गोलमाल हिट, मेरा दिवाली गिफ्ट - रोहित शेट्टी By Mayapuri Desk 14 Oct 2017 | एडिट 14 Oct 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर रोहित शेट्टी एक ऐसे वाहिद डायरेक्टर हैं जिन्हें एक्शन और कॉमेडी फिल्मों में महारत हासिल है। इसके अलावा उनकी फिल्म गोलमाल एक ऐसी फिल्म है जो हिन्दी फिल्मों के इतिहास की पहली ऐसी फिल्म है जिसकी लगातार सीरिज बन रही है। इस फिल्म की अगली कड़ी का नाम है ‘गोलमाल रिर्टन’। दिवाली के मौंके पर रिलीज इस फिल्म को लेकर क्या कहना है रोहित का। पेश है इस विषय में श्याम शर्मा से एक मुलाकात। वैसे तो आपकी हर फिल्म आपके लिये दिवाली की तरह होती हैं लेकिन इस बार सचमुच दिवाली पर आने की खास वजह ? मैं चूंकि हमेशा खुश रहने की कोशिश करता हूं इसलिये मेरे लिये मेरा हर दिन दिवाली की तरह है। ये भी कोई जानबूझ कर नहीं हुआ कि भई इस बार तो मुझे अपनी फिल्म दिवाली पर ही रिलीज करनी है। बस जो रिलीज डेट फिक्स हुई इत्तफाकन उस पर दिवाली निकली। अब ये तो मेरे लिये और मेरे दर्शकों के लिये अच्छा ही हुआ कि मैं उन्हें दिवाली पर ये फिल्म गिफ्ट कर रहा हूं और वे मुझे इसे हिट करवा कर गिफ्ट देगें। वैसे दिवाली को आप कैसे सेलीब्रेट करते हैं ? कुछ अलग तो नहीं है जैसे सब दिवाली का बनाते हैं मेरे घर में भी ऐसे ही दिवाली सेलीब्रेट की जाती है। इस दिन हमारे परिचित, यार दोस्त और रिश्तेदार एक दूसरे के साथ इस पर्व को सेलीबेट करते हैं एक दूसरे को पूरे साल खुश रहने की दुआयें करते हैं। आपके मुताबिक वक्त के साथ दिवाली मनाने के तौर तरीके कितने बदल गये हैं ? काफी बदलाव आ चुका है। अब आबादी इतनी बढ़ चुकी है कि प्रदुषण के खतरे को देखते हुये समझदार लोग बम पटाखो से अपने बच्चों को दूर रहने की ताकीद करते हैं और खुद भी उनसे बचते हैं। दूसरे बीमारियों के डर से अब मिठाईयों की जगह ड्राई फ्रूट तथा चॉकलेट आदि चीजों ने ले ली है। रोहित यानि कलरफुल एक्शन तथा कॉमेडी। क्या ये सब जानबूझ कर करते हैं या....? मुझे ऐसा लगता है कि मेरी जो ऑडियेंस है वो फैमिली ऑडियेंस है और उनके लिये एक कलरफुल एन्टरटेनर साफ सुथरी कॉमेडी फिल्म चाहिये जिसमें एक्शन का भी तड़का हो। यानि एक फुल मसाला फिल्म। दूसरे इसी तरह की फिल्में मुझे पंसद हैं और मैं शुरू से ऐसी ही फिल्में बनाता आ रहा हूं। में सोचता हूं कि एक मिडिल क्लास परिवार मेरी फिल्म देखने आ रहा है तो वो अपनी सैलरी का दस प्रतिशत मुझे दे रहा है। यहां मेरा फर्ज बनता है कि वो जब सिनेमा से फिल्म देखकर बाहर निकले तो उसे लगे कि उसका पैसा वसूल हुआ है। कहीं न कहीं आज आपको डेविड धवन का उत्तराधिकारी भी कहा जाता है, क्योंकि आप उनकी फिल्मों की परपंरा आगे ले जा रहे हैं ? नहीं सर। अभी मेरी इतनी औकात कहां जो उनसे मेरी तुलना की जाये । मैने अभी तक मुश्किल से बारह फिल्में बनाई हैं जबकि उनके नाम तकरीबन चालीस पेंतालिस फिल्में हैं । रोहित के भीतर दो डायरेक्टर बसते हैं एक सिंघम जैसी एक्शन पैक्ड फिल्में बनाता हैं तो दूसरा कॉमेडी, एक्शन और कलरफुल फिल्मों का डायरेक्टर है । ये आप कैसे कर लेते हैं ? मैं समझता हूं कि मनोरजंन का एक अलग रंग हैं एक अलग रस है, लेकिन है मनोरजंन ही, अब जैसे गोलमाल जैसी फिल्में फैमिली एन्टरटेनर हैं इन्हें आप हास्य रस की फिल्में कह सकते हैं, लेकिन सिंघम को वीर रस कहना बेहतर होगा । इन दोनों विधाओं में मेरे लिये चेलेंज होता है कि इनमें मनोरंजन कैसे डालूं और वही मैं करता हूं ।बस उनका जॉनर अलग हो जाता है । रोहित की सबसे बड़ी विशेषता है कि उसकी फिल्मों में गाड़ियां तो खूब उड़ती हैं लेकिन लड़कियों के स्कर्ट नहीं उड़ते ? दरअसल जब मैने गोलमाल बनाई थी तो उसे फैमिली ऑडियेंस ने बहुत पंसद किया था जिनमें बच्चों और ओरतों की तादाद ज्यादा थी। उसके बाद मुझे फैमिली एन्टरटेनर का जो टैग मिला। उसे मैने हमेशा बरकार रखने की कोशिश की है क्योंकि अब ये मेरी ड्यूटी बन चुकी हैं कि मैं हमेशा अपनी ऑडियेंस को साफ सुथरी मनोरजंक फिल्म बना कर दूं। इस बार आपने फिल्म में हंसाने के साथ डराने की भी कोशिश की हैं ? शायद फिल्म में इतना ज्यादा वक्त इसीलिये लग गया क्योंकि मेरा सोचना था कि अब अगली कड़ी में क्या कुछ नया दिया जाये। उस वक्त मैं सिंघम बना रहा था, तभी ये आइडिया दिमाग में आया कि काफी अरसे से घोस्ट कॉमेडी नहीं आयी है क्यों न इस बार हम कॉमेडी के तहत घोस्ट एलीमेंट लाये। बस स्क्रिप्ट कंपलीट करने में ही ढाई तीन साल लग गये, और जब फिल्म के प्रोमो का रिस्पांस बढ़िया मिला तो यकीन हो गया कि इस बार भी फिल्म लोगों का फुल मनोरजंन करने वाली है। #Rohit Shetty #interview #Golmaal Again हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article