड़वाल,‘काबिल ‘इत्यादि फिल्में कर अपना एक मुकाम भी बना लिया है। बहरहाल निर्देशक कृष्णा भट्ट की वेब सीरीज।,‘‘ सनक एक जूनून‘‘ जो एम एक्स प्लयेरपर चल रहा है। उनका काम सरहाया जा रहा है।यह शो अपने सपनो को साकार करने की कहानी को दर्शाता है। अपनी इच्छाओं की पूर्ति किसी भी तरह से करना इत्यादि एंगल को बखूबी दिखाया गया है। रोहित अपनी स्क्रिप्ट का निर्देशन जो की संजय लीला भंसाली के प्रॉडकशन हाउस से करना चाह रहे है उसका बेताबी से इंतजार कर रहे है। अभी तक निर्देशकध्निर्माता संजय लीला भंसाली की ओर से उन्हें ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है। -लिपिका वर्मा
आपने सनक जानूँ के लिए हां क्यों कहा?
वैसे, एक अभिनेता होने हेतु में सबसे अच्छी बात यह है कि मुझे पर्दे पर वो सारे काम करने को मिलते हैं जो मैं असल जिंदगी में नहीं कर सकता। जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मैंने विक्रम से पूछा ‘क्या आप सुनिश्चित हैं कि आप मुझे इस भूमिका में कास्ट करना चाहते हैं?‘ जिस पर उन्होंने ‘हां बिलकुल‘ कहा। और ,‘‘काबिल‘‘ के बाद से मैं एक अभिनेता के रूप में अपने एक्टिंग क्राफ्ट को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं। और मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने पूरे करियर में ऐसी तैयारी की है जैसे मुझे इस किरदार के लिए करनी पड़ी।
आपने इस किरदार के लिए क्या तैयारी की थी?/mayapuri/media/post_attachments/e2fe8397c6777e170a1e272019bdfcc06f6870d7437c9cf04a9059281da0692f.jpg)
तैयारी पूरी तरह से एक अलग पहलू थी, क्योंकि जब आप किसी ऐसे चरित्र पर काम करते हैं जो आपके जैसा 20 प्रतिशत 30 प्रतिशत या 40 प्रतिशत है तो आप ज्यादा प्रयास करते हैं। लेकिन जब आप एक ऐसा किरदार निभाते हैं जो आपसे बिल्कुल अलग हो और जिसके बारे में रोहित बोस रॉय सोच भी न सके, तो मेरे लिए उस सोच के पहलू को बीच में लाने का कोई मतलब नहीं था। तो हाँ, यह चुनौतीपूर्ण था और इस तरह की चुनौतियां ही आपको अच्छे किरदार करने की भूख बढ़ाते हैं।
यह फिल्म बहुत ही बोल्ड सब्जेक्ट पर आधारित है और एक फिल्ममेकर को कुछ इस तरह से सामने आने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। आपका क्या मत है इस विषय पर?
आप 80 और 90 के दशक की बात कर रहे हैं लेकिन यह तब से प्रचलित है जब से हमें इसके बारे में पता भी नहीं था। मैंने ये कहानियाँ सुनी हैं लेकिन उस बड़े पैमाने पर नहीं। और सनक में भी यह एक रहस्य है, और इस तरह के रोमांच जोड़ों के बंीच एक रहस्य है इसलिए आपको उनके बारे में बहुत कुछ सुनने को भी नहीं मिलता है। और यह उच्च समाज में बहुत ही प्रचलित है, हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं लेकिन जब स्क्रीन पर इसे निष्पादित करने की बात आती है। और मैं आपको यह भी बता दूं कि पूरा नैरेटिव सिर्फ पत्नी की अदला-बदली का नहीं है, पत्नी की अदला-बदली इसका एक हिस्सा मात्र है। और फिल्म में भी एक कपल है जो ऐसा करता है लेकिन वो ऐसा क्यों करते हैं यह एक बड़ा सवाल है!
रिश्तों पर आपकी क्या राय है, यहां के लोग ऐसा ही करते हैं लेकिन वे इसे छुपाते हैं या इसे सार्वजनिक रूप से बाहर निकलने से नियंत्रित करते हैं। अभिनेताओं और उनके दोहरे व्यक्तित्व के बारे में आप क्या सोचते हैं?
नहीं, नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। मैं यहां रहा हूं और मैं सभी को चकाचैंध और ग्लैमर में जानता हूं। आप स्पष्ट रूप से गलत हैं, आपको अन्य चीजों के बारे में जानकारी है लेकिन यह सच नहीं है। हां, यह इधर-उधर होता है, लेकिन इसका ग्लिट्ज और ग्लैमर से कोई लेना-देना नहीं है। । आपके पास वह ‘सनक‘ होना चाहिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आते हैं।
आप अपनी यात्रा को कैसे देखते हैं?/mayapuri/media/post_attachments/507062bca3b2117b29a2188342b084067dda0fbaa533e2966a053af94f628264.jpg)
मेरी यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है, वास्तव में अधिक उत्तार ही देखा है मैंने। । मैं इस बात से परेशान नहीं हूं कि मैंने ऊंचाई से ज्यादा उतार देखा है। लेकिन मेरे लिए सफलता यह है कि मैं अब भी यहां हूं और प्रासंगिक हूं। कल किसी ने सफलता शब्द का इस्तेमाल किया और मैं इस बात से खुश था कि मैं लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा हूं। मैं अभी भी सनक जैसी फिल्मों में हीरो की भूमिका निभा रहा हूं। मैं काबिल, ‘‘मुंबई सागा ‘‘ जैसी फिल्में कर रहा हूं। मैं बस खुश हूं कि भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया है और मैं उस तरह का काम कर रहा हूं जो मैं वास्तव में करना चाहता था। इस तरह मैं अपना करियर देखता हूं। कुछ पछतावा है लेकिन मैं अभी इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। लेकिन मुझे खुशी है कि मैं सनक जैसा शो कर रहा हूं जो इस तरह के पारस्परिक और जटिल संबंधों से संबंधित है। और मुझे खुशी है कि मैं भट्ट फोल्ड में वापस आ गया हूं। विक्रम भट्ट के पिता 25 साल पहले ‘‘स्वाभिमान‘‘ के डीओपी थे। और फिर मैंने विक्रम के साथ एक निर्माता के रूप में यादें नामक एक शो में काम किया और अब मैं कृष्णा भट्ट के साथ काम कर रहा हूं जो उनकी बेटी हैं, इस बात से प्रसन्न हूँ।